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इमरान ख़ान, शहबाज़ शरीफ़ और सियासत पर पाकिस्तान की सेना ने क्या-क्या कहा?
14-Apr-2022 7:05 PM
इमरान ख़ान, शहबाज़ शरीफ़ और सियासत पर पाकिस्तान की सेना ने क्या-क्या कहा?

गुरुवार को पाकिस्तान की आर्मी की तरफ़ से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. पाकिस्तान आर्मी का कहना है कि जनता और देश की सियासी पार्टियां सेना को राजनीति में न लाएं.

डीजी आईएसपीआर की तरफ़ से कहा गया कि सेना का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. डीजी आईएसपीआर मेजर जनरल बाबर इफ्तिख़ार ने अपील की है कि राजनीतिक बहसों से सेना को दूर रखना चाहिए.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के सशस्त्र बलों के ख़िलाफ़ अभियान चलाया जा रहा है और गहरी फ़र्ज़ी तकनीक का इस्तेमाल कर पूर्व अधिकारियों के फ़र्ज़ी संदेश बनाए जा रहे हैं

एनएससी के बयान में साजिश का जिक्र नहीं

डीजी आईएसपीआर का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के बयान में (विदेशी) साजिश का ज़िक्र नहीं है. इमरान ख़ान का ज़िक्र करते हुए कहा गया कि अमेरिका ने सैन्य ठिकाने नहीं मांगे थे लेकिन अगर उन्होंने पूछा होता तो सेना प्रधानमंत्री इमरान खान की तरह ही जवाब देती.

इसी के साथ आर्मी की तरफ़ से ये भी कहा गया कि इमरान ख़ान को सेना ने कोई विकल्प नहीं दिया था, विपक्ष ने तीन विकल्प दिए थे और सैन्य नेतृत्व ने गतिरोध ख़त्म करने की कोशिश की थी.

अपना कार्यकाल नहीं बढ़ाना चाहते जनरल बाजवा

डीजी आईएसपीआर ने कहा कि सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा अपना कार्यकाल नहीं बढ़ाना चाहते थे और न ही उन्होंने ऐसी कोई मांग की थी. उन्होंने कहा कि जनरल बाजवा अपने कार्यकाल के विस्तार को स्वीकार नहीं करेंगे और इस साल नवंबर के अंत में सेवानिवृत्त होंगे.

जब उनसे पूछा गया कि 9 अप्रैल की रात को कोर्ट खुलने और मार्शल लॉ की अफवाहों के बारे में उनका क्या ख्याल है, तो उन्होंने कहा कि यह निराधार है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अदालतें स्वतंत्र हैं, क्या आपको लगता है कि वे सेना के नियंत्रण में हैं?

डीजी आईएसपीआर ने कहा कि पाकिस्तान का अस्तित्व पूरी तरह से लोकतंत्र में है और इसकी ताकत संस्थानों में है, चाहे वह संसद हो, सुप्रीम कोर्ट हो या सशस्त्र बल. मार्शल लॉ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मार्शल लॉ पाकिस्तान में कभी नहीं आएगा.

शहबाज़ शरीफ़ के शपथ ग्रहण में सेना प्रमुख के शामिल नहीं होने पर सवाल

पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के शपथ ग्रहण समारोह में सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की गैर-मौजूदगी पर एक सवाल का जवाब देते हुए, डीजी आईएसपीआर ने कहा कि जनरल बाजवा उस दिन अच्छा महसूस नहीं कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख उस दिन अपने कार्यालय भी नहीं आए थे. इमरान ख़ान सरकार के गिर जाने के बाद कुछ लोग सेना की आलोचना कर रहे हैं.

इसपर आर्मी की तरफ़ से कहा गया कि इमरान ख़ानऔर सेना प्रमुख के बीच अच्छे व्यक्तिगत संबंध थे और उनके बीच कोई समस्या नहीं थी.उन्होंने कहा कि पीटीआई के कुछ नेताओं ने भी इस संबंध में बेहद सकारात्मक बयान दिए हैं. (bbc.com)

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