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सिंगापुर, 16 दिसंबर | सिंगापुर में एक भारतीय घरेलू सहायिका ने अपने मालिक की तीन साल की बेटी को बार-बार थप्पड़ मारने और चिकोटी काटने का जुर्म कबूल कर लिया है। द स्ट्रेट्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार 39 वर्षीय सहायिका ने कहा कि उसने अपराध इसलिए किया क्योंकि वह काम करते-करते थक गई थी। चिल्ड्रन एंड यंग पर्सन्स एक्ट के तहत भारतीय नागरिक को गुरुवार को बच्चे के साथ बुरा व्यवहार करने के दो मामलों में दोषी ठहराया।
उप लोक अभियोजक अलेक्जेंड्रिया शामिनी जोसेफ ने कहा, जब बच्चे की मां ने आरोपी से चोटों के बारे में पूछा तो आरोपी ने जवाब दिया कि उसे नहीं पता कि चोट कैसे लगी।
जोसेफ ने अदालत को सूचित किया, यह सोचकर कि बच्चे को खेलने के दौरान चोट लग गई होगी मां ने मामले को आगे नहीं बढ़ाया।
पीड़िता की मां ने जुलाई 2020 में घरेलू सहायिका को काम पर रखा और 2021 के मध्य में उन्होंने अपनी बेटी के गालों पर चोट के निशान देखे।
इस साल जनवरी में भी मां ने अपनी बेटी की पीठ पर चोट के निशान देखे और उन्हें शक हुआ कि प्री-स्कूल में बच्चे के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है।
स्कूल के प्रधानाध्यापक के मना करने के बाद उसने अपने घर की सीसीटीवी रिकॉडिर्ंग की जांच की, तो मामले का खुलासा हुआ।
दूध पीने के दौरान सहायिका ने बच्ची के पेट में चिकोटी काट ली थी। सीसीटीवी फुटेज में बच्ची चीखती-चिल्लाती नजर आई।
उसने बच्चे की छाती और बाहों में बार-बार चिकोटी काटने के अलावा, थप्पड़ मारा।
द स्ट्रेट्स टाइम्स की खबर के मुताबिक उसने बच्चे की पीठ पर मुक्का भी मारा।
सहायिक ने अदालत को बताया कि उसने बच्ची के साथ ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह नाराज और काम से थकी हुई थी।
उसने पुलिस को दिए अपने बयान में शिकायतकर्ता के परिवार के लिए काम करने के बारे में कोई शिकायत नहीं की।
दोषी को अगले साल 9 जनवरी को सजा सुनाई जाने की उम्मीद है। (आईएएनएस)|