राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 12 नवंबर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार 9 नवंबर को राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव के अंतर्गत जिला एवं तालुका स्तर पर स्कूलों में विधिक जागरूकता के तहत शिविरों का आयोजन किया गया। 9 नवम्बर राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के अवसर पर दिल्ली पब्लिक स्कूल, राजनांदगांव में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर में विशेष न्यायाधीश राजनांदगांव थॉमस एक्का द्वारा उपस्थित छात्रों को बताया गया कि जमीन-जायदाद आदि के विवादों को पारिवारिक स्तर पर समझौता हो सके तो उसका निपटारा कर लेना चाहिए। बहुत सी छोटी-छोटी बातों को लेकर भी लोग आपस में विवाद कर लड़ाई-झगड़ा कर लेते हैं। जिसके कारण उनके विरूद्ध आपराधिक मामलें दर्ज हो जाते हैं, ऐसी स्थित निर्मित न हो इसके लिए सभी को शांति से एवं भाईचारे की भावना से रहना चाहिए।
विशेष न्यायाधीश राजनांदगांव थॉमस एक्का ने अपने उद्बोधन में यह भी कहा कि ऐसे व्यक्ति जो निर्धन वर्ग के है, अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के हैं, महिलाओं को, न्यायालय में उनके मामलों मुकदमों को प्रस्तुत करने एवं उसके पैरवी कररने हेतु नि:शुल्क विधिक सहायात योजना के तहत अधिवक्ता की नियुक्त की जाती है।
शिविर में द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं न्यायाधीश श्रम न्यायालय राजनांदगांव दीपक के गुप्ता द्वारा उपस्थित छात्रों को मोटर दावा अधिनियम, नि:शुल्क विधिक सहायता, पोक्सो एक्ट एवं गुड टच-बैड टच, नि:शुल्क विधिक अधिवक्ता नियुक्ति एवं महिलाओं के अधिकार, जमीन वाद-विवाद के संबंध में संक्षिप्त जानकरी प्रदान करते कोर्ट में होने वाले प्रकरण की कार्यवाहियों से समस्त विद्यार्थियों एवं शिक्षकगण को अवगत कराया। साथ ही उपस्थित बच्चों को कानूनी जानकारी के साथ-साथ मौलिक कर्तव्यों की भी जानकारी प्रदान की गई। शिविर में बच्चों के द्वारा पूछे गए अन्य कानूनी प्रश्नों के संबंध में भी माननीय न्यायाधीशगण द्वारा छात्रों को जानकारी प्रदान की गई। इस अवसर पर स्कूल की प्राचार्य निर्मला सिंह, विकास जोशी, श्रीदेवी एवं अन्य शिक्षकगण उपस्थित थे। मंच संचालन स्कूल की छात्र-छात्राओं के द्वारा किया गया।