राजनांदगांव
45 दिन बाद एक ही प्रकरण में धारा जोडऩे से पुलिस पर सवाल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 3 फरवरी। खैरागढ़ नगर पालिका चुनाव के मतगणना के दौरान कथित रूप से हंगामा खड़ा करने और तोडफ़ोड़ के आरोप में घिरे जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह और 9 साथियों पर आपराधिक मामला दर्ज करने के ड़ेढ माह बाद खैरागढ़ पुलिस ने नई धाराएं जोड़ दी है। खैरागढ़ पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर भाजपा ने तंज कसा है।
भाजपा नेताओं का आरोप है कि राजनीतिक दबाव के चलते एक ही मामले में फिर से नई धाराएं जोड़ी गई है। विक्रांत और अन्य पर लगी धाराएं गैर जमानती है। लंबे समय से पुलिस सभी की तलाश कर रही है। विक्रांत और आरोपी फरार चल रहे हैं। गैर जमानती धारा दर्ज होने के बाद अब कभी भी विक्रांत और अन्य फरार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा सकता है। अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर विक्रांत ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है।
मिली जानकारी के मुताबिक 3 दिसंबर को चुनावी परिणाम के दौरान भाजपा नेताओं पर विपरीत परिणाम आने के बाद हिंसक होने और प्रशासनिक कामकाज में दखल देने के आरोप के तहत अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। जिसमें धारा 494 में दर्ज अपराध के लिए आवेदक थाना प्रभारी खैरागढ़ थे और 495 के तहत कार्रवाई के लिए तहसीलदार ने शिकायत की थी। इन दोनों मामलों में 45 दिन तक पुलिस ने जांच की। जांच के बाद लोक संपत्ति अधिनियम के तहत एक नया धारा जोडकऱ पुलिस ने गैरजमानती धारा अपराध दर्ज किया है। इस कार्रवाई को लेकर खैरागढ़ पुलिस भाजपा नेताओं के निशाने पर है। कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते सांसद प्रतिनिधि भागवत शरण सिंह ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि बदले की नियत से कार्रवाई की जा रही है। एक ही मामले में धारा बढ़ाना राजनीतिक दुर्भावना को जाहिर कर रहा है। थाना प्रभारी निलेश पांडे ने कहा कि किसी तरह का धारा नहीं बढ़ाया गया है। पहले से ही अपराध में धाराएं दर्ज थी। उन्होंने कहा कि फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।
इस बीच विक्रांत और फरार भाजपाईयों की खोजबीन के लिए पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है। राजनीतिक स्तर पर पुलिस की कार्रवाई का खुलकर विरोध हो रहा है।
हाईकोर्ट में 7 को अग्रिम जमानत पर सुनवाई
7 फरवरी को विक्रांत और अन्य लोगों पर दर्ज अपराध के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। अग्रिम जमानत के लिए सभी ने उच्च न्यायालय में अर्जी दी है। खैरागढ़ निकाय चुनाव के दौरान तथाकथित हिंसक घटना के मामले में खैरागढ़ व्यवहार न्यायालय में जमानत खारिज हो गई थी। इसके बाद हाईकोर्ट में जमानत के लिए आवेदन दिया गया है।