अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तान में डिजिटल भुगतान की एक नई प्रणाली की शुरुआत की गई है. अधिकारियों को उम्मीद है कि इस से देश की टैक्स वसूली दर में सुधार होगा और सरकार को अति-आवश्यक राजस्व की प्राप्ति होगी.
नई प्रणाली का नाम 'रास्त' रखा गया है, जिसका उर्दू में मतलब होता है 'सही रास्ता.' पाकिस्तान में कर वसूली की दर दुनिया में सबसे कम दरों में से है और देश के राजस्व अधिकारी उम्मीद कर रहे हैं कि नई व्यवस्था इस सूरत को बदलने में सहायक होगी. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बड़े पैमाने पर नकद लेन-देन पर आधारित है और डिजिटल भुगतान प्रणाली की वजह से लेन-देन के लिखित प्रमाण हासिल हो सकेंगे.
पाकिस्तान में जीडीपी मुकाबले टैक्स का अनुपात 10 प्रतिशत से भी कम है. इसकी वजह से पूर्व में देश को मजबूर हो कर या तो वैश्विक बैंकों से कर्ज या चीन और सऊदी अरब जैसे साझेदारों से मदद लेनी पड़ी है. देश में लगभग 40 प्रतिशत लेन-देन नकद माध्यम से होता है जब कि विकसित देशों में यह अनुपात एक अंक में ही रहता है.
'रास्त' को बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, विश्व बैंक, संयुक्त राष्ट्र और ब्रिटेन के सहयोग से विकसित किया गया है. पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के प्रवक्ता आबिद कमर ने बताया कि प्रणाली "बहुत तेज और कम खर्च वाली" है. कमर ने यह भी बताया कि देश में पहले से ही डिजिटल भुगतान और नकद हस्तांतरण की कुछ सेवाएं मौजूद हैं, लेकिन यह सरकार द्वारा शुरू की गई पहली सेवा है.
इस सेवा को लेकर सरकार के आगे के लक्ष्यों के बारे में प्रवक्ता ने कहा, "हमारी योजना है कि भविष्य में सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन इसी माध्यम से दिए जाएं." अधिकारियों और जानकारों का कहना है कि अगर यह प्रणाली सफल हो गई तो सरकार इसकी मदद से राजस्व की वसूली बढ़ा सकती है. कमर ने कहा, "हमें उम्मीद है कि आगे चल कर हमें कर वसूली और राजस्व के दूसरे साधनों की वसूली में काफी सुधार होंगे.
आर्थिक मामलों के जानकार सलीम रजा का कहना है कि प्रणाली से इस समय नकद में होने वाले खुदरा लेन-देन का 95 प्रतिशत आधिकारिक रिकॉर्डों में दर्ज किया जा सकता है और कर प्रणाली में लाया जा सकता है.
सीके/एए (डीपीए)