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रणजीत सिंह डिसले: 7 करोड़ का ग्लोबल टीचर प्राइज़ जीतकर आधी पुरस्कार राशि बांटने वाले शिक्षक
04-Dec-2020 2:26 PM
रणजीत सिंह डिसले: 7 करोड़ का ग्लोबल टीचर प्राइज़ जीतकर आधी पुरस्कार राशि बांटने वाले शिक्षक

-शॉन कगलन

एक भारतीय शिक्षक को बच्चियों के लिए शिक्षा को बेहतर करने में भूमिका निभाने के लिए 'ग्लोबल टीचर प्राइज़' से सम्मानित किया गया है.

रणजीत सिंह डिसले ने पुरस्कार मिलते ही यह भी घोषणा कर दी कि वो 10 लाख डॉलर (7.38 करोड़) की पुरस्कार राशि में से आधी उप-विजेताओं के साथ बांटेंगे.

वहीं, स्पेशल कोविड हीरा का पुरस्कार ब्रिटेन के एक शिक्षक जेमी फ़्रॉस्ट को दिया गया है. उनको यह पुरस्कार मुफ़्त में गणित के ट्यूशन के लिए वेबसाइट चलाने के लिए दिया गया है.

इस पुरस्कार की घोषणा एक ऑनलाइन सेरेमनी में अभिनेता स्टीफ़न फ़्राई ने की.

महाराष्ट्र के सोलापुर ज़िले के परितेवाडी के एक ज़िला परिषद प्राइमरी स्कूल में रणजीत शिक्षक हैं. इस पुरस्कार के लिए उनके साथ 12,000 और शिक्षकों के नामांकन थे.

ऑनलाइन सेरेमनी में पुरस्कार की घोषणा अभिनेता स्टीफ़न फ़्राई ने की

32 साल के डिसले ने कहा, "इस मुश्किल वक़्त में शिक्षक हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि हर बच्चे को उसका शिक्षा का जन्म सिद्ध अधिकार मिले."

उन्होंने कहा कि शिक्षक 'हमेशा देने और बांटने में विश्वास करते हैं' और इसीलिए उन्होंने अपने पुरस्कार की आधी रक़म को उन शिक्षकों में बांटने का फ़ैसला लिया है जिन्होंने इस पुरस्कार के लिए शीर्ष-10 में जगह बनाई थी.

इस पुरस्कार के लिए जजों ने पाया कि डिसले ने यह सुनिश्चित किया कि लड़कियां स्कूल आ सकें और बाल विवाह का सामना न करें. इसके साथ-साथ लड़कियों को अच्छे परिणाम दिलाने में उन्होंने मेहनत की.

पुरस्कार विजेता के रूप में अपना नाम सुनने के बाद रणजीत सिंह डिसले की पहली प्रतिक्रिया कुछ ऐसी थी

इसके अलावा वो 83 देशों में ऑनलाइन विज्ञान पढ़ाते हैं और एक अंतरराष्ट्रीय परियोजना चलाते हैं जिसमें संघर्ष क्षेत्र के युवा शिक्षा के लिए साथ जुड़ सकें.

इस प्रतियोगिता के सहयोगी यूनेस्को की सहायक महानिदेशक स्टेफ़ानिया जियानिनी ने कहा, "पूरी दुनिया में कोविड महामारी ने शिक्षा प्रणाली को एक गंभीर झटका दिया है. लेकिन ऐसे मुश्किल वक़्त में भी शिक्षकों का योगदान बहुत असर डाल रहा है."

इस पुरस्कार को वार्के फ़ाउंडेशन आयोजित करता है. इसके संस्थापक सनी वार्के कहते हैं कि 'इस पुरस्कार को बांटकर आप दुनिया को देने का मतलब समझाते हैं.'

'कोविड हीरो'

जेमी फ़्रॉस्ट की मैथ्स वेबसाइट ने लॉकडाउन में बच्चों को गणित पढ़ने में मदद की

पुरस्कार की रक़म को बांटने का मतलब है कि पुरस्कार की रक़म का 40-40 हज़ार पाउंड (तक़रीबन 39-39 लाख रुपये) इटली, ब्राज़ील, वियतनाम, मलेशिया, नाइजीरिया, दक्षिण अफ़्रीका, दक्षिण कोरिया, अमेरिका के उप-विजेताओं समेत ब्रिटेन के जेमी फ़्रॉस्ट के पास भी जाएंगे.

फ़्रॉस्ट किंग्सटन-अपॉन-टेम्स के टिफ़िन स्कूल के शिक्षक हैं जिनको उनके ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म डॉक्टर फ़्रॉस्ट मैथ्स ऑनलाइन चलाने के लिए काफ़ी प्रशंसा मिली है. इसने उन परिवार के बच्चों की बहुत मदद की है जो लॉकडाउन में घर पर रहकर पढ़ना चाहते हैं.

उन्होंने 34,000 पाउंड की इनामी राशि वाला कोविड हीरो पुरस्कार जीता है.

इस गणित के शिक्षक ने कहा है कि महामारी ने शैक्षिक ग़ैर-बराबरी को फैला दिया है.

उन्होंने कहा, "इसी वजह से मैं अपना हर घंटा इस्तेमाल करता हूं ताकि पूरी दुनिया में मैं अपने फ़्री ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए उन छात्रों की मदद कर सकूं जिनके क्लासरूम्स बंद हैं."

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने फ़्रॉस्ट की 'रचनात्मक और सरलता' के साथ-साथ पुरस्कार जीतने वाले शिक्षकों की प्रशंसा की है.

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