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रूस के पास कितने परमाणु हथियार हैं?
02-Mar-2022 6:54 PM
रूस के पास कितने परमाणु हथियार हैं?

विज़ुअल जर्नलिज़्म टीम

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देश की न्यूक्लियर फ़ोर्सज़ को 'स्पेशल अलर्ट' पर रखा है. उनके इस क़दम से दुनिया भर में चिंता जताई जा रही है.

लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि पुतिन का ये क़दम शायद यूक्रेन के साथ उनकी जंग में अन्य किसी देश को शामिल होने से रोकने के लिए है. इसे परमाणु हथियार इस्तेमाल करने की इच्छा का संकेत नहीं माना जाना चाहिए.

दुनिया में 80 साल से परमाणु हथियार मौजूद रहे हैं. बहुत से देश उन्हें एक हथियार के तौर पर देखते हैं जो उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा की गारंटी देते हैं.

रूस के पास कितने परमाणु हथियार?
परमाणु हथियार की संख्या के आंकड़े अनुमान ही होते हैं लेकिन फ़ेडरेशन ऑफ़ अमेरिकन साइंटिस्ट्स नामक संस्था के मुताबिक रूस के पास दुनिया भर में 5,977 परमाणु हथियार हैं. इनमें से 1,500 एक्सपायर होने वाले हैं या पुराने हो जाने के कारण जल्द ही उन्हें तबाह कर दिया जाएगा.

बाक़ी के 4,500 हथियारों को स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर वेपन (रणनीतिक परमाणु हथियार) माना जाता है. इनमें बैलिस्टिक मिसाइलें और रॉकेट्स शामिल हैं जो लंबी दूरी तक मार कर सकते हैं. यही हथियार हैं जिन्हें परमाणु युद्ध के साथ जोड़कर देखा जाता है.

रूस के परमाणु हथियार
बाक़ी के हथियार काफ़ी छोटे और कम तबाही करने वाले हैं जिनका प्रयोग ज़मीन या पानी से कम दूरी के लक्ष्यों के लिए किया जा सकता है.

लेकिन इसका ये भी अर्थ नहीं है कि रूस के पास हज़ारों लंबी दूरी तक मार करने वाले परमाणु हथियार हैं जो किसी भी वक्त दाग़े जा सकते हैं

विश्लेषकों का अनुमान है कि रूस ने क़रीब 1,500 परमाणु हथियार तैनात कर रखे हैं. इसका अर्थ है कि इतने हथियार मिसाइल और एयर फ़ोर्स के अड्डों पर या पन्नडुब्बियों पर तैनात किए हुए हैं.

बाक़ी दुनिया की तुलना में कहां ठहरता है रूस?
दुनिया में नौ देशों - चीन, फ़्रांस, भारत, इसराइल, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान,रूस, अमेरिका और ब्रिटेन - के पास परमाणु हथियार हैं.

परमाणु हथियार
चीन, फ़्रांस, रूस, अमेरिका और ब्रिटेन उन 191 देशों में शामिल हैं जिन्होंने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर किए हुए हैं.

इस संधि के अंतर्गत उन्हें अपने परमाणु हथियारों के जख़ीरे को कम करना है और सैद्धांतिक तौर पर पूरी तरह से ख़त्म करना है.

1970 और 1980 के दशक में इन देशों ने अपने हथियारों की संख्या में बड़ी कटौती की है.

भारत, इसराइल और पाकिस्तान ने कभी इस संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए. उत्तर कोरिया ने 2003 में ख़ुद को इस संधि से अलग कर लिया था.

विश्व की नौ परमाणु शक्तियों में से मात्र इसराइल ही ऐसा है जिसने आजतक कभी औपचारिक रूस से खुद के पास परमाणु हथियार होने की बात नहीं कही है.

लेकिन माना जाता है कि उसके पास परमाणु हथियार हैं.

यूक्रेन के पास कोई परमाणु हथियार नहीं है. रूसी राष्ट्रपति पुतिन के आरोपों के बावजूद आजतक इस बात का सबूत नहीं मिला है कि यूक्रेन पर परमणु हथियार जुटाने का प्रयास कर रहा है.

परमाणु हथियारों से कितनी तबाही?
परमाणु हथियारों का मकसद ही है अधिकतक तबाही. लेकिन तबाही का स्तर नीचे दी गई चीज़ों पर निर्भर करती है -

परमाणु हथियार का साइज़
ज़मीन से कितने ऊपर इसका विस्फोट हुआ
स्थानीय वातावरण
लेकिन छोटे से छोटा परमाणु हथियार में बड़ी संख्या में लोगों की जान ले सकता है और आने वाली पीढ़ियों पर भी असर डाल सकता है.

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान के हिरोशिमा में गिराया गया अमेरिका परमाणु बम 15 किलोटन था.

परमाणु हथियार
आजकल के परमाणु बम एक हज़ार किलोटन तक के हो सकते हैं.

जैसे ही किसी इतने बड़े परमाणु हथियार के इस्तेमाल के बाद विस्फोट होगा, इसके आस-पास कुछ नहीं बचेगा.

परमाणु विस्फोट के दौरान, एक आँखे चौंधिया देने वाली रोशनी के बाद एक आग का गोला निकलता है जो अपने आस-पास कई किलोमीटर तक इमारतों और अन्य ढांचे को नेस्तनाबूद करते जाता है.

परमाणु हमला प्रतिरोधक क्या है और क्या ये कारगर रहा है?

न्यक्लियर डेटेरेंट यानी परमाणु हमला प्रतिरोधक का अर्थ है कि आप इतनी बड़ी संख्या में परमाणु हथियार तैयार रखें जो आपके दुश्मन को पूरी तरह से तबाह करने के काबिल हों. अगर ऐसा होगा तो आपका विरोधी कभी आप पर हमला नहीं करेगा.

इसके लिए अंग्रेज़ी में एक मुहावरा गढ़ा गया था जिसे MAD कहते हैं यानी म्यूचुअली एश्योरड डिस्ट्रक्शन.

रूस यूक्रेन संकट: दुनिया में किस देश के पास कितने परमाणु हथियार हैं
1945 के बाद न्यूक्लियर हथियारों की तकनीक और तबाही करने की क्षमता में बेतहाशा वृद्धि हुई है लेकिन राहत की बात है कि उसके बाद से उनका इस्तेमाल नहीं हुआ है.

रूस की परमाणु नीति भी अपने हथियार को डेटेरेंट के रूप में स्वीकारती है. रूस का कहना है कि वो नीचे दी गई चार सूरतों में ही परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा.

रूसी फ़ेडरेशन या उसके सहयोगियों पर बैलिस्टिक मिसाइल का हमला
रूसी फ़ेडरेशन या उसके सहयोगियों पर परमाणु हमला
रूस की ऐसी मिलिट्री और सरकारी जगह पर हमला जिससे उसकी परमाणु क्षमता को ख़तरा हो
रूसी फ़ेडरेशन के ख़िलाफ़ आम हथियारों से ऐसा हमला की राज्य का अस्तित्व ही ख़तरे में पड़ जाए.
यहां तक कि पुतिन की धमकी भी एक चेतावनी है. ये उनके परमाणु हथियारों को इस्तेमाल करने की इच्छा को नहीं दिखाता. लेकिन युद्ध के दौरान अपने दुश्मन से होने वाले रिस्क के ग़लत आंकलन से चीज़ें कई बार हाथ से निकल जाती हैं.

तो क्या हमें चिंतित होना चाहिए?

ब्रिटेन के विदेश मंत्री बेन वैलेस ने बीबीसी न्यूज़ को बताया है कि ब्रिटेन ने अब तक रूसी परमाणु हथियारों को वास्तविक स्थान से हरकत करते नहीं देखा है.

ख़ुफ़िया सूत्रों के मुताबिक इस पर बारीक़ी से नज़र रखी जा रही है. (bbc.com)

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