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नयी दिल्ली, 21 फरवरी भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ ने कानूनविद् और वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस नरीमन के निधन पर बुधवार को शोक व्यक्त किया और कहा कि वह ‘‘एक महान बुद्धिजीवी थे।’’
नरीमन का बुधवार को यहां निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे।
प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी के उच्चतम न्यायालय में आज की कार्यवाही शुरू करने पर उनसे कहा, ‘‘श्रीमान अटॉर्नी जनरल, हम फली नरीमन के निधन पर शोक जताते हैं। वह एक महान बुद्धिजीवी थे।’’
नरीमन हृदय संबंधी रोग सहित कई बीमारियों से जूझ रहे थे।
नरीमन का जन्म 10 जनवरी 1929 को हुआ और उन्हें नवंबर 1950 को बंबई उच्च न्यायालय में अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत किया गया था और 1961 में वरिष्ठ अधिवक्ता बनाया गया।
उन्होंने 70 साल से अधिक वक्त तक वकालत की, जिसमें से शुरुआत में बंबई उच्च न्यायालय और 1972 के बाद से उच्चतम न्यायालय में वकालत की।
नरीमन को मई 1972 में भारत का अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया। उन्होंने 26 जून 1975 को आपातकाल लागू होने के एक दिन बाद पद से इस्तीफा दे दिया था।
अपने लंबे और शानदार कानूनी करियर में नरीमन ने भोपाल गैस त्रासदी मामला, टीएमए पाई मामला, जयललिता के आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति का मामला और राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्त आयोग के चर्चित मामले समेत कई अहम मुकदमों की पैरवी की। (भाषा)