राजनांदगांव
डायरेक्टरों में मची खलबली
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 4 मई। युगांतर ग्रुप के चेयरमैन सुशील कोठारी ने एकाएक पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि वह बतौर डायरेक्टर वह ग्रुप से जुड़े रहेंगे। उनके इस कदम से युगांतर ग्रुप के डायरेक्टरों में खलबली मच गई है। श्री कोठारी ने युगांतर ग्रुप को शिक्षा के क्षेत्र में ऊंचाईयों तक पहुंचाया। उनके नेतृत्व में युगांतर ग्रुप का ढ़ई दशक में शिक्षा के क्षेत्र में काफी नाम रहा। स्कूली शिक्षा के अलावा उन्होंने युगांतर ग्रुप में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कदम रखते कॉलेज की नींव रखी। पिछले कुछ दिनों से मौजूदा मैनेजमेंट के सदस्यों के साथ श्री कोठारी के बीच अनबन चल रहा था। युगांतर ग्रुप के सदस्यों के साथ कोठारी के विचार मेल नहीं खा रहे थे। जिसके चलते वह काफी समय से ग्रुप के सदस्यों के व्यवहार से क्षुब्ध थे। युगांतर ग्रुप में 16 डायरेक्टर कार्य कर रहे हैं। इनमें कुछ सदस्यों का बर्ताव स्कूल के हित से परे था। चर्चा है कि शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ भी डायरेक्टरों का रवैया विशेषकर फीस को लेकर काफी सख्त था। इससे कोठारी असहज महसूस कर रहे थे। गौरतलब है कि श्री कोठारी राजनांदगांव शहर के एक चर्चित अखबारनवीस भी हैं। वह शहर के बड़ी हस्तियों में गिने जाते हैं। मीडिया में उनकी अच्छी दखल है। इसके अलावा क्रिकेट खेल को बढ़ावा देने में भी वह हमेशा आगे रहे हैं।
इस्तीफा के संबंध में श्री कोठारी ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि अलग-अलग कारणों से उन्होंने इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि वे परिवार की विरासत को आगे ले जाते हुए नेक उद्देश्यों के साथ शिक्षा से जुड़े थे और लंबे दौर में राजनंादगांव ने शिक्षा, खासतौर पर स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में जो मुकाम हासिल किया है, उस पर हर किसी को गर्व होगा। उन्होंन कहा कि व्यक्ति खुद संस्था बनने ी कोशिश करे तो असल उद्देश्य पीछे छूट जाता है। सभी जानते हैं कि कोई भी मैनेजमेंट भवन, सुविधा जुटा सकता है, लेकिन किसी भी शिक्षण संस्था को खड़ा करने और उसे गौरवशाली बनाने में सबसे अहम भूमिका शिक्षकों और सहयोगी स्टॉफ की होती है। वे ही संस्था की रीढ़ होते हैं, लेकिन हाल ही में जिस तरह से गरिमा और रिश्तों का हनन हुआ है, वह शर्मिंदगी का सबब है। उन्होंने कहा कि बहुमत के अहंकार में सत्य को दबाया जा सकता है, परास्त नहीं किया जा सकता।