अंतरराष्ट्रीय
प्रधानमंत्री पद की कुर्सी जाने के बाद से इमरान ख़ान खुलकर अमेरिका पर उनकी सरकार गिराने का आरोप लगा रहे हैं.
इमरान ख़ान ने अपने दावे के सबूत के तौर पर एक अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ का वीडियो भी ट्वीट किया लेकिन इस वजह से वो अपने ही देश में घिर गए हैं.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ पार्टी के प्रमुख इमरान ख़ान ने सोमवार को फॉक्स न्यूज़ के एक कार्यक्रम का वीडियो क्लिप शेयर किया, जिसमें अमेरिकी विशेषज्ञ रेबेका ग्रांट के बयान पर उन्होंने ज़ोर दिया.
ख़ान ने वीडियो के साथ सिलसिलेवार ट्वीट किए. उन्होंने लिखा, "अगर पाकिस्तान में सत्ता बदलने के पीछे अमेरिकी साज़िश पर किसी को शक है तो ये वीडियो सारी आशंकाएं ख़त्म कर देगा कि क्योंकि एक जनता द्वारा चुने गए पीएम और उसकी सरकार को हटा दिया गया."
इमरान ख़ान ने लिखा, "स्पष्ट है कि अमेरिका एक आज्ञाकारी कठपुतली पीएम चाहता था, जो यूरोप के युद्ध में पाकिस्तान को निष्पक्ष नहीं रहने देना चाहता."
इमरान ख़ान ने सीधे तौर पर बाइडन प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए. उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "मैं बाइडन प्रशासन से पूछना चाहूंगा कि एक 22 करोड़ की आबादी वाले देश में लोकतांत्रिक तरीक़े से चुने हुए पीएम को हटाने के लिए साज़िश में शामिल होकर और एक कठपुतली पीएम लाने से, क्या आपको लगता है कि उसने पाकिस्तान में अमेरिका विरोधी भावनाओं को कम या ज़्यादा किया है."
इमरान ख़ान सरकार में विदेश मंत्री रह चुके शाह महमूद क़ुरैशी ने भी वीडियो ट्वीट करके पाकिस्तान की मौजूदा सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने लिखा है कि इस आयातित सरकार को पाकिस्तान की संप्रभुता के साथ समझौता नहीं करना चाहिए.
इमरान सरकार में ही मंत्री रहीं शिरीन मज़ारी ने भी वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है कि अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और डिफेंस एनालिस्ट रेबेका ग्रांट कबूल कर रही हैं कि इमरान ख़ान को हटाने में अमेरिका का हाथ था.
इमरान ख़ान के इस ट्वीट पर लेकिन पाकिस्तान के ही कई नागरिक आपत्ति जता रहे हैं और कह रहे हैं कि रेबेका ग्रांट का अमेरिकी सरकार से कोई रिश्ता नहीं है और उनके वीडियो को ख़ान अपने आरोपों की पुष्टि के लिए शेयर नहीं कर सकते.
वीडियो यूक्रेन में रूसी हमले को लेकर फॉक्स न्यूज़ के एक कार्यक्रम का है, जिसमें एंकर रेबेका ग्रांट से पूछ रहे हैं कि अमेरिका का पाकिस्तान को क्या संदेश होना चाहिए.
इस पर ग्रांट कहती हैं, "पाकिस्तान को यूक्रेन की मदद करनी चाहिए, रूस के साथ समझौते नहीं करने चाहिए, चीन के साथ रिश्ते सीमित करने चाहिए और अमेरिका विरोधी नीतियों को रोकना चाहिए, जो कि इमरान ख़ान की सरकार गिरने के पीछे एक कारण थी."
जियो न्यूज़ के पत्रकार मुर्तज़ा अली शाह ने वीडियो शेयर करते हुए साथ में लिखा, "इमरान ख़ान की अगुवाई में पीटीआई के सारे नेताओं का फॉक्स न्यूज़ के कार्यक्रम में ट्रंप की समर्थक विशेषज्ञ के बयान को पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन के सबूत के रूप में पेश करना हास्यास्पद है."
पाकिस्तान के अन्य पत्रकार रज़ा अहमद रूमी ने इमरान ख़ान के ट्वीट को कोट करते हुए लिखा है, "कितना चिंताजनक है कि ये शख्स- प्रत्यक्ष तौर पर पद के लिए अयोग्य- एक परमाणु शक्ति संपन्न, 22 करोड़ की आबादी वाले देश का पीएम था. ये फॉक्स न्यूज़ की एक क्लिप को पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन के सबूत के तौर पर पेश कर रहे हैं. ये आगे भी झूठ फैलाते रहेंगे और इनके समर्थक इसको सच मानते रहेंगे."
पाकिस्तान के उज़ैर यूनुस लिखते हैं, "फॉक्स न्यूज़ को देखकर अमेरिकी नीतियों को लेकर किसी निष्कर्ष पर पहुँचना ठीक वैसा है जैसे अमेरिकी ज़ैद हामिद और किसी 'डिफेंस एनालिस्ट' को किसी पाकिस्तानी चैनल पर बातचीत करते देख पाकिस्तान की पश्चिम को लेकर नीतियों को लेकर निष्कर्ष पर पहुंचे.''
फैक्ट चेक पाकिस्तान ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि रेबेका एल ग्रांट का अमेरिकी सरकार से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने पहले भी कभी अमेरिकी सरकार के लिए काम नहीं किया.
पाकिस्तान फैक्ट चेक के अनुसार, रेबेका फॉक्स न्यूज़ की विशेषज्ञ हैं और उनकी अपनी IRIS नाम की रिसर्च फर्म है. (bbc.com)