रायपुर
लोटा-नमक की शपथ भी काम नहीं आई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 11 जून। सीएम भूपेश बघेल की तमाम कोशिशों के बाद भी हरियाणा में कांग्रेस राज्यसभा प्रत्याशी अजय माकन को नहीं जीता पाई। ये अलग बात है कि छत्तीसगढ़ आए कांग्रेस के सभी 28 विधायक एकजुट रहे, और उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया, लेकिन जो तीन विधायक हरियाणा में ही रूक गए थे उनकी वजह से पासा पलट गया।
हरियाणा कांग्रेस के 28 विधायकों को सीएम भूपेश बघेल की निगरानी में नवा रायपुर के महंगे रिसार्ट में रखा गया था। इन विधायकों की सेंधमारी की काफी कोशिशें भी हुई थी, लेकिन भूपेश बघेल, और उनके साथी मंत्री रविन्द्र चौबे, मोहम्मद अकबर के अलावा कांग्रेस पदाधिकारी रामगोपाल अग्रवाल व गिरीश देवांगन विधायकों पर नजर रखे हुए थे।
सरकार के दोनों मंत्री चौबे, और अकबर रोज विधायकों के साथ बैठक करते थे। उन्हें वोटिंग की भी ट्रेनिंग दी गई थी। चर्चा तो यह भी है कि निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा के करीबी लोग रायपुर में रखे गए विधायकों से संपर्क साधने की कोशिश करते रहे। एक-दो विधायकों के परिजनों को भी साध लिया गया था, लेकिन उन तक पहुंचने में सफल नहीं रहे।
सीएम भूपेश बघेल खुद विधायकों के साथ दिल्ली गए, और वहां से फिर चंडीगढ़ रवाना हुए। बताते हैं कि दिल्ली में हरियाणवी परम्परा के मुताबिक सभी 28 विधायकों को लोटा नमक की शपथ दिलाई गई। लोटा नमक की शपथ का आशय यह होता है कि कोई समूह या खाप, किसी निर्णय के प्रति एकजुट रहने की प्रतिबद्धता दिखाते हैं। इन विधायकों ने शपथ के मुताबिक अपनी पार्टी के प्रत्याशी का साथ निभाया। लेकिन तीन विधायक कुलदीप विश्नोई, किरण चौधरी, और वीवी बत्रा जो कि अलग थे। उनके रूप पर निगाहें टिकी हुई थी। कुलदीप ने तो संकेत दे दिए थे कि वो कांग्रेस प्रत्याशी को वोट नहीं करेंगे। जबकि बत्रा के वोट रिजेक्ट हो गए।
अजय माकन, और कार्तिकेय शर्मा को बराबर वोट मिले, लेकिन दूसरी वरीयता के वोटों के आधार पर भाजपा के सहयोग से कार्तिकेय शर्मा बाजी मार गए, और कांग्रेसजनों को झटका दे दिया।
अजय चंद्राकर का तंज
पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने राज्यसभा चुनाव के नतीजे पर ट्वीट किया है कि असम, उत्तरप्रदेश विधानसभा, और पंचायत चुनाव, अब हरियाणा...। बेचारे अजय माकन को छत्तीसगढ़ के तीन करोड़ जनता की आह लग गई।