राष्ट्रीय
पटना, 18 अगस्त (आईएएनएस)| पटना के रहने वाले दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के कथित आत्महत्या मामले में अब उनके परिजन सबूत मिटाने को लेकर आशंकित हैं। सुशांत के चचेरे भाई नीरज कुमार बबलू ने यहां कहा कि इस मामले में सबूत मिटाए जा रहे हैं। उन्होंने तो यहां तक कहा कि इस मामले में गवाहों की हत्या की जा सकती है। गवाहों को धमकाया जा रहा है। भाजपा विधायक नीरज कुमार बबलू ने कहा कि सामने आए गवाहों को पुलिस को सुरक्षा देनी चाहिए।
आईएएनएस के साथ मंगलवार को बातचीत में भाजपा विधायक नीरज ने कहा कि हम सभी लोगों को उम्मीद है कि सर्वोच्च न्यायालय जल्द ही इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को जांच का निर्देश देगी और जांच को सही दिशा मिलेगी और सब कुछ सामने आ जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह हम लोगों की ही नहीं पूरे देश की इच्छा है।
इस मामले में सबूत मिटाए जाने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "सबूत मिटाने का प्रयास किया जा रहा है। यह आशंका मीडिया द्वारा भी व्यक्त किया जा रहा है। इसका ध्यान महाराष्ट्र पुलिस रखे।"
उन्होंने गवाहों के साथ किसी अनहोनी की आशंका जताते हुए कहा कि गवाहों को डराने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में मुंबई पुलिस सहयोग नहीं कर रही है, यह बात खुलकर सामने आ गई है फि र भी हम लोग चाहते हैं कि इस मामले में गवाहों को सुरक्षा दी जाए।
सुशांत के कथित आत्महत्या के दो महीने गुजर जाने के बाद भी अब तक इस मामले की जांच में कोई खास प्रगति नहीं हुई है। 15 जुलाई को इस मामले को लेकर सुशांत के पिता के. के. सिंह ने पटना के राजीव नगर थाना में मामला दर्ज करवाया था। बाद में इस मामले की जांच सीबीआई से कराने को लेकर बिहार सरकार ने अनुश्ांसा कर दी।
पटना में दर्ज मामले की मुख्य आरोपी रिया चक्रवर्ती ने मामले को मुबई स्थानांतरण करने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय से गुहार लगाई है।
आगरा, 18 अगस्त (आईएएनएस)| आगरा जिला प्रशासन ने मंगलवार को जिम और रेस्तरां को फिर से खोलने की अनुमति दे दी है। हालांकि इसके लिए उन्होंने कई शर्तें भी रखी हैं। जिला मजिस्ट्रेट पी.एन. सिंह ने कहा, "इन्हें रात 10 बजे तक खुला रहने की अनुमति है। हालांकि इसके लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, जिनका कड़ाई से पालन करना जरूरी होगा। इन सभी जगहों पर मास्क, सैनेटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा।"
हालांकि ताजमहल और आगरा किला खुलने के लिए अभी और इंतजार करना होगा। वहीं प्रशासन ने संकेत दिया है कि अन्य छोटे ऐतिहासिक स्मारकों को आगंतुकों के लिए फिर से खोला जा सकता है।
इसी बीच राज्य के एक पूर्व मंत्री की पत्नी की मौत के साथ यहां कोविड -19 से मरने वालों की संख्या 104 हो गई है। पिछले 24 घंटों में 35 नए मामले आए हैं। शहर में 322 सक्रिय मामले हैं और अब तक 1,922 लोग ठीक हो चुके हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि रिकवरी दर 81.90 प्रतिशत है। कंटेनमेंट जोन की संख्या फिर से बढ़कर 167 हो गई है।
मथुरा में तीन मौतों के साथ 54 मामले दर्ज हुए हैं। इसके अलावा फिरोजाबाद में 15, एटा में 14 और मैनपुरी में 15 मामले आए हैं।
आगरा, 18 अगस्त (आईएएनएस)| आगरा जिला प्रशासन ने मंगलवार को जिम और रेस्तरां को फिर से खोलने की अनुमति दे दी है। हालांकि इसके लिए उन्होंने कई शर्तें भी रखी हैं। जिला मजिस्ट्रेट पी.एन. सिंह ने कहा, "इन्हें रात 10 बजे तक खुला रहने की अनुमति है। हालांकि इसके लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, जिनका कड़ाई से पालन करना जरूरी होगा। इन सभी जगहों पर मास्क, सैनेटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा।"
हालांकि ताजमहल और आगरा किला खुलने के लिए अभी और इंतजार करना होगा। वहीं प्रशासन ने संकेत दिया है कि अन्य छोटे ऐतिहासिक स्मारकों को आगंतुकों के लिए फिर से खोला जा सकता है।
इसी बीच राज्य के एक पूर्व मंत्री की पत्नी की मौत के साथ यहां कोविड -19 से मरने वालों की संख्या 104 हो गई है। पिछले 24 घंटों में 35 नए मामले आए हैं। शहर में 322 सक्रिय मामले हैं और अब तक 1,922 लोग ठीक हो चुके हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि रिकवरी दर 81.90 प्रतिशत है। कंटेनमेंट जोन की संख्या फिर से बढ़कर 167 हो गई है।
मथुरा में तीन मौतों के साथ 54 मामले दर्ज हुए हैं। इसके अलावा फिरोजाबाद में 15, एटा में 14 और मैनपुरी में 15 मामले आए हैं।
पटना, 18 अगस्त (आईएएनएस)| पटना के रहने वाले दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के कथित आत्महत्या मामले में अब उनके परिजन सबूत मिटाने को लेकर आशंकित हैं। सुशांत के चचेरे भाई नीरज कुमार बबलू ने यहां कहा कि इस मामले में सबूत मिटाए जा रहे हैं। उन्होंने तो यहां तक कहा कि इस मामले में गवाहों की हत्या की जा सकती है। गवाहों को धमकाया जा रहा है। भाजपा विधायक नीरज कुमार बबलू ने कहा कि सामने आए गवाहों को पुलिस को सुरक्षा देनी चाहिए।
आईएएनएस के साथ मंगलवार को बातचीत में भाजपा विधायक नीरज ने कहा कि हम सभी लोगों को उम्मीद है कि सर्वोच्च न्यायालय जल्द ही इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को जांच का निर्देश देगी और जांच को सही दिशा मिलेगी और सब कुछ सामने आ जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह हम लोगों की ही नहीं पूरे देश की इच्छा है।
इस मामले में सबूत मिटाए जाने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "सबूत मिटाने का प्रयास किया जा रहा है। यह आशंका मीडिया द्वारा भी व्यक्त किया जा रहा है। इसका ध्यान महाराष्ट्र पुलिस रखे।"
उन्होंने गवाहों के साथ किसी अनहोनी की आशंका जताते हुए कहा कि गवाहों को डराने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में मुंबई पुलिस सहयोग नहीं कर रही है, यह बात खुलकर सामने आ गई है फि र भी हम लोग चाहते हैं कि इस मामले में गवाहों को सुरक्षा दी जाए।
सुशांत के कथित आत्महत्या के दो महीने गुजर जाने के बाद भी अब तक इस मामले की जांच में कोई खास प्रगति नहीं हुई है। 15 जुलाई को इस मामले को लेकर सुशांत के पिता के. के. सिंह ने पटना के राजीव नगर थाना में मामला दर्ज करवाया था। बाद में इस मामले की जांच सीबीआई से कराने को लेकर बिहार सरकार ने अनुश्ांसा कर दी।
पटना में दर्ज मामले की मुख्य आरोपी रिया चक्रवर्ती ने मामले को मुबई स्थानांतरण करने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय से गुहार लगाई है।
बागपत (उत्तर प्रदेश), 18 अगस्त (आईएएनएस)| भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संजय खोखर हत्याकांड मामले में दिवंगत नेता के परिवार ने सीबीआई जांच की मांग की है। खोखर की 11 अगस्त को बागपत के छपरौली इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस संबंध में खोखर के बेटों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है। हत्या के बाद तीन पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
छपरौली पुलिस स्टेशन के एसएचओ को घटना के तुरंत बाद निलंबित कर दिया गया था, जबकि एडिशनल एसपी अनित कुमार का एक दिन बाद तबादला कर दिया गया था। बागपत के एसपी अजय कुमार का भी तबादला कर दिया गया है।
पुलिस ने एफआईआर में नामजद पांच आरोपियों में से तीन को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन परिवार का कहना है कि वे जांच से संतुष्ट नहीं है।
खोखर के बेटे अक्षय ने कहा, "हमने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और हत्या की जांच सीबीआई से कराने के लिए कहा, क्योंकि हम पुलिस की जांच से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं। पुलिस ने मामले में हमें किसी भी प्रगति से अवगत कराने की भी जहमत नहीं उठाई है। हमें जो भी जानकारी मिल रही है, वह मीडिया से मिल रही है।"
अक्षय के मुताबिक, खेतों में छिपे हुए कम से कम पांच लोगों ने बाहर निकलकर उनक पिता को करीब से गोली मार दी थी। बदमाशों ने खोखर को सिर और सीने में गोली मार दी थी जिसके बाद उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। पुलिस को हत्या के पीछे निजी दुश्मनी का शक है।
खोखर के परिवार ने पांच लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है, जिनमें चार की पहचान नितिन धनकड़, मयंक दलाद, विनीत कुमार और अंकुर शर्मा के रूप में हुई है और एक अज्ञात है।
इनमें से दो को हत्या के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया था जबकि एक को बाद में गिरफ्तार किया गया था।
महाराष्ट्र, 18 अगस्त। महाराष्ट्र के पालघर जिले के बोईसर इलाके में तारापुर इंडस्ट्रियल एरिया में नंडोलीया केमिकल फैक्ट्री में आग लगने के कारण धमाका हो गया है। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। पालघर के जिलाधिकारी कैलाश शिंदे के मुताबिक नंडोलीया ऑर्गेनिक कैमिकल्स फैक्ट्री में आग लगने से धमाका हुआ।
One person killed, three seriously injured in fire at the factory of Nandolia Organic Chemicals: Palghar Collector Kailas Shinde#Maharashtra https://t.co/Y9DfeTcxmQ
— ANI (@ANI) August 17, 2020
खबरों के मुताबिक इस धमाके की आवाज 10 किलोमीटर दूर तक सालवाड़, पाथल, बोईसर, तारापुर और आसपास के गांवों तक सुनाई दी। वहीं कुछ अन्य रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस विस्फोट के बाद कई किलोमीटर के इलाके में गैस रिसाव हुआ है। बताया जा रहा है कि केमिकल रिएक्शन की वजह से इंडस्ट्रियल एरिया के के टी जोन में यह विस्फोट हुआ है। पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचकर जांच कर रहे हैं।
पालघर में इससे पहले भी एक ऐसी घटना हुई थी। इसी साल जनवरी में भी पालघर जिले के कोलवाडे गांव में निर्माणाधीन केमिकल फैक्ट्री में धमाका हुआ था। इस घटना में 7 लोगों की जान चली गई थी और 4 लोग घायल हुए थे। इस धमाके की गूंज भी करीब 15 किलोमीटर दूर तक सुनाई देने की बात कही गई थी। धमाके में फैक्ट्री की एक इमरात भी ध्वस्त हो गई थी।(NAVJIVAN)
लखनऊ, 18 अगस्त। उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर ब्राह्मण वोटों को लेकर बयानबाजी जारी है। सोमवार को बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने भाजपा नेता उमेश द्विवेदी के बयान पर ट्वीट करते हुए कहा कि ब्राह्मण समाज को बीमा से पहले मान-सम्मान व सुरक्षा की पूरी गारंटी चाहिए। सरकार इस ओर ध्यान दे तो बेहतर रहेगा। मायावती ने अपने ट्वीट के माध्यम से कहा कि "यूपी भाजपा सरकार द्वारा गरीब ब्राह्मणों का बीमा कराने की बात इस वर्ग के प्रति केवल अपनी कमियों पर पर्दा डालने के लिए ही लगता है, जबकि ब्राह्मण समाज को वास्तव में बीमा से पहले उन्हें सरकार से अपने मान-सम्मान व पूरी सुरक्षा की गारंटी चाहिए। सरकार इस ओर ध्यान दे तो बेहतर है।"
गौरतलब है कि भाजपा नेता उमेश द्विवेदी ने बयान दिया था कि योगी सरकार गरीब ब्राह्मणों के लिए मेडिकल इंश्योरेंस की व्यवस्था करेगी। हालांकि उनके इस बयान से भाजपा ने कन्नी काट ली है। उनके बयान को निजी बताया जा रहा है।(IANS)
शिमला, 18 अगस्त। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा शिमला में आयोजित की जा रही परीक्षाओं पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत के अगले आदेश तक परीक्षाओं पर रोक जारी रहेगी। 19 अगस्त तक लागू एक अंतरिम आदेश में न्यायमूर्ति सुरेश्वर ठाकुर और चंदर भूषण बारोवालिया की खंडपीठ ने छात्रों और अभिभावकों की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई की, जिन्होंने कोरोनावायरस के प्रसार पर चिंता जताते हुए विश्वविद्यालय की परीक्षाओं को आगे बढ़ाने की मांग की थी।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) मामले पर अपना फैसला नहीं सुनाया है। मामला 18 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
हिमाचल प्रदेश में राज्यभर में 134 केंद्रों पर आठ सितंबर तक 36,000 से अधिक छात्रों के परीक्षाओं में शामिल होने की उम्मीद थी।
हालांकि, यह आदेश हाईकोर्ट द्वारा 14 अगस्त को पारित किया गया था, लेकिन विश्वविद्यालय ने दावा किया कि उसे आदेश के बारे में जानकारी नहीं थी, इसलिए वह सोमवार को पहली परीक्षा के साथ आगे बढ़ गए।
राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ने यहां मीडिया को बताया कि राज्य ने सभी स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अंतिम वर्ष के आयोजन की तैयारी की है।
उन्होंने कहा, "हम हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट में लीव पिटिशन दायर करने जा रहे हैं।"(IANS)
श्रीनगर, 17 अगस्त। आतंकवादियों ने शारीरिक रूप से अक्षम किसान आजाद अहमद डार की हत्या कर दी है। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि आतंकवादियों द्वारा बेवजह की जा रही हिंसा उन्हीं कश्मीरियों को खा रही है, जिनकी तथाकथित 'स्वतंत्रता' के लिए वे लड़ने का दावा करते हैं। पुलिस ने कहा है कि 15 अगस्त की रात करीब 8 बजे डार के घर में घुसे तीन आतंकवादियों ने उसे गोलियों से छलनी कर दिया।
किसी भी आतंकवादी संगठन ने डार की निर्दयता से की गई हत्या की जिम्मेदारी नहीं ली है और फिर भी स्थानीय समाज इस हद तक एक दूसरे से जुड़ा हुआ है कि आतंकी स्वीकार करें या न करें, लोगों को किसी न किसी तरह से पता चल जाता है कि किसने किसे मारा है।
पुलवामा जिले के कंगन गांव का विकलांग किसान डार (40) पूरे गांव का सबसे गरीब किसान था।
रिपोटरें में कहा गया है कि गांव में कोई भी कभी भी डार को अपने दामाद के रूप में स्वीकार करने के लिए सहमत नहीं हुआ क्योंकि उन्हें ऐसा लगता था कि यदि कोई ऐसा करता तो इसका मतलब होगा कि वह अपनी बेटी को दुख और पीड़ा में धकेल देगा।
डार ने बिहार की एक महिला से शादी की जिससे उसे 10 साल की एक बेटी है।
गांव के एक बुजुर्ग ने नाम न बताने के आग्रह पर बताया, "अपने और अपने परिवार के लिए दो समय के भोजन का प्रबंधन करना भी उसके लिए मुश्किल था क्योंकि वह अपनी शारीरिक स्थिति के कारण के कारण अपनी छोटी सी जमीन पर ठीक से खेती भी नहीं कर पाते थे। वह ना तो किसी भी राजनीतिक दल से संबंधित थे, न ही उन्होंने कभी सुरक्षा बलों या आतंकवादियों के साथ बातचीत करने की कोशिश के बारे में सुना गया था। उसकी हत्या ने हम सभी को हैरान कर दिया है। क्या अब हम आखिरकार एक-दूसरे को सिर्फ इसलिए मार रहे हैं क्योंकि हमें मारना है।"
कश्मीर में पिछले 30 वर्षों से चल रही हिंसा में सबसे ज्यादा निर्दोष कश्मीरी मारे गए हैं।
चाहे वह आतंकवादियों द्वारा फैलाया गया बेवजह का आतंक हो या सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच गोलीबारी की घटनाओं में नागरिकों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत, यह साबित करती है कि हिंसा हमेशा अपने बच्चों को ही खाती है।(IANS)
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नई दिल्ली, 17 अगस्त। निलंबित कांग्रेस नेता संजय झा ने दावा किया है कि पार्टी के 100 नेताओं ने सोनिया गांधी को खत लिखकर पार्टी में बदलाव और कांग्रेस वर्किं ग कमेटी के लिए चुनाव कराने का आग्रह किया है। हालांकि पार्टी ने झा के इस दावे को खारिज किया है। बता दें कि आईएएनएस ने 29 जुलाई को इस तरह के एक पत्र के बारे में जानकारी दी थी।
संजय झा ने ट्वीट किया, "कुछ सांसदों समेत करीब 100 कांग्रेस नेताओं ने पार्टी के मौजूदा हालात को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखा है, जिसमें अध्यक्ष पद और कांग्रेस वर्किं ग कमेटी के लिए चुनाव कराने की बात कही गई है।"
हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस तरह का कोई भी पत्र लिखे जाने की बात को खारिज किया। उन्होंने कहा, भाजपा का फेसबुक से लिंक के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए मीडिया में कुछ गलत प्रचार किया जा रहा है। ऐसा कोई पत्र है ही नहीं।
उन्होंने आगे कहा, "हां, भाजपा के कुछ कठपुतली इस मुद्दे पर कूद पड़े हैं।"
कांग्रेस पार्टी के सचिव प्रणव झा ने भी कहा, "ऐसा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।"
एक सवाल के जवाब में हालांकि कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया शिनाते ने कहा कि पार्टी में अंदरूनी लोकतंत्र है और सभी को पत्र लिख्रने की पूरी आजादी है। कांग्रेस वर्किं ग कमेटी को अपना नेता चुनने का पूरा अधिकार भी है।
कांग्रेस ने कहा कि पार्टी के कुछ नेता भाजपा के इशारों पर काम कर रहे हैं।
बता दें कि आईएएनएस ने 29 जुलाई को खबर दी थी कि कांग्रेस के कुछ नेता कांग्रेस वर्किं ग कमेटी को पत्र लिख कर फुल टाइम पार्टी अध्यक्ष चुनने की मांग कर सकते हैं।
सूत्रों ने बताया था कि कांग्रेस नेताओं के एक ग्रुप ने इस तरह का एक पत्र ड्राफ्ट किया है। एक कांग्रेस नेता ने आईएएनएस से इसकी पुष्टि भी की थी। लेकिन सूत्रों ने किसी नेता का नाम नहीं बताया था।(IANS)
अलीगढ़, 17 अगस्त (आईएएनएस)| अलीगढ़ के खैर इलाके के पीपल गांव में पहुंची अलग-अलग सरकारी एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों की एक टीम चीनी हवाला रैकेट से जुड़े संदिग्ध लड़के राहुल से मिलने पहुंची तो उसे चौंकाने वाली जानकारियां मिलीं। कथित तौर पर दो चीनी कंपनियों में निदेशक और दो अन्य कंपनियों में शेयरधारक राहुल का घर बहुत ही जीर्ण-शीर्ण हालत में है। अधिकारियों की टीम उसके परिवार से सामान्य पूछताछ करने के बाद वापस चली गई।
अधिकारियों ने राहुल से भी फोन पर बात की है। उसने उन्हें बताया है कि वह पिछले एक साल से गुरुग्राम की एक मोटर व्हीकल पार्ट फर्म में काम कर रहा है। जब उसे एक व्यक्ति ने डीएलएफ साइबर सिटी में स्थित एक कार्यालय में दूसरी अंशकालिक नौकरी की पेशकश की तो उसने तुरंत हामी भर दी थी।
राहुल ने टीम को बताया कि सग्गू नाम के उस व्यक्ति ने राहुल के जॉब जॉइन करते ही उसका आधार और पैन कार्ड ले लिया था जिनका हाल ही में मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट में उसकी सहमति के बिना उपयोग किया गया है। इस मामले का खुलासा कुछ ही दिन पहले दिल्ली में किया गया है।
इसके बाद रविवार की दोपहर से ही राहुल का मोबाइल फोन स्विच ऑफ हो गया है और उसके पिता भी नहीं मिल रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, राहुल के परिवार के पास 12 बीघा जमीन है और कृषि ही उनकी आय का एकमात्र स्रोत है। परिवार के बाकी सदस्य जो अब मीडिया से बात करने के लिए तैयार नहीं हैं, वे भी इस बात से 'हैरान' हैं कि उनका बेटा कथित तौर पर करोड़पति है।
अपना नाम बताने से इंकार करते हुए एक पड़ोसी ने कहा, "हम विश्वास नहीं कर सकते कि राहुल ऐसी किसी भी चीज में शामिल हो सकता है। उनका घर जीर्ण-शीर्ण हालत में हैं और ऐसा कोई संकेत नहीं है कि उनके पास इतना पैसा आया है।"
इस बीच चीनी संस्थाओं द्वारा चलाए जा रहे एक हवाला रैकेट की जांच में आयकर अधिकारियों ने पाया है कि एक संदिग्ध व्यक्ति लू सांग ने अपनी पहचान बदलकर चार्ली पैंग कर ली थी, जो कि एक भारतीय नागरिक था।
उसके पास भारतीय पासपोर्ट और यहां तक कि आधार कार्ड भी था। उसकी शादी मणिपुर की एक लड़की से हुई थी। उसके पास से मणिपुर से जारी किया गया पासपोर्ट मिला है।
आयकर विभाग ने पिछले ही हफ्ते कुछ चीनी व्यक्तियों और उनके भारतीय सहयोगियों द्वारा चलाए जा रहे एक हवाला रैकेट का भंडाफोड़ किया था। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि लू सांग नाम का व्यक्ति भारत में हवाला के संचालन के लिए कई चीनी फर्मों का प्रतिनिधित्व कर रहा था।
विभाग के अधिकारियों ने बैंक कर्मचारियों और कई चीनी कंपनियों के परिसरों पर भी छापा मारा है। संदेह है कि यह घोटाला एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है।
इस हवाला रैकेट को चलाने वाला आरोपी पिछले तीन सालों से इसे चला रहा था और अक्सर अपने पते बदलता रहता था। पहले वह दिल्ली के द्वारका इलाके में रहता था लेकिन वर्तमान में उसका पता बदलकर डीएलएफ हो गया है।
नई दिल्ली, 17 अगस्त (आईएएनएस)| फेसबुक की दक्षिण एशिया पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर अंखी दास ने दिल्ली पुलिस की साइबर सेल यूनिट में कई लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, जो उन्हें ऑनलाइन पोस्ट और कंटेंट के जरिए कथित तौर पर जान से मारने की धमकी दे रहे थे। वॉल स्ट्रीट जर्नल में 14 अगस्त को एक लेख प्रकाशित होने के बाद दास सुर्खियों में आई हैं, जिसमें आरोप लगाया गया है कि फेसबुक ने भारत में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सत्तारूढ़ भाजपा का पक्ष लिया है।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि एफआईआर में एक महिला सहित पांच लोगों के नाम हैं, जो ट्विटर पर सक्रिय हैं। हिमांशु देशमुख और अवेश तिवारी के रूप में पहचाने गए दो लोगों के फेसबुक प्रोफाइल का उल्लेख किया गया है। भारतीय दंड संहिता की धारा 354ए, 499/500, 506, 507, 509 कानून के अन्य लागू प्रावधानों के तहत यह एफआईआर दर्ज की गई है।
लुटियंस दिल्ली में एक बहुत ही प्रभावशाली एमएनसी एक्जिक्यूटिव्स में से एक के रूप में देखे जाने वाले पॉश दक्षिण दिल्ली क्षेत्र की निवासी 49 वर्षीय दास ने अपनी प्राथमिकी में कहा है, "14 अगस्त 2020 की शाम से, मुझे मेरे जीवन और शरीर के लिए हिंसक धमकियां मिल रही हैं। मैं आरोपी व्यक्तियों की ओर से मिल रही धमकियों से बेहद परेशान हूं। सामग्री (कंटेंट), जिसमें मेरी तस्वीर भी शामिल है, जाहिर तौर पर मेरे जीवन और शरीर के लिए खतरा है। मुझे अपनी और मेरे परिवार के सदस्यों की सुरक्षा को लेकर डर है।"
उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि "एक समाचार लेख के आधार कंटेंट मेरी प्रतिष्ठा को खराब कर रहे हैं और मुझे धमकियां मिल रही हैं।"
दास फेसबुक में सार्वजनिक नीति की निदेशक हैं। उन्होंने संकेत दिया है कि एक विशेष राजनीतिक दल के साथ मिलकर कई लोगों ने डब्ल्यूएसजे में प्रकाशित लेख के बाद उन्हें टारगेट (लक्षित) किया है।
प्राथमिकी में कहा गया है, "अभियुक्तों ने जानबूझकर अपनी राजनीतिक संबद्धता के कारण मुझे दोषी ठहराया है और अब ऑनलाइन और ऑफलाइन दुर्व्यवहार में संलग्न हैं। मुझे आपराधिक धमकी दी जा रही है।"
दास ने उन पर यौन रूप से भी भद्दी टिप्पणियां करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और उन्हें बदनाम करने के लिए यह किया जा रहा है।
उन्होंने अपनी शिकायत में कहा, "चूंकि मेरी तस्वीरें और ब्योरे सार्वजनिक रूप से अपराधियों द्वारा साझा किए जा रहे हैं, इसलिए मैं लगातार भय और धमकी के अधीन हूं, खासकर एक महिला होने के नाते।"
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने खुलासा किया कि एफआईआर में बताए गए आरोपियों की पहचान की जा रही है। पुलिस कार्रवाई शुरू करेगी, जिसमें कानून के अनुसार आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है।
इस बीच एक फेसबुक प्रवक्ता ने कहा, "हम हिंसा को उकसाने वाले हेट स्पीच और कंटेंट को प्रतिबंधित करते हैं। हम यह देखे बिना इन नीतियों को दुनियाभर में लागू करते हैं कि किसी की क्या राजनीतिक हैसियत है या वो किस दल से जुड़ा है। हम निष्पक्षता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए नियमों को और धारदार बना रहे हैं। साथ ही हम अपनी प्रक्रियाओं की नियमित रूप से ऑडिंटिंग भी करते रहते हैं।
नई दिल्ली, 17 अगस्त (भाषा)। वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में फेसबुक द्वारा भारत में सत्तारूढ़ दल के नेताओं पर घृणा भाषण संबंधी नियमों को लागू करने में लापरवाही का दावा किये जाने के बाद रविवार को कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गये। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रिपोर्ट को लेकर बीजेपी तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर फेसबुक तथा वॉट्सऐप का इस्तेमाल करते हुए मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए 'फर्जी खबरें' फैलाने का आरोप लगाया।
कांग्रेस जेपीसी जांच की मांग की
इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्षी दल को कैंब्रिज एनालिटिका मुद्दे की याद दिलाने का प्रयास किया। कांग्रेस ने रिपोर्ट में लगाये गये आरोपों की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग करते हुए कहा कि ये भारतीय लोकतंत्र की बुनियाद के लिए खतरा हैं और इनकी जांच की जानी चाहिए। प्रसाद ने पलटवार करते हुए ट्वीट किया, जो हारने वाले लोग अपनी ही पार्टी में लोगों को प्रभावित नहीं कर सकते, वे ऐसा माहौल बनाते रहते हैं कि पूरी दुनिया पर बीजेपी और आरएसएस का नियंत्रण है।
राहुल ने बीजेपी और संघ पर निशाना साधा
उन्होंने कहा, आप चुनाव से पहले आंकड़ों को हथियार बनाने के लिए कैंब्रिज एनालिटिका तथा फेसबुक के साथ गठजोड़ करते हुए रंगे हाथ पकड़े गये थे और अब हमसे सवाल पूछ रहे हैं। इससे पहले राहुल ने रिपोर्ट की एक तस्वीर डालते हुए ट्वीट किया था और बीजेपी और संघ पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, बीजेपी और आरएसएस भारत में फेसबुक तथा वॉट्सऐप पर नियंत्रण करते हैं। वे इसके माध्यम से फर्जी खबरें तथा नफरत फैलाते हैं और मतदाताओं को लुभाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। आखिरकार अमेरिकी मीडिया ने फेसबुक के बारे में सच सामने ला दिया है।
प्रसाद हुए राहुल पर हमलावर
अमेरिकी अखबार ने शुक्रवार को प्रकाशित रिपोर्ट में फेसबुक के अनाम भीतरी सूत्रों के साथ साक्षात्कारों का हवाला दिया है। इसमें दावा किया गया है कि उसके एक वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सामुदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक बीजेपी विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में दखलंदाजी की थी। राहुल के बयानों पर जवाब देते हुए प्रसाद ने यह भी कहा, सच यह है कि आज सूचना प्राप्त करने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लोकतांत्रिक रूप दिया गया है। अब इन पर आपके परिवार के अनुयायियों का कब्जा नहीं रहा है और इसलिए यह बात आपको चुभती है।
प्रसाद ने कैंब्रिज एनालिटिका का जिक्र किया
प्रसाद ने जिस कैंब्रिज एनालिटिका का जिक्र किया वह 2018 में कांग्रेस पर लगे आरोपों से संबंधित है। आरोप थे कि ब्रिटिश कंपनी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए कांग्रेस को फेसबुक की अनेक पोस्ट का विश्लेषण करने की पेशकश की थी। कांग्रेस ने आरोपों को खारिज कर दिया था।
फेसबुक का पक्ष जानना चाहते हैं थरूर
सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि समिति रिपोर्ट के बारे में फेसबुक का पक्ष जानना चाहेगी। थरूर की टिप्पणी पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि उन्हीं विषयों को समिति के समक्ष उठाया जा सकता है जो स्वीकार्य हैं और संसदीय स्थायी समितियों के नियमों के अनुरूप हैं। उन्होंने कहा कि इन समितियों को सदस्यों द्वारा अपनी पार्टी के नेताओं के अहम के तुष्टीकरण के लिए राजनीतिक मंच नहीं बनाना चाहिए।
माकन ने जेपीसी से जांच की मांग की
कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने एक डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में इन आरोपों में जेपीसी जांच कराने की मांग की कि फेसबुक ने बीजेपी सांसदों के मामले में अपनी घृणा भाषण वाली नीति की अनदेखी की। इसमें नई बात क्या है, ये सब पहले से ही जानते हैं की ये लोग ऊपर से नीचे तक झूठे होते हैं।
बरेली, 17 अगस्त (आईएएनएस)| बरेली में सरकारी महिला आश्रय गृह के 90 कैदियों का कोविड-19 टेस्ट पॉजीटिव आया है। महिला कल्याण विभाग की उपनिदेशक, नीता अहिरवार ने कहा, "पिछले दो दिनों में नारी निकेतन की 90 कैदियों का कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट पॉजीटिव आया है। इन सभी को क्वारंटाइन कर दिया गया है।"
उन्होंने आगे कहा, "ये कैदी कोरोनावायरस से संक्रमित कैसे हुईं, इसकी जांच की जा रही है।"
सभी कैदियों में इसका लक्षण नहीं दिखा है, उन्हें दो मंजिला घर में क्वारंटाइन किया गया है।
इससे पहले, एक सहायक स्टाफ सदस्य का वायरस टेस्ट पॉजीटिव आया था।
नीता अहिरवार ने कहा कि आश्रय गृह में करीब 200 कैदी हैं और उन सभी का कोरोना टेस्ट किया गया है। इनमें से 90 का रिपोर्ट पॉजीटिव आया है।
डॉक्टरों की एक टीम नियमित रूप से चेकअप के लिए दौरा करती है और दवा उपलब्ध करा रही है।
अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अशोक कुमार ने कहा, "हमने आश्रय गृह को सैनिटाइज कर दिया है। फिलहाल, हमने किसी भी कैदी को अस्पताल में स्थानांतरित नहीं किया है, क्योंकि उन सभी में लक्षण नहीं है। आपातकालीन सेवाएं भी उपलब्ध हैं।"
नई दिल्ली, 17 अगस्त। पश्चिम बंगाल में एक और कार्यकर्ता की हत्या की घटना पर भाजपा ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है। पार्टी नेताओं का मानना है कि जिस तरह से राज्य में विपक्षी नेताओं पर लगातार हमले की घटनाएं हो रहीं हैं, उससे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को बगैर राष्ट्रपति शासन के निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से नहीं कराया जा सकता।
स्वतंत्रता दिवस के दिन हुगली जिले के आरमबाग में 40 वर्षीय बीजेपी कार्यकर्ता सुदर्शन प्रमाणिक की तिरंगा फहराने को लेकर हुए हुई हत्या की घटना ने पार्टी नेताओं को आक्रोशित कर दिया है। भाजपा ने सत्ता पर कब्जा बरकरार रखने के लिए सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पर हिंसा का सहारा लेने का आरोप लगाया है।
पश्चिम बंगाल की दार्जिलिंग सीट से सांसद राजू बिष्ट ने यहां राजधानी में आईएएनएस से कहा, जिस तरह से हेमताबाद विधायक देबेंद्र नाथ के बाद पार्टी कार्यकर्ता सुदर्शन की हत्या हुई। उससे इन परिस्थितियों में अगले साल संभावित विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से नहीं हो सकता। लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव कराना है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करना ही एकमात्र विकल्प है।
उन्होंने कहा कि हिंसक घटनाओं से जूझ रहे राज्य के हालात के बारे में पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व से संज्ञान में लेने का अनुरोध किया है। ताकि इस दिशा में ठोस कदम उठाकर पार्टी कार्यकतार्ओं के जान-माल की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।
भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने कहा कि भय और आतंक के माहौल में लोकतंत्र नहीं पनप सकता। पश्चिम बंगाल में खतरनाक स्थिति है। लगातार हमले के कारण पार्टी के जमीनी कार्यकतार्ओं के मनोबल पर असर पड़ रहा है। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस हिंसा के जरिए राज्य पर कब्जा बरकरार रखना चाहती है। इस नाते राष्ट्रपति शासन लगना जरूरी है।(IANS)
उज्जैन, 17 अगस्त। मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में खुद को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) बताकर लोगों पर धौंस जमाने वाले अधेड़ को पुलिस ने दबोच लिया है। उसके घर से सौ से ज्यादा पासबुक बरामद की गई हैं। विशेष कार्य बल (एसटीएफ ) के पुलिस अधीक्षक गीतेश गर्ग ने रविवार को संवाददाताओं को बताया कि अमलाहा टोल बैरियर पर एक व्यक्ति के खुद को आईपीएस बताकर धमकाने की शिकायत मिली। वह इस टोल बैरियर पर तीन से चार लोगों को नौकरी पर रखने का दवाब बना रहा था। वह खुद को विपिन माहेश्वरी बता रहा था, जबकि उसकी पहचान ज्योतिर्मय विजयवर्गीय के तौर पर हुई है।
गर्ग के अनुसार, वह इंदौर से भोपाल जाते समय तमाम टोल बैरियरों पर खुद को आईपीएस विपिन माहेश्वरी बताता था। उसके खिलाफ भोपाल में मामला भी दर्ज है। आरोपी के घर से सौ पासबुक बरामद की गई हैं। बैंक अकाउंट उसकी पत्नी और नौकर आदि के नाम पर हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, इस अधेड़ का रहन-सहन शाही है। वह फॉच्र्युनर कार से चलता है, जिस पर आसानी से कोई शक भी नहीं कर सकता। उसके माता-पिता देवास में रहते हैं।(IANS)
नई दिल्ली, 17 अगस्त। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को रविवार को उनके जन्मदिन पर 30 हजार ऑक्सीमीटर दान में मिले। इन ऑक्सीमीटरों का इस्तेमाल अब देशभर के विभिन्न गांवों में लोगों के ऑक्सीजन स्तर की जांच के लिए किया जाएगा। शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम होने पर कोरोना के संक्रमण का खतरा रहता है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, "हमें दान में 30,000 ऑक्सीमीटर देकर लोगों ने अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। मैं इससे अभिभूत हो गया हूं। अब 30,000 गांवों में ऑक्सीजन जांच केंद्र स्थापित किए जा सकेंगे।"
केजरीवाल और उनकी पार्टी के मुताबिक, इन ऑक्सीमीटरों का इस्तेमाल किए जाने से पहले गांव में रहने वाले युवाओं को इनके इस्तेमाल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद गांव के युवा गांव के अंदर ही ऑक्सी केंद्र स्थापित करेंगे। सेनिटाइज करके एक ऑक्सीमीटर का उपयोग कई लोग कर सकेंगे।
16 अगस्त केजरीवाल का जन्मदिन है। हालांकि इस बार उन्होंने जन्मदिन न मनाने का फैसला किया है। बावजूद इसके, मुख्यमंत्री अपने समर्थकों से गिफ्ट लेने को राजी हैं। यह गिफ्ट कुछ और नहीं, बल्कि कोरोना रोगियों के उपचार में काम आने वाला ऑक्सीमीटर है। मुख्यमंत्री ने लोगों से ऑक्सीमीटर दान देने की अपील की है।
मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं जन्मदिन नहीं मना रहा हूं। इसलिए आप लोगों को केक नहीं खिलाऊंगा, लेकिन आप लोगों से मुझे गिफ्ट चाहिए और वह गिफ्ट यही है कि जो लोग जितने ऑक्सीमीटर आम आदमी पार्टी को दान कर सकते हैं, दान कीजिए।"
मुख्यमंत्री को ऑक्सीमीटर दान करने के लिए कई व्यक्ति आगे आए हैं। इसमें अमृतसर से डॉ. निज्झर 500 ऑक्सीमीटर दान कर रहे हैं। इसी तरह मीना और अजय मित्तल 500, बेंगलुरू से मोहन दसारी 250 और लखनऊ के वैभव महेश्वरी 300 ऑक्सीमीटर दान दे रहे हैं। इसके अलावा भी बहुत से लोग ऑक्सीमीटर दान करने के लिए आगे आए हैं।(IANS)
नई दिल्ली, 17 अगस्त। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पुण्यतिथि से कुछ दिन पहले, तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु राय ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार ने नेताजी के सभी फाइलों को अभी तक अवर्गीकृत(डिक्लासिफाइड)नहीं किया है। साथ ही उन्होंने देश के महान स्वतंत्रता सेनानी के खिलाफ कथित रूप से साजिश रचने के लिए जवाहर लाल नेहरू पर निशाना साधा। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर राय बोस के मामले संसद के अंदर और बाहर भी लगातार उठाते रहे हैं। उन्होंने आईएएनएस से इस मुद्दे पर खुल कर अपना पक्ष रखा।
यहां साक्षात्कार के कुछ अंश प्रस्तुत हैं।-
प्रश्न : नेताजी के गायब होने के 75 वर्ष बाद, आपको लगता है कि उनके साथ क्या हुआ था, वह हमें पता है?
उत्तर : सालों से सच्चाई बाहर नहीं आने के लिए एक ठोस साजिश रची गई। मैं ब्रिटेन, अमेरिका, रूस और जापान के गुप्त रखे गए फाइलों को अवर्गीकृत करने की मांग करना चाहूंगा। उन्होंने इसे क्यों नहीं किया? मैं इस सूची में वियतनाम का भी नाम जोड़ना चाहूंगा।
प्रश्न : क्या आप यह सुझाव दे रहे हैं कि नेताजी से संबंधित फाइलों को अवर्गीकृत करने के लिए उन सरकारों को कहना चाहिए?
उत्तर : ब्रिटेन ने कुछ फाइलों को जारी किया था, लेकिन 2000 में वर्गीकृत फाइलों को जारी करने की तिथि 2025 तक बढ़ा दी, जब उन्हें इन फाइलों को अवर्गीकृत करना था। इसलिए इस बात की क्या गारंटी है कि जब 2025 आएगा तो वह इसे 2050 तक नहीं बढ़ा देंगे। 3-4 पीढ़ी के बाद, कोई भी यह जानने में रूचि नहीं लेगा कि नेताजी के साथ क्या हुआ था। यहीं उनका आइडिया है।
प्रश्न : आपके अुनसार इसका समाधान क्या है?
उत्तर : मैंने तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को इस मुद्दे पर पत्र लिखा था। उन्होंने राज्यसभा में बताया था कि अमेरिका ने बिखरे हुए रिकार्ड का हवाला देकर इसमें अपनी अक्षमता की सूचना दी है। जब हम डिजिटल इंडिया की बात करते हैं और जब सारी सूचनाएं एक माउस पर उपलब्ध है, अमेरिका 'बिखरे हुए रिकार्ड' का हवाला देना हास्यास्पद है। ब्रिटेन ने कहा है उन्होंने उन फाइलों को अवर्गीकृत कर दिया है जिसे वह उचित मानते हैं। जापान ने कोई जवाब नहीं दिया है। मैंने सुषमा जी को फिर से सभी विदेशी सरकारों से आग्रह करने के लिए कहा। लेकिन एक सांसद क्या कर सकता है, जब अन्य किसी सांसदों को इससे कोई मतलब नहीं है। किसी भी सांसद की इसमें रूचि नहीं है।
प्रश्न : चलिए अब घर पर आते हैं, भारत ने नेताजी की फाइलों को अवर्गीकृत कर दिया है। इससे बहुत सारी अज्ञात सच्चाई बाहर आई है। क्या आप इससे सहमत नहीं है?
उत्तर : मैं चुनौती देता हूं कि भारत ने नेताजी की सभी फाइलों को अवर्गीकृत नहीं किया है। अभी भी नेताजी से संबंधित दस्तावेज रक्षा मंत्रालय और पीएमओ में पड़ा हुआ है।
प्रश्न : आपने साजिश की बात की है। क्या आप इसे विस्तार से बता सकते हैं?
उत्तर : इंडियन नेशनल आर्मी(आईएनए) की वजह से भारत आजाद हुआ। आईएनए के कई जवानों को भारत के कैंपों में बंद रखा गया और अन्य को रेड फोर्ट में रखा गया। लोग नेताजी का नारा लगाते हुए इंतजार कर रहे थे। जवाहर लाल नेहरू ने कभी अपने जीवन में लॉ की प्रैक्टिस नहीं की थी, वह तेज बहादुर सप्रू के साथ केवल आईएनए की तरफ दिखने के लिए आईएनएस जवानों को बचाने गए। नेहरू केवल वहां पब्लिसिटी के लिए गए थे। साजिश बहुत पुरानी है। शहनवाज समिति का गठन क्यों किया गया? क्यों पूर्व आईएनए सदस्य द्वारा जांच किया गया? जिस समय जांच हो रही थी, उसे क्यों केंद्र सरकार में उप मंत्री बनाया गया।(IANS)
संदीप पौराणिक
भोपाल 16 अगस्त (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों में एक बार फिर विधान परिषद के गठन की चर्चाओं ने जोर पकड़ना शुरु कर दिया है। विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में वादा तो कांग्रेस ने किया था, लेकिन वह ऐसा कर नहीं पाई, वहीं भाजपा के सत्ता में लौटते ही पार्टी के भीतर से ही विधान परिषद के गठन की आवाजें उठने लगी हैं।
राज्य की सत्ता में लौटी भाजपा अपने नेताओं को विभिन्न स्थानों पर समायोजित करने के रास्ते खोज रही है, उसके पास फिलहाल निगम-मंडलों के साथ सहकारी समितियों में नियुक्ति के अवसर हैं। इसके बावजूद कई ऐसे नेता है जो बड़ी जिम्मेदारी चाहते हैं, ऐसे लोगों के लिए बेहतर जगह विधान परिषद हो सकती है और पार्टी में इसको लेकर मंथन भी चल रहा है।
पार्टी में एक तरफ जहां विधान परिषद को लेकर मंथन हो रहा है तो दूसरी ओर नागरिक आपूर्ति निगम के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ हितेष वाजपेई ने तो विधान परिषद बनाने की वकालत ही कर दी। उनका कहना है, अब वक्त आ गया है जब हमें मध्य प्रदेश में विधान परिषद के गठन पर आगे बढ़ना चाहिए।
आईएएनएस से बात करते हुए बाजपेई ने कहा राजनीति में फर्स्ट पास्ट द पोस्ट सिटस्टम जो है वो लोकतंत्र के लिए चुनौती बन गया है। भाजपा को कोई और नेता इस पर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है।
वाजपेई के इस बयान के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं क्योंकि राज्य में भाजपा की सरकार कांग्रेस से बगावत करके आए 25 तत्कालीन विधायकों की मदद से बनी है। पहले 22 विधायक और फि र एक-एक करके तीन विधायक भाजपा में आए। सरकार बनाने में मदद करने वालों को पार्टी ने सरकार में बड़ी हिस्सेदारी दी है। इसके साथ ही आगामी समय में निगम मंडलों में भी पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में आए लोगों को समायोजित किया जाना है। ऐसे में पार्टी के कई दावेदारों का हक प्रभावित हो सकता है और इसीलिए विधान परिषद के गठन की चर्चाओं ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया है।
वहीं संसदीय कार्य मंत्री डा नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि राज्य में विधान परिषद के गठन का कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
ज्ञात हो कि राज्य में में डेढ़ दशक तक भाजपा का शासन रहा और वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में उसे सत्ता गंवानी पड़ी थी। राज्य में 15 माह तक कांग्रेस की सरकार रही और अंतर्द्वद के चलते सरकार गिर गई। भाजपा फिर सत्ता में आई है और राज्य में 27 स्थानों पर होने वाले विधानसभा के उपचुनाव में से 25 ऐसे स्थान हैं जहां से भाजपा दलबदल करके आने वालों को चुनाव लड़ाने वाली है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में बतौर कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव जीतने वाले अब भाजपा के उम्मीदवार के रुप में उप-चुनाव लड़ने वाले हैं, इससे पार्टी के भीतर असंतोष पनप रहा है। इस असंतोष को दबाने के लिए पार्टी लगातार नए उपाय खोज रही है।
कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिह यादव का कहना है कि भाजपा में असंतोष है क्योंकि दल बदलुओं को महत्व मिल रहा है। आगामी समय में होने विधानसभा के उप-चुनाव में भाजपा को हार दिख रही है, इसलिए वह विधान परिषद के गठन की बात कर रही है। कांग्रेस जब सत्ता में थी, तब भाजपा विधान परिषद का विरोध करती थी, अब विधान परिषद की पक्षधर हो गई है। वास्तव में भाजपा मौका परस्तों की पार्टी है।
राजनीतिक विश्लेषक और संविधान के जानकार गिरजा शंकर का कहना है कि राज्य में विधान परिषद की कोई आवश्यकता नहीं है। जिन राज्यों में परिषद है उनका क्या हाल है इसे देख लेना चाहिए, हां यह राजनीतिक तौर पर पुनर्वास का एक स्थान जरूर हो सकता है। अन्य राज्यों में यह राजनीतिक पुर्नवास के केंद्र में बदल चुके है।
संदीप पौराणिक
भोपाल 16 अगस्त (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों में एक बार फिर विधान परिषद के गठन की चर्चाओं ने जोर पकड़ना शुरु कर दिया है। विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में वादा तो कांग्रेस ने किया था, लेकिन वह ऐसा कर नहीं पाई, वहीं भाजपा के सत्ता में लौटते ही पार्टी के भीतर से ही विधान परिषद के गठन की आवाजें उठने लगी हैं।
राज्य की सत्ता में लौटी भाजपा अपने नेताओं को विभिन्न स्थानों पर समायोजित करने के रास्ते खोज रही है, उसके पास फिलहाल निगम-मंडलों के साथ सहकारी समितियों में नियुक्ति के अवसर हैं। इसके बावजूद कई ऐसे नेता है जो बड़ी जिम्मेदारी चाहते हैं, ऐसे लोगों के लिए बेहतर जगह विधान परिषद हो सकती है और पार्टी में इसको लेकर मंथन भी चल रहा है।
पार्टी में एक तरफ जहां विधान परिषद को लेकर मंथन हो रहा है तो दूसरी ओर नागरिक आपूर्ति निगम के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ हितेष वाजपेई ने तो विधान परिषद बनाने की वकालत ही कर दी। उनका कहना है, अब वक्त आ गया है जब हमें मध्य प्रदेश में विधान परिषद के गठन पर आगे बढ़ना चाहिए।
आईएएनएस से बात करते हुए बाजपेई ने कहा राजनीति में फर्स्ट पास्ट द पोस्ट सिटस्टम जो है वो लोकतंत्र के लिए चुनौती बन गया है। भाजपा को कोई और नेता इस पर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है।
वाजपेई के इस बयान के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं क्योंकि राज्य में भाजपा की सरकार कांग्रेस से बगावत करके आए 25 तत्कालीन विधायकों की मदद से बनी है। पहले 22 विधायक और फि र एक-एक करके तीन विधायक भाजपा में आए। सरकार बनाने में मदद करने वालों को पार्टी ने सरकार में बड़ी हिस्सेदारी दी है। इसके साथ ही आगामी समय में निगम मंडलों में भी पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में आए लोगों को समायोजित किया जाना है। ऐसे में पार्टी के कई दावेदारों का हक प्रभावित हो सकता है और इसीलिए विधान परिषद के गठन की चर्चाओं ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया है।
वहीं संसदीय कार्य मंत्री डा नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि राज्य में विधान परिषद के गठन का कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
ज्ञात हो कि राज्य में में डेढ़ दशक तक भाजपा का शासन रहा और वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में उसे सत्ता गंवानी पड़ी थी। राज्य में 15 माह तक कांग्रेस की सरकार रही और अंतर्द्वद के चलते सरकार गिर गई। भाजपा फिर सत्ता में आई है और राज्य में 27 स्थानों पर होने वाले विधानसभा के उपचुनाव में से 25 ऐसे स्थान हैं जहां से भाजपा दलबदल करके आने वालों को चुनाव लड़ाने वाली है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में बतौर कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव जीतने वाले अब भाजपा के उम्मीदवार के रुप में उप-चुनाव लड़ने वाले हैं, इससे पार्टी के भीतर असंतोष पनप रहा है। इस असंतोष को दबाने के लिए पार्टी लगातार नए उपाय खोज रही है।
कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिह यादव का कहना है कि भाजपा में असंतोष है क्योंकि दल बदलुओं को महत्व मिल रहा है। आगामी समय में होने विधानसभा के उप-चुनाव में भाजपा को हार दिख रही है, इसलिए वह विधान परिषद के गठन की बात कर रही है। कांग्रेस जब सत्ता में थी, तब भाजपा विधान परिषद का विरोध करती थी, अब विधान परिषद की पक्षधर हो गई है। वास्तव में भाजपा मौका परस्तों की पार्टी है।
राजनीतिक विश्लेषक और संविधान के जानकार गिरजा शंकर का कहना है कि राज्य में विधान परिषद की कोई आवश्यकता नहीं है। जिन राज्यों में परिषद है उनका क्या हाल है इसे देख लेना चाहिए, हां यह राजनीतिक तौर पर पुनर्वास का एक स्थान जरूर हो सकता है। अन्य राज्यों में यह राजनीतिक पुर्नवास के केंद्र में बदल चुके है।
नवनीत मिश्र
नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) का मानना है कि किसी लोकतांत्रिक देश में राष्ट्रहित और जनहित से जुड़े विषयों पर सरकारों के सामने आवाज उठानी चाहिए। जनप्रतिनिधि, अगर जन हितों को लेकर उदासीन हैं तो उन पर भी दबाव की ताकत का प्रयोग करना चाहिए। आरएसएस के शीर्ष पदाधिकारियों में से एक और संगठन के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों को सचेत भी किया कि वे संगठन की ताकत का इस्तेमाल हमेशा सत्य और जनहित में करें। दत्तात्रेय होसबोले ने ताकत के इस्तेमाल को अंतिम अस्त्र बताते हुए कहा है कि इसके प्रयोग से पहले संवाद से समस्याओं को सुलझाने पर जोर दें।
दरअसल, भारतीय मजदूर संघ की ओर से आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में कई पदाधिकारियों की ओर से देश हित में सरकार, जनप्रतिनिधियों और जनसंगठनों की भूमिका से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए दत्तात्रेय होसबोले ने ये बातें कहीं। भले ही यह कार्यक्रम भारतीय मजदूर संघ का था, मगर माना जा रहा है कि दत्तात्रेय होसबोले का यह बयान संघ के सभी सहयोगी संगठनों के लिए एक अहम सुझाव है।
दत्तोपंत ठेंगड़ी जन्म शताब्दी लेक्च र सीरीज के तहत शनिवार को आयोजित हुए इस चर्चा सत्र के आखिर में दत्तात्रेय होसबोले ने पदाधिकारियों के सवालों का जवाब दिया था। इस दौरान भारतीय रेलवे मजदूर संघ के पदाधिकारी अशोक शुक्ला ने संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले से पूछा था कि सरकार पॉलिसी के बारे में सामाजिक संगठनों की जगह सांसदों और जनप्रतिनिधियों से वार्ता करने को प्राथमिकता देती है। लेकिन जिस सांसद की पृष्ठिभूमि श्रमिक या किसान की न रही हो, वह भला कैसे उनका प्रतिनिधित्व कर सकता है?
इस सवाल का जवाब देते हुए दत्तात्रेय होसबोले ने कहा लोकतंत्र में किसान, मजदूर, महिला और विद्यार्थियों के जनसमूह की आवाज जितनी मजबूत होती है, लोकतंत्र में उस पर सरकार को विचार करना होता है। लेकिन आवाज उठाने के साथ यह भी देखना होगा कि सत्य क्या है, हितकारी क्या है, इस पर भी चर्चा होनी जरूरी है।
जनप्रतिनिधियों से जुड़े सवाल पर दत्तात्रेय ने कहा, "उन्हें जनहित में काम करने के लिए दबाव में लाने का काम आपका है। इसके लिए लोकतंत्र में आपको कई औजार और मार्ग बताए गए हैं। आंदोलन करना, आवाज उठाना मार्ग है। अपने ताकत और बल पर आवाज उठाना चाहिए। लेकिन अंतिम अस्त्र का पहले दिन ही प्रयोग नहीं करना चाहिए। लोकतंत्र में संवाद ही सबसे बड़ा अस्त्र है।"
संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने इस दौरान सरकारों के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा, "कोई भी सरकार हो, चाहे वह भाजपा हो या कांग्रेस की, सभी सरकारें एक दायरे में काम करतीं हैं। अब सरकारों को इस दायरे से बाहर लाने के लिए कई व्यवस्थाएं हैं- जनसंगठन, मीडिया, न्यायालय इस काम को कर सकते हैं। दस मीडिया में संपादकीय आ गया तो सरकार भी संबंधित विषय पर सोचती है। न्यायालय के निर्णय पर भी सरकार काम करती है।"
उन्होंने कहा कि जन संगठन, मीडिया, अदालत कई मार्ग हैं, जिनका उपयोग करना चाहिए। लेकिन, कब और कौन सी चीज का उपयोग करना है, यह अपने विवेक पर निर्भर करता है। विजडम(बुद्धिमानी) और स्ट्रेटजी(रणनीति) बहुत महत्वपूर्ण है।
इससे पूर्व भारतीय मजदूर संघ की जम्मू-कश्मीर इकाई के महामंत्री अशोक चौधरी के सवाल पर दत्तात्रेय होसबोले ने कहा था कि देशहित, उद्योग और श्रमिक हित में दबाव की ताकत का प्रयोग कर सकते हैं। जरूरी विषयों पर आवाज उठानी भी चाहिए। ताकत है तो चुप भी नहीं रहना है, लेकिन ताकत का दुरुपयोग भी नहीं करना है।
नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस) | हवाला रैकेट से जुड़े चीनी नागरिक को लेकर बड़ी जानकारी सामने आ रही है. जानकारी के अनुसार गिरफ्त में आया चीनी शख्स तिब्बती लामाओं को रिश्वत दे रहा था और उनसे दलाई लामा और उनके एसोसिएट्स की जानकारी जुटा रहा था. इनकम टैक्स विभाग के सूत्रों के अनुसार दिल्ली के मजनू के टीला इलाके के आस-पास रहने वाले कई लोगों को 2 से 3 लाख रुपये दिए गए हैं. इन लोगों को पहचाने की कोशिश की जा रही है. बता दें कि दिल्ली में मंगलवार को इनकम टैक्स के छापेमारी के दौरान लुओ संग को गिरफ्तार किया गया जोकि भारत में फर्जी तरीकों से चार्ली पेंग के नाम से रह रहा था. दिल्ली पुलिस के अनुसार यह जासूसी के मामले में भी गिरफ्तार हो चुका है और फिलहाल जमानत पर बाहर था.
जांच में सामने आया है कि लुओ संग 2014 में अवैध तरीके से नेपाल के रास्ते भारत में दाखिल हुआ था. भारत में आने के बाद लुओ संग ने मिजोरम की एक महिला से शादी की और मणिपुर से भारत की नागरिकता हासिल कर जाली पारसपोर्ट भी बनवा लिया. इसके बाद लुओ ने चार्ली पेंग के नाम से आधार और पैन कार्ड भी बना लिया. आयकर विभाग ने जांच कर रही अन्य एजेंसियों को बताया है कि तिब्बती लामाओं को रिश्वत की रकम लुओ संग के दफ्तर में काम करने वाले कर्मचारियों को दी गई है. विभाग ने बताया कि कोरियर कंपनी ने स्वीकार किया है कि उसके जरिए नकदी का लेन-देन किया गया है.
सूत्रों के जरिए मिली जानकारी के अनुसार यह पूरा गैंग बातचीत के लिए चीनी एप 'We Chat' का इस्तेमाल करता था. विभाग दिल्ली में रहने वाले उसे चार्टेड अकाउंटेंट की भी तलाश में जुटी है, जिसकी मदद से मनी लॉन्ड्रिंग को अंजाम दिया गया. इसके अलावा उस शख्स से पूछताछ की जा रही है जो 40 बैंक अकाउंट हैंडल कर रहा था, उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन्हीं 40 बैंक अकाउंट के माध्यम से 300 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन किया गया है. लेन-देन के लिए कुछ चीनी फर्मों का इस्तेमाल किया गया है, इनमें से कुछ का पता लगाया जा चुका है.
विभाग के सूत्रों ने बताया कि इनमें से कई लेन-देन हांग-कांग के जरिए किए गए हैं. इसकी चर्चा वी चैट पर भी की गई थी. फिलहाल आयकर विभाग ने चीनी नागरिक से जुड़े तमाम बैंक अकाउंट्स को सीज कर दिया है. उन्हें संदेह है कि इस मनी लॉन्ड्रिंग में बैंक के कर्मचारी भी शामिल हैं.
इनकम टैक्स विभाग ने अपनी जांच में पाया है कि कई बड़ी चीनी कंपनियों के द्वारा छोटी चीनी कंपनियों के फर्जी परचेसिंग ऑर्डर जारी किए गए. जिनके आधार पर छोटी कंपनियों ने फर्जी बिल तैयार किए थे बताते चलें. पिछले हफ्ते आयकर विभाग ने इस केस को लेकर दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में छापेमारी की थी.
लखनऊ, 16 अगस्त (आईएएनएस) | उत्तर प्रदेश में एक किशोर लड़की का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इसमें लड़की ने आरोप लगाया है कि गोविंद नगर पुलिस स्टेशन के एक इंस्पेक्टर ने उससे एफआईआर दर्ज करने के एवज में डांस करने के लिए कहा। लड़की अपने मकान मालिक के भतीजे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए गई थी। 16 वर्षीय लड़की ने वीडियो में आरोप लगाया कि निरीक्षक ने उसे पुलिस स्टेशन में बुलाया और उसे उसके सामने डांस करने के लिए कहा।
खबरों के मुताबिक, लड़की अपने परिवार के साथ गोविंद नगर के डाबौली पश्चिम क्षेत्र में किराए के मकान में रहती है। लड़की का परिवार ‘जागरण’ पार्टियां करके अपना पेट पालता है। उन्होंने कहा कि वे मकान मालिक के भतीजे के खिलाफ लड़की से छेड़छाड़ करने का मामला दर्ज कराने गए थे। इसके अलावा उन्हें कुछ दिन पहले घर के किराए के हिस्से से जबरन बाहर निकाला गया था।
लड़की की मां ने कहा कि मकान मालकिन का भतीजा आरोपी अनूप यादव 26 जुलाई को उनके घर में घुस गया और उन पर हमला कर दिया। लड़की की मां ने कहा, “7 अगस्त की रात को फिर से मेरी बेटी के साथ छेड़छाड़ की गई जब वह बाजार से घर वापस आ रही थी। फिर बेटी ने गोविंद नगर के इंस्पेक्टर अनुराग मिश्रा से संपर्क किया, उसने मेरी बेटी से कहा कि पहले मेरे सामने डांस करो तब वह उसकी शिकायत दर्ज करेगा।”
गोविंद नगर अधिकारी विकास कुमार पांडेय ने कहा कि एक मकान पर कब्जे को लेकर दोनों पक्षों के बीच पहले से ही विवाद चल रहा था। पांडे ने आगे कहा, “आरोपों में कोई दम नहीं है। प्रथम दृष्टता में यह प्रतीत होता है कि लड़की ने पुलिस पर दबाव बनाने के लिए वीडियो वायरल किया है। हालांकि, इस संबंध में एक जांच चल रही है।”
नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)| महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 18 अगस्त को पुण्यतिथि मनाई जाती है और इस बीच जापान के एक मंदिर में रखी राख को भारत वापस लाकर उसका डीएनए टेस्ट कराने की मांग ने जोर पकड़ा है जिसे नेताजी की बताया जाता है। यह आवाज उठाने वालों में नेताजी के पौत्र चंद्र कुमार बोस शामिल हो गए हैं जिनका कहना है कि अगर डायनासोर के कंकाल का टेस्ट हो सकता है तो भारत सरकार को कौन सी बात इससे रोक रही है कि इस राख के डीएनए का मिलान नेताजी के रिश्तेदारों से कर लिया जाए? चंद्र कुमार बोस ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में एक भावनात्मक अपील की। उन्होंने कहा, "नेताजी की इकलौती बेटी अनीता बोस ने उनकी राख का परीक्षण कराने और उसे देश में लाने की मांग करते हुए एक पत्र लिखा था जिस पर डॉ. द्वारकानाथ बोस और अर्धेंदु बोस ने भी हस्ताक्षर किए थे। वे बोस परिवार में सबसे वरिष्ठ हैं। लेकिन, हमें उस पत्र का कोई जवाब नहीं मिला। मैंने कई बार प्रधानमंत्री कार्यालय में इस बारे में पूछा, उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें यह पत्र मिला है लेकिन अब तक उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया।"
इस बारे में उनकी क्या उम्मीदें हैं, इस पर उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री एक आदेश जारी करेंगे ताकि रेंको-जी मंदिर में रखी राख का डीएनए परीक्षण किया जा सके। बोस परिवार के ब्लड सैंपल का एनॉलिसिस न्यायमूर्ति मुखर्जी आयोग के पास उपलब्ध है, जो कि इस मामले की जांच कर रहा था। अब भी नमूने मांगे जाएंगे तो हम देने के लिए तैयार हैं। अब विज्ञान बहुत तरक्की कर चुका है। आज जबकि डायरनासोर के कंकाल का भी डीएनए टेस्ट हो रहा है तो यदि नेताजी की राख में कोई डीएनए उपलब्ध है, तो हमें इसे जांचना चाहिए और उसका बोस परिवार के रक्त के नमूनों के साथ मिलान करना चाहिए, ताकि हमें पता चले कि क्या हुआ था।"
संबंधित फाइलों को लेकर उन्होंने कहा, "जापान में पांच फाइलें थीं जिन्हें क्लासीफाइड किया गया था। 2016 में केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के प्रयास से दो फाइलें प्रकाशित हुईं थीं जो अब एक वेबसाइट पर हैं। मैंने उन्हें देखा है लेकिन वे महत्वपूर्ण नहीं हैं। यदि शेष तीन फाइलें मिलें तो हम संभावित जानकारी या तस्वीरों के माध्यम से कुछ जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।"
मामले की जांच को लेकर उन्होंने आगे कहा कि "भारत सरकार को इसके लिए प्रयास करना चाहिए। नेताजी जिन्होंने देश की आजादी के लिए आजाद हिंद फौज बनाई, यदि जापान में रखी राख उनकी ही है तो उसे देश में पूरे सम्मान के साथ वापस लाना चाहिए।"
मुंबई, 16 अगस्त (आईएएनएस)| भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमनियन स्वामी ने रविवार को बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से संबंधित ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने अपने सत्यापित ट्विटर अकाउंट से बॉलीवुड, मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा। स्वामी ने ट्वीट कर कहा, "सुशांत सिंह राजपूत की हत्या बॉलीवुड, मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार के लिए वाटरलू और वाटरगेट है। अपना सीट बेल्ट बांध लीजिए, क्योंकि जबतक दोषी को सजा नहीं मिल जाता, तब तक हम अपनी कोशिश नहीं छोड़ेंगे।"
शुक्रवार को स्वामी ने दिवंगत अभिनेता के नौकर की अनुपस्थिति और सुशांत की मौत के बाद दो ऐंबुलेंस बुलाए जाने पर सवाल उठाए थे।
उन्होंने ट्वीट कर कहा था, "क्यों दो ऐंबुलेंस बुलाए गए थे? किन्होंने इसे बुलाया था? अगर मुझे सही जवाब नहीं मिलता है तो हम इस बात का अनुमान लगा सकते हैं कि क्यों एसएसआर का इमानदार नौकर लापता है। वह जिंदा है या मर गया? क्या दूसरी ऐंबुलेंस उसके लिए थी?"
स्वामी सुशांत की मौत के बाद से ही सीबीआई जांच की मांग करते रहे हैं। उन्होंने इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी कई पत्र लिखा था। बीते सप्ताह स्वामी ने सुशांत के शव का पोस्टमार्टम करने वाले पांच डॉक्टरों को भी आड़े हाथों लिया था।