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महात्मा गांधी पर बनने वाली कम लोकप्रिय फिल्मों की सूची
02-Oct-2020 7:48 PM
महात्मा गांधी पर बनने वाली कम लोकप्रिय फिल्मों की सूची

नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| महात्मा गांधी की शुक्रवार को 151वीं वर्षगांठ पर ओटीटी प्लेटफार्मों ने राष्ट्रपिता पर आधारित फिल्मों के विकल्पों को साझा किया है। आईएएनएस ने गांधी जी पर बनी कुछ कम प्रसिद्ध फिल्मों को सूचीबद्ध किया है।

'हमने गांधी को मार दिया': नईम ए सिद्दीकी द्वारा निर्देशित साल 2018 में आई फिल्म में दो अजनबियों की कहानी बताई गई है, जो कैलाश और दिवाकर हैं। वे दोनों एक ट्रेन यात्रा के दौरान मिलते हैं। फिल्म ब्रिटिश राज के अंत के बाद विभाजन की अशांत पृष्ठभूमि पर आधारित है। कहानी उन दो पात्रों की बातचीत पर है, जो महात्मा गांधी की हत्या के साथ उनके दर्शन के बारे में परस्पर विरोधी विचार रखते हैं। इस फिल्म को शेमारूमी पर देखा जा सकता है।

'रोड टू संगम' : अमित राय द्वारा निर्देशित 2009 की फिल्म में उत्तर प्रदेश के रहने वाले एक कट्टर मुस्लिम हसमत की कहानी को दिखाया गया है। वह मैकेनिक रहता है हसमत को एक पुरानी लॉरी की मरम्मत करने के लिए कहा जाता है, इस बात से अनजान है कि यह वही वाहन था जो गांधी के राख के साथ जा रही है। वह अपना काम पूरा करता है, लेकिन स्थिति तब जटिल हो जाती है जब उसे कलश के पीछे की सच्चाई का पता लगाता है और गांधी के अंतिम अवशेषों को ले जाने का फैसला करता है। फिल्म में परेश रावल के साथ दिवंगत ओम पुरी और पवन मल्होत्रा हैं। यह शेमारूमी पर उपलब्ध है।"

'गांधीगिरी' : फिल्म में स्वर्गीय ओम पुरी एनआरआई राय साहब की भूमिका निभाते हैं, जो महात्मा गांधी के सिद्धांतों में ²ढ़ता से विश्वास करते हैं। भारत लौटने पर वह चार उन लोगों में खुद को पाता है जिन्होंने जीवन में गलत चुनाव किए हैं। फिल्म में दिखाया गया है कि वह कैसे गांधी के उदाहरण का अनुसरण कर उन्हें सुधारने का प्रयास करते हैं। फिल्म एमेजॉन प्राइम वीडियो पर उपलब्ध है।

'नन्नू गांधी' : एनआर नानजुंदे गौड़ा की साल 2008 में आई कन्नड़ फिल्म बच्चों के एक समूह के इर्द-गिर्द घूमती है, जो गांधी के सिद्धांतों और विचारों का पालन करते हुए अपने आसपास के लोगों को प्रेरित करते हैं। यह डिज्नी हॉटस्टार पर उपलब्ध है।

'रीबूटिंग महात्मा': साल 2019 में रिलीज होने वाली गुजराती फिल्म महात्मा गांधी के एक मानवीय संस्करण की अवधारणा पर आधारित है। उन्हें 21वीं शताब्दी में लाया गया है और बापू विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हैं जो आज की दुनिया को प्रभावित करते हैं, जैसे कि राजनीतिक प्रणाली, बॉलीवुड, सोशल मीडिया और युवा। फिल्म शेमारूमी पर देखी जा सकती है।

--आईएएनएस

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