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रायपुर, 9 फरवरी। संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग द्वारा घासीदास संग्रहालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे चरण की शुरुआत में डॉ.शोभा निगम ने रामवनगमन के दौरान श्रीराम के छह विश्राम स्थलों पर शोध आलेख का पठन किया। इस अवसर पर डॉ. पीसी लाल यादव द्वारा लिखित छत्तीसगढ़ के लोक संगीत पुस्तक का विमोचन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि राकेश चतुर्वेदी ने कहा कि विश्व में 40, 50 तरह की रामायण लिखी गई है और सबमें दण्कारण्य का उल्लेख किया गया है। उन्होंने ग्रामीण अंचलों में होने वाले रामसप्ताह के बारे में भी जानकारी दी। दूसरे सत्र में शैलेष मिश्रा ने रामकोठी के नामकरण पर प्रकाश डाला तथा ललित शर्मा ने रामनामी संप्रदाय के संबंध में जानकारी दी।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की कड़ी में राकेश तिवारी द्वारा रामभजन एवं मुरली साहू एवं साथियों द्वारा लव कुश जन्म प्रसंग की लोकनाट्य प्रस्तुति दी गई।
रायपुर, 9 फरवरी। रायपुर जिला बैडमिंटन संघ द्वारा सप्रे शाला बैडमिंटन हॉल में विगत दिवस नवीन वुडन कोर्ट का उद्घाटन किया गया।
उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि विधायक बृजमोहन अग्रवाल और विधायक कुलदीप जुनेजा तथा विशेष अतिथि के रुप में गुरुचरण सिंह होरा महासचिव छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ, अखिल धगट अध्यक्ष छत्तीसगढ़ बैडमिंटन संघ उपस्थित रहे।
निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना छत्तीसगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 फरवरी। छत्तीसगढ़ उद्योग के क्षेत्र में तेजी से विकास की ओर अग्रसर हो रहा है। सरकार ने कई ऐसी नीतियां बनाई है जो कि राज्य में उद्योग के निर्माण और विकास में सहायक है। प्राकृतिक संसाधन से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ में खनिजों की पर्याप्त उपलब्धता है। निवेश में प्रोत्साहन के लिए राज्य में नवीन औद्योगिक नीति बनाई गई है। इसमें पात्र उद्योगों को सामान्य, प्राथमिकता उद्योगों तथा उच्च प्राथमिकता उद्योगों की श्रेणी में विभाजित कर विभिन्न निवेश प्रोत्साहन अनुदान, छूट एवं रियायतें दी गई है।
इसी का परिणाम है कि में राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड के अनुसार छत्तीसगढ़ में दो वर्ष के दौरान कुल 104 एमओयू किए गए है, जिसमें की 42 हजार 714 करोड़ से अधिक पूंजी निवेश प्रस्तावित है। इससे 64 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा। इन निवेशों में स्टील सेक्टर में 78 एमओयू में 37306.39 करोड़, सीमेंट में एक एमओयू राशि 2000 करोड़, एथेनाल में 7 एमओयू 1082.82 करोड़, फूड सेक्टर में 5 एमओयू में 283.61 करोड़ फार्मास्युटिकल केे 3 एमओयू में 56.41 करोड़, डिफेंस सेक्टर के 3 एमओयू में 529.50 करोड़, इलेक्ट्रानिक्स में 2 एमओयू में 30.76 करोड़, सोलर में एक एमओयू 245 करोड़ और अन्य 4 क्षेत्रों में 1179.99 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश प्रस्तावित है।
छत्तीसगढ़ बिजली के उत्पादन के मामले में सरप्लस राज्य का दर्जा रखता है। सरप्लस होने के कारण से छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों को भी बिजली बेचता है। भारत सरकार के अधीन कार्यरत केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के सितंबर 2020 के प्रतिवेदन के अनुसार छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी के ताप विद्युत गृहों ने सर्वाधिक विद्युत उत्पादन का कीर्तिमान रचते हुए देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ देश का प्रथम बिना पावर कट वाला राज्य बन गया है। यहां पर बिजली भारत की औसत विद्युत दर से कम दर पर उपलब्ध है। जो कि राज्य में निवेश के लिए निवेशकों को आकर्षित करता है।
यहां पर औद्योगिक क्षेत्रों में भू-आबंटन में भू-प्रीमियम में 30 से 60 प्रतिशत की और द श्रेणी में उच्च प्राथमिकता वाले उद्योगों में 60 प्रतिशत की छूट दी गई है। उद्योगों को लीज पर दी गई भूमि में उद्योग लगाने के लिए निर्धारित अवधि में एक वर्ष की वृद्धि की गई। पट्टे पर आबंटित औद्योगिक भूमि उपयोग न हो पाने के प्रकरणों में भूमि के हस्तांतरण को आसान बनाया गया। नये बायो इथेनॉल प्लांट लगाने के लिए अर्लीबर्ड अनुदान के लिए 18 महीने की समयावधि निर्धारित की गई। पहले एम.ओ.यू. के बाद छह माह के भीतर उत्पादन शुरू करने पर अर्लीबर्ड अनुदान देने का प्रावधान रखा गया था। शासकीय अथवा नैसर्गिक स्रोतो से औद्योगिक प्रयोजन हेतु जल उपयोग की दरों में 20-36 प्रतिशत की कमी की गई है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को स्थायी पूंजी निवेश अनुदान अथवा नेट एसजीएसटी प्रतिपूर्ति का विकल्प उपलब्ध कराया गया है। कोर सेक्टर के मध्य, वृहद, मेगा और अल्ट्रा मेगा उद्योगों को विकासखंडो की श्रेणी के अनुसार 5 से 10 वर्ष तक विद्युत शुल्क से पूर्ण छूट दी गई है।
राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक नीति 2019-24 में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति वर्ग के उद्यमियों तथा स्टार्टअप के लिए स्पेशल पैकेज घोषित किया गया है। औद्योगिक नीति 2019-24 में स्थापित होने वाले उद्योगों को विस्तार और शवलीकरण के लिए अनुदान छूट एवं रियायतों की पात्रता दी जाएगी। इसके साथ ही सूक्ष्म उद्योगों के साथ-साथ लघु एवं मध्यम उद्योगों को भी स्थाई पूंजी निवेश अनुदान की सुविधा दी जाएगी।
उद्योगों में नवीन विचारधारा को समाहित करने तथा नव रोजगार सृजित करने छत्तीसगढ़ राज्य स्टार्ट-अप पैकेज को नीति में स्थान दिया गया है।
इन स्टार्ट-अप्स को अन्य उद्योगों से अधिक सुविधाएं कम औपचारिकता के साथ प्रदान की जाएगी। भारत सरकार द्वारा राज्य को बेस्ट इमर्जिंग स्टार्ट-अप इको सिस्टम स्टेट के रुप में घोषित किया गया है। इसी तरह राज्य में अब तक 415 से अधिक स्टार्टअप को केन्द्र शासन से मान्यता प्राप्त हो चुकी है। राज्य में 4 इन्क्यूबेटर्स स्थापित किए गए हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 फरवरी। छत्तीसगढ़ किसान सभा ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों और नागरिकों को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सोमवार को संसद में परजीवी और आंदोलनजीवी कहे जाने की तीखी निंदा की है और ऐसी अलोकतांत्रिक भाषा के लिए अन्नदाताओं से माफी मांगने और किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने की मांग की है। किसान सभा ने कहा है कि एक नागरिक के रूप में अपनी आजीविका की रक्षा के लिए आंदोलन करना हर किसान का संविधानप्रदत्त अधिकार है और किसी भी आंदोलन के बारे में ऐसी असभ्य भाषा कोई तानाशाह ही बोल सकता है, जो सपने में भी जन आंदोलन से डरता है।
जारी एक बयान में छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा है कि यह भाषा उस कॉर्पोरेटजीवी प्रधानमंत्री की है, जिनका मातृ संगठन आरएसएस ब्रिटिश शासन की गुलामी के खिलाफ इस देश की जनता के गौरवशाली आंदोलन का कभी हिस्सा नही रहा और जो हमेशा फासीवादी हिटलर और मुसोलिनी की विदेशी विध्वंसक विचारधारा (एफडीआई) से प्रेरित रहा।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को वर्ष 2014 के उस चुनावी वादे की याद दिलाई है, जिसमें भाजपा ने स्पष्ट रूप से सी-2 लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का वादा किया था। इस वादे को पूरा करने के बजाए आज वे किसान आंदोलन पर हमला कर रहे हैं और भारतीय कृषि और देश की खाद्य सुरक्षा को कॉरपोरेटों के हाथों में गिरवी रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन कानूनों को बनाने से पहले किसी भी किसान संगठन या राज्य सरकार तक से सलाह-मशविरा नहीं किया गया और न ही किसी संसदीय प्रक्रिया का पालन किया गया। यह इस सरकार पर देशी-विदेशी कॉर्पोरेट पूंजी की जकड़ को बताता है। इसलिए इस देशव्यापी किसान आंदोलन के लिए प्रधानमंत्री ही पूरी तरह जिम्मेदार है।
किसान सभा नेताओं ने कहा कि देश में कृषि संकट इतना गहरा है कि हर घंटे दो किसान आत्महत्या करने के लिए बाध्य हो रहे हैं, क्योंकि लाभकारी समर्थन मूल्य के अभाव में और कर्ज के बढ़ते बोझ के कारण कृषि अवहनीय हो गई है। देश के किसानों का 86 प्रतिशत हिस्सा लघु और सीमांत किसानों का है, जिसका बाजार में निर्मम शोषण होता है और वे खेती-किसानी छोडक़र प्रवासी मजदूर बनने के लिए बाध्य हैं। इन तथ्यों की अनदेखी कर किसान आंदोलन को बदनाम करना संघ-भाजपा की सुनियोजित चाल है।
छत्तीसगढ़ किसान सभा ने देश की सभी जनवादी ताकतों, राजनैतिक पार्टियों और जन आंदोलनों से अपील की है कि देशव्यापी किसान आंदोलन को बदनाम करने की प्रधानमंत्री की कोशिशों का विरोध करें और किसान विरोधी काले कानूनों को वापस लेने और सभी किसानों और सभी फसलों के लिए कानूनन सी-2 लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के आंदोलन को और ज्यादा मजबूत करें। इस आंदोलन की जीत ही देश की अर्थव्यवस्था को कॉर्पोरेट गुलामी के शिकंजे में फंसने से रोक सकती है।
रायपुर, 9 फरवरी। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी, कार्यकारी अध्यक्ष मंगेलाल मालू, विक्रम सिंहदेव, महामंत्री जितेंद्र दोषी, कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि कैट ने जीएसटी के विकृत रूप के खिलाफ आगामी 26 फरवरी को भारत व्यापार बंद की घोषणा की है। इस बंद का समर्थन करते हुए ट्रांसपोर्ट सेक्टर के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने कैट के भारत व्यापार बंद का समर्थन करते हुए 26 फरवरी को देश भर में चक्का जाम करने की घोषणा की है।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि नागपुर में कैट द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन जो आज से नागपुर में शुरू हुआ है, उसमें देश के सभी राज्यों के 200 से अधिक प्रमुख व्यापारी नेताओं ने संयुक्त रूप से लिया है। यह घोषणा कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया, राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी तथा ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने संयुक्त रूप से की है।
श्री भरतिया, श्री खंडेलवाल एवं श्री पारवानी ने जीएसटी काउन्सिल द्वारा जीएसटी के स्वरूप को अपने फायदे के लिए विकृत करने का आरोप लगाते हुए कहा की जीएसटी पूरी तरह से एक फेल कर प्रणाली है। जीएसटी का जो मूल स्वरूप है उसके साथ खिलवाड़ किया गया है। सभी राज्य सरकारें अपने निहित स्वार्थों के प्रति ज्यादा चिंतित है और उन्हें कर प्रणाली के सरलीकरण की कोई चिंता नहीं है। देश के व्यापारी व्यापार करने की बजाय जीएसटी कर पालना में दिन भर जुटे रहते हैं जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए विपरीत स्तिथि है। ऐसे में जीएसटी के वर्तमान स्वरूप पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत है। चार वर्ष में लगभग 937 से ज्यादा बार संशोधन होने के बाद जीएसटी जा बुनियादी ढाँचा ही बदल गया है ।
बार-बार कहने के बावजूद जीएसटी काउंसिल ने अभी तक कैट द्वारा उठाए गए मुद्दों का कोई संज्ञान नहीं लिया है इसलिए व्यापारियों को अपनी बातों को देश भर के लोगों को बताने के लिए भारत व्यापार बंद का सजावट किया है ।
रायपुर, 9 फरवरी। नन्हे तनवी, ज्योति और अब्दुल हैं तो छोटे बच्चे लेकिन उन्होंने जंग बड़ी जीती है। उनकी यह जंग कुपोषण से थी। कुपोषण को हराने के लिए लगातार काम कर रहे लोगों में कुपोषण को जड़ से समाप्त करने का हौसला भी बढ़ रहा है। कुपोषण से बाहर आए इन बच्चों के हंसते खिलखिलाते चेहरे उनके परिवार के साथ ही हर उस दिल को सुकून से भर देते हैं जिन्होंने छत्तीसगढ़ को कुपोषण मुक्त करने की ठानी है। इनमें सबसे पहले मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल हैं जिन्होंने कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ के संकल्प के साथ 2 अक्टूबर 2019 से प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत की। अभियान शुरू करते समय मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जो सपना देखा था वह तेजी से साकार रूप ले रहा है।
प्रदेश में बच्चों और महिलाओं के कदम कुपोषण को हराने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहे हैं। शारीरिक रूप से कमजोर और कुपोषित बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाने के लिए किए जा रहे प्रयासों का नतीजा साफ दिख रहा है। समन्वित प्रयासों से दूरस्थ आदिवासी क्षेत्र सुकमा जिले के 3 हजार से अधिक बच्चों को कुपोषण के दुष्चक्र से बाहर निकाला गया है। जिले में ‘संवरता सुकमा‘कार्ययोजना संचालित है जिससे कुपोषण दर में लगातार कमी आ रही है। 4 वर्षीया बालिका तनवी का वजन सितंबर माह में 6.6 किलोग्राम था जो आज जनवरी माह में बढक़र 8.89 किलोग्राम हो चुका है। इसी प्रकार अब्दुल का वजन भी 9.92 किलोग्राम से बढक़र 10.5 किलो हो चुका है। बालिका ज्योति ने भी सुपोषित आहार का लाभ लेकर अपना वजन महज तीन माह में ही 7.91 किलो से 9.8 किलो कर कुपोषण को मात दी है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और मितानिनों के माध्यम से में 06 वर्ष से कम आयु के कुपोषित बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में सुपोषण आहार प्रदान किया जा रहा है जो बच्चों के वजन बढ़ाने के साथ ही अन्य पोषक तत्व प्राप्त करने में सहायक हैं। इसके साथ ही गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कर चिकित्सकों की सतत् निगरानी में आवश्यक उपचार, पौष्टिक आहार के साथ ही दवाईयां दी जाती है ताकि बच्चों के सेहत में जल्दी सुधार हो।
चेम्बर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष रहे राजेन्द्र जग्गी ने एकता पैनल से नाता तोड़ लिया है। उन्होंने जय व्यापार पैनल को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है।
जग्गी ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि मौजूदा निर्वाचित पदाधिकारियों को सम्मान नहीं मिल रहा था। कुछ लोगों ने चेम्बर को जेबी संस्था बना लिया था। चेम्बर ने उन्हें बहुत कुछ दिया है, और उन्हें मातृ संस्था की हालत देखी नहीं जा रही थी। ऐसे में उन्होंने एकता पैनल से नाता तोडक़र जय व्यापार पैनल को अपना समर्थन देने का फैसला लिया है।
जग्गी रायपुर मशीनरी एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। उनके जय व्यापार पैनल को समर्थन करने से एकता पैनल में हडक़ंप मचा हुआ है। हालांकि चेम्बर के प्रवक्ता ललित जैसिंघ ने जग्गी को शुभकामनाएं दी है, और जोर देकर कहा कि मशीनरी एसोसिएशन के सदस्यों का समर्थन एकता पैनल के साथ रहेगा।
रायपुर, 9 फरवरी। देश की प्रगति और विकास में अपना योगदान कर कुछ कर गुजरने की चाहत हर युवा में होती है। आज के इस प्रतियोगी दौर में हर युवा चाहता है कि वो दूसरों से दो कदम आगे रहे जिसके लिए वे निरंतर अथक प्रयास में जुटे रहते हैं। प्रदेश के अंतिम छोर में घने जंगल, नदी, पहाड़ से घिरे सुकमा जिले के युवाओं में भी यह ललक है। कोई प्रशासनिक अधिकारी बन कर समाज को बेहतर करना चाहता है तो कोई डॉक्टर या इंजीनियर बन कर देश हित में अपना योगदान देना चाहता है। सुकमा में भी ऐसे युवाओं की बहुतायत है जो ऐसे विभिन्न उच्च पदों पर काबिज होकर अपना जीवन देश, प्रदेश और समाज के उत्थान में लगाना चाहते हैं। लंबे समय से नक्सल हिंसा से पीडि़त होने के कारण यहां विकास की गति धीमी रही है।
शासन की योजनाओं से मंदी बेअसर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 फरवरी। छत्तीसगढ़ के ऑटोमोबाइल सेक्टर में लगातार रौनक बनी हुई है। प्रदेश में जनवरी 2020 के मुकाबले जनवरी 2021 में ज्यादा कारों की बिक्री हुई है। पिछले साल के जनवरी माह में जहां 4523 कारें प्रदेश में बिकीं थीं, वहीं इस साल जनवरी माह में 4644 कारों की बिक्री हुई है। यह संख्या बीते दिसम्बर माह में 4233 बिकी कारों की संख्या से भी अधिक है।
गौरतलब है कि कोरोना संकट की वजह से देश में मंदी का माहौल है, लेकिन प्रदेश इसके प्रभाव से अछूता रहा है। इस दौरान प्रदेश के ऑटोमोबाइल सेक्टर के साथ ही अन्य सेक्टरों में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ किसानों और वनवासियों की आय में बढ़ोतरी करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा लागू की गई योजनाओं की वजह से यहां के बाजारों में रौनक बनी रही है। इस साल शासन ने समर्थन मूल्य पर 93 लाख मीटरिक टन से अधिक धान की खरीदी की है, जिससे पिछले 20 सालों की धान खरीदी का रिकार्ड टूट गया है। इसके साथ ही राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 19 लाख किसानों को 10 हजार रुपए प्रति एकड़ के मान से 5750 करोड़ रुपए की आदान सहायता से लाभान्वित किया जा रहा है। इस योजना के तहत शासन ने चार किश्तों में सहायता राशि के भुगातन का निर्णय लिया था, जिसकी तीन किश्तों के 4500 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
इसी तरह राज्य सरकार की गोधन न्याय योजना के तहत 2 रुपए किलो में गोबर की खरीदी किए जाने से भी गांवों में आय का नया जरिया विकसित हुआ है। शासन द्वारा अब तक 35 लाख क्विंटल से अधिक गोबर की खरीदी की जा चुकी है, इसके एवज में लगभग 72 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। सुराजी गांव योजना के तहत गांव-गांव में 09 हजार 50 गोठानों का निर्माण स्वीकृत किया गया है, इनमें से 05 हजार 195 गोठानों का निर्माण पूरा हो चुका है।
इन गोठानों को आजीविका केंद्र के रूप में विकसित कर वहां आयमूलक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिला है। इसी तरह कोरोना संकट के समय राज्य के वनक्षेत्रों में देश मं सर्वाधिक लघु वनोपजों का संग्रहण किया गया। इस दौरान देश में संग्रहित कुल लघु वनोपजों का 73 प्रतिशत अकेले छत्तीसगढ़ में संग्रहित हुआ। शासन ने न केवल लघु वनोपजों के मूल्य में बढ़ोतरी की, बल्कि समर्थन मूल्य पर बिकने वाले लघु वनोपजों की संख्या 07 से बढ़ाकर 52 कर दी। लॉकडाउन के दौरान प्रदेश ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत एक दिन 26 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का भी रिकार्ड बनाया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 फरवरी। आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ लगातार शराब के अवैध कारोबार के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने प्रदेश सरकार को घेरा है। भूपेश सरकार को यह याद दिलाया कि उनके चुनावी घोषणा पत्र में है कि कांग्रेस की सरकार बनते ही प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू किया जाएगा परंतु आज 2 साल हो गए पर इस ओर भूपेश सरकार कोई भी ठोस कदम बढ़ाते नही दिख रही।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने प्रदेश सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि आखिर भूपेश बघेल चाहते क्या हैं? कब तक होगी प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी कोमाखान खल्लारी विधानसभा अंतर्गत नर्रा गांव की घटना का जिक्रकरते हुए कोमल हुपेंडी ने आगे कहा कि जिस शराब से प्रदेश की जनता त्रस्त हो चुकी है, सरकार को पूर्ण शराबबंदी करना था पर सरकार अब खुद मैदान में उतर आई है और लोगों को पुलिस की कार्यवाही के द्वारा डराया व धमकाया जाने लगा है, जबकि शराबबंदी की बात उन्होंने ही की थी और जो भूपेश सरकार अबतक नही कर पाई है, शराबबंदी तो दूर अवैध शराब की बिक्री धड़ल्ले से पूरे प्रदेश में बेची जा रही है उसपर लगाम नहीं लगा पा रही है, ये मौजूदा सरकार के लिए बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात है।
आम आदमी पार्टी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि ग्राम-नर्रा, जिला महासमुंद के ग्रामीणों के इंसाफ के लिए आम आदमी छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष व छत्तीसगढ़ कोर कमेटी के द्वारा व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक जैन के नेतृत्व में एक 7 सदस्यीय जांच टीम गठित की है, जिसमें अभिषेक जैन, संजय यादव, संतोष चंद्राकर, दुर्गा झा, अनुषा जोसेफ, भूपेंद्र चंद्राकर, कलावती मार्को शामिल है ये जांच टीम नर्रा गांव में जाकर तीन दिनों में मामले की सत्यता की जांच कर कोर टीम के समक्ष अपनी रिपोर्ट रखेगी।
पारेषण प्रणाली की मजबूती से पारेषण हानि में कमी-कुमार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 फरवरी। छत्तीसगढ़ राज्य शासन की महत्वाकांक्षी परियोजना 132/33 केव्ही सलका उपकेन्द्र को पूर्ण कर क्रियाशील करने में एक बड़ी कामयाबी छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी को मिली। कोरोना काल में प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच विद्युत कर्मियों की कर्तव्यनिष्ठा से पूर्ण हुए इस विशालकाय उपकेन्द्र का लाभ दुरस्त आदिवासी अंचल के 135 गांव को गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दिशा-निर्देशानुसार नवनिर्मित उपकेन्द्र की कुल लागत 22.4 करोड़ है। उक्त जानकारी पारेषण कंपनी के प्रबंध निदेशक अशोक कुमार ने दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उपलब्ध सस्ती बिजली की आपूर्ति राज्य शासन की रीति-नीति के अनुरूप सुदूर ग्रामीण एवं वनांचलों तक करने पारेषण प्रणाली का सुदृढ़ीकरण युद्ध स्तर पर जारी है।
श्री कुमार ने बताया कि अतिउच्च दाब सलका उपकेन्द्र में 40 एमव्हीए क्षमता का ट्रंासफार्मर ऊर्जीकृत किया गया है। इस उपकेन्द्र की मांग लम्बें समय से सलका, उदयपुर, अंबिकापुर, लखनपुर, खम्हरिया, परसा, डांडगांव, मोहनपुर, हनुमानगढ़, केदमा, खुमदेवा, गुंम्गा, लटौरी, कुन्नी, केटी, सयार में निवासरत ग्रामीणजन कर रहे थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार क्षेत्रवासियों की विद्युत आवश्यकता, लोवोल्टेज के निदान हेतु कारगर उपायों का आकलन करके पारेषण कंपनी द्वारा कोराना महमारी के दौर में भी योजनाबद्ध तरीके से सलका उपकेन्द्र का निर्माण किया गया।
उक्त उपकेन्द्र के क्रियाशील हो जाने से इन क्षेत्रों में किसी प्रकार के विद्युत अवरोध (बे्रकडाउन) होने पर सुधार कार्य में अब कम समय लगेगा। साथ ही 135 गांवों के कृषि उद्योग जगत का विकास होगा। इस उपकेन्द्र का सबसे बड़ा फायदा यह भी होगा कि अब परसा कोल माइन्स के रेल्वे स्टेशन को न्यूनतम दूरी की विद्युत लाईन से बिजली आपूर्ति हो सकेगी।
उक्त रेल्वे स्टेशन को पूर्व में विद्युत की आपूर्ति 220 केव्ही विश्रामपुर उपकेन्द्र से निकली 60 किलोमीटर लंबी लाईन से की जाती थी। अब इस उपकेन्द्र के बनने से उक्त स्टेशन को केवल 21 किलोमीटर की लंबी ईएचटी लाईन से विद्युत की आपूर्ति होगी जिससे लाईन लॉस में कमी आयेगी और गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।
श्री कुमार ने जानकारी दी कि आवश्यकता पडऩे पर सलका उपकेन्द्र (उदयपुर) से अंबिकापुर को भी विद्युत की आपूर्ति हो सकेगी। इस उपकेन्द्र से छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के उदयपुर तथा लखनपुर वितरण केन्द्र के छह 33/11 के.व्ही. के उपकेन्द्रों को नियमित एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति होगी ।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 फरवरी। इंदिरा गांधी कृषि विवि द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास सहकारी संघ, बारामूल जम्मू-कश्मीर के सहयोग से ‘‘मशरूम उत्पादन एवं प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी’’ विषय पर उन्नत राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 2021 का आयोजन किया जा रहा है। इस उन्नत राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन 2 मार्च 2021 से 22 मार्च 2021 तक ऑनलाईन किया जाएगा। इस 21 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में मशरूम उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन आदि विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने हेतु 25 फरवरी 2021 तक आवेदन आमंत्रित किये गए हैं। इच्छुक प्रशिक्षणार्थी राष्ट्रीय कृषि विकास सहकारी संघ की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाईन पंजीयन करवा सकते हैं।
कार्यक्रम के पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. एमपी ठाकुर ने बताया कि इस 20 दिवसीय ऑनलाईन प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न विषयों जैसे - मशरूम की उत्पत्ति एवं खाने योग्य, जहरीले तथा औषधीय मशरूम की पहचान, मशरूम के पोषण एवं औषधीय विभिन्न पहलुओं, भारत में मशरूम उद्योग की वर्तमान स्थिति एवं भविष्य की संभावनाएं, शुद्ध कल्चर प्राप्त करने की तकनीक, मातृ एवं रोपण बीज तैयार करना, उष्णकटिबंधीय और समशीतोषण मशरूम जैसे - ऑयस्टर मशरूम, पैडी स्ट्रॉ मशरूम, मिल्की मशरूम, बटन मशरूम की खेती के लिए सब्सट्रेट की तैयारी करना, विशेष मशरूम जैसे - लायन्स मैन मशरूम, श्ट्टिेक मशरूम, गोनोडर्मा मशरूम, कॉर्डिसेप्स मशरूम, फ्लाम्युलिना मशरूम, स्किज़ोफाईलम मशरूम की खेती के लिए सब्स्ट्रेट तैयार करना, ऑयस्टर मशरूम, पैडी स्ट्रॉ मशरूम, मिल्की मशरूम, बटन मशरूम एवं अन्य विशेष गुणों वाले मशरूम के खेती की तकनीक, फसल अवधि के दौरान कीटों एवं बीमारियों से मशरूम की सुरक्षा, मशरूम उत्पादों का फसल प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन, मशरूम का विस्तार एवं विपणन विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इस 20 दिवसीय ऑनलाईन प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एसके पाटील हैं। संचालक अनुसंधान सेवाएं, डॉ. आरके.बाजपेयी, निदेशक विस्तार सेवाएं, डॉ. एससी मुखर्जी, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय, रायपुर, डॉ. एसएस राव संरक्षक हैं। डॉ. रत्ना नशीने, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, नारायणपुर, आयोजन निदेशक हैं।
असम के उद्योगपतियों से चर्चा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 फरवरी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने असम के अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन सोमवार को जोरहाट में असम के उद्योगपतियों के प्रतिनिधिमंडल मुलाकात की। उन्होंने छत्तीसगढ़ की विशेषताओं के साथ यहां चाय की खेती और बांस तथा लघु वनोपज आधारित उद्योगों की संभावनों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंनेे चर्चा के दौरान इन उद्योगपतियों को छत्तीसगढ़ में चाय और बांस उद्योग लगाने के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर चाय उत्पादकों के साथ साथ विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधि मौजूद थे। असम के उद्योगपतियों के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को हाथ से तैयार की गई विशेष चाय भी भेंट की।
श्री बघेल ने असम के उद्योगपतियों को बताया कि छत्तीसगढ़ में उद्योग हितैषी वातारण है। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योगों को नई सहुलियतें देने के लिए उद्योगपतियों से चर्चा कर नई उद्योग नीति तैयार की गई है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लघुवनोपज के साथ ही बागवानी फसलों के लिए अच्छी संभावनाएं हैं। उन्होंने असम के उद्योगपतियों को चाय और बांस आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि उन्हें हर संभव मदद सहायता और प्रोत्साहन दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ में 44 प्रतिशत जंगल है। बड़ी मात्रा में लघुवनोपज होता है। अभी 52 लघुवनोपज को समर्थन मूल्य के दायरे में लाया गया है। राज्य में वनवासियों की आय में बढ़ोत्तरी और उन्हें सतत रूप से रोजगार देने के लिए लघुवनोपजों के प्रसंस्करण और वेल्यु एडिशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ धान उत्पादन के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। यहां गन्ने की फसल भी बड़े स्तर पर ली जा रही है। राज्य में अब फलों और बागवानी फसलें भी बड़े पैमाने में ली जाती है, इनके प्रसंस्करण उद्योगों की यहां विपुल संभवनाएं है। जशपुर जिले का मौसम चाय की खेती के लिए अनुकूल है, वहां के मौसम के अनुकूल वहां चाय के बागान को प्रोमोट किया जा रहा है। उन्होंने असम के उद्योगपतियों को चाय उद्योग की संभावनाओं की जानकारी दी और इन क्षेत्रों में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को बागवानी और कृषि के क्षेत्र में उद्योग लगाने की संभावनाओं की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के कई अंचलों में टमाटर की बड़े पैमाने पर फसल ली जाती है। यहां का टमाटर पाकिस्तान तक जाता है। वन क्षेत्रों में बांस का भी बड़े पैमाने पर उत्पादन हो रहा है। वनवासियों को इन सबके माध्यम से रोजगार दिया जा रहा है।
बांस शिल्प के क्षेत्र में भी यहां के उद्योगपति वेल्यू एडिशन कर उद्योग स्थापित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में विभिन्न कलात्मक वस्तुएं भी तैयार की जाती हैं। यहां के बस्तर आर्ट को देश-विदेश में पसंद किया जाता है। राज्य के विभिन्न शिल्प कलाओं को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इन शिल्पियों को बाजार उपलब्ध कराने तथा समय के अनुरूप वेल्यू एडिशन के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर/रायपुर, 8 फरवरी। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने ढाई-ढाई साल सीएम के फार्मूले पर कहा कि ऐसा कोई फार्मूला नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें सीएम और पार्टी ने पूरा सम्मान दिया है, और वे सीएम की दौड़ में शामिल नहीं है। जहां तक टीएस सिंहदेव का सवाल है, वे जाने।
श्री साहू ने मीडिया से चर्चा में पार्टी और मुख्यमंत्री से खूब सम्मान मिल रहा है। मुख्यमंत्री से स्नेह और सहयोग मिलता है और आलाकमान का समर्थन भी गुजरात में मिली बड़ी जिम्मेदारी इसका उदाहरण है। ताम्रध्वज साहू ने कहा कि मैं जहाँ हूं, वहां खुश हूं और पार्टी से हमें वरीयता मिलती रहती है। मुझे कोई नजरअंदाज नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि ताम्रध्वज साहू एक सिंपल आदमी है। मुझे टिकट मिले ना मिले मेरे लिए सब ठीक है।
बीजेपी में पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर और वरिष्ठ भाजपा नेता भूपेंद्र सवन्नी के बीच मतभेद के मामले में गृहमंत्री ने कहा कि यह उनकी पार्टी का मामला है, वो जानें।
रायपुर, 8 फरवरी। गंगाजल को लेकर दिए विवादित बयान की कांग्रेस ने कड़ी निंदा की है। प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि राजनीतिक हताशा के दौर से गुजर रहे भाजपा के पूर्व मंत्री और नेता गंगाजल को लेकर गलतबयानी कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में मुद्दाविहीन हो चुकी भाजपा ने लगातार छत्तीसगढ़ के तीज त्यौहार परंपरा संस्कृति का ही विरोध कर किया। कांग्रेस नेताओं ने गंगाजल नहीं नाली का पानी लिया था कहकर गंगाजल को अपमानित कर धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने का काम भी किया है जिसका कांग्रेस कड़ी निंदा करती है।
त्रिवेदी ने कहा कि गंगाजल हाथ में लेकर तो कांग्रेस की 15 नवंबर 2018 को ली गयी पत्रकारवार्ता में कर्जमाफी का वादा किया गया था। छत्तीसगढ़ के 20 लाख किसान परिवारों की 11 हजार करोड़ का कर्जमाफी का लाभ मिला है। भाजपा और भाजपा के नेताओं को कांग्रेस की जन कल्याणकारी सरकार के मुखिया भूपेश ेेबघेल के विरोध में बोलने का अवसर नहीं मिल रहा है। मुद्दाविहीन हो चुकी भाजपा और भाजपा के नेता विरोध की मर्यादा को भूलकर अमर्यादित बयानबाजी में लगे हैं जो छत्तीसगढ़ की संस्कृति परंपरा और संस्कार के विपरीत धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाने वाला है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 फरवरी। पंचायती राज व्यवस्था के आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया स्वरुप प्रदान करने की दृष्टि से सोमवार को पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव के सिविल लाइंस स्थित निवास स्थान पर आईसीआईसीआई बैंक और पंचायत विभाग के अधिकारियों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए। इस एमओयू में प्राप्त सीएसआर की सहायता से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नए आयाम प्राप्त होंगे जो केवल ग्रामीण विकास विभाग ही नहीं अपितु अन्य विभागों पर भी प्रभाव डालेंगे, लगभग 4 करोड़ के सीएसआर से यह व्यवस्था निश्चित ही प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लाभकारी सिद्ध होंगे। इस एमओयू में एनआरएलएम की भी सहभागिता सुनिश्चित की गयी है।
श्री सिंहदेव के नेतृत्व में हर ग्राम पंचायत में एक साल में एक करोड़ रूपए का कार्य और 18 वर्ष की आयु से अधिक के युवाओं को 6 माह तक का रोजगार का लक्ष्य लेकर चले पंचायत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एक इंटीग्रेटेड योजना के माध्यम से कार्य कर रहे हैं इसके साथ ही आईसीआईसीआई बैंक ने विभाग हेतु अधोसंरचना विकास और आईटी सेक्टर के लिए प्लानिंग बनाई हुई थी, जिसमें एसेट रेजिस्टर और इंडिविजुअल के लिए इनकम जनरेशन के 2 प्रमुख चरण हैं। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए 1 वर्षीय इस प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर की स्थिति में पहुँचे हैं।
श्री सिंहदेव ने शासन के प्रयास को सहृदयता से अपनाने और सहयोग करने के निर्णय पर बैंक प्रबंधन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ?4 करोड़ का आर्थिक समर्थन किसी भी पैमाने में छोटा नहीं माना जाता है। उन्होंने आगे कहा कि भौतिक विकास वही है जिसमें व्यक्ति का विकास समाहित हो, यदि यह सामंजस्य न रहे समाज में आर्थिक असमानता बढऩे लगती है। समाज की इस आर्थिक असमानता को कैसे कम किया जाये इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमारे पास जो डाटा-जानकारी उपलब्ध होनी चाहिए इस दिशा में बैंक से सहभागिता के बिना हम स्वयं को अधूरा महसूस कर रहे थे।
पंचायत मंत्री ने आगे कहा कि न्यूनतम वार्षिक आय में कलेक्टर दर को पैमाना मानकर हम कार्य कर रहे हैं, एक महीने में व्यक्ति को कितना रोजगार मिलना चाहिए जिससे वह सामान्य जीवन जी सके। समाज के वेल्थ का बंटवारा इस प्रकार होना चाहिए कि जो व्यक्ति सबसे नीचे है वह भी उस पायदान पर उचित जीवन जीने में सक्षम हो, इस मंजिल की प्राप्ति की दिशा में विभाग शुरुआत में कठिनाई महसूस कर रहा था लेकिन अब इस एमओयू के उपरांत इस संघर्ष को मूर्त रूप मिल गया है। जन-जन तक पहुंचकर जानकारी एकत्रित करना और उस आधार पर बेसिक वार्षिक आय एक परिवार की निर्धारित हो इस दिशा में कार्य करेंगे। इसके साथ ही पंचायत मंत्री टी एस सिंहदेव ने उपस्थित अधिकारियों एवं बैंक के प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया।
10 तारीख को एसोसिएशन की बैठक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 फरवरी। सरकार के खनिज रायल्टी की नई दरों से प्रदेश के ठेकेदार नाखुश हैं। ठेकेदारों ने गौण खनिज रायल्टी की नई दरों का विरोध किया है। इस सिलसिले में कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन की 10 तारीख को बैठक रखी गई है। बैठक में निर्माण कार्य बंद करने का फैसला लिया जा सकता है।
छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन की प्रदेश कार्यकारिणी की 10 तारीख को दोपहर 12 बजे बैठक बुलाई गई है। प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला ने बताया कि सभी निर्माण विभागों के वरिष्ठ ठेकेदारों को बैठक में बुलाया गया है। बैठक जेल रोड स्थित होटल सेलिब्रेशन में रखा गया है। प्रदेश सरकार द्वारा 20 जून 2020 को गौण खनिज रायल्टी के संबंध राजपत्र में जो दरें निश्चित की गई है, उसे लेकर ठेकेदारों में आक्रोश है।
शासन के इस अधिसूचना में बाजार दर पर जिला कलेक्टरों के माध्यम से रायल्टी वसूली का आदेश देने से ठेकेदारों के द्वारा स्वमेव निर्माण कार्य करने में असमर्थता जताई है। वजह यह है कि बाजार दर पर रायल्टी की वसूली तय करने का सीधा असर निर्माण कार्यों की लागत पर पड़ रहा है, जिन कार्यों का टेंडर पुराने समय में किया जा चुका है, उसमें भी यह आदेश लागू कर दिया गया है। इस नीति की वजह से ठेकेदार आर्थिक रूप से दिवालिया हो जाएंगे।
शुक्ला ने कहा कि निर्माण कार्यों का निर्माण और रखरखाव करना पीडब्ल्यूडी में 5 वर्ष और डब्ल्यूआरडी जल विभाग 10 वर्ष की शर्तें रखी गई हैं। यह तकनीकी रूप से अव्यवहारिक है।लोक निर्माण विभाग में और अन्य निर्माण विभागों में थर्ड पार्टी चेकिंग के आदेश के कारण ठेकेदारों को समय पर काम करने के बाद भी भुगतान नहीं मिलता है। अतिरिक्त सुरक्षा निधि भी समय पर नहीं मिलती। इन मुद्दों के साथ ही अन्य विषय पर भी विचार-मंथन किया जाएगा। साथ ही बाजार दर पर रायल्टी वसूली को लेकर भी प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
रायपुर 8 फरवरी । नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने खरोरा में महामाया सुपर स्पेश्यलिटी अस्पताल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि क्षेत्र में आधुनिक सुविधाओं वाले अस्पताल खुलने से आसपास के लोगों को इलाज में सहूलियत होगी।
उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि लोगों का आसानी से इलाज मुहैया हो, उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो। इस दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है। अस्पताल का उद्घाटन के साथ उन्होंने कहा कि चिकित्सा से बढक़र कोई अन्य सेवा नहीं है। हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हम इस सेवा का उपयोग बेहतर तरीके से कर सके और अपनी पहचान स्थापित कर सकें।
इस अवसर पर डॉ. निन्दर चावला, डॉ. गौरव अहलूवालिया, डॉ.गगनजीत कौर आदि उपस्थित थे।
रायपुर, 8 फरवरी। शीघ्रलेखन, मुद्रलेखन, परीक्षा परिषद, लोक शिक्षण संचालनालय इन्द्रावती भवन अटल नगर रायपुर द्वारा प्रदेश स्तर पर प्रतिवर्ष शीघ्रलेखन और मुद्रलेखन की परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़ रायपुर में मूल्यांकन कार्य के लिए शीघ्रलेखकों का नवीन पंजीयन और नवीनीकरण किया जा रहा है।
ऐसे वरिष्ठ शीघ्रलेखक जो न्यूनतम 10 वर्ष की शासकीय सेवा शीघ्रलेखक के पद पर करने का अनुभव रखते हैं और छत्तीसगढ़ में शासकीय सेवा में कार्यरत हों, वे निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र की पूर्ति पश्चात परिषद कार्यालय लोक शिक्षण संचालनालय में 19 फरवरी 2021 तक निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं। इनका पंजीयन 3 वर्ष के लिए होगा।
इसी प्रकार शीघ्रलेखन और मुद्रलेखन संस्थाएं जो टंकण, शीघ्रलेखन का प्रशिक्षण देते हैं और आयोजित होने वाली परीक्षा परिणाम एवं विज्ञप्ति आदि प्राप्त करना चाहते हैं वे संस्थाएं भी अपना नवीन पंजीयन, नवीनीकरण के लिए आवेदन कर सकते हैं। इनका पंजीयन एक वर्ष के लिए होगा।
शीघ्रलेखन, मुद्रलेखन परीक्षा परिषद के सचिव ने बताया कि दोनों ही प्रकार के आवेदनों के साथ शासकीय कोषालय में ‘लेखा शीर्ष’ 0202-शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति (01) सामान्य शिक्षा (600) सामान्य (0661) स्कूल शिक्षा के अंतर्गत 100 रूपए जमा कराकर एक प्रति संलग्न करना होगा। अधिक जानकारी के लिए परिषद के कार्यालय से सम्पर्क किया जा सकता है।
रायपुर, 8 फरवरी। चरोदा (भिलाई) में 4 से 5 फरवरी तक आयोजित राज्य स्तरीय ओपन बैडमिंटन स्पर्धा में पुरुष एकल फायनल में रायपुर के आयुश माखीजा ने दुर्ग के एम.व्ही अभिषेक को 21-12,21-18 से हराकर खिताब पर कब्जा जमाया। पुरुष युगल फायनल में रायपुर के सुजय तंबोली और मिहिर राठिया ने दुर्ग के विक्रांत शर्मा और वरुण जैन को 21-16, 22-20 से हराकर जीत हासिल की। मिश्रित युगल फायनल में रायपुर के सुजय तंबोली और हर्षिता अग्रवाल ने रायपुर के ही आयुश माखीजा और दीक्षा चौधरी को 22-29, 26-24 से हराकर खिताब पर क4जा जमाया।
राज्यपाल नई दिल्ली में राष्ट्रीय युवा शक्ति परिवार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल
रायपुर, 8 फरवरी। किसी भी देश की प्रगति का जिम्मा उनकी युवाओं पर होता है। युवाओं की सोच नई होती है। वे नई तकनीक ईजाद करते हैं। उनमें इतना उत्साह होता है जो किसी भी कार्य को आसानी से परिणाम तक पहुंचा सकते हैं। यह बात राज्यपाल अनुसुईया उइके ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय युवा शक्ति परिवार द्वारा आयोजित राष्ट्रीय युवा चेतना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।
राज्यपाल ने कहा कि देश के युवा जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोरोनाकाल में समाज सेवा का कार्य किया उन्हें आज सम्मानित किया गया और उन सभी को मेरी ओर से शुभकामनाएं। राज्यपाल ने कहा कि पूरे देश में संस्था का यूथ विंग काम कर रहा है, उन्हें सम्मानित करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि मैं जब सामाजिक संस्था से जुड़ी तब मुझमे समाज सेवा करने की इच्छा जागी। लोगों की सेवा से मुझे बड़ा आनंद मिलता था। जब यह लोग बोलते हैं कि वह व्यक्ति अच्छा है तो हमें बहुत संतोष होता है। राज्यपाल ने कहा कि आपकी संस्था महिलाओं के लिए भी कार्य किया है और शोषित और पीडि़तों की मदद की है, इसके लिए मैं संस्था को धन्यवाद देती हूं।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का आह्वान किया है। इसका अर्थ हर क्षेत्र में हमारे देश को आत्मनिर्भर बनाना है। स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत युवा स्वयं किसी प्रोजेक्ट पर काम कर नवाचार कर सकते हैं। हम नई सोच के साथ कार्य करें, जिससे हमारा देश आत्मनिर्भर हों, साथ ही दूसरे देशों को भी निर्यात कर सकें।
राज्यपाल ने कहा कि किसी भी देश के युवा वहां के भविष्य होते हैं। उन्हीं के हाथों में देश की उन्नति की बागडोर होती है। देश में पिछले कुछ समय से कुछ चुनौतियां सामने आ रही हैं। कुछ ऐसे तत्व हैं जो युवाओं को दिग्भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं और उनकी ऊर्जा को नकारात्मक कार्यों में ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। मेरा आग्रह है कि युवा ऐसे तत्वों से सचेत रहें और अपनी ऊर्जा राष्ट्र निर्माण में ही लगाएं।
उन्होंने युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि युवा न केवल सामाजिक बुराईयों और देश की कमजोरियों के प्रति सचेत एवं जागरूक बनें बल्कि अपनी शक्ति और परिश्रम से देश को नई दिशा दें। राज्यपाल ने इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले युवाओं को सम्मानित किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 फरवरी। जवाहर लाल सोनी स्मृति में विगत दिवस रायपुर जिला बॉडी बिल्डिंग संघ एवं ताम्रकार हेल्थ फिटनेश सेन्टर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित बॉडी बिल्डिंग और वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में मि. रायपुर का खिताब नरेंद्र दीप, मिस रायपुर का खिताब सन्जन्ना भन्नेट, मेन्स फिसिक का खिताब अमित दास, मिस छग महिला फिसिक का खिताब भिलाई की सुप्रिति अचार्जी एवं बेस्ट लिफ्टर छग महिला बालोद की सुषमा धीवर को प्रदान किया गया।
मि. विकलांग का खिताब शेख फहीम को दिया गया। प्रतियोगिता मे मुख्य निर्णायक हेमंत परमाले, गजेंद्र पान्डे, निर्मल भारती, शशि साहू, चंदू साहू ,राजेश यदु रहे। रायपुर जिला बॉडी बिल्डिंग संघ के सचिव माणिक ताम्रकार ने बताया कि मि. रायपुर को इन्पैक्ट जिम के खिलेस्वर वर्मा के द्वारा एक रेंजर साईकिल ईनाम में दिया गया उसी प्रकार छग मे पहली बार बेस्ट लिफ्टर महिला को 3100 रुपये का नगद ईनाम दिया गया। विजेताओं को मुख्य अतिथि विधायक बृजमोहन अग्रवाल द्वारा सम्मानित किया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 फरवरी। ध्रुपद् कला केंद्र द्वारा 10 फरवरी से 15 फरवरी तक आनंद नगर स्थित केंद्र में सात दिवसीय नि:शुल्क ध्रुपद गायन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला में प्रशिक्षक चंद्र कुशवाह द्वारा संगीत की प्राचीनतम विधा ध्रुपद गायकी की बारीकियों से प्रशिक्षुओं को अवगत कराया जाएगा। कार्यशाला का समापन 16 फरवरी को बंसतोत्सव के रूप में मनाया जाएगा।
ध्रुपदम कला केंद्र के संचालक चंद्र कुशवाह ने बताया वर्तमान में संगीत की सबसे प्राचीन विधा ध्रुपद गायन को दुगुन,चौगुन आदि तक सीमित मान लिया गया है। अमूमन इस मान्यता के कारण ध्रुपद का भाव पक्ष उपेक्षित रह जाता है जबकि शास्त्रीय विधा में ध्रुपद गायन में आलाप,जोड़,झाला,बंदिश और उपज का सुंदर समायोजन समाहित है।
संगीत की सतत साधना करने वाले चंद्र कुशवाहा ने ग्वालियर स्थित ध्रुपद कें द्र से स्कॉलरशिप लेकर जहां ध्रुपद कला रत्न किया वहीं डॉ.रुपाली गोखले,पं.अभिजीत,पं. उदय भावलकर और सचिंदानंद महाराज से ध्रुपद गायिकी की बारीकियां सीखी। चंद्र कुशवाह का कहना है कि ध्रुपद संगीत की जननी है लेकिन बदलते समय के साथ संगीत की प्राचीनतम विधा लुप्त होती जा रही है। इसके विकास के उद्ेश्य से यह कार्यशाला आयोजित की जा रही है।
कोरोना काल में किए गए कार्यों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया
रायपुर, 8 फरवरी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द से आज नई दिल्ली में राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने राष्ट्रपति को कोरोना काल में उनके द्वारा किए गए कार्यों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
राज्यपाल ने उन्हें बताया कि भारत सहित सम्पूर्ण विश्व वर्ष 2020 में कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से प्रभावित रहा है। इस कोरोना संक्रमण के संकट से समाज, अर्थव्यवस्था, व्यापार, उद्योगों, शिक्षा सहित सभी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। सुश्री उइके ने कहा कि सुखद पहलू यह रहा है कि अब यह संक्रमण नियंत्रण में है तथा हमारे देश में ही अल्प समय में वैक्सीन बनाकर टीकाकरण भी प्रारंभ कर दिया गया है।
यह सफलता कोरोना अवधि में आपके द्वारा समय-समय पर वीडियो कान्फ्रेन्स के माध्यम से दिये गये मार्गदर्शन एवं निर्देशों की वजह से ही संभव हो सका है। उन्होंने कहा कि मैंने आपके निर्देर्शों के अनुसार प्रदेश के अधिकारियों, सामाजिक संगठनों, विश्वविद्यालयों, रेडक्रॉस सोसायटी आदि सभी संस्थाओं को समय-समय पर निर्देशित किया। साथ ही राज्यपाल सुश्री उइके ने राष्ट्रपति के समक्ष छत्तीसगढ़ से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा भी की।