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भारत के श्रम बाजार में प्रवेश कर रहे लाखों युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाएं बहुत कमजोर नजर आ रही हैं. एक नई रिपोर्ट ने युवाओं में बढ़ रही बेरोजगारी पर रोशनी डाली है.
डॉयचे वैले पर मुरली कृष्णन की रिपोर्ट-
जगदीश पाल उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर से हैं और गणित में स्नातक हैं. 21 साल के जगदीश ने 2023 में एक निम्न श्रेणी की सरकारी नौकरी के लिए आवेदन किया था. इस पद के लिए भी प्रतिस्पर्धा चरम पर थी. जगदीश पाल इस पद के लिए आवेदन करने वाले उन 75 हजार से ज्यादा लोगों में थे, जिनमें से कई के पास स्नातकोत्तर डिग्री थी और वो भी इस नौकरी को पाने की उम्मीद कर रहे थे. डीडब्ल्यू से बातचीत में जगदीश पाल कहते हैं, "मुझे पता था कि मैं नौकरी के लिए जरूरी योग्यता से कहीं ज्यादा योग्य हूं, लेकिन फिलहाल मेरे पास कोई नौकरी नहीं है. इसलिए मैंने आवेदन किया है."
भारत में कई युवा खुद को ऐसी ही स्थिति में पा रहे हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है. साल 2023 की चौथी तिमाही के दौरान इसमें 8.4 फीसदी वृद्धि हुई. लेकिन अर्थव्यवस्था में होने वाली यह वृद्धि उन लाखों युवाओं के लिए पर्याप्त नौकरियां पैदा करने में संघर्ष कर रही है, जो हर साल श्रम बाजार में प्रवेश कर रहे हैं.
इस समस्या का एक कारण यह है कि पिछले कुछ दशकों में अधिकांश वृद्धि भारत के सेवा क्षेत्र के विस्तार की वजह से हुई है, जो कि विनिर्माण क्षेत्र की तुलना में उतने रोजगार नहीं पैदा कर पाती है. इंग्लैंड के बाथ विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर डेवलपमेंट स्टडीज के विजिटिंग प्रोफेसर संतोष मेहरोत्रा ने डीडब्ल्यू को बताया, "समावेशी विकास के लिए जरूरी है कि तेजी से नौकरियां न सिर्फ उन्हें मिलें, जो वेतन और कौशल वितरण के शीर्ष पर हैं, बल्कि उन्हें भी मिलें जो सबसे निचले स्तर पर हैं."
स्नातक भी बड़ी संख्या में बेरोजगार हैं
भारत में बेरोजगारी हर तरफ है. यहां तक कि कॉलेज ग्रेजुएट्स भी बड़ी संख्या में बेरोजगार हैं. हालांकि, कृषि और निर्माण क्षेत्र में नौकरियां काफी हैं, लेकिन इन क्षेत्रों में उतने कुशल श्रमिक नहीं मिल पा रहे हैं जितनी उम्मीद की जाती है. यही वजह कि नव शिक्षित वर्ग श्रम क्षेत्र की मांगों को पूरा नहीं कर पा रहा है. यानी, उन क्षेत्रों में नौकरियां भी हैं और नौकरी चाहने वाले भी, लेकिन काम के हिसाब से योग्यता और कौशल की कमी है.
हाल ही में इंस्टिट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट और इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन ने 'इंडिया एम्प्लॉयमेंट रिपोर्ट 2024' जारी किया है. यह रिपोर्ट भी भारत में रोजगार की स्थिति को बहुत गंभीर रूप में पेश करती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में जो बेरोजगार कार्यबल है, उनमें लगभग 83 फीसद युवा हैं.
कुल बेरोजगार भारतीयों में माध्यमिक या उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं की हिस्सेदारी साल 2000 में जहां 35.2 फीसद थी, वो साल 2022 में लगभग दोगुनी यानी 65.7 फीसद हो गई है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है, "भारत में युवा बेरोजगारी दर अब वैश्विक स्तर से कहीं ज्यादा है. भारतीय अर्थव्यवस्था नए शिक्षित युवाओं के लिए गैर-कृषि क्षेत्रों में पर्याप्त रोजगार पैदा करने में सक्षम नहीं है, जो बढ़ती बेरोजगारी दर में दिखता है."
एक बड़ा चुनावी मुद्दा
भारत में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. 19 अप्रैल से शुरू होकर छह हफ्ते तक, सात चरणों में चुनाव होने वाले हैं. जाहिर है, युवाओं में इतनी ज्यादा बेरोजगारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए एक बड़ी परेशानी है. मोदी प्रशासन ने अर्थव्यवस्था के प्रबंधन को अपने अभियान का मुख्य हिस्सा बनाया है.
पिछले तीन वर्षों में सरकार ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और रोजगार पैदा करने के तौर पर सड़कों, पुलों और अन्य बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाया है. इन तमाम प्रयासों के बावजूद, युवाओं के लिए रोजगार सृजन अपर्याप्त है जो कि आईएचडी/आईएलओ की रिपोर्ट से पता चल रहा है. डीडब्ल्यू से बातचीत में अर्थशास्त्री अरुण कुमार कहते हैं, "बेरोजगारी एक बहुआयामी समस्या है. विभिन्न मोर्चों पर नीतिगत कार्रवाई की जरूरत है. यह मूल रूप से एक आर्थिक पक्ष है, लेकिन इसके कई सामाजिक और राजनीतिक आयाम भी हैं."
अरुण कुमार आगे कहते हैं, "पिछले तीन दशक में शिक्षा के प्रसार के साथ-साथ भारतीय कार्यबल ज्यादा शिक्षित हुआ है, लेकिन उनके लिए नौकरियां ज्यादा नहीं बढ़ी हैं. यही कारण है कि शिक्षित युवाओं के लिए बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा बन गई है."
विपक्षी दलों ने इस समस्या के लिए मोदी प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मोदी सरकार की इस उदासीनता का खामियाजा हमारे युवाओं को भुगतना पड़ रहा है...आईएलओ और आईएचडी की रिपोर्ट निर्णायक रूप से कहती है कि भारत में बेरोजगारी की समस्या गंभीर है."
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, विपक्ष बेरोजगारी को एक प्रमुख मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है और इसके खिलाफ अभियान चलाने की कोशिश में लगा है. भारत जैसे बड़ी युवा आबादी वाले देश में जहां 65 फीसद भारतीयों की उम्र 35 वर्ष से कम होने का अनुमान है, वहां निश्चित तौर पर बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है.
महिलाओं पर क्या असर है?
नौकरियों का संकट महिलाओं को खासतौर पर प्रभावित करता है. आईएलओ और आईएचडी की रिपोर्ट में बताया गया है कि शिक्षित बेरोजगार युवाओं में पुरुषों (62.2%) की तुलना में महिलाओं की हिस्सेदारी कहीं ज्यादा (76.7%) है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत उन देशों में से एक है जहां महिला श्रम बल भागीदारी दर दुनिया में सबसे कम, करीब 25 फीसदी है.
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी की वरिष्ठ अर्थशास्त्री लेखा चक्रवर्ती कहती हैं कि भारत में शिक्षितों, खासकर महिलाओं के बीच बेरोजगारी एक महत्वपूर्ण समस्या है. वह बताती हैं, "यह तीन कारणों से है- व्यापक 'केयर इकोनॉमी' वाली बुनियादी ढांचे की नीतियों की कमी, कठोर सामाजिक मानदंड और पर्याप्त कौशल की कमी. यदि हम व्यापक आर्थिक नीतियों में केयर इकोनॉमी को शामिल करते हैं, तो देश के समग्र आर्थिक हितों में वृद्धि होगी. महिलाओं और हाशिए पर मौजूद सामाजिक समूहों के विरुद्ध श्रम बाजार में भेदभाव जैसे मामलों को दुरुस्त करने के लिए ठोस उपायों की जरूरत है." (dw.com)
चुनाव से चंद हफ्ते पहले भ्रष्टाचार के आरोपों पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी ने विपक्ष में नई जान फूंक दी है. विपक्ष ने बीजेपी पर "सरकारी एजेंसियों का हथियार की तरह इस्तेमाल" करने का आरोप लगाया है.
डॉयचे वैले पर मुरली कृष्णन की रिपोर्ट-
विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थन में खड़ा हो गया है. भ्रष्टाचार के मामले में अदालत ने उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजा है. दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़े आरोपों को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के अन्य नेताओं के अलावा पार्टी प्रमुख केजरीवाल को मार्च में गिरफ्तार किया गया था.
भारत में आम चुनाव 19 अप्रैल से 1 जून तक चलेंगे. इसके लिए पार्टियों का चुनावी अभियान जोरों पर चल रहा था कि केजरीवाल गिरफ्तार कर लिए गए. आप का कहना है कि केजरीवाल पर लगे आरोप, बीजेपी के विरोधियों को कुचलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राजनीति प्रेरित हथकंडा है.
मोदी के खिलाफ एकजुट विपक्ष
फरवरी में आप ने इंडिया गठबंधन में शामिल होने का फैसला किया था. इंडिया ब्लॉक की अगुवाई भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस कर रही है, जो चुनावों में बीजेपी को एक विश्वसनीय चुनौती देने को तत्पर है.
गठबंधन में दर्जनों राजनीतिक दल शामिल हैं, लेकिन आप और कांग्रेस का दबदबा सबसे ज्यादा है. पिछले दिनों नई दिल्ली में हुई 'लोकतंत्र बचाओ' रैली में विपक्षी नेताओं ने नरेंद्र मोदी पर भारत की संघीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इल्जाम लगाया कि बीजेपी चुनावों को अपने पक्ष में फिक्स करने की कोशिश कर रही है.
राहुल गांधी ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन चुनावों में मैच फिक्सिंग की कोशिश कर रहे हैं. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों, मैच फिक्सिंग, सोशल मीडिया और प्रेस पर दबाव डाले बिना वो 180 से ज्यादा सीटें जीत ही नहीं सकते."
राजनीतिविज्ञानी जोया हसन के मुताबिक, रैली से पता चलता है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी ने किस तरह विपक्षी पार्टियों में नई ऊर्जा भर दी है. उन्होंने डीडब्ल्यू से कहा, "सवाल उस आबकारी नीति की खासियतों या गुणों का नहीं है, जिसकी वजह से केजरीवाल गिरफ्तार किए गए. ऐन चुनावों के वक्त उनकी गिरफ्तारी की टाइमिंग राजनीतिक प्रक्रिया को नष्ट और समान भागीदारी के अवसर को ध्वस्त कर देती है."
विपक्ष कर पाएगा मतदाताओं को लामबंद ?
विपक्षी दलों के लिए बड़ा सवाल यह है कि केजरीवाल का मामला मतदाताओं में सहानुभूति जगाएगा या नहीं. केजरीवाल की भूमिका की तुलना अमेरिका में गर्वनर से की जा सकती है या जर्मनी में किसी प्रांत के प्रीमियर (प्रधानमंत्री) से. दिल्ली महानगर भारत के उन चुनिंदा हिस्सों में से है, जहां मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी बीजेपी को बढ़त हासिल नहीं है.
पिछले दशक से मतदाताओं ने विधानसभा चुनावों में आप का समर्थन किया है. वे केजरीवाल की कल्याणकारी राजनीति पसंद करते हैं, जिसके तहत आप की सरकार ने अच्छी गुणवत्ता वाले सरकारी स्कूलों, परिष्कृत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली और मुफ्त बिजली का वादा किया है. हालांकि, संसदीय चुनावों में आप का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा.
एक वरिष्ठ आप नेता ने डीडब्ल्यू से कहा, "ये हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी संसदीय चुनावों में हमें फायदा ही पहुंचाएगी. किसी कारणवश केजरीवाल चुनाव प्रचार न कर पाए, तो हम लोगों के बीच जाकर ये बताएंगे कि बीजेपी किस तरह राजनीतिक मैदान से विपक्ष को बाहर रखना चाहती है."
2019 के चुनावों में बीजेपी ने लोकसभा की 543 में से 303 सीटें जीती थीं. उसे यकीन है कि 2024 में भी उसी की सरकार बनेगी. 1 अप्रैल को राजस्थान की एक चुनावी रैली में मोदी ने कहा, "ये चुनाव भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए है. ये पहला चुनाव है, जिसमें तमाम भ्रष्ट व्यक्ति भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई को रोकने के लिए एक साथ आ गए हैं."
बीजेपी प्रवक्ता शाजिया इल्मी ने डीडब्ल्यू को बताया, "इंडिया ब्लॉक की इस दिखावटी एकजुटता में कोई जोर नहीं, खासतौर पर जबकि पश्चिम बंगाल, केरल और पंजाब जैसे राज्यों में उनके बीच एकता नहीं है. बीजेपी लोगों की पहली और विश्वसनीय पसंद है."
बीजेपी का गलत कार्रवाई से इंकार
दिल्ली स्थित पब्लिक पॉलिसी की जानकार यामिनी अय्यर ने डीडब्ल्यू को बताया कि "विपक्षी नेताओं को असंगत ढंग से निशाना बनाने और विरोध को आपराधिक बना देने के लिए" बीजेपी जांच एजेंसियो, टैक्स कानूनों, देशद्रोह कानूनों, आतंक निरोधी कानूनों और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) की विदेशी फंडिंग को रेगुलेट करने वाले कानूनों को "व्यवस्थागत ढंग से हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है." वह आगे कहती हैं, "इसकी सबसे खुल्लमखुल्ला मिसाल लोकप्रिय विपक्षी नेता केजरीवाल की गिरफ्तारी है."
इनमें से एक जांच संस्था प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) है, जो बड़े स्तर के आर्थिक अपराधों की जांच करने वाली संघीय एजेंसी है. सार्वजनिक रूप से बीजेपी इस मामले पर हमलावर है. केजरीवाल के खिलाफ किसी राजनीतिक एजेंडा से भी उसने इंकार किया है. पार्टी का मानना है कि ईडी पूरी तरह से स्वतंत्र है और ये एजेंसियां सरकार से अलग हैं और महज भ्रष्टाचार मिटाने का अपना काम कर रही है.
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने डीडब्ल्यू को बताया, "ये मुद्दा प्रवर्तन निदेशालय और न्यायपालिका के बीच का है और कानून अपना काम करेगा. अदालत मामले की निगरानी कर रही है. और विपक्षी दलों के आरोप के बारे में टिप्पणी करना अनुचित होगा."
2014 में जबसे मोदी ने सत्ता संभाली, ईडी भारत की सबसे ज्यादा डराने वाली एजेंसियों में से एक बन गई है. मनी लॉन्ड्रिंग के 3,000 से ज्यादा मामलों में उसने छापा मारा, लेकिन सिर्फ 54 मामलों में सजा दिला पाई है. एजेंसी ने दर्जनों विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया है. हालांकि, कुछ बीजेपी नेता खुद कानूनी जांच के घेरे में हैं.
विवादास्पद इलेक्टोरल बॉन्डों के जरिए पिछले महीने जो तथ्य सामने आए हैं, उसने परेशान-हाल इंडिया ब्लॉक को राजनीति का एक अप्रत्याशित और बहुत जरूरी चर्चा बिंदु सौंप दिया है. ज्यादातर बॉन्ड बीजेपी को हासिल हुए थे.
एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व प्रमुख आकार पटेल कहते हैं, "बीजेपी ने भारतीय लोकतंत्र और नागरिक समाज को नीचा दिखाने के लिए अपने नियंत्रण वाली एजेंसियों का दुरुपयोग किया है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था." मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी को 2020 में भारत में जबरन अपना काम बंद करना पड़ा था. सरकार ने उसके बैंक खाते फ्रीज कर दिए थे, जिसे एमनेस्टी ने "भारत में सिविल सोसायटी का दमन" करार दिया था. (dw.com)
चेन्नई, 6 अप्रैल । तमिलनाडु वन विभाग ने 2 अप्रैल को मयिलादुथुराई शहर के पास देखे गए तेंदुए को पकड़ने के लिए अभियान तेज कर दिया है। वन विभाग ने तेरह टीमें गठित की हैं। हालांकि, तेंदुए का शनिवार को लगातार पांचवें दिन भी कोई पता नहीं चल पाया है।
विभाग ने तेंदुए का पता लगाने के लिए एक इंफ्रारेड ड्रोन भी तैनात किया है, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।
वन अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि जानवर के पग चिह्न अरोकियाथापुरम गांव में पाए गए हैं। विभाग ने मयिलादुथुराई और आसपास के गांवों अरोकियाथापुरम, सेमंगुलम, ऊरकुडी और सीथारकाडु में 16 कैमरे लगाए हैं।
ग्रामीणों ने गुरुवार रात सीतारकुडी गांव में कथित तौर पर तेंदुए द्वारा मारी गई एक बकरी का शव देखा था। वन विभाग के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि बकरी को तेंदुए ने ही मारा है।
तेंदुए के चलते मयिलादुथुराई और आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई है। लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। स्कूलों को बंद कर दिया गया है और जिन स्कूलों में दसवीं बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित की गई हैं, उन्हें पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई है।
इस बीच, मयिलादुथुराई जिला कलेक्टर, ए.पी. महाभारती ने लोगों से विशेष टीमों की गतिविधियों को बाधित न करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने शोर मचाया था और कहा कि इससे तलाशी अभियान बाधित होगा।
(आईएएनएस)
गुवाहाटी, 6 अप्रैल । असम के भाजपा मंत्री जयंत मल्लबरुआ ने शनिवार को राज्य कांग्रेस प्रमुख भूपेन बोरा को "जोकर" कहा और कहा कि वह लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा में शामिल होने की सोच रहे हैं। इससे विवाद पैदा हो गया है।
मल्लाबरुआ ने शनिवार को आईएएनएस से कहा, “हमें भूपेन बोरा की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देना बंद कर देना चाहिए। वह राज्य की राजनीति में एक जोकर हैं। कांग्रेस नेता चुनाव के नाम पर चंदा इकट्ठा करने में व्यस्त हैं। यह काम पूरा हो जाने के बाद, वह भाजपा में शामिल हो जाएंगे।
भूपेन बोरा ने हाल ही में दावा किया था कि भाजपा के शीर्ष नेता चार महीनों के भीतर असम में मुख्यमंत्री बदल देंगे।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री मल्लाबरुआ ने कहा कि किसी को बोरा की टिप्पणियों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।
मल्लाबरुआ ने कहा, राज्य में कांग्रेस की स्थिति दयनीय है। वे असम की हर सीट हारने जा रहे हैं। इसीलिए भूपेन बोरा बातें बना रहे हैं।''
मल्लाबरुआ भाजपा उम्मीदवार प्रदान बरुआ के लिए लखीमपुर लोकसभा क्षेत्र में प्रचार कर रहे हैं।
कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व सांसद रानी नाराह की जगह बीजेपी से आए उदय शंकर हजारिका को मैदान में उतारा है।
हजारिका ने छह महीने पहले पाला बदल लिया था।
हाल ही में, रानी नाराह के पति और छह बार के कांग्रेस विधायक, भरत नाराह ने अपनी पत्नी को लोकसभा टिकट से वंचित किए जाने के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
(आईएएनएस)
पटना, 6 अप्रैल । बिहार में विधान पार्षद हों या विधायक, सभी को दिल्ली पसंद आ रहा है। यही कारण है कि विधायक से लेकर विधान पार्षद तक इस लोकसभा चुनाव के मैदान में ताल ठोंक रहे हैं। इतना ही नहीं, राज्यसभा सांसदों की इच्छा भी लोकसभा पहुंचने की है। यही कारण है कि ऐसे सांसद भी लोकसभा जाने के लिए चुनावी मैदान में उतर गए हैं या उतरने वाले हैं।
बिहार में लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत एनडीए का मुख्य मुकाबला विपक्षी दलों के महागठबंधन से माना जा रहा है। महागठबंधन में सीट बंटवारा तो हो गया, लेकिन पार्टियां अब तक उम्मीदवारों के नाम तय नहीं कर सकी हैं। ऐसे में महागठबंधन में शामिल दलों के नेताओं के सांसद बनने की इच्छा रखने वाले विधायक अभी प्रतीक्षा में हैं।
इस चुनाव में राज्यसभा के दो सदस्य अभी तक मैदान में उतर चुके हैं। पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र से राज्यसभा सदस्य मीसा भारती प्रचार में जुट गई हैं, तो एनडीए की ओर से भाजपा के राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर भी नवादा क्षेत्र से लोकसभा पहुंचने की उम्मीद पाले चुनावी मैदान में उतरे हैं।
राजद पिछले चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी, लेकिन इस चुनाव में वह विधायकों के जरिये अपने चुनावी परिणाम को सुधारना चाहती है।
राजद ने गया से विधायक कुमार सर्वजीत को चुनावी मैदान में उतारा है, तो बेलागंज के विधायक सुरेंद्र यादव को जहानाबाद से प्रत्याशी बनाया है। राजद ने विधायक ललित यादव को दरभंगा लोकसभा सीट से उतारने का मन बना लिया है, जबकि विधायक आलोक मेहता को उजियारपुर से चुनाव मैदान में उतारा है।
इधर, पूर्व कृषि मंत्री और रामगढ़ के विधायक सुधाकर सिंह बक्सर से चुनावी मैदान में हैं। राजद ने हालांकि अपने प्रत्याशियों की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन कई प्रत्याशियों को सिंबल दे दिया गया है और वो चुनाव प्रचार में जुट गए हैं।
इसी तरह, पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को मधेपुरा से चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी है। जदयू विधायक रही बीमा भारती को भी राजद ने पूर्णिया से चुनावी मैदान में उतार दिया है।
इधर, भाकपा माले ने पालीगंज से विधायक संदीप सौरभ को नालंदा लोकसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा है, जबकि तरारी के विधायक सुदामा प्रसाद आरा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं। बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर को जदयू ने सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया है।
(आईएएनएस)
पटना, 6 अप्रैल । बिहार जनता दल यूनाइटेड ने शनिवार को परिवारवाद को लेकर जहां राजद और कांग्रेस पर तंज कसा, तो वहीं प्रत्याशी घोषित नहीं करने पर कांग्रेस को घेरा।
चुनाव में दोनों पक्ष परिवारवाद को लेकर एक दूसरे को आइना दिखाने में जुटे हैं। ऐसे में जदयू ने एक बार फिर परिवारवाद को लेकर राजद और कांग्रेस पर तंज कसा है। जदयू के प्रवक्ता और बिहार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि घर में उम्मीदवार, पूरे शहर में ढिंढोरा।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस पार्टी को 9 सीटें मिली हैं। तीन सीटों के लिए उन्होंने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, शेष छह बची हुई हैं। कुमार ने कहा कि उन्हें सीटों की अदला-बदली कर लेनी चाहिए। क्योंकि, लालू प्रसाद के परिवार के 12 सदस्यों में से छह का तो समायोजन हो गया है। कोई पार्टी का अध्यक्ष है, कोई प्रतिपक्ष का नेता, कोई विधान परिषद में विपक्ष का नेता, कोई राज्यसभा सांसद, तो कोई लोकसभा प्रत्याशी है। शेष छह प्रतीक्षा सूची में हैं, इन सभी को कन्फर्म कर दीजिए।
उन्होंने आगे कहा कि इससे अच्छा अवसर आपको नहीं मिलेगा। आपके परिवार में 100 परसेंट लोगों को पॉलिटिकल जॉब मिल जाएगा।
(आईएएनएस)
कोलकाता, 6 अप्रैल | पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर जिले के भूपतिनगर में शनिवार सुबह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम पर स्थानीय लोगों के एक समूह ने हमला कर दिया। एनआईए के अधिकारी दिसंबर 2022 में हुए एक विस्फोट की जांच के लिए वहां पहुंचे थे। विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई थी।
गौरतलब है कि तीन माह के भीतर केंद्रीय एजेंसियों की टीम पर हमले की यह दूसरी घटना है। पांच जनवरी को, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और उनके साथ आए सीएपीएफ कर्मियों पर एक हजार से अधिक लोगों के एक समूह ने हमला कर दिया था। उस समय टीम पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता शेख शाहजहां के आवास पर छापेमारी और तलाशी के लिए गई थी।
हमले में ईडी के तीन अधिकारी घायल हो गए थे। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
सूत्रों ने बताया कि एनआईए ने दिसंबर 2022 विस्फोट से संबंधित पूछताछ के लिए भूपतिनगर निवासी बलाई मैती और मोनोब्रत जाना सहित टीएमसी के कुछ स्थानीय नेताओं को समन दिया था।
लेकिन इन लोगों ने समन को नजरअंदाज कर दिया। इस पर एनआईए की टीम शनिवार सुबह भूपतिनगर पहुंची और उन्हें हिरासत में ले लिया। जब वे उन्हें वाहन में बैठाकर वापस जा रहे थे, तो ग्रामीणों के एक समूह ने वाहन को रोका और दोनों को छोड़ने की मांग की।
लेकिन एनआईए के अधिकारियों द्वारा उन्हें छोड़ने ने इनकार करने पर 100 से अधिक लोगों के समूह ने वाहन पर हमला कर दिया और उसके शीशे तोड़ दिए। इस हमले में एनआईए के दो अधिकारियों को कथित तौर पर मामूली चोटें आईं।
हालांकि, वे मौके से निकलने और स्थानीय पुलिस स्टेशन पहुंचने में कामयाब रहे। वहीं वे मामले में एफआईआर करा रहे हैं।
विस्फोट की एनआईए जांच को तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने टीएमसी नेताओं को निशाना बनाने के लिए भाजपा और केंद्र सरकार द्वारा जानबूझकर उठाया गया कदम बताया है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 अप्रैल । भाजपा के स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने देशव्यापी अभियान के तहत दिल्ली में पार्टी मुख्यालय पर भाजपा का ध्वज फहराया। इसके बाद नड्डा ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दोनों नेताओं को नमन भी किया।
पार्टी के स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी मुख्यालय पर भाजपा का ध्वज फहराने के बाद जेपी नड्डा ने एनडीए 400 पार का लक्ष्य हासिल करने के लिए करोड़ों कार्यकर्ताओं से घर-घर जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश पहुंचाने का आह्वान भी किया।
नड्डा ने कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा आज दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। उन्होंने एनडीए 400 पार के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से लोकसभा चुनाव में पूरी तरह से जुट जाने, घर-घर जाकर लोगों से और सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने वाले लाभार्थियों से संपर्क करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि भाजपा अकेली ऐसी पार्टी है जो जनसंघ के दिनों से लगातार अपने वैचारिक अधिष्ठान राष्ट्रवाद के साथ-साथ 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' के मंत्र को लेकर चल रही है। आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है।
उन्होंने कहा कि आज भाजपा जिस मुकाम पर पहुंची है, उस यात्रा में 4-5 पीढियां खप गई। उनके तप, योगदान, तपस्या के कारण ही आज भाजपा इस मुकाम पर पहुंची है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त हुआ, अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई, तीन तलाक समाप्त हुआ और सबके विकास के लिए काम हुआ।
नड्डा ने भाजपा को कैडर बेस्ड पार्टी बताते हुए कहा कि आज देश के लगभग 8 लाख 40 हजार बूथों पर पार्टी की बूथ समितियां काम कर रही हैं। निवर्तमान लोकसभा में 303 सांसद रहे, राज्यसभा में 94 के आसपास पार्टी के सांसद हैं, देशभर में 1500 के लगभग पार्टी के विधायक हैं और 150 से ज्यादा मेयर हैं और हजारों की संख्या में बीडीसी के सदस्य और चेयरमैन हैं। जनता के प्रतिनिधित्व के मामले में आज भाजपा सबसे आगे और सवसे बड़ी पार्टी है।
दरअसल, भाजपा ने अपना स्थापना दिवस मनाने के लिए देशभर में विशेष तैयारी की है। पार्टी ने देशभर में बने अपने सभी कार्यालयों को सजाया है और आज इन सभी कार्यालयों पर पार्टी का झंडा फहराया जा रहा है। भाजपा ने पार्टी के अपने करोड़ों कार्यकर्ताओं को स्थापना दिवस के अवसर पर अपने-अपने घरों पर पार्टी का झंडा लगाने का भी आह्वान किया है। पार्टी नेता एवं कार्यकर्ता पार्टी के झंडे के साथ विधानसभा स्तर पर देशभर में पदयात्रा कर रहे हैं और बाईक रैली भी निकाल रहे हैं।
भाजपा 'फिर एक बार, मोदी सरकार' के नारे के साथ देशभर के बूथों पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। पार्टी बूथ स्तर पर आयोजित इन कार्यक्रमों के जरिए लाभार्थियों से संपर्क कर उन्हें मोदी सरकार की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दे रही है। वहीं इस अवसर पर देशभर में विपक्षी दलों के नेताओं को भी पार्टी में शामिल कराया जा रहा है।
पार्टी अपने स्थापना दिवस पर अपने वरिष्ठ नेताओं का सम्मान कर रही है, कार्यकर्ताओं एवं नेताओं को उत्साहित कर रही है और साथ ही मतदाताओं तक मोदी सरकार की उपलब्धियों को भी पहुंचाने का प्रयास कर रही है ताकि लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल कर हैट्रिक बनाने के लक्ष्य को हासिल किया जा सके।
आपको याद दिला दें कि भाजपा की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को नई दिल्ली के कोटला मैदान में आयोजित एक कार्यकर्ता अधिवेशन में हुई थी और अटल बिहारी वाजपेयी इसके पहले अध्यक्ष चुने गए थे। हालांकि यह भी एक तथ्य है कि भाजपा का गठन भले ही वर्ष 1980 में हुआ हो लेकिन इसका इतिहास भारतीय जनसंघ से जुड़ा हुआ है। भारतीय जनसंघ की स्थापना डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की अध्यक्षता में 1951 में हुई थी।
(आईएएनएस)
हरिद्वार, 5 अप्रैल । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शुक्रवार को अपने उत्तराखंड के 2 दिन के चुनावी दौरे के दूसरे दिन हरिद्वार पहुंचे। यहां पर उन्होंने संतों द्वारा आयोजित संत आशीर्वाद समारोह में शिरकत की और उनका आशीर्वाद लिया।
इससे पहले जेपी नड्डा ने हरिद्वार के जूना अखाड़े में मां मायादेवी के मंदिर में पूजा अर्चना की। इसके बाद बाबा भैरव का आशीर्वाद लिया।
बाद में वह संत आशीर्वाद समारोह में शामिल हुए। विभिन्न अखाड़ों से जुड़े साधु संत आशीर्वाद समारोह में पहुंचे और भाजपा को आशीर्वाद दिया। समारोह में जेपी नड्डा ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग राजनीति में धर्म का सहारा लेते हैं। वो लोग कभी मंदिर नहीं जाते, लेकिन चुनाव के समय मंदिर जाकर भगवान की पूजा करते हैं। इतना ही नहीं वह जनेऊ भी धारण करते हैं।
जबकि, उन्हें जनेऊ और आरती का महत्व भी नहीं पता है। लेकिन, आप सभी साधुओं की सात्विक शक्तियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ताकत प्रदान करती है और उन्हें यशस्वी बनाती है। कुछ राजनीतिक दल सनातन ताकत के बारे में अपशब्द कहते हैं। ऐसे लोगों को क्या आशीर्वाद मिलना चाहिए?
जेपी नड्डा ने कहा, "मैं आज धर्मनगरी हरिद्वार में सभी संतों का आशीर्वाद लेने आया हूं। संतों का आशीर्वाद हमें शुरू से मिलता रहा है। आज भी इस आशीर्वाद की मैं कामना करता हूं। मुझे पूरी उम्मीद है कि साधु संतों के आशीर्वाद से एक बार फिर भाजपा की सरकार बनेगी।"
(आईएएनएस)
पटना, 5 अप्रैल । बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शामिल हो गई है। वीआईपी महागठबंधन में शामिल राजद कोटे में आई तीन सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
राजद प्रदेश कार्यालय में शुक्रवार को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि वीआईपी भी अब महागठबंधन में शामिल है।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन में पहले ही सीट का बंटवारा हो चुका था। इसके बावजूद राजद वीआईपी को सम्मान देने का काम करेगी। महागठबंधन में राजद को मिले 26 सीटों में से तीन सीट गोपालगंज, झंझारपुर और मोतिहारी से वीआईपी अपना उम्मीदवार उतारेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सभी सीटों पर महागठबंधन के प्रत्याशी को विजयी बनाने के लिए सभी घटक दल के नेता काम करेंगे।
(आईएएनएस)
नोएडा, 5 अप्रैल । नोएडा में पुलिस ने विदेशी नागरिकों को एंटीवायरस सॉफ्टवेयर बेचने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर सेंटर से 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने आरोपियों के पास से दर्जनों डेस्कटॉप, राउटर और 2 सर्वर बरामद किए। पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस टीम, मैनुअल इंटेलिजेंस व गोपनीय सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए आरोपियों को नोएडा सेक्टर 2 में सी-37 में स्थित असिस्तरा ग्लोबल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के सेकेंड फ्लोर से गिरफ्तार किया।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, यह सभी विदेशी नागरिकों को कॉल कर बताते थे कि हमारी कंपनी के पास मैकेफे/नॉर्टन नामक एंटीवायरस सॉफ्टवेयर है, जो लैपटॉप व कंप्यूटर में आने वाली समस्या का समाधान करता है। ये लोग इसे 100 से 500 डॉलर के प्रति वार्षिक पैकेज के लिए ऑफर पर देते थे।
जिसके बाद यह यूएसए के कॉलरों को लिंक उनकी ईमेल पर भेजकर रुपये ऐंठते थे। आरोपियों द्वारा ये कॉल सेंटर बिना किसी लाइसेंस के चलाया जा रहा था।
(आईएएनएस)
ईटानगर, 5 अप्रैल अरुणाचल प्रदेश में निर्वाचन आयोग द्वारा तैनात उड़न दस्ते और सर्विलांस टीम ने लॉन्गडिंग जिले में एक वाहन से एक करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है। पुलिस ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि आयोग की टीमों ने बृहस्पतिवार शाम को कानुबड़ी जांच चौकी पर वाहन से नकदी जब्त की।
उन्होंने बताया कि यह वाहन एक निजी निर्माण कंपनी के कार्यकारी निदेशक हर्षवर्धन सिंह के नाम पर पंजीकृत है।
अधिकारी के मुताबिक, यह वाहन मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के काफिले के पीछ-पीछे जा रहा था।
संगमा पार्टी की एक चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए जा रहे थे।
लॉन्गडिंग के पुलिस अधीक्षक डेकियो गुमजा ने बताया, ''यह वाहन मुख्यमंत्री के काफिले का हिस्सा नहीं था बल्कि यह गाड़ियों के पीछे-पीछे चल रहा था।''
गुमजा ने बताया कि आयकर विभाग को जब्त की गयी नकदी के बारे में सूचित कर दिया गया और वह मामले की जांच कर उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए उसके हिसाब से कार्रवाई करेंगे।
उन्होंने बताया, ''प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह नकदी, निर्माण कंपनी द्वारा मजदूरों के भुगतान के लिए थी। कंपनी का काम क्षेत्र में तीन स्थानों पर चल रहा है, जिसमें असम में सोनारी मेडिकल कॉलेज, अरुणाचल के तिराप जिले के खोंसा में ब्रिगेड मुख्यालय और शिवसागर में असम पुलिस बटालियन शामिल हैं।''
कंपनी ने मेघालय में कई परियोजनाओं को भी पूरा किया है, जिसमें विधानसभा का निर्माण भी शामिल है। (भाषा)
दिल्ली, 5 अप्रैल गाजियाबाद के एक निवासी को काले रंग की एसयूवी में खतरनाक करतब करने के आरोप में पूर्वोत्तर दिल्ली के शास्त्री पार्क इलाके में हिरासत में लिया गया और उस पर 12,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
पुलिस उपायुक्त (पूर्वोत्तर) जॉय टिर्की ने बताया कि वाहन को जब्त कर लिया गया है। युवक की पहचान अंशुल चौधरी (22) के रूप में हुई है।
टिर्की ने कहा कि तीन अप्रैल को एक व्यस्त सड़क पर काले शीशे वाली काली महिंद्रा स्कॉर्पियो के साथ खतरनाक करतब वाला वीडियो सोशल मीडिया 'एक्स' पर आया।
उन्होंने कहा कि इस वीडियो का संज्ञान लेते हुए एक पुलिस टीम ने वाहन की तलाश शुरू की, जिसे बाद में शास्त्री पार्क इलाके में पाया गया।
अधिकारियों ने कहा कि कार यातायात के लिए अधिकृत मार्ग के विपरीत चल रही थी और उसकी नंबर प्लेट भी ऐसे डिजाइन वाली थी, जिस पर उसका पंजीकरण नंबर नहीं दिख रहा था।
टिर्की ने कहा कि आरोपी पर 12,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
उन्होंने कहा कि उस व्यक्ति ने एक रील शूट करने के लिए करतब किया और 'फॉलोअर्स' की संख्या बढ़ाने के लिए क्लिप को सोशल मीडिया पर साझा किया। (भाषा)
मुंबई, 5 अप्रैल मुंबई के सांताक्रूज इलाके में एक शैक्षणिक संस्थान के परिसर में सात वर्षीय बच्ची का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में स्कूल के एक सहायक को गिरफ्तार किया गया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि सहायक पिछले कुछ महीनों से बच्ची का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न कर रहा था। अपराध का पता पिछले हफ्ते तब चला जब बच्ची ने अपने माता-पिता को इस बारे में बताया।
अधिकारी के मुताबिक, बच्ची के माता-पिता ने पिछले शुक्रवार को शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने सहायक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने बताया कि सहायक को एक अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने उसे पांच अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। (भाषा)
ठाणे, 5 अप्रैल महाराष्ट्र के ठाणे जिले में पुलिस ने एक ट्रक से करीब 50 लाख रुपये का गुटखा जब्त कर उसके चालक को गिरफ्तार कर लिया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
सरकार ने स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को लेकर राज्य में गुटखा के निर्माण, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया है।
अधिकारी ने बताया कि नारपोली पुलिस ने बृहस्पतिवार को दोपहर में भिवंडी इलाके में दापोडा रोड पर एक ट्रक को रोका और पाया कि उसमें विभिन्न 'ब्रांड' का गुटखा रखा था। तंबाकू उत्पाद की कुल कीमत लगभग 50 लाख रुपये थी।
उन्होंने कहा कि गुटखे की खेप और ट्रक को जब्त कर लिया गया और चालक अजय कुमार श्यामपाल सिंह (28) को गिरफ्तार कर लिया गया।
अधिकारी ने कहा कि वे गुटखे के स्रोत और गंतव्य का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 5 अप्रैल उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर शुक्रवार को अंतरिम रोक लगा दी जिसमें उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 को ‘असंवैधानिक’ और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करने वाला करार दिया गया था।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिकाओं पर केंद्र, उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया।
पीठ में न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। पीठ ने कहा,‘‘ मदरसा बोर्ड का उद्देश्य नियामक सरीखा है और प्रथम दृष्टया इलाहाबाद उच्च न्यायालय की यह बात सही नहीं प्रतीत होती कि बोर्ड का गठन धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन होगा।’’
शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय ने 2004 के अधिनियम के प्रावधानों के गलत अर्थ निकाले।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 22 मार्च को उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 को ‘‘असंवैधानिक’’ और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करने वाला करार दिया था। उच्च न्यायालय ने साथ ही राज्य सरकार को वर्तमान छात्रों को औपचारिक स्कूल शिक्षा प्रणाली में समायोजित करने को कहा था।
अदालत ने यह आदेश अंशुमान सिंह राठौर नाम के व्यक्ति की याचिका पर दिया। याचिका में उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड की संवैधानिकता को चुनौती दी गई थी। (भाषा)
नयी दिल्ली, 5 अप्रैल निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को कहा कि उसने कम मतदान वाले कुल 266 संसदीय क्षेत्रों की पहचान की है और वह लोकसभा चुनावों में इन क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए योजना बना रहा है।
इन 266 संसदीय क्षेत्रों में से 215 ग्रामीण इलाकों में हैं।
प्रमुख शहरों के नगर निगम आयुक्तों और बिहार और उत्तर प्रदेश के चुनिंदा जिला चुनाव अधिकारियों (डीईओ) ने चिह्नित शहरी और ग्रामीण लोकसभा सीटों में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने पर यहां चर्चा की।
निर्वाचन आयोग ने कम मतदान को लेकर आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि कम मतदान वाले 266 संसदीय क्षेत्रों की पहचान की गई है जिनमें से 215 ग्रामीण और 51 शहरी क्षेत्र हैं।
बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, तेलंगाना, गुजरात, पंजाब, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और झारखंड सहित 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 2019 के लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय औसत 67.40 प्रतिशत से कम मतदान हुआ था।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने जोर देकर कहा कि ‘एक जैसा रुख सभी के लिए उपयुक्त है’ वाला दृष्टिकोण इस मामले में काम नहीं आएगा। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों और खंडों के लिए अलग-अलग रणनीतियों पर काम करने की वकालत की।
सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 19 अप्रैल से शुरू होगा। मतों की गिनती चार जून को होगी। (भाषा)
जयपुर, 5 अप्रैल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी सरकार के बीते दस साल में किए गए काम को महज एक ट्रेलर (नमूना) बताते हुए शुक्रवार को कहा कि अभी तो बहुत कुछ और करना है तथा देश को बहुत आगे लेकर जाना है।
विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ ('इंडिया') पर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा कि ये सिर्फ अपना हित देखते हैं, इन्हें गरीब, दलित, शोषित-वंचित वर्ग के कल्याण से, उनके सम्मान से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि सेनाओं का अपमान और देश का विभाजन कांग्रेस की पहचान है।
मोदी चुरू में पार्टी के प्रत्याशी देवेंद्र झाझड़िया के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नया भारत घर में घुसकर मारता है।
उन्होंने केंद्र में अपनी सरकार के दस साल के कार्यकाल की तुलना रेस्टोरेंट में मुख्य भोजन से पहले परोसे जाने वाले 'ऐपेटाइजर' और फिल्म के ट्रेलर से की। उन्होंने कहा, ‘‘जीवन के हर पड़ाव पर भाजपा सरकार गरीब के साथ खड़ी है। जो काम इतने दशक में नहीं हुए वह हमने दस साल में कर दिखाए। इसलिए मैं कहता हूं कि जब नीयत सही तो नतीजे सही।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दस साल में जो हुआ... लोग तो कहते हैं कि बहुत कुछ हुआ। पहले की सरकारों की तुलना में बहुत कुछ हुआ। लेकिन मोदी के मन की बात मैं आज चुरू में बता देता हूं .... जो अब तक हुआ है वह तो ट्रेलर है ट्रेलर।’’
‘ऐपेटाइज़र’ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ये जो मोदी ने किया है न, वह तो ऐपेटाइजर है ऐपेटाइज़र... अभी तो पूरी खाने की थाली बाकी है। बहुत कुछ करना है भाइयो। बहुत सारे सपने हैं। हमें देश को बहुत आगे लेकर जाना है।’’ (भाषा)
तिरुवनंतपुरम, 5 अप्रैल । केरल में शुक्रवार को वर्कला के पास समुद्र में सर्फिंग के दौरान 55 वर्षीय एक ब्रिटिश नागरिक डूब गया।
स्थानीय पुलिस के अनुसार, रॉय जॉन लहरों में फंस गया। हालांकि, उसे पास के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई।
राज्य की राजधानी से लगभग 50 किमी दूर स्थित वर्कला एक लोकप्रिय समुद्री तट स्थल है। शव को अब स्थानीय सरकारी अस्पताल में रखा गया है।
(आईएएनएस)
इम्फाल, 5 अप्रैल । चुनाव आयोग ने जातीय हिंसा से बुरी तरह प्रभावित मणिपुर में मतदान प्रतिशत ऊंचा बनाए रखने और चुनाव प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए शुक्रवार को एक हस्ताक्षर अभियान शुरू किया।
राज्य की दो लोकसभा सीटों, आंतरिक मणिपुर और बाहरी मणिपुर, के लिए पहले दो चरणों में क्रमशः 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को मतदान होगा। वोटों की गिनती 4 जून को होगी।
चुनाव अधिकारियों के अनुसार, 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य में 83.16 प्रतिशत मतदान हुआ था। विधानसभा के लिए 2022 में 89.3 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था, जो 2017 के 86.4 प्रतिशत और 2012 के 79.5 प्रतिशत से अधिक है।
लाम्फेलपत में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय से शुरू किए गए हस्ताक्षर अभियान का उद्देश्य सभी पात्र मतदाताओं, विशेष रूप से युवाओं को बिना किसी डर के स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से बड़ी संख्या में वोट डालने के लिए प्रोत्साहित करना है।
एक चुनाव अधिकारी ने कहा कि नैतिक, सूचित, समावेशी और सुलभ मतदान को बढ़ावा देने के लिए कई मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से सीविजिल आदि जैसे एप्लिकेशन्स पर विभिन्न रचनात्मक अभियान और व्याख्याता वीडियो लॉन्च किए गए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि मतदाताओं को सशक्त बनाने की जानकारी वाले बड़े होर्डिंग और पोस्टर पूरे मणिपुर में रणनीतिक स्थानों पर लगाए गए हैं।
आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर अन्य चीजों के अलावा टीवी/रेडियो वार्ता और जिंगल्स का भी सहारा लिया गया है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 5 अप्रैल । दिल्ली के निहाल विहार इलाके से एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है। यहां 42 वर्षीय एक शख्स ने पहले अपनी पत्नी और इसके बाद अपनी बेटी को मौत के घाट उतार दिया। फिर उस शख्स ने पंखे पर लटक कर आत्महत्या कर ली। इन सभी के शव के बारे में इनके बेटे के जरिए पता चला, जो काम के बाद अपने घर लौटा था।
मृतक की पहचान अजय, टीना (38) और वर्षा केे रूप में हुई। यह सभी निहाल विहार के गली नंबर 5 में रहते थे।
इस जानकारी को साझा करतेे हुए पुलिस ने कहा कि शुक्रवार सुबह 9: 30 बजे पीसीआर को कॉल के जरिए इस घटना के बारे में जानकारी मिली, जिसके बाद पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची।
घटनास्थल पर पहुंचने के बाद पुलिस को अजय पंखे से लटकता हुआ मिला। उसका शव लहूलुहान अवस्था में दिखा।
टीना और वर्षा का शव बेड पर पड़ा हुआ था। दोनों का शव लहूलुहान अवस्था में पड़ा हुआ था, जिसे देखकर ऐसा लग रहा था कि हमलावर ने उन्हें किसी धारदार हथियार से मौत के घाट उतारा है। वहीं, उनका रूम भी अंदर से बंद पड़ा हुआ था।
पुलिस उपायुक्त (बाहरी) जिमी चिरम ने कहा, "फॉरेंसिक टीम को घटनास्थल पर बुलाया गया। मामले की जांच जारी है। मृतक अजय हलवाई का काम करता था, जिसका 22 वर्षीय बेटा कुशल है, जो कि इलेक्ट्रिशियन है। कुशल काम से वापस लौटा तो उसने अपने परिवार के सभी सदस्यों के शव लहूलुहान अवस्था में पड़े हुए देखे।"
डीसीपी ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि अजय ने ही अपनी पत्नी और बेटी की हत्या किसी धारदार हथियार से की। इसके बाद उसने खुदकुशी कर ली।
डीसीपी ने कहा, "इस पूरे मामले में आईपीसी की धारा 302 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।"
(आईएएनएस)
चंडीगढ़, 5 अप्रैल। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जेल में बंद इमेज को लेकर महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के पोते यादवेंद्र संधू ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा।
यादवेंद्र संधू ने कहा, "आज सुबह दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल का एक वीडियो सामने आया। वीडियो में दीवार पर भगत सिंह और बाबा साहेब अंबेडकर के साथ अरविंद केजरीवाल की फोटो लगी देखी। ये देखने के बाद मुझे बहुत बुरा लगा। उनकी तुलना दिग्गजों से करने की कोशिश की गई, मैं आम आदमी पार्टी से कहूंगा कि ऐसी हरकतों से बाज आएं।"
भगत सिंह ने देश के लोगों के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। इसके विपरीत, सीएम अरविंद केजरीवाल को कथित भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की सजा भुगतनी पड़ रही है।
आप ने गुरुवार को मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह और भारतीय संविधान के निर्माता बीआर अंबेडकर की तस्वीरों के बीच तिहाड़ जेल में बंद केजरीवाल की एक फोटो लगाई।
इस फैसले से राजनीतिक विवाद शुरू हो गया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आप पर राष्ट्रीय नायकों का 'अपमान' करने का आरोप लगाया।
फोटोशॉप्ड फोटो, जिसमें केजरीवाल को सलाखों के पीछे दिखाया गया है, तब सामने आई जब मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने एक वीडियो में अपने पति का संदेश पढ़ा था।
-- (आईएएनएस)
पटना, 5 अप्रैल । बिहार मंत्रिमंडल में शामिल महेश्वर हजारी के पुत्र सन्नी हजारी ने शुक्रवार को कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। संभावना जताई जा रही है कि सन्नी हजारी समस्तीपुर से चुनाव भी लड़ सकते हैं।
कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय सदाकत आश्रम में आयोजित मिलन समारोह में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने सन्नी हजारी को कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करवाई।
कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के बाद सन्नी हजारी ने कहा कि पार्टी उन्हें जो भी कार्य देगी, वह उसे करेंगे।
संभावना जताई जा रही है कि सन्नी कांग्रेस के टिकट पर समस्तीपुर से चुनाव लड़ सकते हैं। हालंकि, कांग्रेस ने अभी तक इसकी घोषणा नहीं की है।
समस्तीपुर से लोजपा (रामविलास) ने मंत्री अशोक चौधरी की पुत्री शांभवी को प्रत्याशी बनाया है। शांभवी ने चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है।
(आईएएनएस)
गोरखपुर, 5 अप्रैल । लोकसभा चुनाव के दायित्वों की व्यस्तता के बीच गोरखपुर प्रवास के दौरान शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोसेवा में रमे रहे। गोरखनाथ मंदिर की गोशाला में जाकर उन्होंने गोवंश का हाल जाना और उन्हें अपने हाथों से रोटी-गुड़ खिलाया।
शुक्रवार सुबह भी मंदिर में गुरु गोरखनाथ का दर्शन-पूजन करने, अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि स्थल पर मत्था टेकने के बाद सीएम योगी गोशाला में पहुंचे और वहां कुछ समय व्यतीत किया। गोशाला में उन्होंने चारों तरफ भ्रमण करते हुए श्यामा, गौरी, गंगा, भोला आदि नामों से गोवंश को पुकारा। सीएम योगी की आवाज इन गोवंश के लिए जानी पहचानी है। कई गोवंश उनके पास आ गए।
सीएम योगी ने सभी के माथे पर हाथ फेरा, उन्हें खूब दुलारा और अपने हाथों से उन्हें रोटी और गुड़ खिलाया। इस दौरान एक गोवंश एक छोटे से गेट के बाहर खड़ा था जबकि कुछ गाय गेट के अंदर की तरफ थीं। इस पर सीएम ने उसके मनोभाव को समझते हुए कहा -तेरी माई वहां है क्या। फिर उन्होंने गोवंश को खूब दुलारा और उसे तथा गेट के अंदर मौजूद गायों को गुड़ खिलाया। मुख्यमंत्री ने गोशाला के कार्यकर्ताओं से सभी गोवंश के स्वास्थ्य व पोषण की जानकारी ली और गर्मी के मौसम में विशेष देखभाल के लिए जरूरी निर्देश दिए।
(आईएएनएस)
बेंगलुरु, 5 अप्रैल । मांड्या संसदीय सीट से निर्दलीय मौजूदा सांसद सुमलता अंबरीश शुक्रवार को बेंगलुरु स्थित पार्टी मुख्यालय में भाजपा में शामिल हो गईं।
कर्नाटक चुनाव प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल, पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा, प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र, पूर्व सीएम डी.वी.सदानंद गौड़ा ने सुमलता अंबरीश का पार्टी में स्वागत किया।
मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए सुमलता अंबरीश ने कहा कि भाजपा में शामिल होना उनके लिए गर्व की बात है।
सुमलता ने कहा, "मैं इस समय अपने राजनीतिक करियर के बारे में नहीं सोच रही हूं। मैंने अपने जिले, राज्य और राष्ट्र के हित में भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है।"
पांच वर्षों में, मैंने एक संसद सदस्य के रूप में बहुत सी चीजें सीखी हैं।
"मेरे दिवंगत पति अंबरीश 25 साल तक कांग्रेस पार्टी में थे। मैं राजनीति को दूर से देखती थी। मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। उनका नेतृत्व, दृष्टिकोण और सपनोंं से मुझे प्रेरणा मिली।"
सुमलता अंबरीश ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी का 2047 में देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का सपना है, जब भारत आजादी के 100 साल पूरे करेगा। मैं उस यात्रा का हिस्सा बनना चाहती हूं।"
उन्होंने यह भी कहा कि उनके राजनीतिक करियर में एक नया अध्याय शुरू हो गया है।
(आईएएनएस)