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हम राष्ट्र निर्माण के लिए विकास कार्य करते हैं, न कि चुनाव जीतने के लिए: मोदी
12-Mar-2024 4:25 PM
हम राष्ट्र निर्माण के लिए विकास कार्य करते हैं, न कि चुनाव जीतने के लिए: मोदी

अहमदाबाद, 12 मार्च प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार राष्ट्र निर्माण के अपने मिशन के तहत विकास कार्य करती है, न कि चुनाव जीतने के लिए।

प्रधानमंत्री ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले, गुजरात के अहमदाबाद शहर के साबरमती इलाके में आयोजित एक कार्यक्रम में देश के लिए 1,06,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इससे पहले उन्होंने परिसर के पास डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर का दौरा किया।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लोकार्पण वाली परियोजनाओं में 10 नयी वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत समेत 85,000 करोड़ रुपये की रेलवे परियोजनाएं तथा गुजरात में भरूच जिले के दहेज में 20,600 करोड़ रुपये के निवेश वाली पेट्रोकेमिकल्स परिसर परियोजना शामिल है।

मोदी ने कहा, ‘‘कुछ लोग हमारे प्रयासों को चुनावी चश्मे से देखने की कोशिश करते हैं। मैं आपको बता दूं कि हम राष्ट्र निर्माण के मिशन के तहत विकास कार्य करते हैं, न कि (चुनाव जीतकर) सरकार बनाने के लिए। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारे युवाओं को वह कष्ट न सहना पड़ें जो उनसे पहले की पीढ़ियों को झेलने पड़े। यह मोदी की गारंटी है।’’

उन्होंने दावा किया कि पिछले 10 वर्ष में उनकी सरकार ने रेलवे के विकास पर पहले की तुलना में लगभग छह गुना अधिक राशि खर्च की है।

मोदी ने कहा, ‘‘वर्ष 2024 के केवल दो महीनों में, हमने 11 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।’’

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश में रेलवे क्षेत्र को भारी नुकसान हुआ क्योंकि पूर्ववर्ती सरकारों ने विकास के बजाय ‘‘राजनीतिक उद्देश्यों’’ को प्राथमिकता दी।

मोदी ने कहा, ‘‘पहले रेल मंत्री जब ट्रेन के रुकने के स्थानों (स्टॉपेज) की संख्या या डिब्बों की संख्या बढ़ाने की घोषणा करते थे तो सांसद संसद में तालियां बजाया करते थे। तब यही सोच थी। अगर 21वीं सदी में भी यही रवैया बना रहता तो क्या होता? इसीलिए मैंने सबसे पहला काम यह किया कि रेल बजट को मुख्य केंद्रीय बजट में मिला दिया जाए ताकि रेलवे के विकास के लिए केंद्र की निधि उपलब्ध कराई जा सके।’’

उन्होंने कहा कि पहले रेलगाड़ियां का स्टेशन पर देरी से पहुंचना बहुत आम बात थी और सब कुछ यात्रियों के भाग्य पर छोड़ दिया जाता था।

मोदी ने कहा कि 2014 तक केवल 35 प्रतिशत रेल लाइनों का विद्युतीकरण किया गया था। उन्होंने कहा कि लंबी कतारों, कमीशन मांगने वाले एजेंट और ट्रेन में सीट आरक्षित कराने के लिए घंटों के इंतजार से आम लोग परेशान थे।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह अच्छी तरह से जानता हूं क्योंकि मैंने अपना जीवन रेल पटरियों पर शुरू किया था।’’

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने रेलवे को ‘‘नरक जैसी स्थिति’’ से बाहर निकालने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाई है और इस क्षेत्र का विकास उसकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।

उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने रेल पटरियों के दोहरीकरण को प्राथमिकता नहीं दी।

प्रधानमंत्री ने डीएफसी का जिक्र करते हुए कहा कि मालगाड़ियों के लिए अलग पटरी की मांग दशकों से की जा रही थी।

उन्होंने कहा कि इससे यात्री ट्रेन और मालगाड़ियों दोनों की गति बढ़ जाती और कृषि, व्यापार एवं निर्यात गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भी यह आवश्यक था।

मोदी ने कहा, ‘‘लेकिन कांग्रेस के शासन में इस परियोजना में या तो देरी हुई या इसमें बाधाएं आईं। आज, हम 650 किलोमीटर की लंबाई वाले ‘फ्रेट कॉरिडोर’ (माल ढुलाई गलियारे) का उद्घाटन कर रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम परिसर में रेलवे कार्यशालाओं, लोको शेड और इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन प्रणाली के उन्नयन कार्य की आधारशिला रखी तथा डीएफसी के दो नए खंड और अहमदाबाद में पश्चिमी डीएफसी का अभियान नियंत्रण केंद्र राष्ट्र को समर्पित किया।

प्रधानमंत्री ने अहमदाबाद-मुंबई मध्य, सिकंदराबाद-विशाखापत्तनम, मैसूरु-डॉ एमजीआर मध्य (चेन्नई), पटना-लखनऊ, न्यू जलपाईगुड़ी-पटना, पुरी-विशाखापत्तनम, लखनऊ-देहरादून, कलबुर्गी - सर एम विश्वेश्वरैया टर्मिनल बेंगलुरु, रांची-वाराणसी और खजुराहो- दिल्ली (निजामुद्दीन) के बीच 10 नयी वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।

उन्होंने चार वंदे भारत ट्रेनों के मार्ग के विस्तार की भी शुरुआत की।



अहमदाबाद-जामनगर वंदे भारत के मार्ग का द्वारका तक, अजमेर- दिल्ली सराय रोहिल्ला वंदे भारत का चंडीगढ़ तक, गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत का प्रयागराज तक और तिरुवनंतपुरम- कासरगोड वंदे भारत का मंगलुरु तक विस्तार किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने आसनसोल और हटिया तथा तिरुपति और कोल्लम स्टेशन के बीच भी दो नयी यात्री ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।



पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की एक विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री ने 51 गति शक्ति ‘मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल’ राष्ट्र को समर्पित किए। ये टर्मिनल परिवहन के विभिन्न तरीकों के बीच माल की निर्बाध आवाजाही को बढ़ावा देंगे।

प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई अन्य परियोजनाओं में 2,646 स्टेशन पर रेलवे स्टेशनों का डिजिटल नियंत्रण, 35 रेल कोच रेस्तरां, स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने और स्थानीय कारीगरों एवं व्यवसायों के लिए आय पैदा करने के लिए 1,500 'वन स्टेशन वन प्रोडक्ट' स्टॉल और 975 स्थानों पर सौर ऊर्जा संचालित स्टेशन एवं इमारत शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने गुजरात के दहेज में 20,600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले पेट्रोकेमिकल्स परिसर की आधारशिला रखी।

इस परियोजना के कार्यान्वयन से निष्पादन चरण के दौरान 50,000 लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने और इसके परिचालन चरण के दौरान 20,000 से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है जिससे क्षेत्र में काफी सामाजिक-आर्थिक लाभ होगा।

प्रधानमंत्री गुजरात और महाराष्ट्र में लगभग 400 करोड़ रुपए के एकता मॉल की भी आधारशिला रखी। एकता मॉल भारतीय हथकरघा, हस्तशिल्प एवं पारंपरिक उत्पादों की समृद्ध और विविध विरासत को प्रोत्साहित करते हैं।  (भाषा)

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