राजनांदगांव
अक्षय तृतीया के बाद पहले सोमवार को गुफा खुलने का रिवाज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गंडई, 10 मई। मंडीपखोल गुफा अक्षय तृतीया के बाद पडऩे वाले पहले सोमवार को दो साल बाद खुलने से हजारों की तादाद में लोग पहुंचे। गुफा को देखने सुबह से ही पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहा। सुबह करीब 8 बजे ठाकुरटोला राजपरिवार द्वारा पूजा-अर्चना कर गुफा का द्वार खोला गया। इसके बाद गुफा के अंदर स्थित शिवजी व अन्य देवी-देवताओं की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई।
ज्ञात हो कि बीते दो साल तक वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के बीच बीते दो साल गुफा नहीं खुल पाया था। जिससे इस साल गुफा घूमने वालों में जबर्दस्त उत्साह देखा गया।
मंडीपखोल गुफा का द्वार वर्ष में एक बार खुलने पर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के अलावा अन्य राज्य के पर्यटक इस गुफा को देखने पहुंचते हैं। अक्षय तृतीया पर्व के बाद पडऩे वाले पहले सोमवार को गुफा खुलने पर रायपुर, दुर्ग, कवर्धा के अलावा मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र राज्य के लोग बड़ी संख्या में पहुंचे थे। इधर मंडीपखोल समिति द्वारा गुफा तक पहुंच मार्ग के लिए मार्किंग की गई थी, ताकि पर्यटकों को गुफा तक पहुंचने आसानी हो। इसके साथ ही गुफा के समीप विश्राम, जलपान आदि की व्यवस्था की गई थी। वहीं अन्य लोग भी पर्यटकों को सुविधा मुहैया कराने जुटे रहे।
सोमवार को मंडीपखोल गुफा देखने पहुंचे पर्यटकों ने अपना अनुभव साझा करते बताया कि गुफा काफी रहस्यमय एवं रोमांचकारी है। गुफा के अंदर कहीं मैदान तो कहीं काफी सकरा रास्ता है। तेज गर्मी में भी गुफा के अंदर शीतलता का अनुभव होता है। गुफा के अंदर चमकदार, टिमटिमाते पत्थर गुफा की आकर्षण को बढ़ा देता है। शासन-प्रशासन द्वारा इस प्राचीन धरोहर को सहेजने और संवारने की जरूरत है।
गुफा तक स्थाई पहुंच मार्ग नहीं होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जिसके लिए स्थाई मार्ग होना अति आवशयक है।