छत्तीसगढ़
कवि सम्मेलन मेधावी बच्चों का सम्मान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 27 दिसंबर। बलौदाबाजार ग्राम पंचायत ओड़ान में शनिवार की शाम शिक्षक साथियों के तत्वावधान में भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्यातिथि पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी अध्यक्षता कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा विशिष्ट अतिथि जिला कांग्रेस अध्यक्ष हितेन्द्र ठाकुर सरपंच राजकुमारी चौहान ने दीप प्रज्वलित कर प्रारम्भ किया।
कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा सर्जना एवं छंद बिरवा पुस्तक का विमोचन कर गाव के सेवानिृवत्त अधिकारी कर्मचारी प्रतिभावान एवं अच्छे अंकों से उतीर्ण छात्र छात्राओं का सम्मान किया गया उसके बाद अंचल के कवियों द्वारा हास्य व्यंग्य एवं सिंगार रस की कविताओं से उपस्तिथ श्रोताओं को कडती ठंड में भी काफी गुदगुदाया कार्यक्रम में शिक्षक मित्र एवं ग्रामीणजन भारी संख्या में उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 27 दिसंबर। बलौदाबाजार मां बम्लेश्वरी साहू समाज की बैठक 25दिसम्बर को साहू धर्मशाला में आयोजित किया गया था। इस बैठक में समाज के नागरिकों ने चूनाव प्रक्रिया की बात कही थी। इस पर समाज के लोगो ने आपसी सहमति से नये अध्यक्ष के लिए समाज के प्रमुख ब्यक्ति लक्ष्मी साहू के नाम पर आपसी सहमति बनाने की बात तय हुई और श्री लक्ष्मी साहू को समाज ने अपना नया अध्यक्ष चुन लिया।
चुनाव में एक मात्र प्रत्याशी रहे लक्ष्मी साहू के नाम पर सहमति से साहू समाज के सभी लोगो ने लक्ष्मी साहू को नये अध्यक्ष बनने पर बधाई और शुभकामनाएं दी।
उल्लेखनीय है कि लक्ष्मी साहू पिछले सालो में छै बार मां बम्लेश्वरी साहू समाज के अध्यक्ष का पद संभाल चुके हैं। श्री साहू इस बार अध्यक्ष चुने जाते ही वे सातवीं फिर समाज प्रमुख बने है। समाज के लोगो ने लक्ष्मी साहू को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामनाए की।
श्री साहू लंबे राजनैतिक जीवन में सक्रिय रहते हुए समाजिक-चेतना जागृत करने के लिए लगे रहे है। हम भी उनके संपर्क में लगातार बने हुए है। उनके ही आशीर्वाद से राष्ट्र की आवाज न्यूज चैनल की शुरुआत हुई थी। आज समाजिक सरोकार और जन सेवा की खबरों को आप तक निष्पक्ष रूप से पहुँचने में आब तक सफल रहे है।
बलौदाबाजार, 27 दिसंबर। बलौदा बाजार विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत अमलकुंडा में कांग्रेस नेता एवं जिला पंचायत सदस्य परमेश्वर यदु एवं जनपद सदस्य श्रीमती ललिता यदु ने मंगलवार को 11.26 लाख रु की लागत से गौठान एवं 6.90 लाख रु की लागत से चारागाह का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर सरपंच रामकल्याण देवदास, उपसरपंच कामता प्रसाद पटेल, सचिव सुरेश कुमार निषाद, रोजगार सहायक बलराम पटेल, गुंजार पटेल, नेतराम पटेल, महावीर धु्रव, अरुन पटेल, सुखराम निषाद, जयराम धु्रव, कमल यादव, रामप्रकाश यादव, दुलारू पटेल, तरुण यादव, नरेंद्र साहू, कुलदीप साहू, विनय वर्मा, राजू पटेल आदि ग्रामवासी उपस्थित थे।
गैस वितरकों और ऑयल कम्पनी के अफसरों की बैठक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 27 दिसंबर। कलेक्टर सुनील कुमार जैन के निर्देश पर सयुंक्त कलेक्टर एवं खाद्य शाखा की प्रभारी लवीना पांडेय और फूड अफसर चित्रकान्त ध्रुव ने सभाकक्ष में जिले के घरेलू गैस संचालकों और ऑयल कम्पनी के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में बलौदाबाजार शहर में आस-पास के गैस वितरकों द्वारा नया कनेक्शन जारी करने एवं होम डिलीवरी करने सहित अन्य शिकायतों की सुनवाई की गई।
ऑयल कम्पनी के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इसमें उपभोक्ताओं का हित सर्वोपरि है। उपभोक्ता अपनी सुविधानुसार किसी भी वितरक से गैस कनेक्शन ले सकते हैं। कनेक्शन लेने में क्षेत्र विशेष की बाध्यता नहीं है।
इसके अलावा सभी घरेलू गैस वितरक अपने व्यवसाय स्थल पर कनेक्शन स्थान्तरण सम्बन्धी सूचना एवं प्रक्रिया प्रदर्शित करेंगे और अपने कार्यक्षेत्र में ही अपनी एजेंसी का प्रचार-प्रसार करेंगे। स्थान्तरण संबंधी आवेदन का तत्काल निराकरण होना चाहिए।
कम्पनी के अफसरों ने यह भी बताया कि उज्ज्वला कनेक्शन धारियों की सुविधा के लिए कनेक्शन बदलने पोर्टल तैयार किया जा रहा है। बहुत जल्द उज्ज्वला कनेक्शन भी ट्रांसफर किये जा सकेंगे। इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम एवं भारत पेट्रोलियम कम्पनी के सेल्स अफसर और सभी फ़ूड इंस्पेक्टर इस अवसर पर उपस्थित थे।
18 गांवों के सरपंचों समेत जिला व जनपद सदस्यों ने दिया इस्तीफा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कांकेर, 27 दिसंबर। क्षेत्र के करकाघाट और तुमराघाट में बीएसएफ कैंप खोले जाने का सैकड़ों ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों ने मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। अठारह सरपंच, 3 जनपद पंचायत सदस्य सहित एक जिला पंचायत सदस्य ने एसडीएम पखांजूर को इस्तीफा सौंप दिया है।
कोयलीबेड़ा में ग्रामीण बीएसएफ कैंप खोले जाने के विरोध कर रहे हैं, 103 ग्राम पंचायत के 250-से 300 गांव के सैकड़ों ग्रामीण 23 दिसम्बर से अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। चौथे दिन पंचायत प्रतिनिधियों ने सामूहिक इस्तीफा एसडीएम को सौंप दिया है। ये ग्रामीण करकाघाट और तुमराघाट में पांच दिनों तक आंदोलन कर चुके हैं और अब पखांजूर में अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू हुआ है। यहां के ग्रामीण अपने साथ राशन और बिस्तर लेकर धरने पर बैठ गए हैं ।
ग्रामीणों का आरोप है कि करकाघाट और तुमराघाट में सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ का कैंप खोल गया है, जिसमें आदिवासियों के देवता स्थापित हैं। उनका आरोप है कि ग्रामसभा की अनुमति के बिना उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए ही यह कैंप खोला गया है।
कांकेर एएसपी गोरखनाथ बघेल ने इस पूरे प्रदर्शन को नक्सलियों के दबाव में बताया है। उन्होंने मीडिया से कहा है कि नक्सली दबाव के चलते आंदोलन किया जा रहा है। कोयलीबेड़ा पखांजूर मेढकी नदी पर पुल का निर्माण किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र में विकास होगा।
सरकार जमीन हथियाने का कर रही प्रयास- ग्रामीण
कांकेर जिले के कुछ इलाकों में सरकार नक्सल विरोधी अभियान के तहत कैंप खोल रही है। गत 29 नवंबर को कुछ जगहों पर नए बीएसएफ कैंप खोले गए हैं, जिसमें करकाघाट और तुमराघाट भी शामिल हैं। बीएसएफ कैंप खुले अभी सिर्फ 20 दिन हुआ है और इसका विरोध करना शुरू कर दिया गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि सर्व समाज बीएसएफ कैंप, पुलिस प्रशासन और सरकार के विरोध में नहीं है, लेकिन हमारी आस्था को ठेस पहुंचाने के कारण इसका विरोध किया जा रहा है। पेसा कानून का उल्लंघन हुआ है। सुरक्षा कैम्प से ग्रामीणों को कोई फायदा नहीं है, कैंप के नाम पर अंधाधुंध पेड़ों की कटाई की जा रही है और जमीन को हथियाने का प्रयास किया जा रहा है।
उग्र आंदोलन की चेतावनी
ग्रामीण अनिश्चितकालीन धरने पर राशन-पानी सहित सभी जरूरी चीजें लेकर बैठ गए हैं। जब तक बीएसएफ का कैंप नहीं हटाया जाएगा, धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा।
गायता, पटेल, मांझी मुखिया, समाज प्रमुख और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि हमें कैंप से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन जिस जगह कैंप खोला गया है, वह आदिवासियों का देवस्थल है और हमारी आस्था का केंद्र है, जहां हमारे देवी-देवता निवास करते हैं. करकाघाट और तुमराघाट में खोले गए कैंप से सर्व समाज के लोगों की आस्था पर आघात पहुंच रहा है।
अपंजीकृत कारखानों पर कार्रवाई के निर्देश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 दिसंबर। श्रम कल्याण मंडल की हुई बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। श्रम कल्याण मंडल अध्यक्ष शफी अहमद ने मंडल के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने श्रमिकों की सुविधाओं के लिए सभी जिलों में श्रम भवन और ज्यादा फैक्ट्रियों वाले जिलों में श्रमिक डोरमेट्री बनाने के निर्देश, सूरजपुर में दाल भात और सिलाई सेंटर खोले जाएंगे।
श्री अहमद ने अभिदाय वसूली की धीमी गति और जिलेवार फैक्ट्रियों तथा श्रमिकों का पंजीयन की जानकारी संतोषजनक नही होने से नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने श्रम कल्याण निरीक्षकों को 10 जनवरी तक जानकारी आवश्यक प्रगति न होने पर कड़ी कार्यवाही की चेतावनी दी है। श्री अहमद ने बताया अब तक श्रम कल्याण मंडल के पास स्वयं का भवन नहीं था। बजट में रायपुर के मुख्य कार्यालय भवन के लिए एक करोड़ 30 लाख और सभी जिलों में श्रम भवन एवं ज्यादा श्रमिक संख्या वाले जिलों में डोरमेट्री के लिए 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि श्रम कल्याण निरीक्षकों को सभी फैक्ट्रियों का निरीक्षण कर अभिदाय वसूली तेज करने, वास्तविक संख्या में श्रमिकों का पंजीयन कराने तथा अपंजीकृत कारखानों पर नियमानुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
इस दौरान कार्य की प्रगति चेक करने जांच कमेटी बनाकर रेंडम जांच की जाएगी और लापरवाह निरीक्षकों पर सेवा से पृथक करने की कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि सभी संभाग मुख्यालय में श्रम कल्याण मंडल का उप कार्यालय राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। शीघ्र ही श्रमिक बस्तियों में श्रमिकों के साथ बैठक कर योजनाओं की जानकारी दी जाएगी और उनकी समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। साथ ही सुझाव भी लिए जाएंगे। श्री शफी अहमद ने बताया कि कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जा रही है। बैठक में श्रम कल्याण निरीक्षकों सहित श्रम कल्याण मंडल के सभी कर्मचारी अधिकारी उपस्थित थे।
रायपुर, 27 दिसम्बर। पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर में कोविड-19 की पहचान के लिए अब तक दो लाख से अधिक सैंपलों की आरटीपीसीआर जांच की जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के विशेष सचिव डॉ. सी.आर. प्रसन्ना ने बताया कि 25 दिसम्बर तक रायपुर मेडिकल कॉलेज में दो लाख एक हजार 979 सैंपलों की जांच की गई है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण की पुष्टि के लिए आरटीपीसीआर सबसे विश्वसनीय और सटीक जांच है। राज्य में भी इसकी पहचान के लिए अधिक से अधिक सैंपलों की आरटीपीसीआर जांच पर जोर दिया जा रहा है।
रायपुर मेडिकल कॉलेज के वायरोलॉजी लैब में इस साल 14 अप्रैल से 22 सैंपलों के साथ आरटीपीसीआर जांच की शुरूआत हुई थी। लॉक-डाउन के उस दौर में कन्ज्युमेबल्स एवं अन्य संसाधनों की दिक्कतों के बीच राज्य शासन ने इस लैब को शुरू किया था। इसे शुरू करने स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव के मार्गदर्शन में भारत सरकार, आईसीएमआर और विभिन्न राज्यों से मदद और समन्वय के लिए अलग-अलग मोर्चे पर करीब 20 अधिकारी-कर्मचारी दिन रात काम कर कर रहे थे। सैंपलों की जांच के दौरान लैब में कार्यरत साइंटिस्ट, लैब टेक्नीशियन और माइक्रोबायोलॉजिस्ट सहित कुल आठ लोग संक्रमित भी हो चुके हैं। इसके बावजूद यहां की टीम पूरी तत्परता और समर्पण से सैंपलों की जांच में लगी हुई है।
मात्र 22 सैंपलों की जांच से शुरू रायपुर मेडिकल कॉलेज के इस लैब में अभी रोजाना 1500 सैंपलों की जांच हो रही है। अभी यहां रायपुर, धमतरी, बलौदाबाजार और गरियाबंद से प्राप्त सैंपलों की आरटीपीसीआर जांच की जा रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 दिसंबर। राष्ट्र निर्माण एवं नीति निर्धारण में युवाओं की भूमिका सुनिश्चित करने के उद्येश्य से युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा नेहरू युवा केन्द्र के माध्यम से जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल यूथ पार्लियामेन्ट फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में दुर्ग में ‘राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता‘का आयोजन 28 दिसंबर को सुबह 11 बजे से वर्चुअल माध्यम से किया जाएगा।
उक्त प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु 18 से 25 वर्ष तक के इच्छुक युवा एवं युवतियां जिले के नेहरू युवा केन्द्र रायपुर (छग) के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। भारत सरकार द्वारा निर्धारत विषय में से प्रतिभागी किसी एक विषय पर अधिकतम 4 मिनट में अपनी बात रखेंगे। जिला-स्तर पर सर्वश्रेष्ठ दो वक्ताओं का चयन किया जाएगा, जिसमें से प्रभम स्थान प्राप्त प्रतिभागी राज्य-स्तरीय युवा संसद एवं राज्य स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त प्रतिभागी को नई दिल्ली में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय युवा संसद में सह-भागिता का अवसर प्राप्त होगा।
राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव प्रतियोगिता 12-13 जनवरी को संसद भवन के सेन्ट्रल हॉल में आयोजित होगी। प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार 2 लाख, द्वितीय पुरस्कार 1.5 लाख एवं तृतीय पुरस्कार 1 लाख रूपये है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 दिसंबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा एक नवंबर 2020 को प्रदेश के 14 नगर निगमों में मोबाइल मेडिकल यूनिट का शुभारंभ किए जाने बाद अब तक 2134 शिविर लगाए गए हैं। इन शिविरों में अब तक एक लाख 14 हजार 320 से अधिक मरीजों का स्वास्थ्य जांच कर उनका आवश्यक उपचार किया गया है। मेडिकल मोबाइल यूनिट के संचालन से स्लम क्षेत्र के लोगों को काफी राहत मिली है।
रायपुर में सबसे अधिक 628 शिविर में 32482 मरीज लाभान्वित हुए है और कोरबा में 219 कैंप में 10577, बिलासपुर में 184 कैंप में 13741, दुर्ग, भिलाई, रिसाली तथा भिलाई चरौदा में कुल 480 कैंप में 24,997 और राजनांदगांव में 184 शिविर में 8,351 मरीज लाभान्वित हुए हैं। इन कैंपों में लगभग 30 हजार मरीजों की पैथोलॉजी जांच भी की गई है।
गौरतलब है कि प्रदेश के नगरीय निकायों के स्लम क्षेत्रों में निवासरत लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का अभाव होने के कारण कई प्रकार की मौसमी एवं अन्य बीमारियां फैलने की आशंका रहती है। इन बस्तियों में निवासरत लोगों और उनके आश्रित वृद्धजनों, बच्चों को अस्पताल ले जाने एवं इलाज कराने में कई बार अस्पताल में लंबी लाईन होने के कारण, मजदूर उस दिन कार्य पर नहीं जा पाते है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान भी होता है। मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से लोगों को सुबह-शाम घर पहुंच स्वास्थ्य सुविधा सहजता से उपलब्ध हो रही है।
मोबाइल मेडिकल यूनिट में अत्याधुनिक जांच की मशीनें भी लगी हुई है। इन मशीनों से बीपी, शुगर, खून जांच, पेशाब की जांच मौके पर ही की जा रही है। सर्दी, बुखार की दवाईयों के साथ-साथ बीपी शुगर जैसे बीमारियों की नियमित जांच के साथ दवाइयां भी मुफ्त में दी जा रही है। इलाज की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाईन भी किया गया है। मॉनिटरिंग हेतु सी.सी.टी.व्ही. तथा स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों के प्रचार-प्रसार के लिए टीवी, प्रोजेक्टर और मुनादी हेतु साउण्ड सिस्टम भी लगाए गए है।
शुभारंभ के साथ ही यह मोबाइल मेडिकल यूनिट स्लम इलाकों में नियमित रूप से पहुंच रही है। कैंप के माध्यम से आसपास के लोगों का स्वास्थ्य जांच करने के अलाव बीमारी दूर करने दवांए भी दी जा रही है। मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना से झुग्गी इलाकों में रहने वाले गरीब परिवारों का नि:शुल्क में घर के पास ही आसानी से इलाज हो रहा है।
दाई-दीदी क्लीनिक से 5 हजार से अधिक महिलाओं का हुआ इलाज
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती के दिन 19 नवम्बर को प्रदेश की महिलाओं के लिए शुरू की गई देश में अपने आप में अनूठी दाई दीदी क्लीनिक का भी बहुत अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। दाई-दीदी क्लीनिक की सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि इसमें महिला चिकित्सकों के माध्यम से ही महिलाओं को नि:शुल्क उपचार मिल रहा है। अभी तक पांच हजार से अधिक महिलाओं ने दाई दीदी क्लीनिक के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया है।
दाई-दीदी क्लीनिक देश में अपनी तरह का पहला क्लीनिक है, जिसमें केवल महिलाओं का इलाज किया जा रहा है। वर्तमान में इसे रायपुर, दुर्ग-भिलाई और बिलासपुर निगम क्षेत्र में मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है और आगे इसका विस्तार किया जाएगा। संकोच के कारण महिलाएं अपनी बीमारी को खुलकर नहीं बता पाती हैं। इस कारण उनकी बीमारी का सही उपचार नहीं हो पाता।
अब दाई-दीदी क्लीनिक में महिला चिकित्सक और महिला स्टाफ होने से वे नि:संकोच अपना समुचित इलाज करा रहीं हैं। इसमें महिलाओं को नि:शुल्क इलाज की सुविधा मिल रही है। उन्हें अस्पतालों में जाने की जरूरत नहीं पड़ती।
भारत सरकार ने राज्य की भूपेश बघेल सरकार की उपलब्धियों को सराहा
गरीबों को घर देने के लिए 1 जनवरी को प्रधानमंत्री के हाथों मिलेगा पुरस्कार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 दिसंबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के विकास के लिए पिछले दो वर्षों में की गई कोशिशों को राष्ट्रीयस्तर पर लगातार सराहा जा रहा है। इस दौरान प्रदेश सरकार ने गरीबों को घर उपलब्ध कराने, वर्षा और भूजल को सहेजने, पंचायतों का सशक्तिकरण करने, शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार करने, स्वच्छता सुनिश्चित करने, कुपोषण दूर करने, पिछड़े हुए क्षेत्रों का तीव्र विकास करने, सर्वाधिक खाद्यान्न उत्पादित करने, मनरेगा और आजीविका मिशन के तहत रोजगार उपलब्ध कराने, बच्चों से जुड़ी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करने, ग्राम स्वराज अभियान का क्रियान्वयन करने, बेटियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने समेत अनेक क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल की हैं।
इन उपलब्धियों के लिए प्रदेश को पुरस्कृत किया गया है। हाल ही में भारत सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत छत्तीसगढ़ में संचालित किए जा रहे ‘मोर जमीन मोर मकान’ मॉडल की सराहना करते हुए, पुरस्कृत करने की घोषणा की है। यह पुरस्कार 01 जनवरी 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों छत्तीसगढ़ को एक वर्चुअल समारोह में प्रदान किया जाएगा। इस तरह इन दो वर्षो की अवधि में राज्य को केंद्र सरकार तथा विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से दो दर्जन से अधिक पुरस्कारों से नवाजा गया है
भारत सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत छत्तीसगढ़ के समावेशी मॉडल मोर जमीन मोर मकान के बेहतर क्रियान्वयन पर बधाई देते हुए इसकी सराहना की है। साथ ही डोंगरगढ़ को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली नगरपालिकाओं की श्रेणी में पुरस्कृत करने की भी घोषणा की गई है। इससे पूर्व नदी-नालों के पुनरुद्धार के लिए किए गए कार्यों के लिए बिलासपुर और जल-संरक्षण कार्यों के लिए सूरजपूर जिले को नेशनल वाटर अवार्ड 2019 के लिए किया चयनित किया गया था।
भारत सरकार आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के तहत छत्तीसगढ़ ने देश के बड़े राज्यों को पछाड़ते हुए देश के स्वच्छतम् राज्य होने का दर्जा प्राप्त कर पुरस्कार हासिल किया था। इसी तरह सर्वाधिक ओडीएफ प्लस गांव के लिए छत्तीसगढ़ को केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के गंदगीमुक्त भारत अभियान के तहत दूसरा पुरस्कार प्राप्त हुआ था।
छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना और अन्य फ्लैगशिप योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए तैयार की गई- मुख्यमंत्री दर्पण वेबसाइट एवं मोबाइल एप को राष्ट्रीय स्तर पर ‘एलिट्स एक्सीलेंस अवार्डस-2020 से नवाजा जा चुका है। छत्तीसगढ़ को यह सम्मान देश के प्रतिष्ठित आईटी संस्थान एलिट्स टेक्नोमीडिया, नई दिल्ली ने ‘डिजिटल इंडिया पहल’ के अंतर्गत प्रदान किया। पंचायतों के सशक्तिकरण और विभागीय योजनाओं को लागू करने में सूचना व संचार तकनीक के प्रभावी उपयोग के लिए छत्तीसगढ़ का चयन भारत सरकार के पंचायतीराज मंत्रालय ने ई-पंचायत पुरस्कार के लिए किया था। पंचायतों के कार्यों में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही लाने आईसीटी के उपयोग में छत्तीसगढ़ को पूरे देश में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ।
भारत सरकार के पंचायतीराज मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ की तीन ग्राम पंचायतों को अलग-अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्यों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना। बच्चों से जुड़ी योजनाओं और कार्यक्रमों के बेहतरीन क्रियान्वयन के लिए कबीरधाम जिले के कवर्धा विकासखंड के कान्हाभैरा ग्राम पंचायत का चयन बाल मित्र पंचायत पुरस्कार के लिए किया गया। ग्रामसभा के प्रभावी आयोजन और इसके सशक्तिकरण के लिए रायपुर जिले के आरंग विकासखंड के बनचरोदा पंचायत को नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्रामसभा पुरस्कार से नवाजा गया, वहीं कांकेर जिले के चारामा विकासखंड के भिलाई पंचायत को केन्द्रीय पंचायतीराज मंत्रालय द्वारा ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार के लिए चुना गया।
कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया द्वारा छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग को ई-गर्वनेंस अवार्ड से नवाजा गया। वर्ष 2020 की शुरुआत में बेमेतरा जिले को स्वच्छता दर्पण अवार्ड प्राप्त हुआ। यह अवार्ड भारत सरकार, जल शक्ति मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) नई दिल्ली द्वारा प्रदान किया गया। माह जनवरी 2020 में ही देश के 115 आकांक्षी जिलों में से दन्तेवाड़ा को सुपोषण अभियान में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए सिल्वर स्कॉच अवार्ड से नवाजा गया। छत्तीसगढ़ को सर्वाधिक खाद्यान्न उत्पादन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किया।
मनरेगा, आजीविका मिशन, आवास योजना और पीएमजीएसवाई में उत्कृष्ट कार्यों के लिए छत्तीसगढ़ को 22 पुरस्कारों से नवाजा गया। प्रदेश को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की विभिन्न श्रेणियों में नौ, मनेरगा में सात, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) में पांच और प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए एक पुरस्कार से नवाजा गया। इनमें राज्य स्तर पर दिए जाने वाले 13, जिला स्तर पर दिए जाने वाले तीन, विकासखंड को एक और ग्राम पंचायतों को मिले चार पुरस्कार शामिल हैं। धान की दुर्लभ किस्मों के संरक्षण के लिए छत्तीसगढ़ के आदर्श महिला समूह को पादप जीनोम सेवियर पुरस्कार से नवाजा गया। भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण द्वारा यह राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2019 के तहत दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण के सामान्य श्रेणी में छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के जनपद पंचायत नगरी और कबीरधाम जिले के जनपद पंचायत सहसपुर लोहारा को उक्त सम्मान से नवाजा गया। पंचायत सशक्तिकरण के लिए बेहतरीन कार्य करने पर कांकेर जिले को छत्तीसगढ़ राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय पंचायत अवार्ड 2019 के तहत प्रदेश के 11 जिला, जनपद और ग्राम पंचायतों को राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया। योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और ग्रामसभाओं के सार्थक आयोजन और उत्कृष्ट कार्यों के लिए पंचायतों को ये पुरस्कार दिया गया। भारत सरकार के पंचायतीराज मंत्रालय द्वारा बीजापुर जिले के भैरमगढ़ विकासखंड के कुटरु ग्राम पंचायत को वर्ष 2019 के बाल मित्र ग्राम पंचायत पुरस्कार के लिए चुना गया। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत कांकेर जिले को स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने व महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए सम्मानित किया गया। लिंगानुपात में निरंतर वृद्धि के लिए रायगढ़ जिला राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हुआ।
मुख्यमंत्री श्री बघेल को बी.पी. मण्डल सामाजिक न्याय रत्न से सम्मानित करते हुए उनका अभिनंदन किया गया। श्री बघेल को छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण बढ़ाने के फैसले के लिए उन्हें यह सम्मान प्रदान किया गया। पोषण अभियान में उल्लेखनीय कार्य के लिए पांच राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए। छत्तीसगढ़ ने दो श्रेणियों के तहत उत्कृष्टता पुरस्कारों में दूसरा स्थान हासिल किया। राज्य को आईसीडीएस-सीएएस कार्यान्वयन और क्षमता निर्माण, अभिसरण,व्यवहार परिवर्तन और सामुदायिक जुटाव श्रेणियों में दूसरा स्थान प्राप्त करने पर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। छत्तीसगढ़ को जिला, ब्लॉक और पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, एएनएम स्तर पर तीन पुरस्कार और नेतृत्व एवं अभिसरण के लिए एलएस स्तर भी मिला।
राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 की रैकिंग में पहला स्थान पाने पर छत्तीसगढ़ को देश का सबसे स्वच्छ राज्य होने का सम्मान मिला । अम्बिकापुर शहर को देशभर में दूसरा और भिलाई नगर को 11 वां स्थान मिला। स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में बेहतर सुधार के फलस्वरुप कोण्डागांव जिले ने देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया। ओवरऑल रैंकिंग में देश भर के महत्वाकांक्षी जिलों में मिला दूसरे स्थान पर रहा। समूचे भारत में छत्तीसगढ़ ही इकलौता ऐसा राज्य है, जिसे राष्ट्रीय मतदाता दिवस (25 जनवरी) के अवसर पर पुरस्कारों की विभिन्न श्रेणियों में देश में पहली बार सर्वाधिक चार राष्ट्रीय पुरस्कार मिले। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान में उत्कृष्ट प्रदर्शन पर रायगढ़ जिले को मिला राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुआ। छत्तीसगढ़ की तीन आंगनबाडी़ कार्यकर्ताओं को आंगनबाडी़ सेवाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
राज शार्दुल
विश्रामपुरी, 27 दिसंबर। (‘छत्तीसगढ़’) कोंडागांव जिले के धमतरी एवं ओडिशा से लगे क्षेत्र में साप्ताहिक मवेशी बाजारों में मवेशी तस्कर विश्रामपुरी के रास्ते बेखौफ होकर पशुओं की तस्करी कर रहे हैं। ओडिशा के रायगढ़ एवं अन्य क्षेत्रों से आने वाले तस्कर जंगल नदी-नाले रास्ते से बैल भैंस को मारते पीटते हांकते हुए ओडिशा की ओर ले जाते हैं। यह व्यवसाय दिनोंदिन फलफूल रहा है।
इन मवेशियों को नदी-नालों एवं जंगलों के रास्ते से पैदल भगाकर ले जाने से तस्करों का काम आसान हो जाता है। गाडिय़ों का खर्च बच जाता है एवं वाहनों के जब्त होने का डर नहीं रहता। तस्करों की यह भी चालाकी है कि यदि पुलिस मवेशियों को पकड़ भी लेती है तो हजारों मवेशियों को कब तक रोके रखा जाएगा। दूसरा पहलू यह भी कि ओडिशा के तस्कर स्थानीय किसानों एवं कोचियाओं को ढाल बनाकर व्यवसाय कर रहे हैं।
बस्तर के सीमावर्ती धमतरी जिले के सालेटोला, बेलर एवं करहीभदर आदि जगहों पर पशुओं का प्रति सप्ताह बाजार लगताा है। जहां गाय बैल भैंस सैकड़ों की संख्या में लाए जाते हैं। बाजार में बूढ़े एवं अनुपयोगी मवेशी भी लाए जाते हैं। इनकी तस्करी ओडिशा एवं आंध्रप्रदेश की ओर होती है।
मिली जानकारी के अनुसार वहां से पशुओं को पश्चिम बंगाल बांग्लादेश सीमा पहुचाया जाता है। जानकारी के अनुसार कोलकाता के बूचडख़ानों में मवेशियों की खपत होती है। इसी के चलते बूढ़े एवं अनुपयोगी मवेशी भी बाजारों में लाए जाते हैं।
मवेशियों की लगती है बोली
मवेशियों के छोटे-छोटे झुंड लेकर स्थानीय कोचिया बाजारों में पहुंचते हैं। झुंड को देखकर छोटे-बड़े सभी को मिलाकर बोलियां लगती है। तत्पश्चात उन समूह के मवेशियों पर पहचान के लिए पेंट से नंबर या चिन्ह डाल दिए जाते हैं।
रायगढ़ (ओडिशा) निवासी चेतराम यादव एवं भंवरलाल गंधर्व ने बताया कि वे प्रति बुधवार को यहां से छत्तीसगढ़ के साल्हेटोला एवं करहीभदर में लगने वाले पशु बाजार से मवेशियों को हांकते हुए ले जाते हैं जो विश्रामपुरी के मचली से भारोंड ओडिशा रास्ते रायगढ़ बाजार में पशुओं को पहुंचाते हैं।
तत्पश्चात उन्हें उमरकोट के बाजार में पहुंचाया जाता है। हर बाजार 70 से 80 मवेशी ले जाते हैं। इसके बदले में उनको प्रतिदिन के 300 रुपए के हिसाब से रोजी मिलता है। साथ ही वह बर्तन चावल दाल साथ में लेकर चलते हैं। दलाल पीछे कार में आता है जो बीच-बीच में निगरानी करते हुए निकल जाते हैं।
भाजपा के मंडल अध्यक्ष परदेसी राम नाग ने कहा कि यहां विश्रामपुरी से होकर मवेशियों की जो तस्करी होती है। उस पर रोक लगाया जाना चाहिए यहां से प्रति बाजार सैकड़ों की तादाद में मवेशियों को ओडिशा की ओर बेचा जाता है।
पड़़ताल करेंगे-एसपी
पुलिस अधीक्षक कोंडागांव सिद्धार्थ तिवारी ने इस संबंध में कहा कि वे मामले की पड़ताल करेंगे तथा संबंधित थाना को सूचित की जाएगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 27 दिसंबर। पाँचवीं अनुसूचित क्षेत्र नगरी-सिहावा में राम वनगमन पथ रैली के दौरान प्रशासनिक आदेश के तहत ब्लॉक के सभी ग्राम पंचायतों से गांव की मिट्टी को जनपद कार्यालय नगरी में संग्रहित किया गया था।
सर्व आदिवासी समाज नगरी के अध्यक्ष उमेश देव ने बताया, चूंकि सिहावा क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य पाँचवी अनुसूचित क्षेत्र है पाँचवीं अनुसूचित का सार है कि इसके तहत आदिवासी संस्कृति, भाषा, जीवन शैली और अधिकारों को संविधान द्वारा राज्यपाल की निगरानी में संवैधानिक संरक्षण दिया गया है। वहीं आदिवासियों को उनकी रूढिग़त प्रथा परंपरा की संरक्षण हेतू संवैधानिक अधिकार प्राप्त है।
गांवों से मिट्टी बिना गायता, पुजारी, भूमियार, माँझी, मुखिया के बगैर मिट्टी उठाया जाना अनुसूचित क्षेत्र और रूढिग़त परंपरा के सरासर खिलाफ है इसी संदर्भ में 26 दिसम्बर को गोंडवाना भवन नगरी में बैठक के दौरान तहसील समाज ने संग्रहित मिट्टी को परंपरा अनुसार क्षेत्र के गढ़शीतला के समक्ष उक्त परिघटना को जानकारी देकर गढ़शीतला के आदेशानुसार समाधान निकालने हेतु अहम फैसला लिए। वहीं इस कार्य को विधिविधान पूर्वक संपन्न कराने के लिए 30 दिसंबर को सिहावा की गढ़शीतला के प्राँगण पर स्थान चयनित किया गया है।
तहसील सर्व आदिवासी समाज नगरी से उमेश देव, रामप्रसाद मरकाम, मनोज कुमार साक्षी, कुंदन सिंह साक्षी, छेदप्रसाद कौशिल, नरेश छेदैय्या,भावंत ध्रुव, शोभीराम नेताम, रामसिंह सामरत, सुरेन्द्र कुमार नेताम आदि को कमेटी माध्यम से तहसील सर्व आदिवासी समाज द्वारा निराकरण हेतु विशेष जिम्मेदारी दी गई है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
उदयपुर (सरगुजा), 27 दिसंबर। वन परिक्षेत्र उदयपुर अंतर्गत ग्राम खरसुरा में विगत दस दिनों से खेत मे रह रहे भालू के दो बच्चों को देखने के लिए शनिवार को पशु चिकित्सक डॉ. सी के मिश्रा, वन्य प्राणी विशेषज्ञ प्रभात दुबे, रेंजर सपना मुखर्जी गांव पहुंचे।
भालू के बच्चों को ठंड से बचाने के लिए पैरा की व्यवस्था की गई है तथा गड्ढे के ऊपर लकड़ी पत्ता डालकर झालानुमा झुरमुट बनाया जा रहा है। आसपास के कुछ एरिया को बेरिकेडिंग किया गया है, ताकि लोग भालू के बच्चों से दूर रहें।
अभी सूरजपुर और सरगुजा जिले के दूर-दूर से लोग इन भालू के बच्चों को देखने के लिए पहुंच रहे हैं जिससे लगातार जन हानि की आशंका भी बनी हुई है। लोगों को इस जगह से तथा भालू से दूर रहने की समझाइश वन अमले द्वारा लगातार दी जा रही है। वन विभाग का मैदानी अमला 24 घंटे शिफ्ट में इनकी निगरानी में लगा हुआ है।
मादा भालू सुबह से पहले इन बच्चों को छोडक़र जंगल की तरफ चली जाती है तथा देर शाम सूर्योदय पश्चात इन शावकों के पास वापस आती है। विगत दो दिनों से नर और मादा दोनों भालुओं को शाम व सुबह ग्रामीणों द्वारा देखा जा रहा है।
गांव के लोगों द्वारा शावकों को सुबह और शाम दूध पिलाने का काम वन अमला की निगरानी में किया जा रहा है। दूध की व्यवस्था रिखी गांव के समिति प्रबंधक गोपाल सिंह द्वारा की जा रही है। डाँडग़ांव सर्किल प्रभारी अरुण सिंह, बीट गार्ड विष्णु एवं वन विभाग के अन्य लोग भालू के शावकों की निगरानी में जुटे हुए हैं।