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विजेता से हाथ मिलाया और डोप टेस्ट में फंसा दिया
19-Jul-2021 8:44 PM
विजेता से हाथ मिलाया और डोप टेस्ट में फंसा दिया

हाथ मिलाने या छूने भर से डोपिंग हो सकती है. जर्मन यूनिवर्सिटी में 12 लोगों पर प्रयोग करने के बाद यह बात साबित हुई है.

(dw.com)

हाथ, गर्दन और बांह को छूने से भी डोपिंग टेस्ट पॉजिटिव आ सकता है. जर्मनी के सरकारी प्रसारक एआरडी और कोलोन यूनिवपर्सिटी के इंस्टीट्यूट फॉर फॉरेंसिक मेडिसिन की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. प्रयोग में 12 प्रतिभागियों पर टेस्ट किया गया. उन्हें कुछ देर के लिए बस छुआ गया. गर्दन, बांह और हथेली के जरिए किया हल्का बॉडी टच, एनाबॉलिक स्टेरॉयड्स के ट्रांसमिशन के लिए काफी था. त्वचा के जरिए इन प्रतिभागियों के शरीर में स्टेरॉयड्स दाखिल हो गए.

कुछ घंटे बाद से लेकर 14 दिन बाद भी जब डोप टेस्ट किया गया, तो प्रतिभागी पॉजिटिव निकले. एआरडी के मुताबिक प्रयोग में हिस्सा लेने वाले की उम्र 18 से 40 साल के बीच थी. उन्हें शारीरिक संपर्क के जरिए चार प्रकार के स्टेरॉयड्स दिए गए. इस संपर्क के एक घंटे बाद प्रतिभागियों के पेशाब के नमूने लिए गए. कुछ में तुरंत स्टेरॉयड्स की मौजूदगी सामने आ गई. 14 दिन बाद लिए गए नमूनों में सभी प्रतिभागी डोप पॉजिटिव आए.

फंसने वाले खिलाड़ियों का क्या?

2014 में रूसी डोपिंग स्कैंडल को लेकर अहम खुलासे करने वाले एआरडी के पत्रकार हागो जेपेल्ट के मुताबिक बॉडी टच से डोपिंग एक बड़ी चिंता है. ओलंपिक समेत तमाम बड़े खेल आयोजनों में हर मुकाबले के बाद खिलाड़ियों का एक दूसरे से हाथ मिलाना और सांत्वना देने के लिए गले मिलते हुए गर्दन टच करना आम बात है. अगर इस दौरान डोपिंग की जाए तो क्या होगा?

फिलहाल डोप टेस्ट पॉजिटिव आते ही खिलाड़ी को एक तरह से दोषी मान लिया जाता है. उसके पदक छिन जाते हैं और उसे अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया जाता है. यह निलंबन तब तक चलता है जब तक खिलाड़ी यह साबित न कर दे कि उसने जानबूझकर ऐसा नहीं किया. अगर खिलाड़ी ऐसा करने में नाकाम रहे तो उस पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है.

"बहुत ही दुर्लभ मामले"

वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) के मुताबिक इस बात की संभावना "बहुत ही दुर्लभ" है कि कोई खिलाड़ी सिर्फ शारीरिक संपर्क के कारण डोपिंग टेस्ट में पकड़ा जाएगा. एआरडी की डॉक्यूमेंटी रिलीज होने के बाद वाडा ने कहा, "एंटी डोपिंग कम्युनिटी इस संभावना को अच्छी तरह जानती है. इसे बहुत ही दुर्लभ माना जाता है क्योंकि ऐतिहासिक तौर पर ऐसे मामले बहुत ही कम सामने आए हैं."

खेलों में डोपिंग के मामलों पर नजर रखने वाली शीर्ष अंतरराष्ट्रीय संस्था वाडा के मुताबिक बहुत ही कम ऐसे तत्व हैं जो त्वचा के लिए जरिए किसी व्यक्ति के शरीर में पहुंचाए जा सकते हैं. वाडा का कहना है कि एआरडी और जर्मन यूनिवर्सिटी की इस रिपोर्ट पर प्रतिष्ठित समीक्षा पत्रों का भी इंतजार किया जाएगा. यह रिपोर्ट टोक्यो ओलंपिक से ठीक पहले सामने आई है. जापान की राजधानी टोक्यो में 23 जुलाई से 8 अगस्त तक ओलंपिक खेल होने हैं. (dw.com)

ओंकार सिंह जनौटी (एएफपी)

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