राजनांदगांव

नांदगांव से सौगात में मिली मदनवाड़ा इलाके की सड़कें हुई जमींदोज
20-Jun-2023 12:50 PM
नांदगांव से सौगात में मिली मदनवाड़ा इलाके की सड़कें हुई जमींदोज

नए जिले की चमचमाती सड़कें गड्ढों में तब्दील, घटिया निर्माण से अफसर-ठेकेदार घिरे

'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 20 जून।
राजनंादगांव से पृथक जिले  के रूप में अस्तित्व में आए मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी की चमचमाती सड़कें सालभर में ही जमींदोज हो गई है। राजनांदगांव जिले से सौगात के रूप में मिली बीहड़ क्षेत्रों की सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई है। आलम यह है कि सुगम आवाजाही का सुख मिलने की उम्मीद पाले अंदरूनी इलाकों के बाशिंदे उबड़-खाबड़ रास्तों से सफर तय कर रहे हैं। मदनवाड़ा जैसे धूर नक्सल क्षेत्र में पुलिस की कड़ी निगरानी में बनी सड़कें पूरी तरह से खराब हो गई है। सड़क निर्माण के लिए जवानों की शहादत भी महकमे को झेलनी पड़ी थी। प्रधानमंत्री सड़क योजना और अन्य योजना से तैयार सड़कें सालभर भी टिक नहीं पाई। मदनवाड़ा और औंधी क्षेत्र में हुए घटिया सड़क निर्माण पर अफसर और ठेकेदारों को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

सीतागांव से मदनवाड़ा के बीच बनी लगभग 9 किमी की सड़क की चमक गायब हो गई है। नक्सलियों के भय के बीच पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स आईटीबीपी के जवानों ने दिन-रात पहरा बिठाकर सड़क का निर्माण पूर्ण कराया था। सड़क विभाग के अफसरों ने जवानों की मेहनत पर पानी फेरते हुए घटिया निर्माण की। ठेकेदार के साथ मिलकर अफसरों ने गुणवत्ताविहीन सड़क का निर्माण किया। माना जा रहा था कि मदनवाड़ा-सीतागांव के अलावा मानपुर से मदनवाड़ा के बीच बनी सड़क विकास के लिहाज से मील का पत्थर साबित होगी। नक्सलियों के खौफ के आड़ में अफसरों ने जमकर चांदी काटी। सहपाल, बसेली से होकर मदनवाड़ा पहुंच मार्ग भी उबड़-खाबड़ मार्ग में बदल गया है। बताया जा रहा है कि नक्सलियों के आमदरफ्त पर लगाम कसने के लिए सड़कों के जरिये प्रशासन गांव तक पहुंचा। सड़क पहुंचने से विकास के रास्ते भी खुले, लेकिन अब सड़कें सालभर के भीतर जर्जर हो गई है।

राजनांदगांव जिले से अलग हुए एमएमसी जिले के भीतरी इलाकों में सड़कों का जाल फैलने के बावजूद  मेंटनेंस को लेकर ठेकेदार और अफसरों का ध्यान नहीं है। सुरक्षा के लिहाज से सड़कों को बेहतर बनाने का प्रयास किया गया था, लेकिन प्रशासनिक मशीनरी  ने लोगों की तकलीफों को और बढ़ा दिया है। इस संबंध में एमएमसी कलेक्टर एस. जयवर्धन ने 'छत्तीसगढ़' से कहा कि मेन्टेनेंस अवधि होने की स्थिति में ठेकेदार से मरम्मत करने विभाग के जरिये निर्देशित किया जाएगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।

 

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