ताजा खबर
रायपुर, 8 फरवरी। छत्तीसगढ़ प्रगतिशील यादव महासंघ के आव्हान पर समस्त यादव समाज एवं संगठन 11 फ़रवरी, शनिवार को शाम 4 बजे रायपुर के शहीद स्मारक से यादव हुंकार रैली निकालेंगे ।
महासंघ के उपमहासचिव राजेश यादव ने बताया है कि इस यादव हुंकार रैली के लिये यादवों की शान श्रीमती फुलबसन विशेष रूप से उपस्थित रहेंगी ।
भिलाई, चरोदा, बलौदाबाजार, कसडोल, राजनांदगांव इत्यादि के समस्त यादव समाज एवं संगठनों ने यादव हुंकार रैली के आयोजन की खुलकर सराहना करते हुए इसमें भारी संख्या में उपस्थित होने की अपनी सहमति दी है ।
पिछले एक सप्ताह से आयोजित विभिन्न बैठकों में निम्न संगठनों ने सहमति दी है। छत्तीसगढ़ यादव समाज, अभा यादव महासभा, रायपुर।युवा यादव कल्याण परिषद् यादव मित्र मंडल,यदुवंशी कल्याण परिषद,यादव कल्याण परिषद, भिलाई,यादव समाज, खुर्सीपार,तेलगू यादव समाज, भिलाई श्रीकृष्ण सेना, छत्तीसगढ़,श्री राधे बाँके बिहारी यादव सेवा संस्थान, भिलाई यादव युवा संगठन, बलौदाबाजार ,यादव समाज कसडोल। रायपुर के जितेंद्र बहादुर यादव, ब्रिगेडियर प्रदीप यदु, निरंजन यादव, अशोक यादव, राजेश यादव, कमल यादव, सुजीत यादव, श्रीमती मंजुलता यदु, शोभा यादव, माधुरी यादव, अरुणा यादव, श्रीमती ममता यादव, चन्द्रकान्ता यादव, स्वीटी यादव, ललिता यादव, भिलाई से एएन यादव, जगन्नाथ यादव, आरएन यादव, डॉ. आरपीएस यादव, जयराम यादव, राजकुमार सिंह यादव, भागवत यादव, रविप्रकाश यादव, सुनील ब्रजपुरिया, बलिराम यादव, सतीश यादव, नन्दकिशोर यादव, महेंद्र यादव, नन्द यादव, रामकुमार यादव, रामलाल यादव, राजनाथ यादव, सुरेंद्र सिंह यादव, राजनारायण यादव, कृष्ण यादव, गोपाल राव यादव, राम आशीष यादव, रामाराव यादव, रम्मू चौधरी, भूपेंद्र यादव, कृष्णा यादव, उमापति यादव, बलपथी यादव, के नागेश्वर, पी हरि, जेडी सिंह यादव, इंद्रजीत सिंह यादव, रायपुर के सुधीर यादव, सूरज यादव, अनूप यादव, माधव यादव, सूरज यादव (जांजगीर चम्पा), बलौदाबाजार से अधिवक्ता दिनेश यदु, रविंद्र सिंह यादव, इत्यादि ने रैली को सफल बनाने की ज़िम्मेदारी ली है ।
-चंदन कुमार जजवाड़े
बिहार को लेकर ओटीटी पर आई एक और वेब सिरीज़ आजकल चर्चा में है. सुधीर मिश्रा की यह वेब सिरीज़ 'जहानाबाद ऑफ़ लव एंड वार' सोनी लिव पर रिलीज़ की गई है.
'जहानाबाद ऑफ़ लव एंड वार' साल 2005 में हुए 'जहानाबाद जेल ब्रेक' कांड पर आधारित है. उस वक़्त अपने साथियों को बाहर निकालने के लिए लगभग एक हज़ार माओवादियों ने रात के अंधेरे में जेल पर ही हमला कर दिया था.
बिहार में क़रीब दो दशक पहले चल रहे जातीय संघर्ष पर हाल में बनाई गई दूसरी वेब सिरीज़ है. इससे पहले 'ख़ाकी द बिहार चैप्टर' भी ऐसी ही एक सच्ची घटना पर बनाई गई थी, जिसने काफ़ी सुर्ख़ियां बटोरी थीं.
साल 2005.
13 नवंबर रविवार का दिन था. रात क़रीब नौ बजे भारी संख्या में माओवादियों ने बिहार के जहानाबाद ज़िला मुख्यालय पर हमला बोल दिया था. जहानाबाद राजधानी पटना से महज़ 60 किलोमीटर दूर है.
मशीनगन, बम और आधुनकि हथियारों के साथ क़रीब एक हज़ार माओवादी चरमपंथियों ने जहानाबाद जेल पर हमला किया था. उन्होंने जेल में बंद कुछ माओवादी नेताओं को छुड़ा लिया था.
प्रशासन ने हमले के बाद बताया था कि माओवादी मगध रेंज के एरिया कमांडर अजय कानू और अपने कुछ अन्य साथियों को जेल से भगाकर ले गए. उनका मूल मक़सद अजय कानू को ही रिहा कराना था.
अजय कानू के मुताबिक़ उनपर जहानाबाद में 1990 में हुई एक हत्या का आरोप था, लेकिन वो फ़रार चल रहे थे. कानू को 12 साल फ़रार रहने के बाद साल 2002 में पटना से गिरफ़्तार कर जहानाबाद जेल में रखा गया था.
ज़िला प्रशासन के मुताबिक़ जेल पर हुए हमले के बाद जेल में बंद 658 क़ैदियों में से 341 फरार हो गए थे. इनमें क़रीब सौ अजय कानू के समर्थक और साथी थे, जो जेल में बंद थे.
इस घटना में जेल में बंद रणवीर सेना के एक कमांडर बीनू शर्मा उर्फ़ बड़े शर्मा की भी हत्या कर दी गई थी.
रणवीर सेना ज़मींदारों के समर्थन वाली सेना थी, जिसकी सीधी लड़ाई माओवादियों से थी. इसके अलावा जेल ब्रेक में कम से कम तीन अन्य लोग भी मारे गए थे, जिनमें पुलिसवाले भी शामिल थे.
अजय कानू फ़िलहाल ज़मानत पर रिहा हो चुके हैं. इसी जेल ब्रेक से जुड़े मुकदमे की पेशी में पटना की एक विशेष अदालत में अजय कानू से हमारी मुलाक़ात हुई.
अजय कानू ने बीबीसी को बताया, "मैंने 'जहानाबाद ऑफ़ लव एंड वार' वेज सिरीज़ देखी है. यह पूरी तरह से काल्पनिक कहानी है. इसमें उस वक़्त के जहानाबाद के हालात, वहां के लोग, वहां के समाज की कोई चर्चा नहीं है."
अजय कानू का आरोप है कि वेब सिरीज़ को हिट कराने और पैसे कमाने के लिए ज़बरन गालियों का इस्तेमाल किया गया है. बुद्धिजीवी लोग इसे बिल्कुल पसंद नहीं करेंगे.
अजय कानू के मुताबिक़ वेज सिरीज़ में एक छात्रा और एक प्रोफ़ेसर की प्रेम कहानी कहां से आ गई यह नहीं पता. इसके अलावा उस समय तो आज भी जहानाबाद में लोग इस तरह से गालियां नहीं बकते हैं जैसा कि वेब सिरीज़ में दिखाया गया है.
यही नहीं उनका आरोप है कि वेब सिरीज़ में जहानाबाद की कोर्ट- कचहरी, थाना-पुलिस किसी को सही तरीके से चित्रित नहीं किया गया है.
हमने उनसे पूछा कि क्या उन्हीं को बाहर निकालने के लिए 'जहानाबाद जेल ब्रेक कांड' हुआ था? इस सवाल पर उनका बस इतना कहना था कि जेल टूटा तो सभी लोग बाहर आ गए.
अजय कानू ख़ुद को एक राजनीतिक व्यक्ति मानते हैं. उनके मुताबिक़ माओवादी संगठन में एरिया कमांडर बहुत बड़ा पद नहीं होता है, संगठन में तीस, चालीस या पचास लोगों के ऊपर एक कमांडर होता है.
उस रात की दहशत
13 दिसंबर 2005 को हुई जेल ब्रेक कांड के बाद जहानाबाद में हर तरफ दहशत का माहौल था. स्थानीय निवासी शत्रुंजय कुमार जहानाबाद जेल के पास ही किसी के घर हो रही पूजा से लौट रहे थे.
वो याद करते हैं, "हम लोग जेल से क़रीब दो किलोमीटर दूर रहते हैं. बम और गोलियों की आवाज़ सुनकर लगा कि किसी क्रिकेट मैच के बाद पटाखे चल रहे हैं. लेकिन थोड़ी ही देर में ही पता लग गया कि जेल पर हमला हुआ है."
शत्रुंजय कुमार के मुताबिक़ इस दौरान पहले पुलिस लाइन पर हमला किया गया था, इस हमले का मक़सद पुलिस वालों के हथियार लूटना था, क्योंकि ज़्यादातर पुलिस वाले चुनाव की ड्यूटी पर थे.
सुबह से ही आम लोग यह जानने के लिए जेल की तरफ भागने लगे कि रात को आख़िर हुआ क्या था. इस घटना के बाद माओवादी उस रविवार की रात जेल का दरवाज़ा खुला छोड़ गए थे और वह सुबह तक खुला ही रहा. इसलिए कोई भी व्यक्ति जेल के अंदर आ और जा सकता था.
वरिष्ठ पत्रकार और उस वक़्त के बीबीसी संवाददाता मणिकांत ठाकुर इस घटना की रिपोर्टिंग के लिए जहानाबाद गए थे.
मणिकांत ठाकुर याद करते हैं, "जहानाबाद में प्रशासन और जेल प्रबंधन साफ़ तौर पर लचर दिख रहा था. वो लोग न तो इस तरह के ख़तरे को महसूस कर पाए थे और न ही इसे रोक पाए."
मणिकांत ठाकुर के मुताबिक़, "उस दौर में माओवादी आंदोलन का केंद्र जहानाबाद था. वहां की जेल में कई बड़े माओवादी नेता बंद थे. फिर भी प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी, यह बहुत बड़ी असफलता थी.
दूसरी तरफ़ माओवादी मानते थे कि सामंतों और ज़मींदारों ने उनका शोषण किया है. वो मूल रूप से भूमि सुधार की मांग करते थे. माओवादियों का आरोप था कि सरकार इस मामले कुछ नहीं कर पा रही, इसलिए हम ज़बरन अपना हक़ लेंगे.
वहीं ज़मींदारों और ज़मीन मालिकों का आरोप भी सरकार के ऊपर था. उनका कहना था कि सरकार माओवादियों से उनकी रक्षा नहीं कर पा रही है. इसके लिए उन्होंने ख़ुद की निजी सेना बनाई थी. जिसमें 'रणवीर सेना' सबसे ताक़तवर मानी जाती थी."
इन दोनों हथियारबंद गुटों के बीच कई बार हिंसक संघर्ष भी हुआ था, जिनमें कई लोग मारे गए थे.
इसमें जहानाबाद के लक्ष्मणपुर-बाथे में हुआ हत्याकांड सबसे बड़ा था. यहां 30 नवंबर और एक दिसंबर, 1997 की रात को महिलाओं और बच्चों समेत दलित टोले के क़रीब 60 लोगों की हत्या कर दी गई थी. इसका आरोप रणवीर सेना पर लगा था.
जबकि 25 जनवरी 1999 को बिहार में जहानाबाद ज़िले के ही शंकरबीघा गाँव में 'रणवीर सेना' ने महिलाओं और बच्चों समेत 23 लोगों की हत्या कर दी थी.
मणिकांत ठाकुर के मुताबिक़ दोनों ही पक्ष सरकार पर आरोप लगाते थे और उस ज़माने में बिहार में एक तरह से माओवादियों और रणवीर सेना की समानांतर सरकार चलती थी.
उनका मानना है कि जहानाबाद में माओवादियों से सहानुभूति रखने वाले भी बहुत लोग थे. उनके मुताबिक़ जेल ब्रेक को देखकर लगता था कि माओवादियों को इसके लिए बहुत मेहनत नहीं करनी पड़ी होगी.
उस घटना और उसके बाद दोनों हथियारबंद गुटों की धमकियों के बाद जहानाबाद में भारी तनाव के हालात पैदा हो गए थे.
शहर में तनाव
उस समय राज्य में प्रतिबंधित रणवीर सेना के प्रवक्ता शमशेर बहादुर सिंह ने बीबीसी संवाददाता रूपा झा को बताया था कि रणवीर सेना के चार सदस्यों को माओवादी उठाकर ले गए हैं.
राज्य सरकार ने क़रीब दस साल पहले ही रणवीर सेना पर प्रतिबंद लगा दिया था.
उन्होंने कहा था कि रणवीर सेना ने वामपंथी चरमपंथियों के ख़िलाफ़ युद्धविराम कर रखा था लेकिन अब चौबीस घंटे के अंदर अगुवा किए गए सदस्यों को लौटा दें, नहीं तो इसके बाद वो हिंसा के रास्ते पर लौट आएंगे.
हालांकि अजय कानू का भी कहना है कि रणवीर सेना के किसी सदस्य को उठाकर ले जाने वाली बात ग़लत है. पुलिस का भी मानना है कि किसी व्यक्ति को ज़बरन जेल से उठाकर नहीं ले गए थे.
दूसरी ओर माओवादी नेता एसडी मौर्या ने बीबीसी से कहा था, "अब हम छोटी मोटी घटनाओं से आगे जाना चाहते हैं और अब हम देश भर की जेलों से अपने साथियों को रिहा कराएँगे."
जहानाबाद की गूंज दिल्ली तक
इस घटना ने पटना से लेकर दिल्ली तक सरकार और प्रशासन को हिला दिया था. देशभर में आमलोगों के बीच यह एक चर्चा का विषय बन गया था कि किस तरह से जहानाबाद घटना के बाद बिहार में सरकार की सत्ता ख़त्म कर दी गई थी.
बड़ी बात यह थी कि यह हमला ज़िला मुख्यालय की जेल पर हुआ था, न कि किसी दूर दराज़ के इलाक़े में.
शत्रुंजय कुमार दावा करते हैं कि उस रात क़रीब 3 घंटे के लिए जहानाबाद पर सरकार का नियंत्रण ख़त्म हो गया था. फिर पटना से फ़ोर्स भेजी गई और आसपास चुनावी ड्यूटी पर तैनात अर्धसैनिक बलों को भी यहां भेजा गया था."
दरअसल फ़रवरी 2005 में हुए विधानसभा चुनावों में बिहार में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. उसी के बाद राज्य में मार्च के महीने में राष्ट्रपति शासन लगा था.
जहानाबाद जेल ब्रेक कांड के समय बिहार में फिर से विधानसभा चुनाव कराए जा रहे थे. उस वक़्त बुटा सिंह बिहार के राज्यपाल थे. इसलिए जहानाबाद जेल ब्रेक कांड के बाद केंद्र सरकार भी सक्रिय हो गई थी.
घटना के दो दिन बाद ही यानि 15 नवंबर को रोहतास के पुलिस अधिक्षक बच्चू सिंह मीणा को जहानाबाद भेजा गया था. वो पहले सिवान के भी एसपी रहे चुके थे और शहाबुद्दीन से उनकी भिडंत काफ़ी चर्चा में रही थी.
बीएस मीणा फिलहाल पटना में पुलिस हेडक्वार्टर में एडीजी के पद पर तैनात हैं.
उनका कहना है, "जेल ब्रेक बहुत बड़ी घटना थी. जेल पुलिस की ताक़त का केंद्र होता है. इसलिए हमारा पहला मक़सद था पुलिस फ़ोर्स के मनोबल को बचाना. जहानाबाद छोटा ज़िला था. मैं ख़ुद ज़िले के हर थाने जा रहा था और अगले सात दिनों में हमने हर थाने और चौकी में पुलिस को वापस तैनात किया."
पुलिस, पब्लिक, पत्रकार- सब नाराज़
जहानाबाद जेल ब्रेक कांड के बाद जेल के आसपास सोमवार सुबह से ही भारी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए थे और प्रशासन के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी करने लगे.
वहां हालात इतने ख़राब हो गए थे कि ख़बरें जुटाने पहुंचे पत्रकारों पर भी पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, जिसमें कई पत्रकार घायल हो गए थे. इसके ख़िलाफ़ पत्रकारों ने नारेबाज़ी शुरू कर दी थी.
मणिकांत ठाकुर मानते हैं कि जेल ब्रेक से पुलिस की बहुत बदनामी हो गई थी. उन्हें लगता था यहां की जितनी रिपोर्टिंग होगी, उनती बार उनकी नाकामी बाहर आएगी, इसलिए वो गुस्से में पत्रकारों को भी काम करने से रोक रहे थे.
उस वक़्त जहानाबाद में आम लोगों और पत्रकारों के अलावा पुलिस भी आंदोलन के मोड में आ गई थी. जहानाबाद जेल पर हमले के बाद स्थानीय पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार को निलंबित निलंबित करने की घोषणा की गई थी.
एसपी के निलंबन की ख़बर सुनते ही जहानाबाद में पुलिसकर्मी इस फैसले के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी करने लगे. उनका कहना था कि एसपी को बेवजह 'बलि का बकरा' बनाया जा रहा है.
कहां गए भागने वाले क़ैदी?
जेल ब्रेक के बाद प्रशासन की तरफ से जहानाबाद और आसपास के इलाक़े में घोषणा कराई गई थी कि जेल से बाहर भागे लोग तीन दिन में वापस आ जाएंगे तो उनपर जेल से भागने का कोई केस दर्ज नहीं किया जाएगा.
इस ऐलान के एक हफ़्ते के अंदर ही क़रीब 70 फ़ीसदी क़ैदी वापस जेल आ गए थे. इनमें से कुछ लोग अब भी फ़रार हैं. जबकि अजय कानू को 4 फ़रवरी 2007 को पश्चिम बंगाल के टनकुपा से गिरफ़्तार किया गया था.
वो तेरह साल तक पटना के बेउर जेल में बंद रहे फिर जनवरी 2020 में उन्हें ज़मानत पर रिहा किया गया. कानू ने जहानाबाद के ही एसएन सिंहा कॉलेज से 1986-88 बैच में बीए तक की पढ़ाई की है.
उनका कहना है कि पहले वो एबीवीपी के कॉलेज अध्यक्ष थे लेकिन बाद में वामपंथी विचारधारा से प्रभावित हुए और 1990 से वामपंथी राजनीति करने लगे. पहले भी ग़रीबों, पिछड़ों से लिए काम करते थे अब भी करते हैं.
पुराने साथियों के बारे में अजय कानू का कहना है कि कुछ लोग लड़ाई में शहीद हो गए, कुछ जेल में ही हैं, कुछ की मौत हो गई जबकि कुछ अपनी रोज़ी-रोटी कमाने में लगे हुए हैं.
अजय कानू के वकील मिथिलेश कुमार के मुताबिक़ जेल ब्रेक मामले में अब तक क़रीब 30 आरोपी अदालत से बरी हो चुके हैं. (bbc.com/hindi)
उत्तर प्रदेश में यह पॉलिसी लागू करने से पहले विभिन्न संस्थाओं से न केवल रायशुमारी की गई, बल्कि राज्यों के साथ ही विभिन्न देशों कि सोशल मीडिया नियमावली का भी अध्ययन किया गया। डीजीपी उत्तर प्रदेश ने इस बाबत निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा है कि खासतौर से जिला स्तर पर भी इसका गंभीरता से पालन हो।
अमरउजाला वेबसाइट पर छपी खबर अनुसार विभिन्न देशों का अध्ययन करने के बाद उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग में सोशल मीडिया पॉलिसी लागू कर दी गई है। इसमें सबसे खास यह है कि सरकारी कार्य या ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया का प्रयोग पुलिस अधिकारियों के लिए पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। कांस्टेबल से लेकर आईपीएस अधिकारी तक यह प्रतिबंध लागू किया गया है।
इसके अलावा वर्दी में रील बनाने चैटिंग करने या वर्दी में कार्य के समय बिना वजह फोटो डालने पर भी रोक लगाई गई है। उत्तर प्रदेश में यह पॉलिसी लागू करने से पहले विभिन्न संस्थाओं से न केवल रायशुमारी की गई, बल्कि राज्यों के साथ ही विभिन्न देशों कि सोशल मीडिया नियमावली का भी अध्ययन किया गया। डीजीपी उत्तर प्रदेश ने इस बाबत निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा है कि खासतौर से जिला स्तर पर भी गंभीरता से इसका पालन हो। (amarujala.com)
नयी दिल्ली, 8 फरवरी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो वक्तव्य दिया उसमें सच्चाई नहीं थी और वह उद्योगपति गौतम अडाणी का बचाव कर रहे हैं।
उन्होंने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाषण में सच्चाई नहीं है। अगर (अडाणी)मित्र नहीं हैं तो यह कह देते कि जांच होगी।’’
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘शेल कंपनियां और बेनामी संपत्तियां राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा विषय हैं। भारत के बुनियादी ढांचे से जुड़ा विषय हैं। ये बहुत बड़ा घपला है। इस बारे में प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं कहा।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री उनका (अडाणी) बचाव कर रहे हैं। मैं समझता हूं। इसका कारण है।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि दुनिया में कोरोना महामारी सहित अनेक संकटपूर्ण हालात के बीच देश को जिस तरह से संभाला गया, उससे पूरा देश आत्मविश्वास से भर रहा है एवं पूरे विश्व में भारत को लेकर सकारात्मकता, आशा और भरोसा है।
उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए विपक्षी कांग्रेस पर भी निशाना साधा। (भाषा)
(उरी गल, बिजनेस इन्फॉर्मेशन सिस्टम के प्रोफेसर, यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी)
सिडनी, 8 फरवरी। चैटजीपीटी ने दुनिया में तूफान ला दिया है। जारी होने के दो महीने के भीतर यह 10 करोड़ सक्रिय उपयोगकर्ताओं तक पहुंच गया, जिससे यह अब तक का सबसे तेजी से बढ़ने वाला उपभोक्ता एप्लिकेशन बन गया है।
उपयोगकर्ता उपकरण की उन्नत क्षमताओं से आकर्षित होते हैं और विभिन्न क्षेत्रों में व्यवधान पैदा करने की इसकी क्षमता से चिंतित भी हैं। चैटजीपीटी हममें से प्रत्येक के लिए निजता का जोखिम है।
कल ही, गूगल ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित बार्ड का अनावरण किया, और अन्य प्लेटफॉर्म भी निश्चित रूप से उनका अनुसरण करेंगे। एआई पर काम करने वाली प्रौद्योगिकी कंपनियां अच्छी तरह से और सही मायने में हथियारों की दौड़ में शामिल हो गई हैं। समस्या यह है कि यह सब हमारे निजी डेटा से प्रेरित हैं। (द कन्वरसेशन)
300 अरब शब्द। इसमें आपके कितने हैं?
पिथौरागढ़ (उत्तराखंड), 8 फरवरी। कैलाश मानसरोवर यात्रा के बारे में इसे संचालित करने वाली नोडल एजेंसी को अभी तक विदेश मंत्रालय से कोई सूचना नहीं मिली है, जिसके कारण लगातार चौथे साल इस वार्षिक तीर्थयात्रा के संचालन पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित लिपुलेख दर्रे के जरिए हर साल यह यात्रा संचालित की जाती है। हालांकि, कोविड-19 महामारी की वजह से वर्ष 2020 से यह यात्रा स्थगित है।
यात्रा की नोडल एजेंसी कुमाऊं मंडल विकास निगम के अधिकारी ए.पी. वाजपेयी ने बताया, ‘‘विदेश मंत्रालय से अब तक यात्रा के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है और न ही उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर कोई जानकारी उपलब्ध है।’’
पिथौरागढ़ की जिलाधिकारी रीना जोशी ने भी इस बात की पुष्टि की कि केंद्र सरकार से तीर्थयात्रा के संचालन के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है।
यात्रा के प्रबंध का 35 साल का अनुभव रखने वाले निगम के प्रबंधक दिनेश गुरूरानी ने कहा, ‘‘वर्ष 1981 में लिपुलेख दर्रे के माध्यम से शुरू हुई कैलाश मानसरोवर यात्रा में 2019 तक हर साल करीब 1,000 श्रद्धालु तिब्बत में स्थित पवित्र कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की यात्रा करते रहे हैं।’’
वाजपेयी ने कहा कि अगर सब कुछ सामान्य होता तो अब तक कैलाश-मानसरोवर यात्रा की तैयारियों के संबंध में कम से कम दो बैठकें - एक नई दिल्ली और दूसरी पिथौरागढ़ - में हो चुकी होतीं। इसके अलावा, यात्रा के लिए ऑनलाइन आवेदन भी मंगवा लिए जाते।
कैलाश-मानसरोवर यात्रा हर साल जून के पहले सप्ताह में शुरू होती है और इसके लिए तैयारियां तीन-चार माह पहले ही शुरू हो जाती हैं।
हालांकि, वाजपेयी ने कहा कि कैलाश-मानसरोवर यात्रा के विकल्प के तौर पर भारतीय सीमा के अंदर ही पिथौरागढ़ जिले की व्यास घाटी में स्थित आदि कैलाश की यात्रा की तैयारी की जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ सालों में कैलाश-मानसरोवर यात्रा नहीं हो पाने के चलते हमने आदि कैलाश के लिए मार्ग विकसित किए हैं।’’
उन्होंने बताया कि आदि कैलाश की यात्रा मई के पहले हफ्ते में शुरू होगी और नवंबर के पहले सप्ताह तक जारी रहेगी। यह काठगोदाम से शुरू होकर कैंची धाम, जागेश्वर, पिथौरागढ़, धारचूला, बूंदी, गुंजी, नाभीढांग, ओम पर्वत, कालापानी और व्यास गुफा होते हुए आदि कैलाश पहुंचेगी। (भाषा)
नयी दिल्ली, 8 फरवरी। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर में प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे अतिक्रमण रोधी अभियान के विरोध में बुधवार को यहां राष्ट्रीय राजधानी में सड़कों पर उतरीं।
संसद तक मार्च करने के इरादे से महबूबा बोट क्लब इलाके में पहुंची, जहां उनके दर्जनों समर्थक एकत्र हुए थे। उनके हाथों में तख्तियां थीं, जिनपर लिखा था, ‘‘ डराना-धमकाना बंद करो, ‘स्टॉप बुलडोजिंग’ (इमारतें ध्वस्त करना बंद करो)।’’ पीडीपी प्रमुख जम्मू कश्मीर में चलायी जा रही ‘‘बुलडोजर नीति’’ से विपक्षी दलों को अवगत कराना चाहती थीं।
हालांकि, दिल्ली पुलिस ने जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को हिरासत में ले लिया तथा उन्हें और उनके समर्थकों को जंतर मंतर पर ले गयी। इसके बाद, प्रदर्शनकारी वहां से चले गये।
महबूबा ने कहा, ‘‘ हम लोगों, विपक्षों दलों और सत्तारूढ़ भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के सदस्यों को जम्मू कश्मीर के लोगों की परेशानियों के बारे में बताने आए थे।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘ अगर हम संसद नहीं जा सकते, तो हम कहा जाएं। क्या सरकार चाहती है कि हम अपनी शिकायतें लेकर संयुक्त राष्ट्र जाएं?’’
प्रदर्शन के दौरान महबूबा महबूबा मुफ्ती ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और जम्मू कश्मीर प्रशासन पर आरोप लगाया कि केंद्र शासित प्रदेश में बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ कर इसे अफगानिस्तान में तब्दील किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ जम्मू कश्मीर में कानून का शासन नहीं है। पहले हमें हमारी पहचान से और फिर नौकरियों से वंचित किया गया तथा अब वे हमें घरों एवं दुकानों से वंचित कर रहे हैं। आखिर यह सरकार चाहती क्या है?’’
उन्होंने आरोप लगाया,‘‘जम्मू कश्मीर को अफगानिस्तान की तरह बर्बाद किया जा रहा है।’’
पीडीपी प्रमुख ने कहा, ‘‘ हम अपने दिल की बात कहने के लिए दिल्ली आए थे, लेकिन ऐसा लगता है कि यहां भी आम आदमी की आवाज दबा दी गई।’’
पीडीपी और जम्मू कश्मीर के अन्य राजनीतिक दलों ने अतिक्रमण रोधी अभियान की निंदा की है और प्रशासन से इसे रोकने की अपील की है। उनका दावा है कि इस अभियान से गरीब प्रभावित हो रहे हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 8 फरवरी। अडाणी समूह के सबसे बड़े विदेशी निवेशकों में से एक फ्रांस की टोटल एनर्जीज ने कहा है कि उसने 50 अरब डॉलर की हाइड्रोजन परियोजना में अडाणी समूह के साथ साझेदारी फिलहाल रोक दी है। समूह पर अमेरिकी वित्तीय शोध और निवेश कंपनी के धोखाधड़ी के आरोप लगाने के बाद टोटल एनर्जीज ने यह कदम उठाया है।
फ्रांसीसी समूह के मुख्य कार्यपालक पैट्रिक पौयान ने फोन पर बताया कि अडाणी समूह के साथ साझेदारी की घोषणा पिछले साल जून में हो गई थी लेकिन कंपनी ने अभी तक करार पर हस्ताक्षर नहीं किए थे।
जून, 2022 में हुई घोषणा के अनुसार, टोटलएनर्जीज को अडाणी समूह की कंपनी अडाणी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड (एएनआईएल) में 25 प्रतिशत साझेदारी लेनी थी। यह फर्म लगभग हरित हाइड्रोजन वातावरण में 10 साल से 50 अरब डॉलर का निवेश कर रही है। इसकी शुरुआती क्षमता 2030 से पहले एक अरब टन का अनुमान लगाया गया है।
पौयान ने कहा, “बेशक, जब तक हमारे सामने स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती तब तक हाइड्रोजन परियोजना पर रोक लगा दी गई है।”
अडाणी समूह में 3.1 अरब डॉलर का निवेश करने वाली टोटलएनर्जीज, अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के लगाए गए आरोपों पर समूह द्वारा जारी ऑडिट जांच के परिणाम आने का इंतजार करेगी। (भाषा)
कुड्डालोर (तमिलनाडु), 8 फरवरी। तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले के सेलनकुप्पम इलाके में वैवाहिक विवाद में बुधवार को एक व्यक्ति ने रिश्तेदार के घर में मौजूद पत्नी समेत अन्य लोगों पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी। इस आगजनी में व्यक्ति, दो बच्चों समेत चार लोगों की मौत हो गई जबकि दो अन्य झुलस गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।
निरीक्षक आर. बालासुब्रमण्यम ने संवाददाताओं को बताया कि पीड़ितों की पहचान सथगुरु, तमिलरसी (48), उसकी आठ महीने की बच्ची और पड़ोस में रहने वाली दो साल की बच्ची के रूप में हुई है।
पुलिस के अनुसार धनलक्ष्मी अपने पति सथगुरु के साथ लगातार झगड़े के बाद एक साल पहले कुड्डालोर में अपनी बहन तमिलरसी के यहां आ गई थी। सथगुरु बुधवार को तमिलरसी के घर में एक पेट्रोल की कैन लेकर पहुंचा और उसने वहां मौजूद सभी व्यक्तियों पर ज्वलनशील पदार्थ उड़ेल दिया। उसने खुद पर भी पेट्रोल छिड़क लिया। इसके बाद सथगुरु ने आग लगा दी।
पुलिस ने कहा कि तमिलरसी, उसका बच्चा, सथगुरु और एक अन्य बच्चे की जलने से मौत हो गई, जबकि धनलक्ष्मी और एक स्थानीय निवासी प्रकाश को 50 प्रतिशत जलने के साथ कुड्डालोर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
कुड्डालोर ओल्ड टाउन पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच की जा रही है। (भाषा)
गंजियातेप (तुर्किये), 8 फरवरी। तुर्की और सीरिया के भूकंप के बारे में जो बातें अब तक पता है.
- सोमवार को तुर्की में आए भूकंप के कारण तुर्की और पड़ोसी सीरिया में मौतों का आंकड़ा 11,200 के पार जा चुका है.
- सीरिया में मौतों का सही आंकड़ा अभी सामने नहीं आ पाया है. हालांकि सरकारी मीडिया और बचावदलों का कहना है कि यहां 2,500 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि मौतों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है.
- इस आपदा में हज़ारों इमारतों को नुक़सान पहुंचा है और दो करोड़ 30 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं.
- कड़ाके की ठंडी के बीच राहत और बचावकर्मी तेज़ी से मलबे में फंसे लोगों की तलाश कर रहे हैं. लेकिन उनके हाथ से वक्त फिसलता जा रहा है. वहीं भूकंप के बाद सड़कों पर रहने को मजबूर हुए लोगों के सामने अब चुनौती ठंड झेलने की है.
- तुर्की के कुछ शहरों में आम नागरिक भी मलबे में फंसे लोगों को बचाने में बचावकर्मियों की मदद कर रहे हैं.
- तुर्की के राष्ट्रपति रिचेप तैय्यप अर्दोआन ने भूकंप से सबसे अधिक प्रभावित दस प्रांतों में तीन महीने को आपातकाल लगा दिया है.
- भारत, अमेरिका, इसराइल समेच दुनिया के दर्जनों देश तुर्की और सीरिया के लिए राहत सामग्री के साथ-साथ बचावकार्य में हाथ बंटाने के लिए विशेषज्ञों के दल भेज रहे हैं.
- सोमवार को तड़के तुर्की के गाज़ीआनटेप में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था. इसके कुछ मिनट बाद केंद्रीय तुर्की में 7.5 तीव्रता का एक और भूकंप आया.
तुर्किये और सीरिया में पिछले दिनों आए विनाशकारी भूकंप से मरने वालों की संख्या 11,200 को पार कर चुकी है लेकिन अभी भी यह आंकड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है।
तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन भूकंप प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केवल तुर्किये में मरने वालों की संख्या 8,500 को पार कर गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने किसी भी नागरिक को सड़क पर नहीं छोड़ेंगे।’’
तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के बाद राहत एवं बचाव दल दिन रात हजारों इमारतों के मलबे के नीचे दबे लोगों की तलाश में दिन रात जुटे हैं।
जापान में 2011 में आए भूकंप के बाद से यह सबसे घातक भूकंपीय घटना है। तब भूकंप के बाद सुनामी आई थी जिसमें लगभग 20,000 लोग मारे गए थे।
सरकार से आपदा क्षेत्र में और मदद भेजने की मांग के बीच राष्ट्रपति एर्दोआन को बुधवार को भूकंप के केंद्र पजारसिक शहर और सबसे बुरी तरह प्रभावित हाते प्रांत की यात्रा करनी थी।
तुर्किये के भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में अब लगभग 60,000 सहायता कर्मी हैं, लेकिन तबाही इतनी व्यापक है कि बहुत से लोगों को अब भी मदद पहुंचने का इंतजार है।
दक्षिण-पूर्वी तुर्किये और उत्तरी सीरिया में 7.8 की तीव्रता वाले भूकंप के लगभग दो दिन बाद, बचाव दल ने तीन वर्षीय एक बच्चे आरिफ कान को कहरामनमारस में एक ढह चुकी एक इमारत के मलबे के नीचे से निकाला।
लड़के के पिता, एर्टुगरुल कीसी को राहतकर्मी पहले ही मलबे से सुरक्षित निकाल चुके थे। केसी मलबे से अपने बच्चे को सुरक्षित निकाल एंबुलेंस में ले जाते देख अपने आंसू रोक नहीं पाया।
कुछ घंटों पहले, बचावकर्ताओं ने 10 वर्षीय बैतूल एडिस को अदियामन शहर में उसके घर के मलबे से निकाला। लोगों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उसके दादा ने उसे चूमा और बड़े प्यार से उससे बात की। इसके बाद उसे एंबुलेंस से ले जाया गया।
दो दर्जन से ज्यादा देशों के राहत दल तुर्किये के आपातकालीन कर्मियों के साथ काम कर रहे हैं तथा दुनिया के विभिन्न हिस्सों से राहत सामग्री का आना भी जारी है।
एर्दोआन ने कहा कि देश के 8.5 करोड़ लोगों में से 1.3 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं और उन्होंने 10 प्रांतों में आपातकाल घोषित कर दिया है। (एपी)
नयी दिल्ली, 8 फरवरी। वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने संसद को बार-बार बाधित करने को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी सदन में ‘हिट एंड रन’ खेल खेल रही है।
अडाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद इस सप्ताह एवं पिछले सप्ताह लोकसभा एवं राज्यसभा कई बार बाधित हुई।
नकवी ने व्यवधान के संबंध में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘ बुझी हुई राजनीतिक कारतूसों के माध्यम से कांग्रेस की ‘डिफॉल्टर डायनेस्टी’ ने ‘हिट एंड रन’ का ड्रामा शुरू कर दिया है।’’
उन्होंने ने कहा कि "करप्शन की विरासत, परिवार की सियासत" में सिमटी-सिकुड़ी "करप्शन की हिस्ट्रीशीटर" कांग्रेस "बिना तर्को के वार, बिना तथ्यों के तकरार" कर अपना ही बंटाधार कर रही है।
संसद के दोनों सदनों में कामकाज मंगलवार को बहाल हो पाया एवं राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव बहस हो रही है।
विपक्ष अडाणी समूह पर एक 'शार्ट सेलर' की ओर लगाये गये कथित धोखाधड़ी एवं हेराफेरी के आरोपों की एक संसदीय समिति द्वारा जांच की मांग कर रह है। (भाषा)
सभी स्कूलों की गोबर पेंट से होगी पोताई और लगेगा लोगो
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 8 फरवरी। आज शाम भिलाई इस्पात संयंत्र के भीतर एसएमएस-2 के मिक्सर-4 में हॉट मेटल पलटते समय मेटल जमीन पर फैल गया और मेल्ट हॉट मेटल की चपेट में आने से कई दुपहिया जलकर खाक हो गए।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक एसएमएस 2 हॉट में आज शाम करीब पौने 5 बजे हॉट मेटल से भरे मिक्सर की सतह पर जमे क्रस्ट को तोडऩे के लिए री-लेडलिंग करते समय जब दूसरे लेडल में हॉट मेटल पलटा जा रहा था, तभी अचानक क्रस्ट हट गया। जिससे एक लेडल से दूसरे लेडल में पलटा जा रहा हॉट मेटल नीचे जमीन पर गिर गया। गरम मेल्ट हॉट मेटल की चपेट में आने से आसपास खड़े कई दुपहिया वाहन जलकर खाक हो गए।
रायपुर, 8 फरवरी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद राहुल गांधी ने सदन में जो सवाल उठाए गए उन सवालों के जवाब देने से पीएम मोदी बचते रहे । प्रधानमंत्री के एक घंटा तेरह मिनट के भाषण सिर्फ झूठ का ख्याली पकवान ज्यादा थी। मोदी सरकार अपनी उपलब्धि बताने में पूरी तरह नाकाम रही है और मोदी के परम मित्र के फ्रॉड पर देश की जनता का ध्यान हटाने बेतुकी बातें कही गई।
मरकाम ने कहा कि हमेशा की तरह आज एक बार फिर मोदी सरकार ने देश के सर्वोच्च सदन से देश की जनता को गुमराह करने का काम किया है। हिडनबर्ग खुलासे के बाद अडानी के घपलेबाजी पर प्रधानमंत्री की राय देश की जनता जानना चाहती थी। जेपीसी की जांच की घोषणा की उम्मीद थी लेकिन प्रधानमंत्री ने देश को निराश किया अडानी को खुश। आम जनता की मूलभूत समस्याओं बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, गिरती अर्थव्यवस्था, बिकती सरकारी कंपनियां पर जनता जवाब चाह रही थी। अडानी के हेराफेरी उजागर होने के बाद जनता को बैंक एवं एलआईसी में फंसी अपनी गाढ़ी कमाई डूबने की चिंता सता रही है उसका जवाब चाह रही थी। लेकिन प्रधानमंत्री जी जनता की चिंता का निवारण नहीं कर पाए। देश की जनता प्रधानमंत्री से अडानी के हेराफेरी के संदर्भ में जवाब सुनना चाह रही थी और मोदी सरकार उनके मंत्री एवं सांसद अडानी को क्लीन चिट देते नजर आये।
महापौर ढेबर ने पार्षद, अधिकारियों के साथ बैठक की
रायपुर, 8 फरवरी। महापौर एजाज ढेबर ने बुधवार को जोन 10 कार्यालय इलाके के 10 पार्षदों के साथ बैठक की। इसमें गर्मी के दिनों में जलआपूर्ति की तैयारी को लेकर निर्देश दिये। ढेबर ने जोन 10 के तहत तेलीबांधा रिंग रोड क्षेत्र में इंटर कनेक्शन एवं पाइप लाइन बिछाने से संबंधित कार्य को प्राथमिकता के साथ शीघ्र पूर्ण करवाने कहा। अधिकारियों ने बताया कि विगत 2 वर्षो से गर्मियों के दौरान नगर निगम जोन 10 के किसी भी वार्ड में टैंकर से जल आपूर्ति आवश्यकता नहीं पड़ी है । इस वर्ष भी ऐसा ही है। महापौर ने वार्ड पार्षदों से चर्चा कर निरंतरता से जोन के वार्डो में सुगम जलापूर्ति के निर्देष अधिकारियों को दिये है। बैठक में जोन 10 जोन अध्यक्ष आकाश दीप शर्मा, एमआईसी सदस्य सहदेव व्यवहार, पार्षद श्रीमती शीतल कुलदीप बोगा, श्रीमती संध्या नानू ठाकुर, श्रीमती सीमा विष्णु बारले, श्रीमती उमा चंद्रहास निर्मलकर, रवि ध्रुव, एल्डरमेन सुनील छतवानी, टी.एस. ठाकुर, अपर आयुक्त सुनील चंद्रवंशी, सीई आर.के. चौबे, जोन 10 जोन कमिश्नर दिनेश कोसरिया, कार्यपालन अभियन्ता शिबू लाल पटेल, बद्री चंद्राकर, अंशुल शर्मा, सहायक अभियंता फत्ते लाल साहू सहित निगम जोन जल विभाग के अभियन्ता उपस्थित थे।
भिलाई नगर, 8 फरवरी। भिलाई इस्पात संयंत्र के भीतर एसएमएस-2 के मिक्सर-4 में आज शाम पौने 5 बजे हॉट मेटल पलटते समय मेटल जमीन पर फैल गया और मेल्ट हाट मेटल की चपेट में आने से कई दुपहिया जलकर खाक हो गए।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक एसएमएस 2 हॉट में आज शाम हाट मेटल से भरे मिक्सर की सतह पर जमे क्रस्ट को तोड़ने के लिए री-लेडलिंग करते समय जब दूसरे लेडल में हॉट मेटल पलटा जा रहा था तभी अचानक क्रस्ट हट गया। जिससे एक लेडल से दूसरे लडल में पलटा जा रहा हॉट मेटल नीचे जमीन पर गिर गया। गरम मेल्ट हॉट मेटल की चपेट में आने से आसपास खड़े कई दुपहिया वाहन जलकर खाक हो गए हैं।
नई दिल्ली, 8 फरवरी | सरकार पर अडानी समूह का पक्ष लेने के आरोपों पर पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि झूठ और झूठ के हथियार उन्हें नहीं हरा सकते। उन्होंने कहा कि वह एक बड़े परिवार के सदस्य हैं, जो 'भारत के गरीब' कहलाते हैं। प्रधानमंत्री ने विपक्षी नेताओं के आरोपों को भी निराधार बताते हुए खारिज कर दिया।
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब एक परिवार (गांधी परिवार) अपने हितों की रक्षा में लगा हुआ है, वो गरीबों के अधिकारों के लिए खड़े हैं।
मोदी ने यह कहकर विपक्ष पर तंज कसा कि गाली देने वाले हमेशा निराश और हताश रहेंगे।
प्रधानमंत्री के स्पीच के दौरान कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने व्यवधान पैदा करने की कोशिश की। स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कई सदस्यों ने बिना किसी सबूत के आरोप लगाए, इसलिए सभी दलों को एकजुट होकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करना चाहिए।
प्रस्ताव लोकसभा में सर्वसम्मति से स्वीकृत हुआ।
मोदी ने कहा, गरीब लोग जिन्हें केवल चुनाव के दौरान याद किया जाता था, उन्हें अब मुफ्त राशन, बिजली, पानी का कनेक्शन, शौचालय, गैस कनेक्शन और सिर पर छत मिल रही है, जो उन्हें इतने सालों से नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा, गरीब अपने बेटे मोदी पर लगाए गए घटिया आरोपों पर विश्वास नहीं करेंगे।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कैसे जम्मू और कश्मीर में अब शांति है। इससे कुछ लोगों को अपनी 'यात्रा' (राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा) करने का साहस भी मिला है।
अपने 90 मिनट के भाषण में, मोदी ने विपक्ष पर कटाक्ष करने के लिए काका हाथरसी और दुष्यंत कुमार की कविताओं का भी इस्तेमाल किया।
उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के कारण मध्यम वर्ग को लंबे समय तक उपेक्षित किया गया, लेकिन इस सरकार ने इस वर्ग को डिजिटल उन्नति, सस्ते होम लोन, रेरा, सस्ती उच्च शिक्षा और उचित मूल्य वाली दवाओं के माध्यम से हक दिया।
प्रधानमंत्री के स्पीच के दौरान सत्ता पक्ष से मोदी! मोदी! के नारे लगाए गए, वहीं विपक्ष की ओर से अडानी! अदानी! प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान कांग्रेस सदस्यों ने कुछ देर के लिए वाकआउट भी किया।
मोदी का भाषण शुरू होने के करीब 40 मिनट बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी सदन में आए, जिसके बाद उनकी पार्टी के सदस्य भी सदन में लौट आए।
मोदी ने पहले की यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए विभिन्न घोटालों को लेकर भी कांग्रेस पर तीखा हमला बोला।
मोदी का जवाब शुरू होने से पहले, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के सदस्यों ने लोकसभा से वाकआउट किया।
विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भले ही भारत आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है, लेकिन कुछ लोगों को देशवासियों की उपलब्धि हजम नहीं हो रही।
क्या यह सिर्फ इसलिए है क्योंकि आप एक चुनाव हार गए (गुजरात चुनाव)? ये लोग चुनाव हारने पर ईवीएम और चुनाव आयोग को दोष देते हैं। जब उनके खिलाफ जांच शुरू होती है तो वे सुप्रीम कोर्ट को दोष देते हैं, वे सेना और यहां तक कि आरबीआई को भी दोष देते हैं, मोदी ने कहा।
इन लोगों (विपक्ष) को लगता है कि सिर्फ मुझे गाली देने से वे सफल हो जाएंगे। रचनात्मक आलोचना स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छी है। लेकिन इसके बजाय केवल मुझे गाली दी गई।
उन्होंने विपक्ष से आत्मचिंतन करने को भी कहा।
मोदी ने कहा कि दुनिया में कई आर्थिक संकटों के बावजूद, यह गर्व की बात है कि भारत अब पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।
मोदी ने कहा, हमने ²ढ़ विश्वास से सुधार किए, मजबूरी से नहीं, क्योंकि हमारे पास एक स्थिर और निर्णायक सरकार है।
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत सपने देखने की हिम्मत रखने वाले, आत्मविश्वास से भरे राष्ट्र के रूप में उभर रहा है, इसके बावजूद कुछ लोग असंतोष और निराशा के सागर में डूबे हुए हैं।
मोदी ने कहा कि विपक्ष की निराशा और हताशा के पीछे मुख्य कारण 2004 और 2014 (यूपीए शासन) के बीच अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति थी और उस अवधि के दौरान मुद्रास्फीति कैसे दहाई अंक तक पहुंच गई थी, साथ ही बड़े पैमाने पर बेरोजगारी भी थी।
प्रधानमंत्री ने कहा, वे इस तथ्य को पचा नहीं पा रहे हैं कि देश अब आतंकवाद, बेरोजगारी के युग के बाद प्रगति कर रहा है, जो यूपीए के कार्यकाल की पहचान थी।
मोदी ने कहा कि 2004-2014 के दौरान वैश्विक मंचों पर सरकार की आवाज इतनी कमजोर थी कि कोई उसे सुनने को तैयार नहीं था।
सत्ता पक्ष की खिल्ली उड़ाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ''यूपीए की प्रमुख उपलब्धियां 2जी घोटाला, वोट के बदले पैसा घोटाला और राष्ट्रमंडल खेल घोटाला थीं।''
प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपीए का दशक खोया हुआ दशक था जबकि 2020 का दशक भारत का दशक है।
यूपीए की 'विफलताओं' के विपरीत, प्रधान मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार के अपने स्वयं के टीके को विकसित करने और यहां तक कि इसे कई देशों में वितरित करने के प्रयासों को वैश्विक मंचों पर सराहा गया है।
प्रधान मंत्री ने कहा कि देश में कई यूनिकॉर्न और स्टार्टअप उभरे हैं और आज भारत खेल, शिक्षा, प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा और मोबाइल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी देशों में से एक है।
उन्होंने रेलवे, हवाई अड्डों, अंतदेर्शीय जलमार्गों और राजमार्गों के विकास के साथ-साथ पूर्वोत्तर में व्याप्त शांति में एनडीए सरकार की उपलब्धियों को भी गिनाया। (आईएएनएस)
गाजियाबाद, 8 फरवरी | गाजियाबाद कोर्ट परिसर में बुधवार दोपहर एक तेंदुआ घुस गया। उसने पुरानी बिल्डिंग के पास एक वकील और जूता पॉलिश करने वाले पर जानलेवा हमला कर दिया। जूता पॉलिश करने वाले व्यक्ति के कान पर झपट्टा मारा। इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तेंदुआ घुसते ही पुरानी बिल्डिंग के सारे कोर्ट रूम खाली कराए गए। बताया जा रहा है कि तेंदुआ करीब 1 घंटे से ज्यादा समय से कोर्ट परिसर में मौजूद है। पूरी कचहरी में दहशत और अफरा-तफरी का माहौल है।
इस घटना का एक वीडियो सामने आया है। इसमें दिख रहा कि दो वकील फावड़ा और डंडा लेकर तेंदुए को पकड़ने के लिए बिल्डिंग में घूम रहे हैं। तीसरा वकील इसका वीडियो बना रहा था। इसी बीच तेंदुए ने उन पर हमला कर देता है।
इस घटना में सीजेएम रूम केडी बाहर जूता पॉलिश कर रहा एक व्यक्ति को भी तेंदुए ने झपट्टा मारा है। वन विभाग की 12 सदस्यीय टीम रेस्क्यू के लिए पहुंची हुई है। टीम अपने साथ जाल, पिंजरा लेकर आई है। फिलहाल मुख्य कोर्ट बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर लोहे का चैनल बंद है। बिल्डिंग के बाहर कोर्ट स्टाफ, कर्मचारी, वकील समेत सैकड़ों लोगों की भीड़ लगी है। वन विभाग की टीम कोर्ट की मुख्य बिल्डिंग के अंदर दाखिल हो गई है, जिसमें तेंदुआ होना बताया जा रहा है।
चस्मदीदों के मुताबिक सीजेएम कोर्ट बिल्डिंग में सीढ़ियों के नीचे तेंदुआ पहली बार देखा गया। लोगों को देखते ही तेंदुआ वहां से भागा। वह लोगों पर झपट्टा मारते हुए भागने लगा। तेंदुए के हमले में एक सिपाही, एक वकील, जूता पॉलिश करने वाला व्यक्ति समेत कई लोग घायल हुए हैं। घटना का एक और वीडियो भी सामने आया है। इसमें तेंदुआ बिल्डिंग में लोहे की ग्रिल के किनारे बैठा दिखाई दे रहा है। फिलहाल अभी तेंदुए का रेस्क्यू चल रहा है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 फरवरी| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जांच एजेंसियो पर विपक्षी दलों उठाए गए सवालों पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि इन दलों को ईडी का धन्यवाद करना चाहिए, क्योंकि उसकी वजह से ये सभी दल एक मंच पर आ गए हैं, एकजुट हो गए हैं।
जांच एजेंसियो के दुरुपयोग को लेकर राहुल गांधी और अन्य कई विपक्षी नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोक सभा में कहा कि भ्रष्टाचार के मामले की जांच करने वाली एजेंसियो के बारे में बहुत कुछ कहा गया और कई लोग उनके सुर में सुर मिला रहे थे। पहले लगता था कि देश की जनता का फैसला, चुनावी नतीजा इन्हें एक मंच पर ला देगा, लेकिन जो काम देश के मतदाता नहीं कर सके वो काम ईडी ने कर दिया।
बुधवार को लोक सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों पर बिना नाम लिए पलटवार और कटाक्ष करते हुए कहा कि भविष्य में दुनिया के बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों में इस पर रिसर्च और स्टडी होगी कि कांग्रेस की बबार्दी कैसे हुई और कांग्रेस को डुबाने वाले पर भी स्टडी होगी। (आईएएनएस)
ट्रांसजेंडर्स को लेकर सरकार की ओर से प्रतिक्रिया आई है. मंगलवार को लोकसभा में सरकार ने इस बारे में जानकारी दी है.
संसद में पूछे एक सवाल के जवाब में सामाजिक न्याय मंत्रालय की ओर से बताया गया कि शिक्षा, रोज़गार के क्षेत्र में ट्रांसजेंडर्स को लेकर किसी तरह के आरक्षण को लाने का कोई प्रस्ताव नहीं है.
द हिंदू की ख़बर के मुताबिक़, महाराष्ट्र के कई सांसदों ने इस बारे में सवाल पूछा था कि क्या कोई ऐसी योजना है कि ट्रांसजेंडर्स को किसी तरह का आरक्षण मुहैया करवाया जाएगा?
इसके साथ ये भी पूछा गया था कि सरकार और प्राइवेट सेक्टर में कितने ट्रांसजेंडर्स को नौकरी दी गई? नेशनल पोर्टल फ़ॉर ट्रांसजेंडर्स में कितने ट्रांसजेंडर्स ने ख़ुद को रजिस्टर किया और उनके साथ होते भेदभाव से निपटने के लिए क्या पॉलिसी है? (bbc.com/hindi)
जेईई के पहले सत्र का रिज़ल्ट सामने आ गया है. इस रिज़ल्ट में क़रीब 20 बच्चे ऐसे रहे हैं, जिन्होंने इस परीक्षा में 100 फ़ीसदी नंबर हासिल किए हैं.
इन सफल स्टूडेंट्स में यूपी के हापुड़ ज़िले के जुड़वां भाई भी शामिल हैं. इन भाइयों में से एक निपुण ने 100 में से 100 और निकुंज ने 100 में से 99.99 नंबर हासिल किए हैं. ये दोनों भाई इस साल 12वीं क्लास की परीक्षा देंगे.
द हिंदुस्तान टाइम्स ने इन दोनों भाइयों से बात की है.
निपुण ने कहा, "आईआईटी हमारे लिए नए मौक़ों का रास्ता खोलती है. हम पहले ही कोई सोच बनाकर नहीं चल रहे कि हम आगे क्या करेंगे. सिविल की तैयारी या कुछ और, हमारे करियर में जो भी सामने आएगा, हम उसे एक्सप्लोर करेंगे."
निपुण और निकुंज ने 10वीं क्लास की परीक्षा में भी कमाल किया था और दोनों टॉपर रहे थे.
श्रद्धा वालकर के मर्डर केस से जुड़ी नई जानकारियां सामने आई हैं.
द हिंदू समेत कई अखबारों ने इस ख़बर को जगह दी है. श्रद्धा की हत्या के अभियुक्त आफ़ताब पूनावाला पर दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है.
इस चार्जशीट में पुलिस ने कहा है कि आफ़ताब ने श्रद्धा के शव के 17 टुकड़े किए और इन टुकड़ों को अपने छतरपुर वाले घर में रसोई में बनी अलमारी और फ्रिज में तीन हफ़्तों तक रखा.
पुलिस के मुताबिक़, श्रद्धा की हत्या के बाद जब किसी डेटिंग ऐप के ज़रिए मिली कोई लड़की आफ़ताब के घर आती तो वो श्रद्धा के शरीर के टुकड़े कभी फ्रिज तो कभी रसोई की अलमारियों में रख देता.
पुलिस की चार्जशीट पर मंगलवार को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने संज्ञान लिया है. ये चार्जशीट क़रीब 6,600 पन्नों की है.
चार्जशीट के मुताबिक़, जब कोई लड़की आफ़ताब से मिलने आती तो वो शव के टुकड़ों को फ्रिज से निकालकर कभी रसोई में छिपाता तो कभी कहीं और. जब लड़की आफ़ताब के फ्लैट से चली जाती तो आफ़ताब शव के टुकड़ों को दोबारा फ्रिज में रख देता.
ये मर्डर केस मई 2022 का है, जिसके बारे में पुलिस को बीते साल नवंबर में पता चला था. आफ़ताब ने श्रद्धा के शवों के टुकड़े कई दिनों तक दिल्ली की अलग-अलग जगहों पर फेंके थे.
इन टुकड़ों को खोजकर डीएनए टेस्ट किया गया जिसके बाद श्रद्धा वालकर की पहचान पुख्ता हुई. अख़बार लिखता है कि आफ़ताब ने श्रद्धा के शव से अंगूठी निकाल ली थी और ये अंगूठी उसने किसी दूसरी महिला दोस्त को तोहफ़े में दी थी.
पुलिस ने ये अंगूठी उस महिला से बरामद कर ली गई है.
द इंडियन एक्सप्रेस भी चार्जशीट के हवाले से लिखता है कि 18 मई 2022 को मर्डर के बाद आफ़ताब ने श्रद्धा की हड्डियों को स्टोन ग्राइंडर में पीसा और पाउडर बनाकर उसे ठिकाने लगाया. चार्जशीट कहती है कि पुलिस की पूछताछ में आफ़ताब ने ये बातें स्वीकार की हैं.
चार्जशीट में ये भी बताया गया है कि हत्या के दिन आफ़ताब ने दो लोगों के लिए खाना ऑर्डर किया था मगर हत्या की रात सिर्फ़ एक चिकन रोल ऑर्डर किया था. इस जानकारी के हवाले से कहा गया है कि रात को श्रद्धा की हत्या की जा चुकी थी.
अभियुक्त आफ़ताब के वकील ने इन आरोपों को ख़ारिज किया है और कहा है कि ट्रायल के दौरान हम अपना केस मज़बूती के साथ लड़ेंगे.
श्रद्धा और आफ़ताब लिव-इन-रिलेशनशिप में थे और मुंबई से दिल्ली आकर रह रहे थे. आफ़ताब की उम्र 28 साल और श्रद्धा की उम्र 27 साल बताई गई थी. दोनों हत्या से कुछ दिन पहले ही महरौली के छत्तरपुर इलाक़े में एक फ्लैट में किराए पर रहने आए थे. (bbc.com/hindi)
इंद्रावती में डीडीओ के लिए कल कार्यशाला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 फरवरी। ओपीएस या एनपीएस पर वित्त विभाग के निर्देश के बाद प्रदेश भर के अधिकारियों, कर्मचारियों को विकल्प चुनने कहा गया है। हालांकि विकल्प चयन को लेकर कर्मचारियों में भ्रम की स्थिति भी बन गई है। इसे देखते हुए मंत्रालय कर्मचारी संघ ने मुख्य सचिव को ज्ञापन देकर वित्त विभाग के समक्ष अधिकारियों की तीन दिवसीय कार्यशाला आयोजित करने की मांग की है। वहीं कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की मांग पर इंद्रावती भवन के ट्रेजरी कार्यालय की तरफ से 9 फरवरी को एक कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस पर सभी डीडीओ को पत्र जारी कर कार्यशाला में बुलाया गया है।
नई दिल्ली, 8 फरवरी । पीएम मोदी ने अदानी मामले और राहुल गांधी का बिना ज़िक्र किए मंगलवार को उनके द्वारा लगाए गए आरोपों का इशारे में जवाब दिया है.
उन्होंने कहा कि विपक्ष कभी कहता है कि भारत कमज़ोर हो गया है और कभी कहते हैं कि भारत इतना मज़बूत हो गया है कि दूसरे देशों पर दबाव डालकर फ़ैसले करवा रहा है.
इससे पहले राहुल गांधी ने मंगलवार को श्रीलंका के इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के चेयरमैन के संसदीय समिति के समक्ष दिए गए कथित गवाही का हवाला देते हुए आरोप लगाया था.
गांधी ने आरोप लगाया था कि पीएम मोदी के दबाव में महिंद्रा राजपक्षे सरकार ने अदानी समूह को श्रीलंका में ठेके दिलवाए.
इसी दौरान उन्होंने कहा कि मोदी का भरोसा अख़बार की सुर्ख़ियों से नहीं पैदा हुआ. टीवी पर चमकते चेहरे से नहीं पैदा हुआ. मैंने जीवन खपा दिया है, पल पल खपा दिया है, देश के उज्ज्वल के लिए.
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरे विश्वास के कवच को विपक्ष गालियों से नहीं भेद सकता. (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 8 फरवरी । पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए विपक्ष पर हताशा में अपनी सरकार पर हमले करने का आरोप लगाया है.
उन्होंने व्यंग्य कवि काका हाथरसी की एक पंक्ति 'आगा पीछा देखकर क्यों होते ग़मगीन, जैसी जिसकी भावना वैसा दिखे सीन' का हवाला देते हुए विपक्ष की मंशा पर सवाल उठाए.
विपक्ष की इस निराशा के दो कारण हैं. ये निराशा ऐसे ही नहीं आई, एक तो जनता का हुकुम और बार बार हुकुम.
दूसरा कारण जो सबसे बड़ा है वो है अंतर्मन में पड़ी चीज़.
पीएम मोदी ने इसे साफ़ करते हुए दावा किया कि 2004 से 2014 के बीच यूपीए की सरकार के दौरान भारत की हालत ख़स्ताहाल हो गई.
हर मौक़े को मुसीबत में बदला
इन्होंने हर मौक़े को मुसीबत में बदल दिया. ऐसे में निराशा नहीं होगी तो क्या होगी?
इनके शासन में महंगाई डबल डिजिट में रही. ऐसे में मौजूदा सरकार में कुछ अच्छा होता है तो इन्हें निराशा नहीं होगी तो क्या होगी?
जिन्होंने बेरोज़गारी दूर करने के वादे किए थे, वो उन्हें क़ानून बनाने का दिखावा करने लगे.
अपनी बात को साफ़ करने के लिए पीएम मोदी ने एक कहानी सुनाई.
उन्होंंने कहा- एक बार की बात है एक जंगल में दो नौजवान शिकार करने गए. वो गाड़ी में अपनी बंदूक रखकर घूमने लगे. सोचा थोड़ा आराम कर लें. लेकिन इतने में बाघ वहां आ गया. लेकिन वे अब करें भी क्या बंदूक तो गाड़ी में था, तो उन्होंने उस बाघ को अपनी बंदूक का लाइसेंस दिखाया. यही उनका हाल है.
यूपीए के 10 साल घोटाले के साल
उन्होंने आरोप लगाया, "यूपीए के 10 साल घोटालों के साल रहे.
उस दौरान कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक आतंकवादी हमलों का सिलसिला चलता रहा.
उस समय ख़बरें चलती थीं कि अनजानी चीज़ों से दूर रहना. पूरे देश में हिंसा होती रही. उस 10 साल में भारत की आवाज़ इतनी कमज़ोर थी कि दुनिया सुनने को तैयार नहीं थी.
इनकी निराशा का कारण ये भी है कि आज जब देश की क्षमता का परिचय मिल रहा है. 140 करोड़ लोगों का सामर्थ्य सामने आ रहा है लेकिन इन्होंने उस क्षमता को गंवाया."
पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि जब टेक्नोलॉजी की क्षमता का इस्तेमाल करना था, तो यूपीए सरकार 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में फंसे रहे.
जब कॉमनवेल्थ खेल हुए, तब भी मौक़े को भुनाने के बजाय ये कॉमनवेल्थ घोटाले में फंसे रहे. (bbc.com/hindi)