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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 5 अक्टूबर। बस्तर दशहरा की अनूठी रस्मों में से एक मांगुरमुई रस्म शुक्रवार को सिरहासार भवन के सामने विधि विधान से संपन्न हुई, इसके बाद रथ के आठ चक्कों को एक्सल से जोड़ा गया।
2 गांव के कारीगर 8 पहियों का विजय रथ बनाने में जुटे हैं। शुक्रवार को रथ के 8 चक्कों को एक्सल से जोड़ा गया। इसके ऊपर मांगुरमुई की दो विशालकाय लकड़ी रखी गई। अब रथ के ऊपर का हिस्सा तैयार किया जाएगा।
पिछले साल चार चक्कों का बनाया गया था फूलरथ
बस्तर के झारउमर गांव और बेड़ाउमर गांव के करीब 150 कारीगर रथ निर्माण करने जुट गए हैं। ज्ञात हो कि पिछले साल चार चक्कों का फूलरथ बनाया गया था।
बस्तर दशहरे के लिए जो रथ बनाया जा रहा है, इसमें कारीगर किसी आधुनिक औजारों का इस्तेमाल नहीं करते, बल्कि पारंपरिक औजार जैसे कुल्हाड़ी, टंगिया समेत अन्य का इस्तेमाल करते हैं।