राष्ट्रीय

कांवड़ यात्रा पर आमादा उत्तर प्रदेश सरकार को केंद्र का संकेत
16-Jul-2021 7:07 PM
कांवड़ यात्रा पर आमादा उत्तर प्रदेश सरकार को केंद्र का संकेत

केंद्र ने भी उत्तर प्रदेश सरकार को कांवड़ यात्रा सीमित रूप से कराने का संकेत दिया है. सवाल उठ रहे हैं कि कोविड-19 की दूसरी लहर में कुंभ मेले के योगदान के बाद आखिर क्यों उत्तर प्रदेश सरकार वैसा ही जोखिम उठाना चाह रही है.

  डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट- 

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कांवड़ यात्रा आयोजित ना करने के स्पष्ट आदेश तो नहीं दिए हैं, लेकिन अदालत की टिप्पणियां इसी तरफ इशारा कर रही हैं. बिना किसी शिकायत के कांवड़ यात्रा के मामले को अपने आप उठाने के कुछ दिनों बाद अदालत ने 16 जुलाई को उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीने का अधिकार "हम सभी" को है. अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को अपना फैसला लेने के लिए सोमवार 19 जुलाई तक का समय दिया लेकिन यह कहा कि "100 प्रतिशत" सरकार यात्रा वास्तविक रूप में आयोजित नहीं कर सकती है.

केंद्र सरकार ने भी उत्तर प्रदेश को यात्रा आयोजित नहीं करने के लिए दो टूक नहीं कहा लेकिन संकेत इसी दिशा में दिया. केंद्र ने कहा कि राज्य सरकारों को कांवड़ियों को यात्रा करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए लेकिन केंद्र ने यह भी कहा कि कांवड़ियों के लिए गंगाजल पानी के टैंकरों में उपलब्ध कराया जा सकता है. कांवड़ यात्रा हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से सावन के महीने में आयोजित की जाती है. इसमें भगवान शिव की पूजा करने वाले कंधे पर कांवड़ लेकर उत्तराखंड में हरिद्वार जाते हैं और वहां से गंगाजल लेकर प्रमुख शिव मंदिरों या अपने इलाकों के शिव मंदिरों में चढ़ाते हैं.

तीसरी लहर की संभावना

यात्रा लगभग 15 दिनों तक चलती है और इसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली जैसे राज्यों से लोग हिस्सा लेते हैं. अनुमान है कि हर साल करीब तीन करोड़ लोग इस यात्रा में हिस्सा लेते हैं. पिछले साल भी यात्रा कोविड-19 महामारी को देखते हुए रद्द कर दी गई थी. इस साल श्रावण महीना 21 जुलाई से शुरू हो रहा है और महामारी विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगस्त महीने के अंत में तीसरी लहर के आने की संभावना है. इसी वजह से विशेषज्ञों ने कहा है कि कांवड़ यात्रा जैसे समारोह अगर आयोजित किए गए तो वो भी कुंभ की तरह "सुपर स्प्रेडर" बन सकते हैं.

उत्तर प्रदेश सरकार हर साल कांवड़ियों के लिए कई विशेष इंतजाम करती है. इस साल भी राज्य सरकार कांवड़ यात्रा कराना चाह रही है लेकिन कुंभ आयोजन की वजह से भारी आलोचना झेल चुकी उत्तराखंड सरकार ने यात्रा की अनुमति देने से मना कर दिया है. उत्तर प्रदेश के गढ़ मुक्तेश्वर से भी गंगा नदी हो कर गुजरती है और कांवड़ियों को गंगाजल लेने के लिए वहां भी भेजा जा सकता है लेकिन केंद्र सरकार के बयान ने इस पर भी प्रश्न चिन्ह लगा दिया है. उत्तर प्रदेश सरकार अभी भी कम से कम सांकेतिक रूप से यात्रा आयोजित करना चाह रही है.

राज्य सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को यह बताया और साथ में कहा कि सिर्फ पूरी तरह टीका ले चुके लोगों को ही यात्रा में शामिल होने दिया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि गंगाजल को टैंकरों में उपलब्ध कराने का प्रबंध किया जा चुका है लेकिन सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणियों ने उत्तर प्रदेश सरकार के लिए स्थिति को मुश्किल बना दिया है. देखना होगा कि राज्य सरकार 19 जुलाई को अदालत को क्या जवाब देती है. (dw.com)

 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news