अंतरराष्ट्रीय

इमरान ख़ान ने दिया अपने ख़ून का हवाला, क्या यह बैकफ़ायर करेगा?
07-Mar-2022 2:22 PM
इमरान ख़ान ने दिया अपने ख़ून का हवाला, क्या यह बैकफ़ायर करेगा?

इमेज स्रोत,@IMRANKHANINSTA

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान क्या देश के भीतर अमेरिका विरोधी भावनाओं का दोहन कर रहे हैं? जानकारों की राय इस पर बंटी हुई है.

इमरान ख़ान की नाराज़गी हाल के महीनों में अमेरिका के ख़िलाफ़ सार्वजनिक रूप से दिखी है. रविवार को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने एक बार फिर से इस्लामाबाद में पश्चिम के राजनयिकों को आड़े हाथों लिया.

पिछले हफ़्ते पाकिस्तान में पश्चिम के राजनयिकों ने इमरान ख़ान से कहा था कि वह यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा करें. इसके लिए यूरोपियन यूनियन के राजनयिकों ने पाकिस्तान की सरकार को एक ख़त लिखा था.

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को यह ख़त नागवार गुज़रा. उन्होंने रविवार को पंजाब प्रांत के वेहारी में एक रैली को संबोधित करते हुए ईयू के राजनयिकों को आड़े हाथों लिया.

इमरान ख़ान ने कहा, ''हमने कभी पाकिस्तान को झुकने नहीं दिया. न आज तक इमरान ख़ान किसी के आगे झुका है और इंशाअल्लाह जब तक मेरे में ख़ून है, मैं अपनी कौम को किसी के आगे झुकने नहीं दूंगा. पाकिस्तान को यूरोपियन यूनियन के लोगों ने ख़त लिखा कि आप रूस के ख़िलाफ़ बयान दें. मैं यूरोपियन यूनियन के राजदूतों से पूछता हूँ कि क्या आपने हिन्दुस्तान को भी यह ख़त लिखा था? ये वो पाकिस्तान था जिसने नेटो की मदद की. हमने उनका साथ दिया. मैं ऐसा नहीं करता, लेकिन उस वक़्त की सरकार ने उनका साथ दिया था.''

यूक्रेन संकट पर यूएन में हुई वोटिंग में पाकिस्तान का रुख़
इमरान ख़ान ने कहा, ''इससे पाकिस्तान को क्या मिला. 80 हज़ार पाकिस्तानियों की जान गई. हमारा क़बाइली इलाक़ा उजड़ गया. अरबों डॉलर का नुक़सान हुआ. मैं यूरोपियन यूनियन के नेताओं से पूछना चाहता हूँ कि क्या आपने हमारा शुक्रिया अदा किया? ये शुक्रिया अदा करने के बज़ाय अफ़ग़ानिस्तान में अपनी हार के लिए हमें ज़िम्मेदार ठहराने लगे. जब कश्मीर में हिन्दुस्तान ने अंतरराष्ट्रीय क़ानून तोड़ा तो क्या आपमें से किसी ने हिन्दुस्तान से रिश्ता तोड़ा? क्या हम आपके ग़ुलाम हैं कि जो आप कहें हम कर लें?''

जब इमरान ख़ान यह सब कह रहे थे तो रैली में मौजूद उनके समर्थक तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत कर रहे थे. पाकिस्तान पारंपरिक रूप से पश्चिमी देशों का सहयोगी रहा है. लेकिन यूक्रेन पर रूस के हमले के ख़िलाफ़ संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव लाया गया तो पाकिस्तान वोटिंग से बाहर रहा था. पाकिस्तान के अलावा चीन, भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका भी बाहर रहे थे. लेकिन भारत का यह कोई नया रुख़ नहीं था. पाकिस्तान शीत युद्ध में अमेरिकी खेमे में था लेकिन अब उसने पाला बदल लिया है.

जिस दिन रूस ने यूक्रेन में सैन्य अभियान की घोषणा की थी, उसी दिन इमरान ख़ान मॉस्को पहुँचे थे. तब भी पाकिस्तान के लोगों ने कहा था कि इमरान ने ग़लत समय पर रूस का दौरा किया है.

पाकिस्तान के जाने-माने स्तंभकार फ़ारुख़ सलीम ने ट्वीट कर कहा था, ''रूस ने यूक्रेन पर हमला किया. उसने अंतरराष्ट्रीय नियम को तोड़ा है. पूरी दुनिया की राय रूस के पक्ष में नहीं है. क्या इमरान ख़ान ऐसे वक़्त में रूस का दौरा कर यूक्रेन पर उसके हमले को सही ठहरा रहे हैं?''

इमरान ख़ान की आलोचना
शुक्रवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ईयू के ख़त को लेकर कहा था कि इस तरह से सार्वजनिक ख़त लिखना सामान्य राजनयिक प्रैक्टिस नहीं है.

अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे हुसैन हक़्क़ानी ने ट्वीट कर लिखा है, ''इमरान ख़ान, यूएस और ईयू पर आरोप लगा रहे हैं. उन दावों का क्या हुआ जिसमें वह कहते थे कि उनसे बेहतर कोई पश्चिम को नहीं समझता है. लेकिन सच यह है कि क्रिकेट खेलने से कोई अच्छी समझ नहीं बना लेता है. पाकिस्तान के नेता अमेरिका विरोधी भावना भी भड़काते हैं और अमेरिकी मदद भी चाहते हैं.''

इमरान ख़ान के इस बयान के बाद फ़ारुख़ सलीम ने फिर से ट्वीट कर कहा है, ''प्लीज़, प्लीज़ सस्ती लोकप्रियता के लिए पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को नुक़सान ना पहुँचाएं. ब्रिटेन, जर्मनी, नीदरलैंड्स, स्पेन, इटली, बेल्जियम, फ़्रांस, कनाडा, पोलैंड और पुर्तगाल को हम आठ अरब डॉलर का निर्यात करते हैं. अमेरिका से हमारा निर्यात चार अरब डॉलर का है. रूस से हमारा निर्यात महज़ 27.7 करोड़ डॉलर का है. आठ करोड़ हमारे श्रमिक निर्यात पर निर्भर हैं.''

पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री इशाक डार ने ट्वीट कर कहा है, ''इमरान ख़ान की एक और हेट स्पीच. प्रधानमंत्री के रूप में अपने आख़िरी दिनों में ज़हर उगल रहे हैं. जिस व्यक्ति ने एक भी वादा पूरा नहीं किया, वह पाकिस्तान को शर्मिंदा कर रहा है. राजनयिक नियमों का उल्लंघन करते हुए नेटो और ईयू पर सार्वजनिक रूप से हमले कर रहा है.''

ओआरएफ़ के सीनियर फेलो सुशांत सरीन ने लिखा है, ''इमरान ख़ान अमेरिका और ईयू को धमका रहे हैं. वह कह रहे हैं कि क़र्ज़ों पर जीने वालों का कोई आत्मसम्मान नहीं होता, लेकिन वह भूल गए हैं कि पाकिस्तान को उन्होंने दिवालिया बना दिया है और क़र्ज़ के जाल में फंसा दिया है.''

पाकिस्तानी पत्रकार सिरील अलमीडा ने ट्वीट कर कहा है, ''इमरान ख़ान अमेरिका को लेकर अपनी बेवकूफ़ियों से बाज़ नहीं आएंगे. राष्ट्रपति बाइडन ने उन्हें एक फ़ोन तक नहीं किया है. इमरान ख़ान अमेरिका से और कितनी दूरी बनाना चाहते हैं?'' (bbc.com)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news