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पैसे की तंगी और कोरोनाकाल में टूर्नामेंट को लेकर संशय
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 7 जनवरी। हॉकी के लिए मशहूर राजनांदगांव के राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित सर्वेश्वरदास हॉकी प्रतियोगिता का सालाना आयोजन खटाई में पड़ता दिख रहा है। आयोजन को लेकर प्रशासन और खिलाड़ी दुविधा में है। कोरोना काल के दौरान प्रतियोगिता के आयोजन को लेकर अब तक स्थिति साफ नहीं हुई है। वहीं आर्थिक तंगी भी आयोजन में अड़चने पैदा कर रही है। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार से मिलने वाली आर्थिक सहायता को लेकर स्थिति साफ नहीं है। करीब 78 साल से राजनांदगांव में हर साल इस प्रतियोगिता में देश की नामचीन हॉकी टीमें भाग लेती रही हैं। नांदगांव को हॉकी का नर्सरी माना जाता है। यह टूर्नामेंट अखिल भारतीय स्तर की श्रेणी में काफी प्रतिष्ठित माना जाता है।
देशभर की प्रसिद्ध टीमें इस टूर्नामेंट में अपने खेल का जौहर दिखाने उत्सुक रहती है। बताया जा रहा है कि इस बार कोरोना ने आयोजन को संशय की स्थिति में डाल दिया है। अब तक टूर्नामेंट के लिए प्रशासन और आयोजन समिति के बीच कोई चर्चा नहीं हुई है।
इस संबंध में कलेक्टर एवं स्टेडियम समिति के अध्यक्ष टीके वर्मा ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि कोरोनाकाल की स्थिति का आंकलन कियाजा रहा है । परिस्थितियां अनुकूल होने पर आयोजन पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से मिलने वाली सहायता राशि भी अब तक नहीं मिली है। फिलहाल इस विषय पर चर्चा के बाद ही फैसला होगा।
बताया जा रहा है कि जनवरी के आखिरी और फरवरी के पहले सप्ताह के बीच हर साल आयोजन होता रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य में इस स्पर्धा को काफी पुराना माना जाता है। टूर्नामेंट की लोकप्रियता का आंकलन इस बात से लगाया जा सकता है कि शहर का हर व्यक्ति जनवरी और फरवरी में टूर्नामेंट के आयोजन को लेकर जुबानी चर्चाएं आपस में करता है। बताया जा रहा है कि हॉकी प्रतियोगिता नहीं होने की स्थिति में प्रशासन पर काफी दबाव बढ़ सकता है।