अंतरराष्ट्रीय

निवेशकों को दूर कर रहा है मलेशिया का उथल पुथल
16-Aug-2021 6:52 PM
निवेशकों को दूर कर रहा है मलेशिया का उथल पुथल

मलेशिया के प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद देश की मुद्रा गिर कर एक साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई. समीक्षकों ने कहा है कि अगर राजनीतिक अनिश्चितता लंबी चली तो देश के वित्तीय बाजार पर और दबाव बढ़ेगा.

(dw.com)  

प्रधानमंत्री मुहिउद्दीन यासीन ने संसद में विश्वास मत हारने के बाद इस्तीफा दे दिया. हालांकि देश के राजा ने कहा है कि अगला प्रधानमंत्री नियुक्त हो जाने तक यासीन ही कार्यकारी प्रधानमंत्री रहेंगे. अभी तक मुहिउद्दीन का कोई स्पष्ट उत्तराधिकारी सामने नहीं आया है.

16 अगस्त को जब उनके मंत्रिमंडल ने भी इस्तीफा दे दिया तब निवेशकों को चिंता होने लगी कि अगर राजनीतिक गतिरोध लंबा चला तो देश की ऋण लेने की राष्ट्रीय सीमा को बढ़ाने के काम में देर हो जाएगी. इससे कोविड-19 महामारी के बीच सरकारी खर्च बढ़ाने की प्रक्रिया को भी धक्का लगेगा.

आर्थिक गतिहीनता

मलेशिया की मुद्रा रिंगिट करीब 0.1 प्रतिशत गिर कर 4.2430 प्रति डॉलर पर पहुंच गई, जो जुलाई 2020 के बाद सबसे निचला स्तर है. शेयर बाजार में भी 0.4 प्रतिशत की गिरावट आई. हांग कांग में वरिष्ठ अर्थशास्त्री त्रिन्ह गुयेन ने कहा, "मुद्दा यह है कि उनकी जगह कौन लेगा यह साफ नहीं है.

इससे अनिश्चितता बढ़ जाती है और उसकी वजह से और आर्थिक गतिहीनता आती है." उन्होंने यह भी कहा, "मौजूदा राजनीतिक संकट की वजह से मलेशिया का किसी और विकास के प्रवाह की ओर मुड़ना बहुत मुश्किल हो गया है. इसका मतलब है कि यह वियतनाम जैसे इस इलाके के दूसरे देशों के मुकाबले और पीछे हो गया है."

मुहिउद्दीन ने 17 महीने पहले जब से एक संकरे बहुमत के साथ सत्ता संभाली तब से उनका नेतृत्व संदिग्ध अवस्था में ही रहा है. निवेशकों का नजरिया इसलिए मायने रखता है क्योंकि मलेशिया के राष्ट्रीय ऋण का 40 प्रतिशत हिस्सा विदेशियों के पास ही है.

लुढ़कता बाजार

महामारी और राजनीतिक अस्थिरता की वजह से आर्थिक नियोजन में देर हो रही है, कर सुधार की कोशिशें अटकी पड़ी हैं और विदेशी निवेश देश से बाहर जा रहा है. शेयर बाजार से लगातार पिछले 25 महीनों से पैसा बाहर जा रहा है. वो आस पास के दूसरे बाजारों के मुकाबले पिछड़ गया है.

इस साल मलेशिया का शेयर बाजार आठ प्रतिशत गिरा है जबकि इंडोनेशिया, थाईलैंड और सिंगापुर के बाजारों ने लगभग एक प्रतिशत, पांच प्रतिशत और 11 प्रतिशत की बढ़त हासिल की है.

सिटी समूह के समीक्षकों ने  बताया, "स्थानीय मुद्रा की सम्पत्तियों और रिंगिट पर छोटी अवधि में अनिश्चितता छाई रहेगी." निवेशकों की प्राथमिकता है कि एक स्थिर नेतृत्व उभर कर आए, लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि राजनीतिक संकट का अंत होगा कैसे.

नीतियां को संभालना जरूरी

देश के राजा अल-सुल्तान अब्दुल्ला ने कहा है कि इस समय चुनाव सबसे अच्छा विकल्प नहीं हैं, लेकिन इस समय ऐसा कोई उम्मीदवार भी नहीं है जिसके पास सत्ता हासिल करने लायक संसदीय आंकड़े हों.

सिंगापुर स्थित बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज में आसियान अर्थशास्त्री मोहम्मद फैज नगुथा कहते हैं, "मैक्रो स्तर पर हमें काफी उम्मीद है...लेकिन इस उम्मीद को बनाए रखने के लिए राजनीतिक स्थिति का समाधान जरूरी है." 

उन्होंने यह भी कहा, "मेरे लिए जरूरी यह है कि एक सरकार चुनी जाए...सबसे बुरा तो तब होगा अगर इस स्थिति की वजह से मध्यम अवधि की कुछ नीतियां किनारे कर दी जाएं." (dw.com)

सीके/एए (रॉयटर्स)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news