खेल
टोक्यो ओलंपिक में चकित करने वाला एक वाक़या देखने को मिला. इससे जुड़ा वीडियो सामने आया, जिसकी सोशल मीडिया पर काफ़ी चर्चा है.
इस वीडियो में रिंग में जाने से ठीक पहले महिला जूडो खिलाड़ी को उनके जर्मन कोच ज़ोर से झकझोड़ते और थप्पड़ मारते दिख रहे हैं. यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है.
क्या है वीडियो में?
दरअसल, इस वीडियो में जो महिला खिलाड़ी दिख रही हैं, वो जर्मनी की मार्टिना ट्रैजडोस हैं और वे महिला जूडो के राउंड ऑफ़-32 के एक मुक़ाबले के लिए रिंग में उतरने जा रही हैं. उनके ठीक पीछे कोच चलते आ रहे हैं.
रिंग में उतरने से ठीक पहले वो पीछे मुड़ती हैं और सीधी खड़ी हो जाती हैं. तभी कोच उनके दोनों हाथों को पकड़ कर ज़ोर से झकझोड़ते हैं और फिर दोनों गालों पर थप्पड़ जड़ते हैं.
इसके बाद मार्टिना ट्रैजडोस अपना सिर हिलाती हैं और फिर रिंग में मैच के लिए उतर जाती हैं.
मैच के बाद मार्टिना ने क्या कहा?
यह वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर होने लगा और लोग इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं देने लगे. मैच के बाद मार्टिना ट्रैजडोस ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा कि कोच का झकझोड़ना और थप्पड़ मारना मैच से पहले के एक रस्म के तौर पर है.
उन्होंने लिखा, "इस रस्म को मैंने मैच से पहले किए जाने के लिए चुना है! मेरे कोच बस वही कर रहे थे जो मैं चाहती थी ताकि मैं जोश में आ सकूं."
ट्रैजडोस ने यह भी लिखा कि इसके लिए उनके कोच को दोषी न ठहराया जाए क्योंकि मैच से पहले उन्हें इस तरह सचेत करने के लिए अपने कोच से उन्होंने ही कहा था.
ट्रैजडोस ने इस थप्पड़ को जोश में लाने के लिए किया जाने वाला रस्म भले ही बताया लेकिन मैच का नतीजा कुछ और ही बता रहा है.
वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत चुकीं ट्रैजडोस हंगरी की सोफ़ी ओज़बास से यह मुक़ाबला हार कर बाहर हो गईं.
इस वीडियो को शेयर करते हुए मैच हारने पर अपनी प्रतिक्रिया में उन्होंने लिखा, "लगता है ये बहुत ज़ोरदार नहीं था. काश आज मैं अलग हेडलाइन बन पाती."
जिस तरह ये पूरा वाक़या हुआ, उसे देख कर जहाँ एक ओर लोग हतप्रभ हैं, वहीं ट्रैजडोस के कोच को इसके लिए चेतावनी भी दी गई है.
जर्मनी के जूडो कोच क्लाउडियो पूसा को ये चेतावनी इंटरनेशनल जूडो फ़ेडरेशन की तरफ़ से दी गई.
इंटरनेशनल जूडो फ़ेडरेशन ने अपने एक बयान में कहा, "आईजेएफ़ ने जर्मन कोच को एक गंभीर आधिकारिक चेतावनी दी है, जो इस प्रतियोगिता के दौरान दिखाए गए उनके ख़राब व्यवहार के लिए है."
"जूडो एक शैक्षिक खेल है, लिहाजा इस तरह के व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. यह जूडो के नैतिक नियमों के ख़िलाफ़ है."
एक यूज़र ने लिखा कि "कौन परवाह करता है कि लोग क्या सोचते हैं" तो एक अन्य ने उन्हें सलाह दी, "लोगों की मत सुनो. आपने धमाल मचाया."
वहीं एक यूज़र ने लिखा कि "भले ही यह दोनों को स्वीकार्य हो लेकिन यह ट्रेनिंग का अजीब तरीक़ा है. मुझे इसके जवाब में कोच को पलट कर करारा चांटा लगाने का मन हो रहा है. (bbc.com)