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हैदराबाद, 11 अप्रैल| अभिनेता राणा दग्गुबाती का मानना है कि दक्षिण की फिल्में हमेशा से अखिल भारतीय रही हैं, लेकिन विश्व स्तर पर प्रसिद्ध फिल्म 'बाहुबली' ने भारतीय व्यवस्था में कारोबार को सही तरीके से चलाने का रास्ता दिखाया। राणा ने दो भाग वाली फिल्म फ्रेंचाइजी में विरोधी भल्लालदेवा की भूमिका निभाई थी।
अभिनेता ने आईएएनएस से बात करते हुए पैन इंडिया फिल्मों की संस्कृति के प्रसार और 'बाहुबली' ने इसे कैसे शुरू किया, इस बारे में बताया।
उन्होंने कहा, मैं एक अभिनेता से पहले दर्शक था और मेरे लिए हिंदी या तेलुगू फिल्म देखते समय एक जैसी भावना रहती थी। मैं हैदराबाद में रहता हूं और मेरे लिए चाहे (अमिताभ) बच्चन सर की फिल्म हो या कमल हासन की, वाइब्स वही थे। बार-बार ऐसी फिल्में आईं, जिन्होंने बाधाएं तोड़ीं।
हाल ही में तेलुगू में अपनी फिल्म 'अरण्य' और तमिल में 'कदान' रिलीज करने वाले अभिनेता कहते हैं, मणि (रत्नम) सर की फिल्म 'रोजा' मूल रूप से एक तमिल फिल्म थी, लेकिन हिंदी बेल्ट में किसी को भी इससे समस्या नहीं थी। वे इसे उतना ही प्यार करते थे जितना दक्षिण भारतीयों को बहुत पसंद थी। (आईएएनएस)