राष्ट्रीय
[Central Bureau of Investigation.]
नई दिल्ली, 8 अगस्त | केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2019 से 30 जून, 2022 तक पोंजी योजनाओं से संबंधित 100 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें 132 कंपनियां या फर्म शामिल हैं और इस संबंध में 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सोमवार को लोकसभा में वित्त मंत्रालय द्वारा दिए गए एक लिखित जवाब में बताया गया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले तीन वर्षो और चालू वर्ष के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत पोंजी योजनाओं से संबंधित 87 मामलों की जांच की है और आठ लोगों को गिरफ्तार किया है।
गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) को कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) द्वारा नौ मामलों (2019-20 में 5, 2020-21 में 1, और 2021-22 में 3) की जांच सौंपी गई है, जिसमें 85 कंपनियां शामिल हैं। पिछले तीन वर्षो के दौरान 2019-20 में 36, 2020-21 में 16 और 2021-22 में 33 मामले धोखाधड़ी, चिट फंड और मल्टी-लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) से जुड़े थे। इस संबंध में एसएफआईओ द्वारा किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है।
आरबीआई का सचेत पोर्टल, जो राज्यस्तरीय समन्वय समितियों (एसएलसीसी) के लिए ऑनलाइन मंच है और जनता को वित्तीय धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज करने की सुविधा प्रदान करता है, को विभिन्न प्रकार की निवेश योजनाओं के लिए जमा और धन का भुगतान न करने से संबंधित 1,540 शिकायतें प्राप्त हुईं (2020-21 में 964, और 2021-22 में 576)।
बताया गया कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पिछले चार वर्षो (2018-19 में 12, 2019-20 में 10, 2020-21 में पांच और दो) के दौरान 29 अपंजीकृत सामूहिक निवेश योजनाओं (सीआईएस) संस्थाओं के खिलाफ अंतिम आदेश पारित किए हैं।
मंत्रालय ने कहा कि अवैध जमा राशि लेने वाली योजनाओं के खतरे से निपटने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, ताकि लोगों के हितों की रक्षा हो सके।
केंद्र सरकार द्वारा अनियंत्रित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम, 2019 अधिनियमित किया गया है। इस अधिनियम में इस संबंध में व्यापक प्रावधान हैं जो किसी भी अनियमित जमा योजना में प्रचार, संचालन, विज्ञापन जारी करने या जमा स्वीकार करने पर रोक लगाते हैं और निवारक के रूप में कार्य करने के लिए इसमें कड़ी सजा और भारी आर्थिक जुर्माना के प्रावधान हैं।
इसके अलावा, 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने जनता से अवैध रूप से धन इकट्ठा करने वाली संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण (पीआईडी) अधिनियम पारित किया है। (आईएएनएस)|