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नोवाक जोकोविच को हराने वाले 20 साल के कार्लोस अल्कारेज़ को जानिए
17-Jul-2023 12:30 PM
नोवाक जोकोविच को हराने वाले 20 साल के कार्लोस अल्कारेज़ को जानिए

जोनाथन जरेज्को

कार्लोस अल्कारेज़ ने एक चौंकाने वाली जीत के साथ नोवाक जोकोविच के हालिया प्रभुत्व को समाप्त करके पहली बार विंबलडन पुरुष एकल खिताब जीत लिया है.

स्पेन के 20 वर्षीय खिलाड़ी अल्कारेज़ ने ख़राब शुरुआत के बाद 1-6 7-6 (8-6) 6-1 3-6 6-4 के अंतर से मौजूदा चैंपियन को हरा दिया.

जोकोविच लगातार पांचवीं जीत की तरफ़ बढ़ रहे थे, अगर वो ये खिताब जीत लेते तो ये पुरुष एकल में उनकी आठवीं जीत होती और किसी प्रमुख टूर्नामेंट में 24वीं जीत होती. इसके साथ ही वो रिकॉर्ड बराबर कर लेते.

लेकिन टॉप सीड खिलाड़ी अल्कारेज़ ने 36 वर्षीय सर्बियाई खिलाड़ी नोवाक जोकोविच को हरा ही दिया. अल्काराफ़ की किसी प्रमुख टूर्नामेंट में ये दूसरी खिताबी जीत है.

हरी घास के मैदान पर अपना चौथा टूर्नामेंट खेल रहे अल्कारेज़ ने जीत के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “ये मेरे लिए किसी सपने के पूरे होने जैसा है.”

“अगर मैं हार भी जाता तो, मुझे अपने ऊपर गर्व ही होता. ऐसे मौक़े पर इस स्तर पर आकर खेलना, वो भी बीस साल का लड़का, ये बहुत तेज़ी से हुआ. मुझे अपने ऊपर गर्व है.”

अल्कारेज़ ने पिछले साल यूएस ओपन के दौरान अपना पहला ग्रैंड स्लैम खिताब जीता था. विंबलडन में जोकोविच के हराने के बाद वो मैदान में लेट गए और ख़ुशी में गेंद दर्शकों की तरफ़ उछाल दी.

विंबलडन का सेंट्रल कोर्ट खचाखच भरा था. प्रिंस एंड प्रिसेंज़ ऑफ़ वेल्स के अलावा अभिनेता ब्रैड पिट और दो बार के विजेता एंडी मरे भी दर्शकों में शामिल थे. सभी दर्शक ऑल इंग्लैंड क्लब के नए चैंपियन के सम्मान में खड़े हो गए.

और इसके बाद, परंपरा को निभाते हुए, अल्कारेज़ सीढ़ियों पर दौड़ते हुए मैदान से अपने बॉक्स में पहुंचे और अपने कोच ह्वान कार्लोस फेरेरो, परिजनों और दोस्तों को गले लगा लिया.

तीसरे सबसे युवा विजेता

अल्कारेज़ ओपन एरा में विंबलडन खिताब जीतने वाले तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बन गए हैं. 1985 में 17 वर्षीय बोरिस बेकर और 1976 में बीस वर्षीय बियोन बॉग ने ये खिताब जीता था.

इस हार के बाद 23 बार ग्रैंड स्लेम खिताब जीत चुके चैंपियन खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने कहा, “आप कभी भी इस तरह का मैच हारना नहीं चाहते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि जब सभी भावनाएं शांत हो जाएंगी तो भी मैं इसके लिए शुक्रगुज़ार रहूंगा.”

मैदान पर बयान देते समय नोवाक जोकोविच भावुक हो गए और उनकी आंखों में आंसू थे.

उन्होंने कहा, “यहां मैंने कई मुक़ाबले जीते हैं. संभवतः मैंने कई ऐसे फ़ाइनल जीते हैं, जिन्हें शायद मैं हार गया होता. इसलिए मेरे लिए ये मामला बराबरी का ही रहा.”

“जब आप इतना क़रीब हों तो इसे पचा पाना मुश्किल होता है. मैं एक बेहतर खिलाड़ी के सामने हारा हूं, मुझे उन्हें मुबारकबाद देनी है और आगे बढ़ना है, उम्मीद है मज़बूती के साथ मैं आगे बढ़ूंगा.”

दर्शकों के लिए दावत जैसा रहा मुक़ाबला

दो टॉप सीड खिलाड़ियों के बीच इस बहुप्रतीक्षित मुक़ाबले से पहले, जोकोविच ने ये कहकर रोमांच और अधिक बढ़ा दिया था कि ये मुक़ाबला ऐसे दो खिलाड़ियों के बीच एक ‘दावत’ जैसा होगा जो ‘बराबर भूखे’ हैं.

जैसा माहौल इस मुक़ाबले से पहले बना था, ये उतना ही शानदार रहा- शानदार खेल, नाटकीय पल और फिर ज़ोरदार प्रहार, इसमें वो सबकुछ था, जिसका इंतज़ार दर्शक कर रहे थे.

एटीपी टूर में इस साल ये दोनों खिलाड़ी शीर्ष पर रहे हैं और नंबर वन स्थान के लिए भिड़ रहे थे.

जोकोविच ऑस्ट्रेलियन ओपन और फ्रेंच ओपन जीतकर रफेल नडाल के 22 खिताबी मुकाबले जीतने के रिकॉर्ड से आगे बढ़ गए थे.

जोकोविच जानते थे कि अगर एक खिताबी मुक़ाबला उन्होंने और जीत लिया तो वो टेनिस की महानतम खिलाड़ियों में शामिल मार्गरेट कोर्ट के 24 एकल खिताबी जीतने के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे. अभी तक कोई भी टेनिस खिलाड़ी ऑस्ट्रेलियाई महिला खिलाड़ी मार्गरेट कोर्ट के इस रिकॉर्ड को पार नहीं कर सका है.

लेकिन करियर के तराजू के दूसरे पलड़े पर खड़े अल्कारेज़ ये साबित करने के लिए खेल रहे थे कि युवा पीढ़ी के सभी खिलाड़ी जोकोविच की महानता के प्रभाव के सामने अभिभूत नहीं होंगे.

स्पेन का ये युवा खिलाड़ी फ्रेंच ओपन के सेमीफ़ाइनल मुक़ाबले में जोकोविच के सामने पहले ही कठिन अनुभव से गुज़र चुका है. शायद उस समय अल्काराफ़ पर घबराहट हावी थी और उन्हें शरीर में क्रैंप्स (एंठन) का भी सामना करना पड़ा था.

विंबलडन के फ़ाइनल मुक़ाबले से पहले अल्कारेज़ की मनोस्थिति को लेकर भी चर्चा हो रही थी.

अल्काराफ़ को विश्वास था कि रविवार को जब वो जोकोविच से भिड़ेंगे तो डर उन पर हावी नहीं होगा. लेकिन मुक़ाबले का पहला सेट एकतरफ़ा रहा और ऐसा लगा कि एक बार फिर अल्कारेज़ पर जोकोविच हावी हो रहे हैं. जोकोविच ने पहला सेट सिर्फ़ 34 मिनट में ही जीत लिया था.

जोकोविच ने लगातार और गहरे रिटर्न शॉट मारकर अपने विपक्षी खिलाड़ी के पसीने छुटा दिए. अल्कारेज़ जल्दबाज़ी में रिटर्न शॉट मारने और ग़लतियां करने के लिए मजबूर हो गए.

हालांकि धीरे-धीरे अल्कारेज़ मुक़ाबले में वापस आए, उन्होंने अपनी लय पकड़ ली और ज़बरदस्त ग्राउंडस्ट्रोक लगाए. उन्होंने और अधिक संख्या में ड्राप शॉट भी खेले. ये शॉट अब उनकी पहचान बनते जा रहे हैं.

पीछे चल रहे अल्कारेज़ ने तीसरे सेट को 27 मिनट में जीतकर बढ़त बना ली लेकिन चौथे सेट में उन्होंने दो भारी ग़लतियां कीं और जोकोविच बराबरी पर आ गए.

लेकिन निर्णायक सेट में अल्काराफ़ ने फिर से ज़बरदस्त वापसी की.

उन्होंने जोकोविच की 2-1 की बढ़त को तोड़ दिया. जोकोविच इतने खीज गए कि उन्होंने अपना रैकेट नेट में दे मारा. यहां से अल्काराफ़ ने और बेहतरीन खेल दिखाया और आख़िराकर चार घंटे और 42 मिनट चले इस मुक़ाबले को जीत ही लिया.

अब भी इतिहास बना सकते हैं जोकोविच

 

इस हार के बाद जोकोविच की आंखों से बह रहे आंसू साफ़ बता रहे थे कि इस ऐतिहासिक पल तक पहुंचने के लिए उन्होंने कितनी शारीरिक और मानसिक मेहनत की है.

इस हार का मतलब ये हुआ कि वो रोजर फ़ेडरर के विंबलडन में आठ एकल खिताबी मुक़ाबले जीतने के रिकार्ड की बराबरी नहीं कर सके. वो मार्गरेट कोर्ट के 24 खिताबी मुक़ाबले जीतने का रिकॉर्ड भी बराबर नहीं कर पाये.

अल्कारेज़ ने जोकोविच की 2017 के बाद से लगातार 34 मैच जीतने और 2013 के बाद से सेंटर कोर्ट में लगातार 45 मुक़ाबले जीतने की लय को भी समाप्त कर दिया.

इस निराशाजनक हार के बावजूद भी ये कहा जा सकता है कि जोकोविच अब भी रोजर फेडरर और मार्गरेट कोर्ट के रिकॉर्ड की बराबरी कर सकते हैं.

उनका खेल, शारीरिक मज़बूती और लचीलापन अभी भी पहले जैसा ही है.

अल्कारेज़ के साथ आगे और मुक़ाबलों की संभावना पर जोकोविच ने कहा, “मुझे लगता है कि ये हम दोनों के बीच प्रतिद्वंदिता की शुरुआत है और ये मेरे हित में ही है.”

“वो लंबे समय तक टूर पर रहेंगे लेकिन मैं नहीं जानता कि अभी मैं और कितने समय तक हूं. मैं उम्मीद करता हूं कि हम यूएस ओपन में खेलें. मैं मानता हूं कि ये खेल के लिए अच्छा है. दुनिया का नंबर एक और नंबर दो खिलाड़ी पांच घंटे, पांच सेट वाले रोमांचक मुक़ाबले में आमने-सामने हों.”

“हमारे खेल के लिए इससे बेहतर और क्या ही होगा.” (bbc.com/hindi/)

 

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