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हुबली (कर्नाटक), 22 अप्रैल। लोकसभा चुनाव में धारवाड़ से भाजपा उम्मीदवार एवं केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के खिलाफ निर्दलीय के रूप में मैदान में उतरे एक वीरशैव-लिंगायत संत ने अपने गुरु के आदेशों का हवाला देते हुए सोमवार को अपना नामांकन वापस ले लिया।
शिराहट्टी फक्किरेश्वर मठ के फकीरा दिंगलेश्वर स्वामी ने जोशी के खिलाफ वीरशैव-लिंगायत और अन्य समुदायों को ‘‘दबाने’’ का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया था।
हालांकि, दिंगलेश्वर स्वामी ने कहा कि वह अपना ‘‘धर्म युद्ध’’ जारी रखेंगे।
इससे पहले दिन में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने संत से अपना नामांकन वापस लेने और कांग्रेस को समर्थन देने का अनुरोध किया था।
कर्नाटक में सात मई को होने वाले लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए सोमवार को उम्मीदवारी वापस लेने का आखिरी दिन था।
दिंगलेश्वर स्वामी ने कहा, ‘‘मैंने 20 दिन पहले एक लड़ाई शुरू की थी और मैंने इसे ‘धर्म युद्ध’ नाम दिया था। मैंने कहा था कि ये स्वाभिमान का चुनाव होना चाहिए। इस बीच, मैंने जो नामांकन दाखिल किया था उसे वापस ले लिया है।’’ (भाषा)