राजनांदगांव
बढ़ते पारा से लॉकडाउन जैसे हालात, पठारी इलाकों में भी सडक़ें खाली
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 10 मई। अप्रैल के बाद मई के पहले सप्ताह में भीषण गर्मी से लोग बेहाल हैं। बेतहाशा गर्मी और चिलचिलाती धूप ने लोगों की सेहत को भी बुरी तरह से प्रभावित किया है। रोज बढ़ रही गर्मी से व्यापारिक गतिविधियां भी ठप्प पड़ रही है। आलम यह है कि दिन में चढ़ते सूर्य के साथ ही लॉकडाउन जैसे हालात रोजाना दिखाई दे रहा है। पठारी इलाकों में सडक़ों में खालीपन देखकर कफ्र्यू का अहसास हो रहा है। हालांकि कस्बाई इलाकों में भी गर्मी से हालात ठीक नहीं है। लिहाजा दोपहर होने से पहले लोग घर का रूख कर रहे हैं। घरों में दुबकने से सडक़ों की आवाजाही का दायरा भी सिमटा नजर आ रहा है। जिले में गर्मी का कहर कम नहीं हो रहा है। मई का पहला सप्ताह भी चूभती गर्मियों के साथ गुजर गया है। मौसम विभाग की ओर से गर्मी से राहत मिलने की खुशखबरी का लोगों को इंतजार है। मौसम विभाग का दावा है कि करीब डेढ़ दशक बाद अप्रैल और मई का महीना उबाल मार रहा है। मई में उम्मीद लगाए बैठे लोगों को ठंडे मौसम का इंतजार था। पिछले साल मई के महीने में बेमौसम बारिश से लोगों को गमी से राहत मिली थी। मई का पहला सप्ताह बिना छींटे पडऩे के निकल गया। हालांकि गुजरे दो दिनों में रात और दिन के तापमान में मामूली गिरावट है। इसका कारण बंगाल और उड़ीसा में उठे चक्रवाती तूफान ‘असान’ का असर है, लेकिन छत्तीसगढ़ में कुछ जिलों को छोडकऱ दूसरे इलाकों में गर्मी ने लोगों को परेशान कर रखा है। इधर जिले के पठारी इलाकों में भी सामान्य दिनों की आवाजाही पर असर दिखा है। सीमावर्ती इलाकों में भी दोपहर से पहले गांव और देहात क्षेत्रों में लोग कामकाज निपटाकर घरों में दुबक रहे हैं। पठारी इलाकों की गर्मी से वन बाशिंदे भी उबल रहे हैं। पठारों के पत्थर की गर्मी का असर देहात क्षेत्रों के लोगों के लिए चूभने जैसा साबित हो रहा है। अंदरूनी इलाकों की सडक़ें भी सूने पड़े हुए हैं। सडक़ों में खालीपन देखकर लोगों को लॉकडाउन जैसा अहसास हो रहा है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द बारिश होने से भीषण गर्मी के मार से उबरने का मौका मिलेगा। मौसम विभाग की ओर से फिलहाल बेमौसम बारिश और मानसून के आगमन को लेकर संभावित तारीख का ऐलान नहीं हुआ है।