राजनांदगांव
वारदात के हफ्तेभर बाद भी शाम होते ही सडक़ों में सन्नाटा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 27 फरवरी। जिले के राजनांदगांव और गोंदिया जिले की सरहद पर पुलिस जवानों पर नक्सल हमले की घटना के सप्ताहभर बाद भी इलाके में डर का माहौल है। खासतौर पर रात की आवाजाही को लेकर ग्रामीण डरे और सहमे हुए हैं। बोरतलाव और चांद-सूरज गांव के ग्रामीणों में भय इस कदर व्याप्त है कि शाम ढलते ही सडक़ों में सन्नाटा पसरने लगा है।
20 फरवरी की सुबह राजनांदगांव पुलिस के दो जवानों पर नक्सलियों ने हमला बोल दिया था। जिसमें प्रधान आरक्षक राजेश सिंह और सीएएफ जवान ललित कुमार शहीद हो गए थे। टीसीओसी के दौरान नक्सलियों ने इस साल पहली वारदात की है। पुलिस के पास पुख्ता जानकारी में यह बात सामने आई है कि जवानों की आवाजाही को लेकर नक्सलियों को सूचनाएं मिल रही थी। मौका देखकर नक्सलियों ने हमला बोल दिया। इस घटना से पुलिस की खुफिया तंत्र की खामियां भी सामने आई है। बोरतलाव और चांद-सूरज गांव के बीच महज एक से डेढ़ किमी की दूरी है। यह रोड़ गोंदिया और राजनांदगांव की सरहद को जोडऩे वाला मुख्य रास्ता है। अलसुबह नक्सलियों के हमले की खबर से पुलिस हैरान है।
बताया जा रहा है कि वारदात के बाद नक्सली दोनों शहीद जवानों के मोबाईल भी लेकर भाग गए। वहीं पुलिस नक्सलियों का लोकेशन ढूंंढने में जुटी हुई है। पुलिस जंगलों में सर्च आपरेशन का दावा कर रही है। बताया जा रहा है कि नक्सली वारदात को अंजाम देने के लिए स्पेशल टीम बोरतलाव भेजी थी। घटना के बाद क्षेत्र में लोगों के बीच दहशत भी व्याप्त है।
उल्लेखनीय है कि गत् दिनों राजनांदगांव-गोंदिया बार्डर में स्थित बोरतलाव और महाराष्ट्र के चांद-सूरज गांव के पास एक नक्सल हमले में 2 जवान शहीद हो गए थे। शहीद जवानों में एक जिला पुलिस बल और दूसरा स्पेशल आम्र्स फोर्स (सीएएफ) का जवान था। नक्सलियों ने जिस जगह घटना को अंजाम दिया है वह गोंदिया-राजनांदगांव का एक प्रमुख मार्ग है।
बताया जा रहा है कि अवैध शराब तस्करी को रोकने के लिए पिछले कुछ महीनों से घटनास्थल के पास चेकिंग पाईंट बारी-बारी जवानों को तैनात किया जा रहा था। चांद-सूरज गांव को पुलिस रिकार्ड में नक्सलियों की आवाजाही का एक मुख्य क्षेत्र भी माना जाता है। बात साफ है कि इस वारदात को अंजाम देने से पहले नक्सलियों ने जवानों की गतिविधियों पर नजर जमाए रखा। पुलिस की गतिविधियों पर नक्सलियों ने घात लगाकर हमला करने मौके की तलाश में थे।
बताया जा रहा है कि लंबे समय बाद नक्सलियों ने बोरतलाव क्षेत्र में सुरक्षा बलों को निशाना बनाया। जबकि इस क्षेत्र में काफी समय से नक्सल गतिविधियों की जानकारी भी पुलिस को मिल रही थी। इस बीच नक्सलियों के वारदात के बाद गोंदिया और बालाघाट जिले की जंगलों में छुपे होने की अपुष्ट खबर है।