अंतरराष्ट्रीय

पाकिस्तान में इमरान ख़ान के सलाहकारों पर लगी देश छोड़ने पर रोक
11-Apr-2022 6:16 PM
पाकिस्तान में इमरान ख़ान के सलाहकारों पर लगी देश छोड़ने पर रोक

पाकिस्तान की फ़ेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एफ़आईए) ने इमरान ख़ान के पूर्व सलाहकार और मुख्य सचिव जैसे अधिकारियों का नाम स्टॉप लिस्ट में डाल दिया गया है, जिसके बाद ये देश छोड़कर नहीं जा सकते हैं.

ख़ान के ख़ास सहयोगी रह चुके शाहबाज़ गिल और शहज़ाद अक़बर का नाम भी स्टॉप लिस्ट में शामिल किया गया है.

इसके अलावा पूर्व मुख्य सचिव आज़म ख़ान, पीटीआई के सोशल मीडिया प्रमुख़ अर्सलान ख़ालिद और मोहम्मद रिज़वान के नाम भी नो-फ़्लाई लिस्ट में शामिल हैं. पंजाब डायरेक्टर जनरल गौहर नफ़ीस का नाम भी सूची में है. ये कार्रवाई शनिवार को इमरान ख़ान की सरकार गिरने के बाद की गई है.

एग्ज़िट कंट्रोल लिस्ट यानी ईसीएल में किसी का नाम डालने में ज़्यादा समय लगता है जिसके कारण एफ़आईए ने कम समय में लोगों को देश छोड़ने से रोकने के लिए 2003 में स्टॉप लिस्ट की शुरुआत की थी.

पाकिस्तान में आज अगले प्रधानमंत्री को चुना जाना है और पीएमएल-एन के शहबाज़ शरीफ़ का इस पद पर नियुक्त होना लगभग तय माना जा रहा है.

इससे पहले बीते शनिवार देर रात नेशनल असेंबली में इमरान ख़ान सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई जिसमें 174 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जिसके बाद ख़ान की सरकार गिर गई.

रविवार को इमरान ख़ान के समर्थन में उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) ने देशभर में प्रदर्शन किया. कराची और लाहौर में हज़ारों की तादाद में ख़ान के समर्थकों ने नारेबाज़ी की.

इमरान ख़ान ने दावा किया है कि उन्हें सत्ता से बाहर निकालने के लिए अमेरिका के नेतृत्व में साजिश रची गई थी. उन्होंने किसी भी नई सरकार को स्वीकार करने से इनकार किया है.

पाकिस्तान के इतिहास में यह पहली बार है कि किसी प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव सफल रहा हो.

सोमवार यानी आज पाकिस्तान असेंबली का एक अहम सत्र होने वाला है जिसमें नया प्रधानमंत्री चुना जाना है. नए प्रधानमंत्री अगले चुनावों तक यानी अक्तूबर 2023 तक कार्यभार संभालेंगे.

पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान रहे इमरान ख़ान 2018 में देश के प्रधानमंत्री बने और उन्होंने भ्रष्टाचार से लड़ने और अर्थव्यवस्था में सुधार का वादा किया.

लेकिन आर्थिक संकट में घिरे पाकिस्तान के लिए मुश्किलें बढ़ती गईं. बीते साल मार्च में उनकी पार्टी के कई नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी जिसके बाद उनके लिए एक नया राजनीतिक संघर्ष शुरू हो गया था.

इमरान ख़ान बार-बार ये आरोप लगाते रहे हैं कि देश का विपक्ष विदेशी ताकतों के साथ मिल कर काम कर रहा है. उनका कहना है कि रूस और चीन के मामले में उन्होंने अमेरिका के साथ खड़े होने से इनकार कर दिया था जिसके बाद उन्हें सत्ता से निकालने के लिए अमेरिका के नेतृत्व में साजिश रची जा रही थी.

अमेरिका ने कहा है कि इमरान ख़ान के आरोपों में 'कोई सच्चाई' नहीं है और कहा है कि उन्होंने इसके पक्ष में कभी कोई सबूत नहीं दिया है.

पाकिस्तान में बीते रविवार (3 अप्रैल, 2022) को प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी थी लेकिन संसद के डिप्टी स्पीकर ने वोटिंग न कराकर इसे असंवैधानिक क़रार देते हुए रद्द कर दिया.

उन्होंने इसके लिए संविधान के अनुच्छेद पांच का हवाला दिया.

डिप्टी स्पीकर क़ासिम सूरी ने अविश्वास प्रस्ताव रद्द करते हुए कहा था कि चुनी हुई सरकार को किसी विदेशी ताक़त को साज़िश के ज़रिए गिराने की इजाज़त नहीं दी जा सकती.

इसके तुरंत बाद इमरान ख़ान ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति से संसद भंग करने की सिफ़ारिश की जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार करते हुए आदेश जारी कर दिया.

इसके साथ ही पाकिस्तान में संसद भंग हो गई और इमरान ख़ान कार्यवाहक प्रधानमंत्री बन गए.

इस पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया और इस फ़ैसले को असंवैधानिक क़रार देते हुए पलट दिया. (bbc.com)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news