रायगढ़

जिला जेल में दी जाने वाली दवाओं पर उठे सवाल
06-Oct-2024 10:02 PM
जिला जेल में दी जाने वाली दवाओं पर उठे सवाल

  समाजसेवी ने दी सफाई, जेलर ने भी कहा गुणवत्ता सही  

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायगढ़, 6 अक्टूबर। जिला मुख्यालय स्थित जिला जेल पर बीमार कैदियों व विचाराधीन बंदियों को दी जाने वाली दवाओं को लेकर एक समाजसेवी संस्था के प्रमुख ने गुणवत्ता पर सवाल उठाये और यह वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है जिसमें रोटरी क्लब के संस्थापक सदस्य पुरूषोत्तम अग्रवाल ने पत्रकारों को यह कह दिया कि जिला जेल के भीतर बीमार विचाराधीन बंदियों व कैदियों को जो दवाएं दी जाती है वो गुणवत्ता विहीन होती है, और ऐसे में उनसे लिखित तौर पर जिला जेल की तरफ से अच्छी क्वालिटी की दवाओं की मांग की गई थी।

तब उन्होंने लगभग 27 हजार की दवा जिला जेल में कैदियों व विचाराधीन बंदियों के इलाज के लिये भेजी थी। लेकिन उन्होंने कहा कि जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें कहीं भी न तो दवाओं पर उन्होंने सवाल उठायें है और न ही ऐसा कुछ कहा है। अब इस मामले में जिला जेल अधीक्षक ने भी कह दिया कि सरकारी दवाएं नियमानुसार जेल में आती है और अभी तक उनकी गुणवत्ता पर कोई प्रश्न नहीं उठा है।

जिला जेल के भीतर बने अस्पताल के भीतर बीमार होने वाले बंदियों व कैदियों को दी जाने वाली दवाओं पर एक समाजसेवी संस्था के प्रमुख द्वारा उठाये गए सवाल वाले वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद जिला जेल के अधीक्षक ने कहा कि जिला जेल के भीतर जो दवाएं बीमार बंदियों को दी जाती है वह शासन के निर्देशानुसार सप्लाई होती है साथ ही साथ सभी दवाएं रेडक्रास की तरफ से भेजी जाती है, और उनके गुणवत्ता पर आज तक सवाल नहीं उठाये गए हैं। कुछ सामाजसेवी संस्था समय-समय पर सहयोग जरूर करती हैं लेकिन दी जाने वाली दवाओं पर जेल की तरफ से कोई गुणवत्ता संबंधी सवाल नहीं उठाये गए हैं।

जिस समाजसेवी संस्था के प्रमुख का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है वो अब अपने बोले गए शब्दों को लेकर यह कह रहे हैं कि उन्होंने जेल में दी जाने वाली दवाओं पर कोई सवाल नही उठायें है, बल्कि उन्होंने वहां से आये डाक्टर के पत्र के आधार पर महंगी दवाईयां जिसको खाने से बीमार बंदी या कैदी ठीक हो जाते हैं वो भेजी थी और उन्होंने जो कहा है वह डांडिया के लिये ली गई प्रेस वार्ता में पत्रकारों के सवाल पर कहा था। उसमें कहीं भी जेल में दी जाने वाली दवाओं पर न तो सवाल उठायें है और न ही उनकी गुणवत्ता के बारे में कुछ कहा है। पहले आप पत्रकार वार्ता के दौरान समाजसेवी संस्था के प्रमुख का वो वीडियो सुने जिसमें उन्होंने दवाओं पर सवाल उठाये थे और अब उनकी सफाई।

बहरहाल ऐसा पहली बार हुआ है जब लगातार समाजसेवा के माध्यम से जेल के भीतर पानी से लेकर अन्य सुविधा देने वाले समाजसेवी की बात को तूल देकर बवाल बचा दिया गया।  

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