राष्ट्रीय
चंडीगढ़, 15 सितंबर (आईएएनएस)| पंजाब पुलिस ने खालिस्तान समर्थक आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ कर राज्य में एक बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने से रोका है। पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जो कि 5 अपराधियों के साथ मिलकर यह काम कर रहे थे, जिसमें अमृतसर जेल में बंद एक खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) का संचालक भी शामिल है। पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने कहा कि हमें इनपुट मिला था कि कुछ पाकिस्तान समर्थित प्रो-खालिस्तान तत्व राज्य में आतंकवादी हमले कर यहां की शांति और सद्भाव को बिगाड़ने की योजना बना रहे हैं।
गुप्ता ने कहा कि इनपुट्स के बाद, पंजाब पुलिस ने देश के विभिन्न हिस्सों से राज्य में प्रवेश करने वाले सभी लोगों की सख्ती से चेकिंग करने का अभियान शुरू किया था। इससे तरनतारन जिले के मियांपुर गांव के दो निवासी हरजीत सिंह और शमशेर सिंह की गिरफ्तारी हुई।
दोनों के पास से 6 अत्याधुनिक हथियार (एक 9 एमएम पिस्टल, चार .32 कैलिबर पिस्टल और एक .32 रिवाल्वर), गोला-बारूद के 8 राउंड, कई मोबाइल फोन और एक इंटरनेट डोंगल जब्त किया गया। पुलिस पार्टी ने एएसआई गुरदर्शन सिंह, हेड कांस्टेबल जोरा सिंह और होमगार्ड प्रितपाल सिंह के साथ राजपुरा-सरहिंद रोड पर होटल जशन के पास चेकपोस्ट पर उन्हें पकड़ा था। वे दोनों हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के मामले में पहले ही वान्टेड हैं।
प्रारंभिक जांच के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्हें मध्यप्रदेश के बुरहानपुर से 4 हथियार और 2 हथियार हरियाणा के सफीदों जींद जिले से मिले थे।
उन्होंने बताया कि 2 लोग पंजाब में एक बड़े आतंकवादी हमले की योजना बना रहे थे। जिसमें पांच अपराधी शुभदीप सिंह, अमृतपाल सिंह बाथ, रणदीप सिंह, हरियाणा के करनाल के गोल्डी और आशु शामिल हैं। ये सभी ड्रग्स, हत्या, अवैध हथियार रखने जैसे गंभीर मामलों में दोषी हैं।
शुभदीप सिंह के बारे में विवरण साझा करते हुए डीजीपी ने कहा कि वह खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) का सक्रिय आतंकवादी था। उसे पंजाब पुलिस ने सितंबर 2019 में अमृतसर जिले से चीन निर्मित ड्रोन के साथ गिरफ्तार किया था।
पिछले साल अप्रैल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 8 अन्य लोगों के साथ उसके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
नई दिल्ली, 15 सितम्बर (आईएएनएस)| भारत-चीन सीमा विवाद पर मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में बयान दिया जिसमें उन्होंने कहा कि भारत-चीन सीमा अभी तक अनसुलझा है और ये एक जटिल समस्या है। दोनों देशों का नजरिया सीमा को लेकर अलग-अलग है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को एलएसी का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लद्दाख के पूर्वी सीमा पर विवाद है। चीन अरुणाचल प्रदेश में 90,000 वर्ग किलोमीटर पर भी अपना दावा ठोंक रहा है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि अप्रैल महीने से ही चीन ने सीमा पर गतिविध बढ़ा दी। लेकिन भारत चीन की एकतरफा गतिविधि के खिलाफ है। 1993, 1996 में हुए समझौतों के मुताबिक, दोनों देश सीमा पर कम से कम सैन्य गतिविधि करेंगे। राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देशों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का सम्मान करना चाहिए।
राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी सेना ने शौर्य का प्रदर्शन किया और चीन के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की। राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने चीनी विदेशी मंत्री से मास्को में हाल ही में मुलाकात की और उनको बताया कि भारत अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के लिए कटिबद्ध है।
जून में हुए भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प को लेकर राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे 20 सैनिक मारे गए। लेकिन हमारे सैनिकों ने भी चीन को करारा जवाब दिया।
गुरुग्राम, 15 सितम्बर (आईएएनएस)| हरियाणा पुलिस के एक हेड कांस्टेबल की 36 साल की पत्नी ने सोमवार रात कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। मृतका का नाम चंचल बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि चंचल ने पुलिस लाइंस की आवासीय कालोनी की इमारत की सातवीं मंजिल से कूदकर जान दे दी।
पुलिस ने मंगलवार को बताया कि चंचल हिसार के हांसी की निवासी थीं।
पुलिस के मुताबिक हेड कांस्टेबल राजेश सैनी पुलिस लाइंस के टावर-सी में रहते थे। शुरुआती जांच से पता चला है कि चंचल की आत्महत्या की वजह पारिवारिक कलह है।
चंचल का शव सुरक्षित रखा गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)| केंद्रीय अल्पसंख्क मंत्रालय ने एक लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि 2014-15 से अब तक, अल्पसंख्यक समुदायों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो (ईडब्ल्यूएस) से संबंधित चार करोड़ से अधिक विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी गई है। इसमें से 54 प्रतिशत छात्रवृत्ति छात्राओं को दी गई है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सोमवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी।
मंत्रालय ने बौद्ध, ईसाई, जैन, मुस्लिम, पारसी और सिखों जैसे छह अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों के सामाजिक आर्थिक और शैक्षिक सशक्तीकरण के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया है।
2015-16 से 2019-20 की अवधि के दौरान, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को आवंटित कुल फंड 21,160.84 करोड़ रुपये था और वास्तविक व्यय 19,201.45 करोड़ रुपये था, जो आवंटित निधि का लगभग 90.75 प्रतिशत है।
2014-15 से अब तक, कुल 4,00,06,080 छात्रवृत्ति अल्पसंख्यक समुदायों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो से संबंधित विद्यार्थियों को दी गई है, कुल खर्च 11,690.81 करोड़ रुपये का है।
साल 2015-16 से 2019-20 की अवधि के दौरान मंत्रालय की विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत 3,06,19,546 लाभार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए 9,223.68 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है, जिसमें से लगभग 54 प्रतिशत छात्रवृत्ति अल्पसंख्यक छात्राओं को दी गई है।
अरुल लुइस
न्यूयॉर्क, 15 सितंबर (आईएएनएस)| संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने कहा कि जहां कुछ देश आतंकवाद का प्रसार करने और आक्रामक नीतियों को अपनाने के लिए वैश्विक महामारी कोविड-19 का लाभ उठा रहे हैं, वहीं नई दिल्ली द्वारा जरूरतमंद देशों को चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। वहां स्वास्थ्य क्षमता को मजबूत करने और कोरोना से पैदा हुई भयंकर स्थिति को संभालने करने का प्रयास किया जा रहा है।
भारत-संयुक्त राष्ट्र विकास साझेदारी कोष ने कोरोनावायरस महामारी के बीच नौ विकासशील देशों को आर्थिक रूप से मदद का हाथ बढ़ाया है, ताकि ये भी चिकित्सा से जुड़ी आवश्यक सामग्रियों व सुरक्षात्मक उपकरण की खरीदारी कर सकें और साथ ही साथ अपने यहां हुए सामाजिक व आर्थिक नुकसान का भी सामना कर सकें। इस साझेदारी कोष की तीसरी वर्षगांठ सोमवार को ही मनाई गई है।
वर्चुअल तरीके से इसका जश्न मनाए जाने के दौरान तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत ने अन्य देशों को सहायता मुहैया कराने और उनके मांग की आपूर्ति से संबंधित परियोजनाओं को प्राथमिकता दी और ऐसा करते हुए उसने विकासशील देशों के सामने कोई भी शर्त नहीं रखी और न ही उन्हें कर्ज में डुबोया।
उन्होंने आगे कहा कि अन्य देशों के विकास में मदद का हाथ बढ़ाने की भारत की यह सोच स्वामी विवेकानंद के दृष्टिकोण से प्रेरित है।
कोविड-19 के मद्देनजर सहायता प्राप्त करने वाले देशों में एंटीगुआ और बार्बूडा, गुयाना, किरिबाती, नाउरू, पलाऊ, सेंट लूसिया, सोलोमन द्वीप, टोंगा और तुवालु शामिल हैं।
पटना, 15 सितंबर (आईएएनएस)| बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल कोई भी मुद्दा हाथ से जाने नहीं दे रहे हैं। यही कारण है कि वरिष्ठ समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह द्वारा अस्पताल से लिखे पत्र पर भी राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। इस पत्र को लेकर मंगलवार को हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने पटना की सड़कों के किनारे कई पोस्टर लगाए हैं, जिसमें राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद पर कई आरोप लगाए गए हैं।
'हम' के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ द्वारा लगाए गए इस पोस्टर में राजग में शामिल दलों के नेताओं की तस्वीर भी लगाई गई है। पोस्टर में प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान तथा 'हम' के प्रमुख जीतन राम मांझी की तस्वीर है।
पोस्टर में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को 'होटवार जेल सुप्रीमो' बताते हुए पूछा गया है, 'अपने बेटों को स्थापित करने के लिए वह कितनों की बलि लेंगे'।
उल्लेखनीय है कि राजद के नेताओं ने रघुवंश प्रसाद सिंह द्वारा दिल्ली एम्स से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे पत्र पर सवाल उठाए थे। इसके बाद राजग के घटक दल इस मुद्दे को लेकर मुखर हो गए हैं।
रघुवंश प्रसाद सिंह का रविवार को दिल्ली एम्स में निधन हो गया था। इससे पहले उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा था जिसमें वैशाली गढ़ पर गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी को तिरंगा फ हराने की मांग सहित कई अन्य मांगें रखी थी।
नई दिल्ली, 15 सितम्बर (आईएएनएस)| मराठा मुद्दे से लेकर 'सोशल डिस्टेंसिंग' शब्द का इस्तेमाल करने को लेकर और मानसिक स्वास्थ्य जैसे मुद्दे मंगलवार को संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन राज्यसभा में उठाए गए। कांग्रेस सांसद राजीव सातव ने शून्यकाल में मराठा समुदाय के आरक्षण पर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए कोटा मुद्दा उठाया। संभाजी छत्रपति ने भी इसी विषय पर बात की।
तृणमूल कांग्रेस के सांतनु सेन ने सरकार द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे 'सोशल डिस्टेंसिंग' शब्द पर आपत्ति जताते हुए दावा किया कि इससे कोविड रोगियों और उनके परिवारों को 'अमानवीय स्थिति' का सामना करना पड़ा है।
उपराष्ट्रपति और पदेन सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सेन से सहमति जताई और कहा कि इस शब्द की जगह किसी और उपयुक्त शब्द का इस्तेमाल होना चाहिए।
द्रमुक सांसद तिरुचि शिवा ने कोरोना काल में शिक्षा में डिजिटल डिवाइड के मुद्दे को उठाया, वहीं उनके पास बैठे तृणमूल सांसद डेरेक ओ 'ब्रायन ने सहमति जताई। शिवा ने दावा किया कि इसने एक वर्ग को दूसरे के मुकाबले ज्यादा फायदा पहुंचाया है।
समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने नोएडा का उदाहरण देते हुए दावा किया कि वहां कोरोना से मरने वालों की संख्या के मुकाबले आत्महत्या करने वालों की संख्या ज्यादा है। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अनुरोध किया कि म हामारी के कारण नौकरी गंवाने वालों को 15,000 रुपये प्रति माह की सहायता देने पर विचार करने का आग्रह किया।
कांग्रेस के आनंद शर्मा ने देश में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का मुद्दा उठाया। उन्होंने मांग किया कि मानसिक स्वास्थ्य को अनिवार्य रूप से जीवन बीमा के दायरे में रखा जाना चाहिए।
मंबई, 15 सितम्बर (आईएएनएस)| गोवा में गिरफ्तार ड्रग्स के एक कारोबारी को ट्रांजिट रिमांड पर मुंबई लाया गया। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने इस ड्रग पेडलर की गिरफ्तारी की थी। एक अधिकारी ने मंगलवार को ये जानकारी दी। क्रिस कोस्टा नाम के इस ड्रग पेडलर की भूमिका की जांच बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में की जांच की जाएगी।
एनसीबी के डिप्टी डायरेक्टर के.पी.एस. मल्होत्रा ने कहा कि कोस्टा को रविवार को गिरफ्तार किया गया था और उसे मुंबई की एक अदालत में पेश किया जाएगा। सुशांत सिंह की मौत के बाद ड्रग एंगल की जांच में यह ताजा गिरफ्तारी है।
बाकी गिरफ्तार आरोपियों को एनसीबी या न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती, उसके भाई सोविक चक्रवर्ती के अलावा अब तक 16 लोगों की इस मामले में गिरफ्तारी हो चुकी है।
नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)| सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद पिछले तीन महीनों से चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के बीच समाजवादी पार्टी की सदस्य जया बच्चन ने मंगलवार को राज्यसभा में फिल्म इण्डस्ट्री को बदनाम करने का मुद्दा उठाया। बच्चन ने सरकार से फिल्म उद्योग के सदस्यों को लगातार कोसे जाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।
उन्होंने कहा, "जिन लोगों को नाम और प्रसिद्धि मिली है, उनमें से कुछ ने इसे 'गटर' कहा है।" उन्होंने लोगों का नाम लिए बिना कहा कि उन्हें इण्डस्ट्री को इस तरह बदनाम नहीं करना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा, "यह फिल्म उद्योग ही है जिसने कई लोगों को नाम और प्रसिद्धि दी। मुट्ठी भर लोगों द्वारा कुछ चीजों के लिए इण्डस्ट्री को लगातार बदनाम करने की प्रक्रिया चलती रही है।"
उन्होंने कहा कि इण्डस्ट्री विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को रोजगार देती है और इण्डस्ट्री के कुछ लोग तो सबसे अधिक टैक्स देने वालों में शुमार है।
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन से शादी करने वाली दिग्गज अभिनेत्री जया बच्चन सोशल मीडिया और मीडिया पर हो रही टिप्पणियों से भी व्यथित हैं।
बता दें कि 14 जून को सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद से फिल्म बिरादरी में भाई-भतीजावाद, इनसाइडर-आउटसाइडर के मुद्दे पर खासी बहस चल रही है। वहीं बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने इण्डस्ट्री के अपने सहयोगियों पर लगातार तीखे हमले किए हैं।
नई दिल्ली, 15 सितम्बर (आईएएनएस)| भारत में कोरोनावायरस के कारण अब तक 80,776 लोग जान गंवा चुके हैं, जबकि पिछले 24 घंटों में इस बीमारी के 83,809 नए मामले सामने आए हैं। मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों में इसका खुलासा हुआ। 1,054 नई मौतों के साथ भारत में मरने वालों की संख्या चीन में अब तक दर्ज हुए कुल कोरोना मामलों के मुकाबले बमुश्किल 5,000 पीछे है।
चीन में अब तक केवल 85,202 मामले दर्ज किए हैं, जबकि भारत ने 30 जनवरी को अपने पहले कोविड -19 मामले की सूचना दी थी। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में अब 49,30,236 मामले हैं।
कुल मामलों में से, 9,90,061 सक्रिय हैं। 38,59,399 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है, जबकि पिछले एक दिन में 79,292 लोग इस बीमारी से ठीक हुए हैं।
जहां रिकवरी दर 78 प्रतिशत है, वहीं मत्यु दर 1.64 प्रतिशत है।
17 जुलाई को भारत में कोरोना मामलों की संख्या 10 लाख पहुंची थी, जो तब 20 दिनों में 7 अगस्त को 20 लाख से बढ़ गई। 23 अगस्त तक 10 लाख मामले और जुड़ गए और संख्या 30 लाख हो लगई और 5 सितंबर को 40 लाख के पार हो गई।
महाराष्ट्र कुल 10,60,308 कोरोना मामलों के साथ सबसे प्रभावित राज्य बना हुआ है, जिसमें 29,531 मौतें शामिल हैं। इसके बाद आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश हैं।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में सोमवार को एक ही दिन में 10,72,845 नमूनों का परीक्षण हुआ, अब तक कुल 5,83,12,273 नमूनों की जांच हो चुकी है।
सिर्फ अमेरिका ही 65,53,303 मामलों और 1,94,489 मौतों के साथ भारत से आगे है।
अयोध्या, 15 सितंबर (आईएएनएस)| श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते से बीते दिनों जालसाजी कर निकाले गए छह लाख रुपये भारतीय स्टेट बैंक ने सोमवार को ट्रस्ट को वापस कर दिए। इसकी जानकारी बैंक प्रबंधन ने ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय व सदस्य डॉ. अनिल मिश्र को दी है। ट्रस्ट की ओर से दी गयी सूचना के अनुसार, फर्जी चेक व फ र्जी हस्ताक्षर द्वारा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के खाते से ट्रांसफर करवाई गई 6 लाख रुपये की राशि भारतीय स्टेट बैंक ने वापस श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के खाते में जमा करवा दी है। त्वरित करवाई के लिए बैंक प्रशासन का हार्दिक आभार।
बैंक खाते का संचालन करने में भूमिका निभाने वाले ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि ट्रस्ट के खाते से निकली पूरी रकम वापस आ गई है। अनिल मिश्र ने बताया कि ट्रस्ट के तीन खाते एसबीआई में हैं। दान करने वाले रामभक्त बैंक के चालू व बचत खाते में दान की राशि जमा कर सकेंगे। तीसरा खाता भुगतान का है। इसमें धनराशि तभी जमा की जाएगी जब ट्रस्ट को भुगतान करना होगा। सुरक्षा कारणों से भुगतान अब चेक से नहीं, बल्कि आरटीजीएस से होगा।
अभी भारतीय स्टेट बैंक को पंजाब नेशनल बैंक व बैंक ऑफ बड़ौदा से धनराशि मिलनी शेष है। एसबीआई ने इन दोनों ही बैंक के उच्चाधिकारियों को धनराशि वापस करने के लिए पत्र भी लिखा है। ये रकम गत नौ सितंबर को लखनऊ के पंजाब नेशनल बैंक व बैंक ऑफ बड़ौदा से जालसाज ने फ र्जी चेक से ट्रस्ट के खाते से निकाली थी। जब तीसरी बार खाते से नौ लाख 86 हजार रुपये निकालने का प्रयास हुआ तो एसबीआई की सतर्कता से मामला पकड़ा गया। मामले में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अयोध्या कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था।
नई दिल्ली, 15 सितम्बर (आईएएनएस)| वाम दलों के सदस्यों ने मंगलवार को 'किसान विरोधी नीतियों' को वापस लेने की अपनी मांग को लेकर संसद परिसर में धरना दिया। वामपंथी सांसदों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरना दिया। वे अध्यादेशों के माध्यम से केंद्र द्वारा लाई गई 'किसान विरोधी नीतियों' को वापस लेने की मांग कर रहे थे।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा सोमवार को कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 को एक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए पेश किए जाने के बाद ये विरोध हुए, जहां किसान और व्यापारी बिक्री और खरीद से संबंधित चयन की स्वतंत्रता का लाभ पाते हैं।
कृषि मंत्री ने कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 भी पेश किया। यह किसानों को कृषि करारों के संबंध में निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से पारस्परिक रूप से सहमत लाभकारी कीमत रूपरेखा पर कृषि सेवाओं और कृषि उत्पादों की बिक्री के लिए कृषि व्यापार फर्मो, प्रोसेसर, थोक विक्रेताओ, निर्यातकों या बड़ी संख्या में फुटकर विक्रेताओं के साथ कृषकों का संरक्षण करते हैं, सशक्त बनाते हैं।
नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)| राष्ट्रमंडल महासचिव पेट्रीसिया स्कॉटलैंड ने राष्ट्रमंडल में कमजोर देशों को सपोर्ट करने के लिए भारत द्वारा किए जा रहे नेतृत्व की सराहना की है। उन्होंने इसे सभी सदस्य देशों के लिए 'आशा का क्षेत्र' भी बताया है। भारत-संयुक्त राष्ट्र विकास साझेदारी निधि की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर सोमवार को एक वर्चुअल इवेंट में महासचिव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस फंड की स्थापना के लिए सराहना की। उन्होंने "राष्ट्रमंडल राज्यों को और अवसर प्रदान करने के लिए और उन्हें समर्थन देने के लिए आशा और सहयोग की प्रशंसा की।"
बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "दुनिया के विकासशील देशों के 34 छोटे द्वीप और बेहद कम विकसित देश राष्ट्रमंडल के सदस्य हैं। इस फंड के माध्यम से उन्हें समर्थन देने का भारत का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम स्वागत योग्य और जरूरी कदम है।"
उन्होंने आगे कहा, "संयुक्त राष्ट्र-भारत कोष को सन्निहित साझेदारी और समर्थन की भावना की अब पहले से ज्यादा जरूरत है। इसीलिए मेरा विश्वास है कि दुनिया में भारत की बढ़ती नेतृत्व भूमिका हम सभी के लिए आशा का क्षेत्र है।"
बता दें कि इस संयुक्त कोष की स्थापना 2017 में की गई थी। इसका मकसद विकासशील देशों के नेतृत्व वाली सतत विकास परियोजनाओं को सपोर्ट करना है।
इसमें भारत सरकार ने 10 करोड़ डॉलर का योगदान दिया है, जो कई वर्षों में दिया जाएगा। इसके अलावा 5 करोड़ डॉलर का एक और फंड राष्ट्रमंडल के सदस्य देशों, विशेष रूप से छोटे द्वीप और कम विकसित देशों के लिए 'कॉमनवेल्थ विंडो' के रूप में बनाया गया है।
श्रीनगर, 15 सितंबर (आईएएनएस)| केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 21 सितंबर से फिर से स्कूल खुलेंगे। हालांकि अधिकारियों ने कहा है कि स्कूल में छात्रों की उपस्थिति स्वैच्छिक रहेगी। एक अधिकारी ने बताया कि 21 सितंबर को 50 फीसदी कर्मचारियों और छात्रों के साथ स्कूल फिर से खुलेंगे। छात्रों की उपस्थिति को लेकर अभिभावकों से लिखित में सहमति ली जाएगी।
इस दौरान स्कूलों में सभी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) का पालन किया जाएगा।
अधिकारी ने आगे कहा, "कक्षा 8वीं तक के 50 फीसदी कर्मचारी हर दिन स्कूल आएंगे, जबकि कक्षा 9वीं से 12वीं तक के 50 फीसदी छात्र स्वैच्छा से उपस्थित हो सकते हैं। यह अभिभावकों को तय करना है कि वे अपने बच्चों को स्कूल जाने की अनुमति देते हैं या नहीं। इसके अलावा ऑनलाइन कक्षाएं और डिजिटल एजुकेशन जारी रहेगी।"
बता दें कि कोविड -19 महामारी के कारण प्रदेश में मार्च से स्कूल बंद हैं। वहीं पिछले साल 5 अगस्त को धारा 370 और 35ए को समाप्त करने के बाद भी स्कूलों को बंद रखा गया था।
नई दिल्ली 15 सितंबर (वार्ता) सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए प्याज का निर्यात पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय ने सोमवार को यहां जारी एक अधिसूचना में बताया कि घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिये इसका निर्यात रोकने का फैसला किया गया है। यह अधिसूचना प्याज की सभी किस्मों पर लागू होगी। अधिसूचना में कहा गया है कि प्याज के टुकड़े और पाउडर का निर्यात जारी रहेगा.
नई दिल्ली, 15 सितंबर (वार्ता) कांग्रेस की फूलो देवी नेताम ने राज्य सभा में सोमवार को छत्तीसगढ़ी भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने का मामला उठाया।
सदन में शून्यकाल के दौरान श्रीमती नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा का समृद्ध साहित्य है और लगभग नौ करोड़ लोग इसे बोलते-लिखते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने से भाषा का विकास होगा। उन्होंने रामायण का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके बहुत सारे अध्यायों में छत्तीसगढ़ी भाषा के शब्दों का इस्तेमाल हुआ है।
द्रविड़ मुनेत्र कषगम के पी. विल्सन ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-नीट का मामला उठाया। कांग्रेस के पी एल पुनिया ने श्रम कानूनों में बदलाव करने का मुद्दा उठाया और इन्हें वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण मजदूर तबका पहले ही भारी दबाव में है। कुछ राज्य सरकारों ने श्रम कानूनों में ढील दी है जिससे मजदूरों के अधिकारों का हनन हो रहा। उन्होंने कहा कि सरकार को इस संकट की घड़ी में मजदूरों का साथ देना चाहिए और उन्हें मजबूत बनाना चाहिए। श्रम कानूनों में बदलाव कर मजदूरों को कमजोर किया जा रहा है।
संसद में आज चीन के साथ जारी तनाव और पूर्वी लद्दाख के हालात का मामला उठेगा। एलएसी के हालात को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर दबाव बनाए हुए है कि सरकार इस मुद्दे पर आधिकारिक बयान दे। इसी के मद्देनजर रक्षा मंत्री आज दोपहर लोकसभा की कार्यवाही के दौरान 3 बजे 'लद्दाख में सीमा पर हालात' के बारे में संसद को जानकारी देंगे।
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में कई महीने से चीन के साथ तनाव बना हुआ है। और हालात इस हद तक बिगड़े हैं कि दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ चुकी हैं। तनाव कम करने की तमाम कोशिशें और कई दौर की बातचीत होने के बावजूद हालात में कोई बदलाव नहिं आया है।
हाल ही में मॉस्को में हुई एससीओ बैठक के बीच ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके चीनी समकक्ष के बीच तकरीबन 2 घंटे बैठक चली थी। इस बैठक में तय हुआ था कि दोनों देश आपसी बातचीत से सीमा विवाद का मुद्दा सुलझाएंगे, लेकिन इस पर फैसला नहीं हो सका कि दोनों देशों की सेनाएं कब पीछे हटेंगी। इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच भी बैठक हुई थी। इस बैठक में भारत ने साफ कहा था कि भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा करेगा। इस बैठक में भी तय हुआ था कि दोनों देश बातचीत जारी रखेंगे और विवाद को शांतिपूर्वक सुलझाने पर जोर देंगे। लेकिन बाद में चीन की तरफ से बयान आया था कि मुद्दा सुलझाने की पूरी जिम्मेदारी भारत पर है। इसके बाद भारत ने भी साफ कर दिया कि चीन जब तक सीमा पर यथास्थिति बहाल नहीं करता, तब तक उसके साथ व्यापारिक रिश्ते सामान्य नहीं होंगे।(navjivan)
नई दिल्ली, 15 सितंबर आईएएनएस। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान सभी 48 हजार झुग्गी वासियों को आश्वासन दिया कि झुग्गी को नहीं हटाया जाएगा। जब भी झुुग्गी हटाई जाएगी, उससे पहले पक्का मकान मिलेगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "जब तक आपका यह भाई, जब तक आपका यह बेटा जिंदा है, आपको हम किसी भी हालत में उजड़ने नहीं देंगे। केंद्र सरकार के स्पेशल प्रोविजन एक्ट, ड्यूसीब एक्टी, ड्यूसीब पॉलिसी और ड्यूसीब प्रोटोकाल चार कानून हैं, जो कहते हैं कि किसी भी झुग्गीवाले को हटाया जाएगा, तो पहले उसको पक्का मकान दिया जाएगा। पिछले 70 वर्षों में विभिन्न पार्टियों की सरकारों ने दिल्ली की प्लानिंग ठीक से नहीं की, उन्होंने गरीबों के लिए घर नहीं बनाए। साथ ही, जब तक कोरोना ठीक नहीं हो जाता, तब तक झुग्गी हटाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाना चाहिए, कहीं ऐसा न हो यह इलाके कोरोना के हॉट स्पॉट न बन जाएं।"
सीएम ने कहा, "मुझे खुशी है कि केंद्र सरकार ने कोर्ट में पॉजिटिव एफिडेविट दिया है, उसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार, रेलवे और अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री, तीनों मिलकर अगले 4 हफ्ते में इसका समाधान निकालेंगे। यह भी एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर हमें राजनीति करने की बजाय, सबको मिल कर काम करना चाहिए।"
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सदन में कहा, "यह आदेश हुआ है कि 48 हजार झुग्गियों को 3 महीने के अंदर तोड़ा जाए। मेरा अपना यह मानना है कि यह महामारी का दौर चल रहा है और इस महामारी के दौर में 48000 झुग्गियों को तोड़ना सही नहीं होगा, जब तक कोरोना ठीक नहीं हो जाता, तब तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाना चाहिए, नहीं तो कहीं ऐसा ना हो कि यही इलाके कोरोना के हॉटस्पॉट बन जाएं और केवल वही, नहीं वहां से कोरोना दिल्ली के बाकी हिस्सों में न फैलने लगे।"
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, "अगर एक दिन के लिए दिल्ली के सभी नेता काम करना बंद कर दें, तो दिल्ली चल जाएगी। अगर एक दिन के लिए दिल्ली के सारे अफसर काम करना बंद कर दें, तो दिल्ली चल जाएगी, लेकिन अगर एक दिन के लिए दिल्ली के सारे झुग्गीवाले काम करना बंद कर दें, तो दिल्ली बंद हो जाएगी। इसलिए हमें उनकी, जो भूमिका है, उसको गौर करना चाहिए।"
नई दिल्ली, 15 सितम्बर (आईएएनएस)| 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के 9 विधायक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी शामिल हैं। उप मुख्यमंत्री समेत सभी विधायकों ने कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद खुद को आइसोलेट कर लिया है। सोमवार को दिल्ली विधानसभा का एक दिवसीय मानसून सत्र बुलाया गया। हालांकि इस मानसून सत्र में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शिरकत नहीं कर सके। सिसोदिया ने बुखार की शिकायत के बाद स्वयं को आइसोलेट कर लिया है। कोरोना टेस्ट करवाने पर सिसोदिया की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है।
कोरोना जांच रिपोर्ट आने के बाद उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "हल्का बुखार होने के बाद आज मैंने कोरोना टेस्ट कराया था, जिसकी रिपोर्ट पोजि़टिव आई है। मैंने खुद को एकांतवास में रख लिया है।
"फिलहाल बुखार या अन्य कोई परेशानी नहीं है, मैं पूरी तरह ठीक हूँ। आप सब की दुआओं से जल्द ही पूर्ण स्वस्थ होकर काम पर लौटूंगा।"
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अलावा आठ अन्य विधायक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें प्रमिला टोकस, गिरीश सोनी, राजेश गुप्ता, ऋतुराज, वीरेंद्र सिंह कादयान, अजय महावर, सुरेंद्र कुमार और विशेष रवि शामिल हैं।
दरअसल विधानसभा की कार्यवाही से पहले सभी विधायकों की कोरोना जांच की गई। इस कोरोना जांच में प्रमिला टोकस, गिरीश सोनी और विशेष रवि कोरोना पॉजिटिव पाए गए। वहीं राजेश गुप्ता, ऋतुराज, वीरेंद्र सिंह कादयान, अजय महावर और सुरेंद्र कुमार ने अपने कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी विधानसभा को दी है।
दिल्ली के वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी भी उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के पास है। सोमवार को बुलाए गए एक दिवसीय मानसून सत्र के दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली माल और सेवा कर संशोधन विधेयक सदन में रखने वाले थे, लेकिन कोरोना पॉजिटिव होने के कारण वह विधानसभा सत्र में शामिल नहीं हुए।
गौरतलब है कि इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी बुखार और गले में खराश की शिकायत के उपरांत स्वयं को आइसोलेट किया था। कोरोना जांच के उपरांत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। वहीं स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को बुखार की शिकायत के उपरांत अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां वे कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे।
बाद में सत्येंद्र जैन को प्लाजमा थेरेपी भी दी गई। अस्पताल से छुट्टी मिलने के लगभग एक महीने बाद सत्येंद्र जैन ने स्वास्थ्य मंत्रालय का कार्य दोबारा संभाला था। जैन की अनुपस्थिति में उस समय मनीष सिसोदिया दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्रालय का कार्यभार भी संभाल रहे थे।
नई दिल्ली, 15 सितम्बर (आईएएनएस)| केंद्रीय उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि आगामी खरीफ विपणन सीजन 2020-21 में चावल की सरकारी खरीद 495.37 लाख टन से होने का अनुमान है। मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, इससे पहले खरीफ विपणन सीजन 2019-20 में धान की वास्तविक खरीद (चावल के रूप में) 420.22 लाख टन हुई थी, जोकि एक रिकॉर्ड है। इस प्रकार आगामी सीजन में चावल की सरकारी खरीद का नया रिकॉर्ड बन सकता है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव की अध्यक्षता में 11 सितंबर को राज्यों के खाद्य सचिवों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए एक बैठक हुई, जिसमें आगामी खरीफ विपणन वर्ष चावल की खरीद की व्यवस्था पर चर्चा हुई। बयान में कहा गया है कि आगामी खरीफ सीजन में चावल की खरीद 495.37 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पिछले साल के 416 लाख टन से 19.07 फीसदी अधिक है।
मंत्रालय की जानकारी के अनुसार, वर्ष 2020-21 में तमिलनाडु और महाराष्ट्र में खरीद में 100 फीसदी से ज्यादा का इजाफा होने का अनुमान है जबकि मध्यप्रदेश, तेलंगाना, बिहार और झारखंड में पिछले साल के मुकाबले खरीद में 50 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हो सकती है।
पंजाब में चावल की खरीद का अनुमान 113 लाख टन, छत्तीसगढ़ में 60 लाख टन, तेलंगाना में 50 लाख टन और हरियाणा में 44 लाख टन, आंध्रप्रदेश में 40 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 37 लाख टन और ओडिशा में 37 लाख टन होने का अनुमान है।
नई दिल्ली, 15 सितम्बर (आईएएनएस)| दिल्ली में रेलवे ट्रैक के नजदीक बसे झुग्गी कलस्टरों को तीन महीने में उजाड़ने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश की अध्यक्षता में तीन जजों की बेंच ने अगली सुनवाई तक झुग्गी झोपड़ियों को तोड़ने पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए। झुग्गी कलस्टरों की तरफ से वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद और अभिषेक मनु सिंघवी केस की पैरवी कर रहे थे। रेलवे ट्रैक के साथ जेजे क्लस्टर को हटाने के सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने सराय रोहिल्ला में जेजे कलस्टर का दौरा किया था और वहां झुग्गीवासियों को आश्वासन दिया था कि, "दिल्ली कांग्रेस उनकी झुग्गियों को उजाड़ने से रोकने के हर संभव प्रयास करेगी।"
अनिल कुमार ने कहा कि "यह आश्चर्य की बात है कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने एक दिवसीय विधानसभा सेशन में जे.जे. कलस्टर के एजेंडे को लिस्ट नहीं किया गया, जिससे साबित हो जाता है कि अरविंद केजरीवाल सरकार जे.जे. कलस्टर निवासियों की मदद करने के नाम पर सिर्फ मगरमच्छ की तरह आंसू बहा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि, "अगर केजरीवाल सरकार जे.जे. कलस्टर निवासियों के प्रति संवदेनशील होती तो एक दिवसीय सेशन में इस एजेंडे को प्रमुखता से उठाती। परंतु ऐसा नहीं हुआ। इससे साफ हो जाता है कि केजरीवाल सरकार, दिल्ली के संवदेनशील मामलों पर गंभीरता दिखाने की बजाए सिर्फ बातें करके दिल्लीवासियों को गुमराह कर रही है।"
सागर, 15 सितंबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की जुबान फिसल गई और वह भाजपा को ही कोस गए। राजपूत पिछले दिनों कांग्रेस छोड़कर पूर्व कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हुए थे। सागर जिले के सुरखी विधानसभा से विधायक रहे राजपूत ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। उन्हें आगामी समय में होने वाले उपचुनाव में सुरखी से बतौर भाजपा उम्मीदवार चुनाव लड़ना है। इससे पहले उन्होंने यहां रामशिला पूजन यात्रा निकाली गई। इस यात्रा का सोमवार को समापन हुआ।
समापन मौके पर संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए राजपूत भाजपा के पक्ष में कशीदे पढ़ते रहे, मगर अचानक उनकी जुबान फिसल गई और भाजपा को ही कोसने लगे। सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें राजपूत कह रहे हैं कि "कांग्रेस वर्तमान में भाजपा के काम से डरी हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सूझबूझ से राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ, पूरे देश में कोई दंगा-फसाद नहीं हुआ। इस समय पूरा मध्यप्रदेश राममय है, सुरखी राममय है, भाजपा को नकली राम नाम, भगवा झंडे को धारण करना पड़ रहा है, लेकिन जनता जानती है कि मुंह में राम बगल में छुरी, भाजपा का हमेशा यही काम रहा है।"
"छत्तीसगढ़" न्यूज डेस्क
नई दिल्ली, 14 सितंबर। कांग्रेस पार्टी ने आज मोदी सरकार की किसान और कृषि बिल पर तगड़ा हमला बोला। इसके लिए मोदी सरकार संसद में जो विधेयक ला रही है, उसे किसानों को तबाह करने वाला बताया।
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव गोगोई ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि संसद में भाजपा सरकार जो बिल लाई है वो किसानों और कृषि क्षेत्र को तबाह करने वाले बिल लाई है। किसान के लिए शायद आज का दिन काले अक्षर से लिखा जाएगा, क्योंकि चारों तरफ हम देख रहे हैं कि किसान पीडि़त है, उचित मूल्य नहीं मिल रहा, व्यापार चौपट है, उनके खेत में काम करने वालों को जो डेली वेज देना होता है, दिहाड़ी देनी होती है, वो नहीं दे पा रहे हैं, लेकिन आज भाजपा सरकार प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में जो बिल लाए हैं, वो किसानों को मदद करने के लिए नहीं, कॉर्पोरेट सेक्टर को मदद करने के लिए, बड़े-बड़े उद्योगपति को मदद करने के लिए ये बिल लाए हैं, जिससे किसानों को जो न्यूनतम समर्थन मूल्य जो मिलता है, जो मिनिमम सपोर्ट प्राईस मिलता है, आज वो खतरे में है। किसानों को एपीएमसी के द्वारा जो हमारे विभिन्न राज्य हैं, पंजाब, हरियाणा राज्यों में जाकर वहाँ पर किसान के खेत में मजदूरी करता है, उसका जो मूल्य मिलता है, वो खतरे में है। क्योंकि पहले दिन से ही इस सरकार की मंशा रही है कि किसानों की जमीन को कैसे हड़पकर बड़े-बड़े उद्योगों को लाभ दें। चाहे वो पहले भूमि अधिग्रहण बिल द्वारा हो या आज इन 3 बिल द्वारा जो किसानों के साथ जुड़े हुए हैं, एशेंयल कमोडिटी वेयर हाउस के साथ जुड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा कि मंत्री ने खुद अपनी बातों में कहा कि कहीं ना कहीं ये तीनों बिल जुड़े हुए हैं और यही बात बार-बार कांग्रेस के दल, हम उठा रहे हैं कि ये तीनों बिल आप एक नजरिए से देखें, ये जुड़े हुए हैं, किसानों के अधिकारों पर, किसानों की आमदनी पर, किसानों की इंकम पर ये प्रहार है। इसलिए हम इसका घोर विरोध कर रहे हैं। कई हमारे राज्यों के मुख्यमंत्री ने चि_ी के द्वारा इस बिल का विरोध भी किया है, आज हमने कांग्रेस के हमारे दल के नेता और अन्य हमारे सदस्यगण ने इस बिल का विरोध किया।
जवाब में मंत्री महोदय कहते हैं कि ये बिल किसानों को आजादी देता है-झूठ, सरासर झूठ।
ये बिल किसानों को आजादी नहीं देता, ये बिल आजादी देता है कॉर्पोरेट जगत को कि वो किस प्रकार से किसानों को एक्सप्लोयट करे, किसानों को एमएसपी से कम दर पर रखकर प्राईस दें। इसका हम विरोध करते रहेंगे और आने वाले हमारे लोकसभा और राज्यसभा के सत्र में भी इसका विरोध करेंगे।
दूसरी बात, आज हमने कांग्रेस की तरफ से ये बात रखी कि आज भारत की सीमा सुरक्षा के साथ हम सभी चिंतित हैं और पार्लियामेंट का पहला दिन आज है, देश के लोग आज पार्लियामेंट की तरफ देख रहे हैं, आज के समय अनिवायऱ् था कि रक्षा मंत्री बोलें कि सीमा पर जो हमारी समस्य़ा है चीन के साथ, उस पर भारत सरकार कब अपनी नीति स्पष्ट करेगी, चर्चा के द्वारा या स्टेटमेंट के द्वारा उनका क्या रवैया रहेगा, हम चाहते थे कि आश्वासन तो मिले। रक्षा मंत्री स्वयं आज लोकसभा में थे, एक आश्वासन तो मिले कि केन्द्र सरकार इस चीन के मामले को लोकसभा में कब उठाएगी, राज्यसभा में कब उठाएगी, पर इससे भी वो पीछे हट गए, इस बात का उन्होंने स्पष्टीकरण देना भी जरुरी नहीं समझा।
तीसरी जो मूल हमारी बात है कि कहीं ना कहीं भारत की संसद की जो गरिमा है और हमारे सांसदों के जो नैतिक-संवैधानिक अधिकार हैं, उन अधिकारों पर आक्रमण किया जा रहा है, क्योंकि प्रश्नकाल आज ऐतिहासिक रुप से, आज प्रश्नकाल को जिस प्रकार से, मुझे लगत है कि एक बनावटी कारण के द्वारा आज प्रश्नकाल को जिस प्रकार से स्थगित किया जा रहा है, ये उचित नहीं है, क्योंकि प्रश्नकाल में देश के लोग अपने चुने हुए प्रतिनिधियों के द्वारा मंत्री से सीधा सवाल करते हैं और मंत्री से सीधा उत्तर सुनने की अपेक्षा करते हैं। बार-बार हमने कहा कि आप शनिवार को पार्लियामेंट रख रहे हैं, रविवार को आप पार्लियामेंट रख रहे हैं, इससे हमें कोई आपत्ति नहीं, आप पार्लियामेंट 18 दिन का रखें या इससे पहले पार्लियामेंट को शुरुआत करके एक महीने का पार्लियामेंट रखें, हम पार्लियामेंट की प्रक्रिया में पूरी तरीके से सहयोग करने के लिए सहमत हैं। लेकिन प्रश्नकाल को आपने क्यों स्थगित किया? आप बोलते हैं कि कोविड के कारण, तो बिल पर चर्चा हो सकती है, मंत्री महोदय अपने भाषण दे सकते हैं, लेकिन मंत्री महोदय देश के आवाम के प्रश्नों का उत्तर क्यों नहीं दे सकते हैं। मंत्री महोदय ने बिल के लिए आज भाषण दिए, तो वो प्रश्न का उत्तर क्यों नहीं देना चाहते? उन्होंने कहा कि लिखित में वो प्रश्नों के उत्तर देंगे, लेकिन हम सभी को पता है कि ये जो लिखित उत्तर उनके अफसरों से आता है, देश की आवाम ने अफसरों को नहीं चुना, देश की आवाम ने इस सरकार, इस सरकार के मंत्रियों को चुना है और देश की आवाम की जो आवाज है, वो अफसरों के द्वारा लिखित उत्तर से नहीं, मंत्री महोदय के उत्तर से, स्वयं की वाणी से आनी चाहिए। तो कहीं ना कहीं चाहे वो बिल के द्वारा हो, चाहे वो प्रश्नकाल, जो स्थगन करने के द्वारा हो, या जीरो ऑवर को कम करके आधे घंटे का करके इस प्रक्रिया के द्वारा हो, एक ही मंशा दिख रही है कि संकट के समय ये सरकार देश के लोगों के अधिकारों को कम कर रही है, कमजोर कर रही है और पूरी सत्ता का कैसे और केन्द्रीय़करण कर पाए, सत्ता और कैसे अपने हाथ में ले पाए, लेजिस्लेटिव की सत्ता, लेजिस्लेटिव के अधिकार, पार्लिय़ामेंट की गरिमा, सांसदों के अधिकार को कैसे कमजोर करके और वो सत्ता को हड़प सकते हैं, इसी मंशा के साथ आज के इस पार्लियामेंट सत्र की शुरुआत हुई है।
सीमा सुरक्षा से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में श्री गोगोई ने कहा कि चीन के साथ हमें ना सिर्फ जमीन पर, ना सिर्फ हवा में, ना सिर्फ समुद्र में, पर चीन के साथ हमें साईबर वर्ल्ड में भी, साईबर स्पेस में भी उन पर नजर रखनी पड़ेगी और हम चाहेंगे कि आने वाले समय में भारत सरकार ये स्पष्ट करे कि अब तक जो चीनी लोगों ने या कंपनियों ने या संगठनों ने जो डेटा या इनफोर्मेशन केप्चर किया है, भारत के सेंसेटिव इनफोर्मेशन का कोई ऐसा डेटा उन्होंने नहीं लिया है।
नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)| केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि फिलहाल दिल्ली में रेल पटरियों के किनारे 48,000 झुग्गियों को नहीं हटाया जाएगा। केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि रेलवे, शहरी विकास मंत्रालय और दिल्ली सरकार एक साथ बैठकर चार सप्ताह में इस समस्या का कोई समाधान जरूर निकालेंगे और तब तक रेलवे पटरियों के किनारे झुग्गी बस्तियों को नहीं हटाया जाएगा।
वहीं वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पीठ के समक्ष अनुरोध किया कि कोर्ट को यथास्थिति का आदेश देना चाहिए। इस पर पीठ ने जवाब दिया कि ऐसा नहीं हो सकता, क्योंकि केंद्र पहले ही कह चुका है कि फैसला होने तक यथास्थिति रहेगी।
वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि वह आवेदकों की ओर से पेश हुए, जो सीधे तौर पर इससे प्रभावित हैं और आवेदक खुद झुग्गी वासी हैं। खुर्शीद ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी बात सुनने की भी आवश्यकता है और इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट से उन्हें मामले में पार्टी बनाने का आग्रह किया। वहीं सिंघवी ने तर्क दिया कि शुक्रवार और सोमवार को झुग्गियों को गिराने का काम हुआ है, इसलिए इसे रोकने के लिए निर्देश दिए जाने की आवश्यकता है।
मेहता ने उत्तर दिया कि हो सकता है कि इस तरह की तोड़फोड़ किसी और मामले में हुई हो, लेकिन इस मामले के मद्देनजर नहीं हुई है। दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वकील ने कोर्ट के सामने कहा कि पुनर्वास के लिए कानून और नियमों के संबंध में सरकार पूरी तरह से सहयोग करेगी। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले पर चार सप्ताह के बाद सुनवाई करेगा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने दिल्ली में रेल पटरियों के किनारे लगभग 48,000 झुग्गियों को हटाने के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। बीते 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में तीन महीने के भीतर रेलवे पटरियों पर लगभग 48,000 झुग्गी बस्तियों को हटाने का आदेश दिया था और कहा था कि इस मामले में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा।
माकन ने अपने आवेदन में कहा कि रेल मंत्रालय, दिल्ली सरकार आदि ने पहले ही प्रक्रिया की पहचान और झुग्गियों को हटाने की पहल कर दी है और दिल्ली में विभिन्न झुग्गी बस्तियों में तोड़ने के नोटिस जारी किए गए हैं।
-मोहम्मद शोएब
नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)| कोरोना काल में दिल्ली के चिड़ियाघर में दर्शकों की आवाजाही पर रोक लगी हुई है। लोगों के न आने से चिड़ियाघर के अंदर रह रहे जानवर पूरी तरह चैन की जिंदगी बिता रहे हैं। उनके बर्ताव में भी सकारात्मक बदलाव देखा जा रहा है। वहीं, कर्मचारियों को जानवरों की देखभाल और उनके स्वास्थ्य का ज्यादा ख्याल रखना पड़ रहा है।
चिड़ियाघर के अंदर दर्शकों की एंट्री बंद होने के बाद जनवरों को अब सुबह जल्द ही पिंजड़े से निकलने दिया जाता है। यानी जानवर इस समय प्राकृतिक वातावरण में ज्यादा समय गुजार पा रहे हैं।
दिल्ली चिड़ियाघर के निदेशक रमेश के. पांडेय ने आईएएनएस को बताया, "दर्शकों के प्रवेश की पाबंदी होने की वजह से चिड़ियाघर में इन दिनों शोर-शराबा कम है। अब सोते हुए जानवरों को बेवजह कोई नहीं जगाता। इस वजह से जानवर अभी चैन से रह रहे हैं। इसका पॉजिटिव इम्पैक्ट हो सकता है।"
उन्होंने कहा, "हालांकि ये पुख्ता तौर पर साबित कर पाना थोड़ा मुश्किल होगा कि दर्शकों के न आने से जानवरों के बर्ताव में किस तरह का बदलाव आया है। इसका महज अनुमान लगाया जा सकता है।"
पांडेय ने आगे बताया, "चिड़ियाघर को एक समय के अंतराल पर सैनिटाइज किया जा रहा है। चिड़ियाघर का स्टाफ अलग-अलग पैमाने पर जानवरों के लिए काम कर रहा है। जैसे जानवरों का बाड़ा देखना, पानी, खाना, स्वास्थ्य और हाइजीन पर हम इस समय ज्यादा ध्यान दे पा रहे हैं।"
गौरतलब है कि चिड़ियाघर को लॉकडाउन से पहले ही 18 मार्च को आम जनता के लिए बंद कर दिया गया था। वायरस से बचने और रोकथाम के लिए चिड़ियाघर के अंदर मौजूद कर्मचारियों को मुंह पर मास्क लगाना और हाथों में ग्लव्स पहनना जरूरी है।
चिड़ियाघर प्रशासन ने इस समय जानवरों के पिंजड़े खुले छोड़ दिए हैं। बस उनके बाड़ों के गेट पर ताला लगा रहता है, ताकि वे जब चाहे पिंजड़े के अंदर और बाहर घूम सकते हैं।
हाल ही में बूचड़खाने बंद होने की वजह से चिड़ियाघर के अंदर ही एक बूचड़खाना बनाया गया था, जहां से जानवरों के लिए मांस की आपूर्ति की जाती थी। लेकिन पिछले 15 दिनों से पहले की तरह बाहर से ही मांस मंगाया जा रहा है।
इस चिड़ियाघर में करीब 200 कर्मचारी कार्यरत हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान चिड़ियाघर के स्टाफ के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं। समूचे चिड़ियाघर को एक निश्चित अंतराल पर सैनिटाइज किया जाता है। कर्मचारियों को मास्क और ग्लव्स पहनने के बाद ही जानवरों के पास जाना होता है। वहीं, जानवरों के घर की सफाई और स्क्रीनिंग भी की जा रही है।
चिड़ियाघर के निदेशक ने आईएएनएस को आगे बताया, "दर्शक न होने की वजह से हम एनिमल वेलफेयर पर आसानी से काम कर पा रहे हैं। बड़े जानवर जैसे हाथी, बाघ, तेंदुआ, जैगुआर इन सभी की रेगुलर स्क्रीनिंग की जा रही है।"
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सेहत के नजरिये से लोगों की सुरक्षा जितनी जरूरी है, उतना ही जानवरों की सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है। इनमें कोरोना के अलावा अन्य बीमारियां भी होती हैं, जिनका हमें ध्यान रखना होता है। ये भी गौर करना जरूरी होता है कि इंसानों या जानवरों की वजह से एक-दूसरे में कहीं कोई संक्रमण न फैले।
पांडेय ने बताया कि चिड़ियाघर का स्टाफ सुबह 6 से रात 12 बजे तक काम करता है। चिड़ियाघर के अंदर हर चीज पर नजर रखी जाती है। जिस तरह एक मां अपने बच्चे का ख्याल रखती है, उसी तरह हमें इन जानवरों का ध्यान रखना होता है। हम लोगों के लिए हर दिन एक नई चुनौती होती है।
उन्होंने कहा, "भविष्य में सरकार द्वारा अगर चिड़ियाघर को खोलने का आदेश और दिशा-निर्देश आते हैं तो उनका पालन किया जाएगा। हम कोशिश करेंगे कि ज्यादा से ज्यादा चीजें ऑनलाइन हो सकें। वहीं, हम यह भी ध्यान रखेंगे कि दो कर्मचारियों के बीच उचित दूरी बनी रही ।"
निदेशक के कहा, "चिड़ियाघर का उद्देश्य राजस्व कमाना नहीं, बल्कि लोगों को जानवरों के बारे में शिक्षा देना है। जो बच्चा किताबों में टाइगर की तस्वीर देखता है और जब यहां आकर उसे जीता-जागता देखता है तो उसके बारे में ज्याद जान पाता है।"