राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 जून। शासन द्वारा आकाशीय बिजली से बचाव के संबंध में आवश्यक उपाय एवं परामर्श जारी किया गया है। भारत में बिजली की चमक प्री-मानसून सीजन के दौरान और दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान तीव्र आंधी और बिजली के साथ शुरू होती है। बिजली आमतौर पर दिन के दूसरे पहर के दौरान विशेष रूप से देर दोपहर या शाम को गिरती है। जिसके आवश्यक प्रबंधन के लिए उचित उपाय करने की सलाह दी गई है।
शासन द्वारा अधिकारियों को एक सुनियोजित संचार रणनीति के आधार पर जागरूकता अभियान चलाने तथा जिले और स्थानीय स्तर पर आईईसी गतिविधियों की योजना बनाने कहा गया है। स्थानीय अधिकारी, प्रभावित आबादी से अपनी निकटता के कारण संदेशों के अंतिम छोर तक पहुँच को सुनिश्चित करने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में होते हैं। जिसके लिए अधिकारी दामिनी जैसे बिजली की पूर्व चेतावनी मोबाइल ऐप्स को बढ़ावा दें।
समाज के कमजोर और संवेदनशील वर्गों कृषि श्रमिकों, महिलाओं, बच्चों, गरीब बुजुर्गों और अलग-अलग दिव्यांगों के लिए सुरक्षा युक्तियों और क्या करें और क्या न करें की विशेष सूची बनाएं। पशु और पशुधन सुरक्षा के लिए क्या करें और क्या न करें की अलग सूची भी बनाएं। क्या करें और क्या न करें का स्थानीय भाषा में प्रचार-प्रसार करें। नियमित पारस्परिक संचार गतिविधियों का संचालन करें, संवेदनशील आबादी को उनकी स्थानीय भाषा में सुरक्षा युक्तियों का प्रदर्शन करें, बड़े पैमाने पर आईईसी उपकरणों और सामग्री फ्लायर्स, कैलेंडर, कॉमिक बुक का उपयोग करें। आरडब्ल्यूए, नगरीय निकायों, पंचायती राज संस्थानों, आंगनबाडिय़ों, स्थानीय समुदायों को मजबूत करें और शामिल करें।
बैनर, पोस्टर, होर्डिंग आदि का उपयोग करके घर-घर अभियान चलाएं, दिव्यांगों के लिए विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें, आकाशीय बिजली से पीडि़तों के लिए आवश्यक उपचार सामग्री की व्यवस्था करें और जरूरत पडऩे पर पीडि़तों को अस्पताल भेजने की व्यवस्था करें।