अंतरराष्ट्रीय
इसराइल के प्रधानमंत्री नेफ़्टाली बेनेट ने दावा किया है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने विदेश मंत्री की आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए माफ़ी मांगी है.
बीते दिन, पुतिन और बेनेट के बीच फ़ोन पर बात हुई. इस दौरान बेनेट ने कहा कि वह उनकी (पुतिन) माफ़ी को स्वीकार करते हैं. उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन को उनकी स्थिति स्पष्ट करने के लिए धन्यवाद भी दिया.
विवाद क्या था?
रूस के विदेश मंत्री ने सर्गेई लावरोफ़ ने इतालवी टेलीविजन चैनल रेटे 4 चैनल के साथ बातचीत में कहा था कि नाज़ियों के नेता हिटलर की रग़ों में यहूदियों का ख़ून बहता था.
सर्गेई लावरोफ से ये सवाल पूछा गया था कि रूस किस तरह से ये दावा कर सकता है कि यूक्रेन को यहूदियों के प्रभाव से मुक्त किए जाने की ज़रूरत है जबकि उसके राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेस्की ख़ुद एक यहूदी हैं.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, सर्गेई लावरोफ़ ने इस सवाल के जवाब में कहा था, "जब वे कहते हैं कि अगर हम यहूदी हैं तो ये किस तरह का नाज़ीकरण है, मुझे लगता है कि हिटलर भी यहूदी मूल के थे तो इस दलील का कोई मतलब नहीं है."
इसराइल की आपत्ति और पुतिन की माफ़ी
लावरोफ के इस बयान पर इसराइल की ओर से कड़ी आपत्ति जताई गई थी. यहाँ तक की इसराइल में रूस के राजदूत को तलब भी किया गया था.
इसराइल के विदेश मंत्री येर लैपिड ने वाईनेट न्यूज़ वेबसाइट से बातचीत में इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, "ये एक अपमानजनक, अक्षम्य, ऐतिहासिक ग़लती है और हमें उम्मीद है कि वे इसके लिए माफ़ी मांगेंगे."
इसराइली विदेश मंत्री ने कहा था, "यहूदियों ने होलोकॉस्ट में ख़ुद अपनी जान नहीं ली थी. यहूदियों के ख़िलाफ़ नस्लवाद का सबसे ख़राब स्तर ये है कि उन पर ख़ुद ही यहूदियों के विरोध का इल्ज़ाम लगा दिया जाए."
इसराइल की ओर से पाँच मई को दावा किया गया कि रूस के राष्ट्रपति ने पीएम बेनेट के साथ फ़ोन पर बात की और अपने विदेश मंत्री की टिप्पणी के लिए माफ़ी मांगी.
हालांकि रूस की ओर से इस बातचीत का जो ब्योरा दिया गया है उसमें माफ़ी वाली बात का ज़िक्र नहीं है. (bbc.com)