‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
उदयपुर (सरगुजा), 27 दिसंबर। वन परिक्षेत्र उदयपुर अंतर्गत ग्राम खरसुरा में विगत दस दिनों से खेत मे रह रहे भालू के दो बच्चों को देखने के लिए शनिवार को पशु चिकित्सक डॉ. सी के मिश्रा, वन्य प्राणी विशेषज्ञ प्रभात दुबे, रेंजर सपना मुखर्जी गांव पहुंचे।
भालू के बच्चों को ठंड से बचाने के लिए पैरा की व्यवस्था की गई है तथा गड्ढे के ऊपर लकड़ी पत्ता डालकर झालानुमा झुरमुट बनाया जा रहा है। आसपास के कुछ एरिया को बेरिकेडिंग किया गया है, ताकि लोग भालू के बच्चों से दूर रहें।
अभी सूरजपुर और सरगुजा जिले के दूर-दूर से लोग इन भालू के बच्चों को देखने के लिए पहुंच रहे हैं जिससे लगातार जन हानि की आशंका भी बनी हुई है। लोगों को इस जगह से तथा भालू से दूर रहने की समझाइश वन अमले द्वारा लगातार दी जा रही है। वन विभाग का मैदानी अमला 24 घंटे शिफ्ट में इनकी निगरानी में लगा हुआ है।
मादा भालू सुबह से पहले इन बच्चों को छोडक़र जंगल की तरफ चली जाती है तथा देर शाम सूर्योदय पश्चात इन शावकों के पास वापस आती है। विगत दो दिनों से नर और मादा दोनों भालुओं को शाम व सुबह ग्रामीणों द्वारा देखा जा रहा है।
गांव के लोगों द्वारा शावकों को सुबह और शाम दूध पिलाने का काम वन अमला की निगरानी में किया जा रहा है। दूध की व्यवस्था रिखी गांव के समिति प्रबंधक गोपाल सिंह द्वारा की जा रही है। डाँडग़ांव सर्किल प्रभारी अरुण सिंह, बीट गार्ड विष्णु एवं वन विभाग के अन्य लोग भालू के शावकों की निगरानी में जुटे हुए हैं।