बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 10 मई। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर द्वारा कक्षा 10वीं एवं कक्षा 12वीं का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया है। बेमेतरा जिले से ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल की कक्षा 10वीं की छात्रा श्रेजल धुर्वे ने 97.33 प्रतिशत अंकों के साथ राज्य में नौवा एवं जिले में पहला स्थान प्राप्त किया है।
कलेक्टर शर्मा ने श्रेजल धुर्वे को जिले का नाम रोशन करने के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया और बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कलेक्टर ने कहा कि यह स्टूडेंट्स के उत्कृष्ट शिक्षा परिणाम का प्रमुख उदाहरण है और राज्य के शैक्षिक संगठनों के लिए प्रेरणास्पद है।
श्रेजल धुर्वे बेमेतरा ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल की छात्रा हंै। पिता का नाम संतोष धुर्वे जो की उमरिया मिडिल स्कूल में शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं और इनकी माता का नाम युगेश्वरी धुर्वे हैं जो ग्राम पंचायत ओडिय़ा शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल में व्याख्याता के पद पर हैं।
कलेक्टर शर्मा ने जिले के सभी उत्तीर्ण विद्यार्थियों को हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी परीक्षा में सफल होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। उन्होंने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त कर बच्चों ने जिले का नाम गौरवान्वित किया है। आगे भी इसी तरह सफलता के नये आयाम प्राप्त करें। जिला शिक्षा अधिकारी कमल कपूर ने भी बच्चों को हार्दिक बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल का गौरव
श्रेजल ध्ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल कक्षा 10 की छात्रा, ने छत्तीसगढ़ 10वीं बोर्ड परीक्षा में बड़ी सफलता प्राप्त की है। श्रेजल ने हमारे स्कूल में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है और 97.33 फीसदी के उत्कृष्ट स्कोर के साथ छत्तीसगढ़ राज्य मेरिट सूची में 9वां स्थान प्राप्त किया है।
यह उपलब्धि न केवल श्रेजल के समर्पण और मेहनत का परिणाम है बल्कि यह ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल में शिक्षा की उत्कृष्टता को भी प्रकट करता है। श्रेजल की सफलता ने हमारे स्कूल ही नहीं, बल्कि पूरे बेमेतरा जिले को गौरवान्वित किया है।
श्रेजल बेमेतरा जिले से राज्य मेधा सूची में स्थान प्राप्त करने वाली एकमात्र छात्रा है। सम्पूर्ण स्कूल प्रबंधन, शिक्षक और कर्मचारियों की ओर से श्रेजल को इस उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई दी गई।
प्रोफेसर बनना चाहती हूँ -श्रेजल
छात्रा श्रेजल ने कक्षा 11वीं में बायो लेकर पढऩे की इच्छा जाहिर की। उसने कहा कि वह भविष्य में पीएससी कर प्रोफेसर बनना चाहती है। शिक्षक व प्रोफेसर की तरह पढ़ाना उसे पसंद है। अपनी उपलब्धि पर कहती है कि माता-पिता ने पढ़ाई में ध्यान दिया। मां ने तो बाकायदा उसे घर में पढ़ाया। शिक्षकों ने लगातार मार्गदर्शन दिया, जिसकी वजह से सफल हो पाई।
तैयारी को लेकर बताया कि वह परीक्षा के 50 दिन पूर्व से ही सुबह 4 बजे उठकर पढऩे लगी। करीब 5 से 6 घंटे तक पढ़ाई की। इस दौरान टीवी ,मोबाइल व अन्य मनोरंजन से दूर रही। बस अखबार पढ़ लेती थी। अपना आदर्श बाबा साहब को मानती है। स्कूल प्रबंधन की ओर से अलका तिवारी ने छात्रा को 21 हजार रुपए की स्कॉलरशिप देने की घोषणा की।