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हनी-ट्रैप में फंसे सेना के जवान ने पाक एजेंट को गोपनीय दस्तावेज भेजे, गिरफ्तार
27-Jul-2022 2:56 PM
हनी-ट्रैप में फंसे सेना के जवान ने पाक एजेंट को गोपनीय दस्तावेज भेजे, गिरफ्तार

जयपुर, 27 जुलाई | पश्चिम बंगाल निवासी भारतीय सेना के एक जवान शांतिमय राणा (24) को एक महिला एजेंट द्वारा हनीट्रैप में फंसाए जाने के बाद गोपनीय वीडियो और दस्तावेज साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। सीआईडी इंटेलिजेंस टीम ने आरोपी को गिरफ्तार किया और पुष्टि की कि सेना के रणनीतिक महत्व के दस्तावेज उसके द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान की एक महिला एजेंट के साथ साझा किए गए हैं।


खुफिया महानिदेशक उमेश मिश्रा ने कहा कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों द्वारा राजस्थान में की जा रही जासूसी गतिविधियों पर ऑपरेशन सरहद के तहत सीआईडी इंटेलिजेंस द्वारा लगातार नजर रखी जा रही है। इस सर्विलांस के दौरान पता चला कि सेना का जवान शांतिमय राणा सोशल मीडिया के जरिए लगातार पाकिस्तानी खुफिया आकाओं के संपर्क में था।

इंटेलिजेंस-जयपुर की टीम ने जब जवान की गतिविधियों पर नजर रखी तो उसे हनी ट्रैप और पैसे के लालच में पाकिस्तान की महिला एजेंट के साथ सोशल मीडिया के जरिए सेना के रणनीतिक महत्व की जानकारी साझा करते हुए पाया गया। 25 जुलाई को शांति मोय राणा को हिरासत में लिया गया था।

मिश्रा ने बताया कि आरोपी जवान से विभिन्न खुफिया एजेंसियों ने जयपुर स्थित संयुक्त जांच केंद्र में पूछताछ की। पूछताछ के दौरान उसने कहा कि वह 2018 से भारतीय सेना में है और लंबे समय से व्हाट्सएप चैट और व्हाट्सएप ऑडियो और वीडियो कॉलिंग के जरिए महिला पाक एजेंटों के संपर्क में था।

मिश्रा ने आगे कहा कि गुरनूर कौर उर्फ अंकिता ने खुद को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली बताया और कहा कि वह वहां मिल्रिटी इंजीनियरिंग सर्विस में कार्यरत थी। एक अन्य लड़की ने निशा के रूप में अपना परिचय दिया और कहा कि वह मिल्रिटी नर्सिग सर्विस में काम करती है। उसने जवान को फुसलाकर सेना से जुड़े गोपनीय दस्तावेज और युद्ध अभ्यास का वीडियो मांगा और बदले में मोटी रकम देने का वादा किया।

आरोपी जवान ने अपनी रेजिमेंट के गोपनीय दस्तावेज और वीडियो पाकिस्तानी महिला एजेंटों को सोशल मीडिया के माध्यम से भेजे, जिसके बदले एक पाकिस्तानी महिला एजेंट ने उसके बैंक खाते में पैसे भेजे गए।

डीजी मिश्रा ने बताया कि आरोपी से पूछताछ और मोबाइल फोन के तकनीकी विश्लेषण में तथ्यों की पुष्टि के बाद आरोपी के खिलाफ सरकारी गोपनीयता अधिनियम, 1923 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है।(आईएएनएस)

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