रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 फरवरी। राजधानी रायपुर समेत गरियाबंद, देवभोग, रािजम व तिल्दा न्यायालय में कल लोक अदालत शिविर लगाया गया। इस दौरान 134 मामलों का निराकरण किया गया।
जिला न्यायाधीश, प्राधिकरण अध्यक्ष राम कुमार तिवारी के मार्गदर्शन में कोरोना नियमों का पालन करते हुए वृहद लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस दौरान रायपुर न्यायालय अंतर्गत 12 खण्डपीठों एवं तहसील न्यायालय में 5 खंडपीठों का गठन किया गया। रायपुर के साथ साथ गरियाबंद, तिल्दा, देवभोग एवं राजिम के न्यायालयों/खण्डपीठों में में भी मामलों की सुनवाई हुई। कुल 134 मामलों में अवार्ड राशि कुल 5 करोड़ 20 लाख 94 हजार 925 प्रदान किया गया।
इनमें आपराधिक राजीनामा के 43, चेक बाउंस के 60, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के 14, सिविल के 5 मामलों का निराकरण किया गया। बाकी 3 अन्य न्यायालयीन सहित 9 विवाद पूर्व (प्री-लिटिगेशन) मामले भी निराकृत किए गए। इनमें से कई मामले लंबे समय से लंबित थे। अदालत में कई मामलों में पक्षकारों ने आपसी राजीनामा से अपने मामलों का निराकरण कराया और अपने बीच आपसी बैर और विवाद को हमेशा के लिए समाप्त कर लिया।
लोक अदालत में अपर जिला न्यायाधीश सुरेश जून, सरिता दास एवं राजेन्द्र कुमार वर्मा व न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ.सुमीत कुमार सोनी, जनक कुमार हिडको, गिरिवर सिंह राजपूत, कु. प्रीति नागवंशी, राहुल सर्राफ दीपक कुमार शर्मा, कु. चेतना ठाकुर, आशीष भगत एवं वीरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने मामलों की सुनवाई की।
नेशनल लोक अदालत 10 अपै्रल को
बताया गया कि सभी मामलों पर आगामी लोक अदालत ‘नेशनल लोक अदालत’ के रूप में 10 अपै्रल शनिवार को जिला न्यायालय रायपुर सहित अधीनस्थ न्यायालय गरियाबंद, देवभोग, राजिम व तिल्दा में आयोजित की जाएगी।