राजनांदगांव
मध्यम वर्गीय पर महंगाई की मार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 3 अगस्त। टमाटर के दाम सुनकर लोगों के चेहरे लाल हो रहे हैं। आलम यह है कि सेब की कीमत से भी ज्यादा टमाटर के भाव सिर पर है। तकरीबन एक माह से निरंतर टमाटर के कीमतें उछाल मार रही है। टमाटर की खरीददारी करने के लिए मध्यम वर्गीय परिवार को सोंचना पड़ रहा है। महंगाई की मार झेल रहे मध्यम वर्ग को टमाटर की कीमतें चुभ रही है। टमाटर अपने ऐतिहासिक ऊंचे दाम पर है। किचन में टमाटर की कमी गृहणियों को खल रही है। बाजार में 250 रुपए की कीमत पर टमाटर पहुंच गया है। टमाटर की खरीदी के लिए अच्छे-अच्छे लोगों के पसीने छूट रहे हैं। फुटकर बाजार में टमाटर की आवक घटने से भाव बिगड़ गया है। आम दिनों में टमाटर 10 से 15 रुपए प्रति किलो बिकता रहा है। बारिश के सीजन में एकाएक आवक घटने से टमाटर का भाव टमाटर का भाव 200 रुपए पार कर गया है। इधर दूसरी सब्जियां भी महंगे दाम पर बिक रही है।
औसतन हर सब्जी 20 से 40 रुपए प्रति पाव तक पहुंच गया है। बरबट्टी और करेला लगभग 80-90 रुपए किलो पहुंच गया है। कद्दू और लौकी की कीमतें भी दूसरी सब्जियों की तरह बढ़ते क्रम में है। आलू और प्याज का दाम भी धीरे-धीरे गति पकड़ रहा है। प्याज 25 रुपए प्रतिकिलो तक बेचा जा रहा है। बताया जा रहा है कि लोकल बाडिय़ों की आवक कम होने से सब्जियों के दाम अचानक उछाल आया है। बाजार में मौसमी सब्जियों की आवक अभी नाममात्र है। दीगर प्रांतों से पहुंची सब्जियां ही काफी महंगे दर पर बिक रही है। इस बीच किचन में सब्जियां गिनती की ही पहुंच रही है। इसका असर सीधे थाली पर पड़ रहा है। थालियों से कई सब्जियां गायब हो गई है। हरी चटनी का स्वाद भी महंगाई के कारण थाली से नदारद है। हरी मिर्च और धनिया पत्ती बेभाव तरीके से बिक रही है। यही कारण है कि लोगों को हरी चटनी खाने के लिए भी लोगों को सोंचना पड़ रहा है। फिलहाल फुटकर सब्जी बाजार में हर तरकारी के दाम बढ़े हुए हैं। टमाटर की कीमतें घटने का नाम नहीं ले रही है। वहीं दूसरी सब्जियों के दाम भी छलांग लगा रहा है।