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लोकसभा चुनाव लड़ने में कितना खर्च करना पड़ता है
29-Mar-2024 12:52 PM
लोकसभा चुनाव लड़ने में कितना खर्च करना पड़ता है

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि उनके पास चुनाव लड़ने के पैसे नहीं हैं. उनके इस बयान ने चुनावों में पैसों की भूमिका को रेखांकित किया है. क्या धनी होना जन प्रतिनिधि होने के लिए एक आदर्श विशेषता है?

   डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट- 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि उनकी पार्टी बीजेपी ने उनसे लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने यह कह कर पार्टी को मना कर दिया की उनके पास चुनाव लड़ने के पैसे नहीं हैं.

'टाइम्स नाउ समिट' में बोलते हुए बुधवार को वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि उनके सामने यह भी समस्या थी कि वो तमिलनाडु से लड़ेंगी या आंध्र प्रदेश से. तमिलनाडु उनका गृह राज्य है और आंध्र प्रदेश उनके पति परकाला प्रभाकर का. इन दो कारणों के अलावा सीतारमण ने एक और कारण की भी चर्चा की.

वित्त मंत्री के पास कितने पैसे हैं?
उन्होंने कहा, "चुनाव जीतने की दूसरी कई कसौटियां जिनका इस्तेमाल ये लोग करते हैं, उनका सवाल भी उठेगा...आप किस समुदाय से हैं या आप किस धर्म से हैं...मैंने कहा नहीं, मुझे नहीं लगता है कि मैं यह कर पाऊंगी." अपने इस बयान से वित्त मंत्री ने उन दो शक्तियों का जिक्र कर दिया जो असल में हर प्रत्याशी की किस्मत का फैसला करती हैं लेकिन उनकी भूमिका को कोई खुल कर स्वीकार नहीं करता - पैसा और पहचान (जाती और धर्म).

निर्मला सीतारमण इस समय राज्यसभा की सदस्य हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट पर दिए गए 2022-23 के उनके हलफनामे के मुताबिक उनके पास करीब 2.57 करोड़ रुपयों की चल और अचल संपत्ति है. इसमें करीब 35.52 लाख रुपयों के बैंक डिपॉजिट, करीब 18.46 रुपयों के आभूषण, तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले में एक रिहायशी इमारत और उसी जिले में ही जमीन का एक प्लॉट शामिल है.

उन्होंने इमारत की कीमत करीब 1.70 करोड़ रुपए बताई है और यह भी बताया कि इसमें उनका आधा हिस्सा है. राज्यसभा में दिए गए एक अन्य हलफनामे के मुताबिक इमारत 10,854 वर्ग फुट की है और प्लॉट 4,806 वर्ग फुट का. वित्त मंत्री के पास कोई गाड़ी नहीं है, बस एक स्कूटर है जिसकी कीमत उन्होंने 28,200 रुपये बताई है. इसी हलफनामे के मुताबिक 2020-21 में उन्होंने 8,08,000 रुपये वेतन कमाया.

इसके अलावा उन्होंने करीब 25 लाख रुपयों का लोन भी लिया हुआ है. अपने पति की संपत्ति के बारे में उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी है. कानूनी रूप से चुनावों में कोई भी प्रत्याशी कितना खर्च सकता है उसके लिए एक सीमा तय है. 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए चुनाव आयोग ने 95 लाख रुपये प्रति प्रत्याशी की सीमा तय की है.

कितना खर्च होता है चुनावों में?
देखा जाए तो अगर किसी की चुनाव लड़ने की इच्छा हो और उसके पास इतनी संपत्ति और बैंक डिपॉजिट हो तो वह यह खर्च उठा कर चुनाव लड़ सकता है, लेकिन हकीकत इससे काफी दूर है. अमेरिकी पत्रिका 'द इकोनॉमिस्ट' की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2024 के लोकसभा चुनाव दुनिया के सबसे महंगे चुनाव हो सकते हैं. अमेरिकी चुनावों से भी ज्यादा महंगे.

इस रिपोर्ट के मुताबिक इन लोकसभा चुनावों में कम से कम 10 अरब डॉलर, यानी करीब 83 हजार करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं. इसका मतलब है 543 सीटों के हिसाब से औसतन हर सीट के लिए कम से कम 153 करोड़ रुपये. इससे पहले एक भारतीय निजी संस्थान ने 2019 के लोकसभा चुनावों में हुए खर्च का अनुमान लगाया था.

सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज के मुताबिक 2019 में कुल 55-60,000 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, यानी करीब 100 करोड़ प्रति सीट. अगर हर सीट पर 10 गंभीर प्रत्याशी भी हों, तो हर प्रत्याशी को कम से कम 10 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े होंगे. और वित्त मंत्री के पास तो सिर्फ 2.5 करोड़ हैं. (dw.com)
 

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