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नासा: चांद के डगमगाने से धरती पर आएगी भीषण बाढ़
16-Jul-2021 6:57 PM
नासा: चांद के डगमगाने से धरती पर आएगी भीषण बाढ़

नासा और हवाई विश्वविद्यालय के हाल ही में किए गए अध्ययन में कहा गया कि चांद की कक्षा में आगामी प्राकृतिक परिवर्तन और जलवायु बदलाव के कारण बढ़ते समुद्र के स्तर के साथ आने वाले वर्षों में पृथ्वी पर रिकॉर्ड बाढ़ आ सकती है.

 डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट

नासा ने निकट भविष्‍य में चांद के अपनी ही कक्षा पर "डगमगाने" की भी संभावना जताई है. अध्ययन के मुताबिक भीषण बाढ़ 2030 के दशक में शुरू होगी और अनुमान है कि अगले दस वर्षों तक विनाशकारी बाढ़ का सिलसिला जारी रहेगा. अध्ययन में अमेरिका पर पड़ने वाले प्रभाव को केंद्रित किया गया है.

विनाशकारी बाढ़ का अनुमान

नेशनल ओशियैनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक 2019 में अमेरिका में हाई टाइड से 600 बाढ़ आई थी. नेचर क्लाइमेट पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है 2030 के दशक में यह संख्या कई गुना बढ़ने की उम्मीद है. नासा के अध्ययन में कहा गया है कि चांद जब अपनी कक्षा से डगमगाएगा तो धरती पर एक दो बार नहीं बल्कि कई बार बाढ़ आएगी. अनुमान जताया गया है कि बाढ़ उन समूहों में आएगी जो एक महीने या उससे अधिक समय तक रह सकती है.

बार-बार आने वाली बाढ़ से समुद्र तट और निचले इलाकों के पास रहने वाले लोगों के लिए खतरा पैदा हो जाएगा. यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई के एसिस्टेंट प्रोफेसर फिल थॉम्पसन का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के बढ़ने के साथ-साथ धरती पर प्राकृतिक संकट भी बढ़ेंगे. थॉम्पसन के मुताबिक, "अगर यह महीने में 10 या 15 बार बाढ़ आती है तो कोई व्यवसाय पानी के नीचे काम नहीं कर सकता है. लोगों की नौकरी चली जाएगी क्योंकि वे काम पर नहीं जा सकेंगे."

चांद का डगमगाना

नासा ने कहा कि चांद का डगमगाना कोई नई या खतरनाक चीज नहीं है और पहली बार 1728 में इसके बारे में रिपोर्ट की गई थी और यह 18.6 साल के प्राकृतिक चक्र का हिस्सा है. नासा के मुताबिक चक्र के पहले भाग के दौरान पृथ्वी के नियमित ज्वार को दबाता है और आधे समय में चांद लहरों को तेज कर देता है. नासा के मुताबिक चांद वर्तमान में अपने चक्र के आधे हिस्से में है, जिससे पहले से ही कई तटों पर बाढ़ बढ़ रही है.

यह जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र के उच्च स्तर का परिणाम है. 2030 तक दुनियाभर में समुद्र का जलस्तर काफी बढ़ चुका होगा और चांद के डगमगाने के कारण और तीव्र बाढ़ आने लगेगी. नासा के एडमिनिस्‍ट्रेटर बिल नेलसन के मुताबिक यह अध्ययन तटीय क्षेत्रों को अधिक बाढ़ वाले भविष्य के लिए तैयार रहने के लिए महत्वपूर्ण है. (dw.com)

 

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