रायपुर
गुढिय़ारी स्टोर डिपो में लगी आगजनी की जांच रिपोर्ट आज कल में
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 अप्रैल। करीब 25 दिनों बाद भी विद्युत कंपनी के गुढिय़ारी स्टोर डिपो में लगी आगजनी की जांच पूरी नहीं हो पाई है। जांच दल एक बार फिर समय बढ़ाने की मांग कर सकता है ।
बीते 5अप्रैल को दोपहर, प्रदेश के सबसे बड़े स्टोर डिपो में भयंकर आग लग गई थी। इसमें डिपो में रखे चार हजार ट्रांसफॉर्मर और कंडक्टर समेत बिजली के कई अन्य सामान जलकर खाक हो गए थे। विद्युत कंपनी के अध्यक्ष दयानंद पी ने ईडी भीम सिंह के नेतृत्व में जांच दल गठित कर 7 दिन में आगजनी के कारण, नुकसान की रिपोर्ट मांगी थी। पहले तीन दिन शनिवार रविवार अवकाश की वजह से टीम को जांच देर से शुरू करना पड़ा। शेष 4 दिनों में जांच पूरी न होने पर टीम सी मांग पर कंपनी ने जांच अवधि 15 दिन बढ़ाई। इसके मुताबिक रिपोर्ट 29 अप्रैल को सौंपनी थी। आज जांच दल के दो वरिष्ठ सदस्यों ने बताया कि रिपोर्ट पर काम चल रहा है। यह मामूली टाइप की जांच नहीं है। कई पहलु पर जांच चल रही है। हमारी कोशिश है कि आज रिपोर्ट सौंप दें। टीम अपनी रिपोर्ट एमडी डिस्ट्रीब्यूशन के जीएम मान संसाधन को सौंपा जाना है ।
वैसे प्राइमाफेसी यह आग शार्ट सर्किट से होने और आगजनी के बाद हुए फौरी आंकलन के मुताबिक 4हजार ट्रांसफॉर्मर और कंडक्टर का नुकसान हुआ है।
विद्युत कंपनी के एक बयान के मुताबिक
भंडार गृह लगभग 8 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला है। यहां पर खुले में नये, पुराने-कंडम हर तरह के ट्रांसफार्मर रखे जाते हैं। इसके साथ ही मीटर, केबल, ऑयल, कंडक्टर आदि सामान रहता है। भंडार में रखी सामग्री का रिकॉर्ड वहां स्थित कार्यालय भवन के अलावा सर्वर में भी रहता हैं। जांच समिति द्वारा घटना के पहले का रिकॉर्ड मंगवाया गया है। वहीं सर्वर के रिकॉर्ड से मिलान के बाद भौतिक मूल्यांकन करने की बात कही गई है। घटनास्थल पर मौजूद कुछ कागजी दस्तावेज, कुछ रजिस्टर आदि जले है लेकिन उससे भंडार के भौतिक सत्यापन में कोई विशेष बाधा नहीं आई है। तेजी से बचाव के कारण 90 से अधिक ट्रांसफार्मर सहित बहुत सा महंगा सामान बच गया है, जिसे उपयोग में लाया जा सकता है। इसके अलावा पुलिस द्वारा भी आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। यह सब देखते हुए जांच समिति द्वारा 15 दिन के अतिरिक्त समय की मांग की गई है। घटना से हुये वास्तविक नुकसान का आकलन जांच समिति की रिपोर्ट के आने के बाद ही किया जा सकेगा।
जांच इन बिन्दुओं पर
आग लगने के कारणों के संबंध में, उक्त दुर्घटना हेतु जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी/ऐजेंसी के संबंध में, उक्त दुर्घटना से कंपनी को वित्तीय एवं भौतिक रूप से हुई क्षति के संबंध में, भंडार गृह के संचालन हेतु वैकल्पिक व्यवस्था के संबंध में सुझाव, भविष्य में इस प्रकार की एवं अन्य दुर्घटनाओं के रोकथाम के लिए सुझाव समिति देगी।