खेल
नई दिल्ली, 25 जुलाई (आजतक)। भारतीय मुक्केबाज इस हफ्ते के आखिर में अपने पृथकवास अवधि को समाप्त कर सोमवार से औपचारिक अभ्यास शिविर को फिर से शुरू करेंगे। भारतीय खेल प्राधिकरण ने 'अनजाने में कोरोना पृथकवास नियमों को तोडऩे वाले मुक्केबाजों को माफ कर दिया, जिससे वे भी इसका हिस्सा होंगे।
विश्व चैम्पियनशिप के रजत पदक विजेता एवं ओलंपिक पदक के दावेदारों में से एक अमित पंघल सहित पटियाला के राष्ट्रीय खेल संस्थान (एनआईएस) परिसर में पृथकवास में रहे अन्य मुक्केबाज और कोचों का तीसरी बार कोरोना वायरस जांच का नतीजा नेगेटिव आया हैं।
मुक्केबाजों के साथ मौजूद कोच ने पीटीआई से कहा, 'औपचारिक अभ्यास सोमवार से फिर से शुरू होगा। अभी सब कुछ ठीक है। कुछ समय के लिए सब कुछ स््रढ्ढ के मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत होगा। इसमें खिलाडिय़ों को स्पैरिंग और रिंग में जाने की अनुमति नहीं होगी।'
ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाले विकास कृष्ण और सतीश कुमार द्वारा पृथकवास नियमों के उल्लंघन के कारण खिलाडिय़ों और कोचों को तीसरी बार कोविड-19 के लिए जांच करनी पड़ी। एनआईएस में साथी एथलीटों द्वारा उनके खिलाफ शिकायत दर्ज किए जाने के बाद उन्हें शिविर छोडऩे के लिए कहा गया था।
टोक्यो ओलंपिक का टिकट हासिल कर चुके खिलाडिय़ों के लिए हो रहे इस शिविर में छह बार की विश्व चैम्पियन एमसी मेरीकॉम और तेजी से उभरती लवलीना बोरगोहिन जैसी महिला मुक्केबाज भी शामिल हो रही हैं। मेरीकॉम और बोरगोहिन दोनों दिल्ली और असम में अपने-अपने घरों में अभ्यास कर रही हैं।
महासंघ के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, 'परिस्थितियों के हिसाब से शिविर वैकल्पिक है। इसलिए इस में शामिल होने का फैसला मुक्केबाजों को करना था। यह सुचारु रूप से आगे बढऩा चाहिए।' विकास और सतीश द्वारा नियमों को तोडऩे की जांच कर रहे साई की जांच समिति ने कहा कि इन खिलाडिय़ों से अनजाने में नियम टूटा था।
साई के सचिव रोहित भारद्वाज की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट के बाद दोनों को शिविर में शामिल होने की छूट दे दी गई। साई के बयान के मुताबिक, 'जांच-पड़ताल के दौरान, मुक्केबाजों ने स्वीकार किया कि उन्होंने पृथकवास नियमों का उल्लंघन किया है। जांच में पाया गया है कि यह जानबूझकर उल्लंघन नहीं था, लेकिन पृथकवास नियमों के बारे में मुक्केबाजों की जागरूकता की कमी से ऐसा हुआ।' (आजतक)