राष्ट्रीय

प्राची निगम को यूपी बोर्ड टॉप करने के बावजूद किस बात का है अफ़सोस?
27-Apr-2024 4:43 PM
प्राची निगम को यूपी बोर्ड टॉप करने के बावजूद किस बात का है अफ़सोस?

नीतू सिंह

यूपी बोर्ड के रिजल्ट का पांचवां दिन था. सुबह के 7.30 बजे क्लास 9 से 12वीं तक के बच्चों से स्कूल परिसर खचाखच भरा था.

बच्चे कतार में लग कर सुबह की असेंबली के लिए खड़े हो रहे थे. ये दृश्य उस विद्यालय परिसर का था, जहाँ की छात्रा प्राची निगम ने क़रीब 55 लाख विद्यार्थियों के बीच हाईस्कूल में यूपी बोर्ड में टॉप किया था.

कुछ देर बाद हमारी नजर सफ़ेद सलवार कुर्ता और लाल दुपट्टा डाले प्राची निगम पर गई, जिन्हें बहुत देर से हम तालाश रहे थे.

जैसे ही प्राची ने स्कूल में प्रवेश किया उनके साथी उन्हें देखकर मुस्कुरा रहे थे क्योंकि सब जान रहे थे कि आज भी प्राची का इंटरव्यू होना है. पिछले कई दिनों से यही सिलसिला जारी था.

बीते एक सप्ताह से यूपी के सीतापुर ज़िले के महमूदाबाद क्षेत्र में स्थित सीता इंटर कॉलेज में उत्सव जैसा माहौल है.

इसकी वजह है- यहाँ की प्राची निगम और शुभम वर्मा समेत 19 छात्र-छात्राएं. इन स्टूडेंट्स ने हाईस्कूल और इंटर-मीडिएट में यूपी बोर्ड में प्रदेश में टॉप 10 में विशेष स्थान पाया है.

हर कोई इन टॉपर्स पर गर्व कर रहा है. पर प्राची निगम को कुछ लोगों की ओर से ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा.

वजह?

बायोलॉजिकल कारणों से अपर लिप्स पर छोटे-छोटे बालों का आना.

'टॉप नहीं करती तो ध्यान नहीं जाता'
प्राची कहती हैं, "इस ट्रोलिंग और भीड़ को देखकर सोचती हूँ कि मेरे एक दो नंबर कम आते तो अच्छा रहता. मैं टॉप नहीं करती तो लोगों का मेरी शक्ल पर ध्यान नहीं जाता. मुझे अपने चेहरे पर उगे लंबे बालों का अहसास पहली बार हाईस्कूल बोर्ड में टॉप करने पर ट्रोल करने वालों ने ही करवाया".

प्राची के चेहरे पर बालों की ग्रोथ 9वीं क्लास से ज्यादा हो गई थी.

प्राची की इस शारीरिक बनावट पर घर और स्कूल में कभी किसी ने कोई टीका टिप्पणी नहीं की. प्राची को अपने बढ़ते बालों का कभी अहसास ही नहीं हुआ.

प्राची निगम ने इस बार हाईस्कूल में 591 नम्बर हासिल किये हैं.

प्राची दो बहन और एक भाई में सबसे बड़ी हैं. वो इंजीनियर बनना चाहती हैं. प्राची मुस्कुराते हुए कहती हैं, "अगर अव्वल नहीं आती तो इतनी फेमस नहीं होती. सोशल मीडिया ने तो मुझे बहुत फेमस कर दिया. हर जगह से बहुत फोन आ रहे हैं. पूरे दिन घर में भीड़ रहती हैं."

लेकिन प्राची लगातार आ रहे फोन कॉल्स और मीडिया को लगातार इंटरव्यू देने से परेशान भी हो गयी हैं.

प्राची कहती हैं, "हर इंटरव्यू में ट्रोलिंग पर ज्यादा बात हो रही है. मैं कैसी दिखती हूँ, ये मुझे पिछले एक हफ्ते से लोगों ने पूछ-पूछकर नोटिस करा दिया है. मुझे जब ज़रूरत लगेगी तब मैं अपना इलाज करवा लूंगी पर अभी मैं अपना ध्यान पढ़ाई पर फोकस करना चाहती हूँ."

प्राची ने सोशल मीडिया देखना बंद कर दिया था
प्राची ने शुरुआती दो दिनों के बाद से सोशल मीडिया देखना बंद कर दिया है ताकि ट्रोल्स को पढ़कर उनकी पढ़ाई पर असर न पड़े.

हालांकि, उन्होंने ट्रोलर्स को शुक्रिया कहा है कि उन्हें इतनी कम उम्र में सोशल मीडिया ने इतना फेमस कर दिया है.

वो कहती हैं कि अगर उनके चेहरे पर बड़े बाल नहीं होते तो उन्हें ट्रोल नहीं किया जाता, अगर ट्रोल नहीं होती तो लोग इतनी भीड़ नहीं लगती.

अभी प्राची आगे की पढ़ाई पर फोकस करना चाहती हैं क्योंकि उन्हें आईआईटी जेईई का एग्जाम क्रेक करके इंजीनियर बनना है.

सीता इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल रमेश वाजपेयी प्राची के ट्रोल होने पर कहते हैं, "मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि किसी ट्रोलर में दो मिनट प्राची से बात करने की हिम्मत नहीं है. ऐसा नहीं है कि फर्क नहीं पड़ता है, फर्क तो पड़ता है. हम लोगों ने उसे बहुत साहस बंधाया है. वह आंतरिक रूप से न टूटी है न टूटेगी. जो लोग सुन्दरता को सर्वोच्च मान रहे हैं वो बहुत गंदी भावनाओं के लोग हैं. अभी उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बच्ची के फ्री इलाज की बात कही है."

परिवार के साथ प्राची निगम

'मेरी बच्ची जैसी है, मुझे बहुत पसंद है'

प्राची ने बातचीत में लगातार इस बात का जिक्र किया कि उनके कॉलेज में फ्रेंड्स और टीचर ने उनकी शारीरिक बनावट पर कभी कोई टिप्पणी ही नहीं की.

कुछ महीने पहले उनकी मां यह ज़रूर कह रही थीं कि वो 10वीं के एग्जाम के बाद डॉक्टर को दिखाएंगी.

प्राची की मां ममता निगम कहती हैं, "हमारी बेटी के अपर लिप्स पर बाल उगे हैं, इस बात पर हमने बहुत गौर नहीं किया. मेरी बच्ची मुझे ऐसी ही पसंद है. कभी पार्लर ले जाने का भी ख्याल नहीं आया. हमने ऐसा सोचा ज़रूर था कि उसके बालों की ग्रोथ तेजी से बढ़ रही है तो एग्जाम खत्म होने के बाद डॉक्टर को दिखा देंगे लेकिन उससे पहले ही लोगों ने बवाल बना दिया."

वो कहती हैं, "मुझे इस बात का अफ़सोस है कि लोगों ने हमारी बेटी की काबिलियत न देखकर उसकी शारीरिक बनावट पर ज्यादा ध्यान दिया. हमने अपनी बेटी को ट्रोल होने के तुरंत बाद बहुत ढंग से बैठाकर समझाया कि इन सब बातों का तुम अपने ऊपर बिलकुल असर मत पड़ने देना. हमारे घर में कोई फोन उठाकर सोशल मीडिया नहीं देख रहा क्योंकि किसी को फुर्सत ही नहीं है."

प्राची के पिता नगर निगम में काम करते हैं.

उनके पिता चन्द्र प्रकाश निगम कहते हैं, "सच कहूँ तो मुझे ट्रोलर्स से खुद कुछ नहीं कहना पड़ रहा है. बहुत लोग प्राची के सपोर्ट में आगे आए हैं. मैं उन सभी का शुक्रिया कहना चाहूँगा. ऐसा नहीं कह सकता कि बुरा नहीं लगा. काफी तकलीफ हुई, गुस्सा भी आया. जब कोई किसी को व्यक्तिगत जानता नहीं तो कैसे टिप्पणी कर सकता है, पर ऐसे लोगों पर कुछ कार्रवाई जरूर होनी चाहिए ताकि ये किसी की भावनाओं के साथ न खेल सकें."

प्राची ने कहा, "टॉप करने के बाद थोड़ा प्रेसर भी फील कर रही हूँ कि अब लोगों को उम्मीदें ज्यादा बढ़ गयी हैं इसलिए अभी बहुत मेहनत करनी पड़ेगी. मेरे पास ट्रोल्स को पढ़ने का समय ही नहीं है. मैं उन लड़कियों से भी कहना चाहूंगी जिनकी शारीरिक बनावट सामान्य लोगों से थोड़ा अलग है कि वो बिलकुल परेशान न हों. ट्रोलिंग वगैरह बहुत क्षणिक चीज है. सब बातों को नजरअंदाज कर पढ़ना बहुत ज़रूरी है. आप लोग पढ़ाई पर फोकस करें. बाकी हर चीज को नज़रअंदाज करें, तभी आगे बढ़ सकती हैं."

प्राची के क्लासमेट्स ने ट्रोलिंग के विरोध में कैम्पेन शुरू किया
प्राची के क्लासमेट्स उनके पक्ष में सोशल मीडिया पर #डोंटट्रोलप्राची कैम्पेन चला रहे हैं.

प्राची के क्लासमेट हेमंत वर्मा ने हाईस्कूल में यूपी में नवां स्थान हासिल किया है.

हेमंत कहते हैं, "मैं एक इंस्टाग्राम यूजर हूं. प्राची के लिए लिए गये ज्यादातर पोस्ट पर मैंने रिप्लाई किया है. लोगों ने मुझे भी बहुत गालियाँ दी हैं. अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया है. पर हम लोग लगातार प्राची के पक्ष में लिख रहे हैं और सभी को बोल रहे हैं कि वो लोग प्राची को ट्रोल न करें, अभी उसे बहुत आगे जाना है."

प्राची के दूसरे क्लासमेट ज्ञानेंद्र वर्मा कहते हैं, "जब सोशल मीडिया पर लोग प्राची को ट्रोल कर रहे थे उसी वक़्त हम सभी लोगों ने मिलकर यह कैम्पेन शुरू किया. घर बैठे किसी के बारे में बिना जाने समझे ट्रोल करना बहुत आसान हैं. कोई भी ट्रोलर प्राची निगम के रिकॉर्ड को ब्रेक नहीं कर सकता है."

ज्ञानेंद्र आगे कहते हैं, "अब गाँव में हर घर में फोन है. सभी ने इन ट्रोल्स को देखा होगा. जिन लड़कियों की शारीरिक बनावट बायोलॉजिकल कारणों से थोड़ा भिन्न है, उनके माता-पिता अपनी बेटियों को कैसे पढ़ाएंगे? वो तो यही सोचेंगे कि पढ़ाने से क्या फायदा, अगर नाम हुआ तो उनकी बच्ची को ट्रोल का सामना करना पड़ेगा."

काउंसलर क्या कह रहे हैं?
लखनऊ में 18 सालों से काउंसलिंग कर रहीं वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक डॉ. नेहा आनंद कहती हैं, "जितना मैंने प्राची और उनके माता-पिता को वीडियो में सुना है, उस आधार पर कह सकती हूँ कि उसके टीचर और माता-पिता ने उसकी इस बनावट के साथ उसे बहुत सहज तरीके से स्वीकार किया है. जिस वजह से बच्ची का ध्यान कभी इस तरफ गया नहीं और वो फोकस होकर अपनी पढ़ाई कर पाई और उसने टॉप किया."

डॉ. नेहा आगे कहती हैं, "इस समय बॉडी शेमिंग का असर बच्चों पर बहुत गहरा पड़ रहा है. जिसकी वजह से बहुत सारे बच्चे डिप्रेशन में चले जाते हैं. उनमें हीन भावना आ जाती है. वो खुद को सेल्फ हार्म की कोशिश करते हैं. ऐसे में टीचर और माता-पिता की जिम्मेदारी बहुत बढ़ जाती है.''

वो बोलीं, ''ये लोग अपने आसपास ऐसा माहौल बनाएं और बच्चों को मोटिवेट करें कि आप अपनी क्षमताओं और स्ट्रेंथ पर फोकस करें. बाहरी सुन्दरता को नज़रअंदाज करें.''

महत्वपूर्ण जानकारी-

मानसिक समस्याओं का इलाज दवा और थेरेपी से संभव है. इसके लिए आपको मनोचिकित्सक से मदद लेनी चाहिए, आप इन हेल्पलाइन से भी संपर्क कर सकते हैं-

समाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय की हेल्पलाइन- 1800-599-0019 (13 भाषाओं में उपलब्ध)

इंस्टीट्यूट ऑफ़ ह्यमूनबिहेवियरएंड एलाइड साइंसेज-9868396824, 9868396841, 011-22574820

हितगुजहेल्पलाइन, मुंबई- 022- 24131212

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंस-080 - 26995000 (bbc.com)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news