अंतरराष्ट्रीय
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि तालिबान चाहता है कि उसे वैध माना जाए, इस संबंध में कई वादे भी किए गए हैं लेकिन अमेरिकी सरकार ये देखेगी कि वह उन्हें लेकर कितना गंभीर है.
जब बाइडन से ये पूछा गया कि क्या वह तालिबान पर भरोसा करते हैं तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वह किसी पर भरोसा नहीं करते हैं.
इसके साथ ही बाइडन ने बताया कि काबुल एयरपोर्ट से अमेरिकी फ़्लाइट के ज़रिए निकलने वाले शरणार्थियों के साथ क्या होगा.
उन्होंने कहा, “मैं किसी पर भरोसा नहीं करता हूं. तालिबान को एक मौलिक निर्णय लेना है. क्या तालिबान अफगानिस्तान के लोगों को एकजुट करने और उनकी भलाई के लिए प्रयास करने जा रहा है, जो कि 100 वर्षों से किसी एक समूह ने कभी नहीं किया है?''
''अगर वह ऐसा करता है तो उसे आर्थिक मदद और व्यापार से लेकर तमाम अन्य मामलों में मदद की ज़रूरत पड़ेगी''
बाइडन ने ये सब कुछ तब कहा है जब कई देश अपने नागरिकों को अमेरिकी सुरक्षा घेरे में संचालित किए जा रहे काबुल एयरपोर्ट की मदद से अफ़ग़ानिस्तान से निकालने की कोशिश कर रहे हैं.
अमेरिकी सेना ने पिछले 9 दिनों में लगभग 25000 लोगों को अफ़ग़ानिस्तान से बाहर निकाला है. इस तरह जुलाई से अब तक कुल 30 हज़ार लोगों को बाहर निकाला गया है.
इस अभियान के तहत अमेरिका पहुंच रहे लोगों के भविष्य के बारे में बाइडन ने कहा है कि वे लोग जो अमेरिकी विमानों में बैठकर काबुल से बाहर जा रहे हैं.
वे पहले एक सैन्य अड्डे पर जा रहे हैं जहां उनकी स्क्रीनिंग होगी, उनकी पृष्ठभूमि की जाँच की जाएगी और प्रक्रिया पूरी होने के बाद अमेरिका में शिफ़्ट किया जाएगा.
इससे पहले शुक्रवार को बाइडन ने इसे इतिहास में सबसे ज़्यादा बड़ा और ख़तरनाक एयरलिफ़्ट अभियान करार दिया है. (bbc.com)