राष्ट्रीय
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भारतीय नौसेना के पूर्व प्रमुख एडमिरल रामदास समेत भारत के क़रीब 120 सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक ख़त लिखकर भारतीय सेना के 'मुस्लिम रेजिमेंट' के बारे में सोशल मीडिया पर फ़ेक न्यूज़ फैलाने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की माँग की है.
अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया के अनुसार ख़त में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर साल 2013 से ही एक झूठ फैलाया जा रहा है कि 1965 के भारत-पाकिस्तान जंग में भारतीय सेना की मुस्लिम रेजिमेंट ने पाकिस्तान से लड़ने से मना कर दिया था.
ख़त में कहा गया है कि ऐसा कोई रेजिमेंट भारतीय सेना में कभी रहा ही नहीं, लेकिन फिर भी यह फ़ेक न्यूज़ आज भी धड़ल्ले से फैलाया जा रहा है और वो भी ऐसे समय में जब भारत का अपने दोनों पड़ोसी पाकिस्तान और चीन से संबंध तनावपूर्ण बना हुआ है.
ख़त में लेफ़्टिनेंट जनरल अता हसैन (सेवा निवृत्त) के एक ब्लॉग का भी ज़िक्र है जिसमें वो कहते हैं कि यह फ़ेक न्यूज़ पाकिस्तानी सेना के साई ऑप्स ( मनोवैज्ञानिक ऑपरेशन) का हिस्सा हो सकता है.
भारतीय सेना के ग़ैर-राजनीतिक और धर्मनिरपेक्ष चरित्र की रक्षा करने की ज़रूरत पर बल देते हुए ख़त में माँग की गई है कि इस मामले में त्वरित और कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
ख़त में राष्ट्रपति से फ़ेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को भी चेतावनी जारी करने की अपील की गई है.
ख़त में कहा गया है कि इस तरह के फ़ेक सोशल पोस्ट से लोगों के दिमाग़ में शक पैदा होता है कि अगर मुसलमान सैनिकों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है तो दूसरे मुसलमान भी उनसे अलग नहीं होंगे. ख़त के अनुसार इससे समुदायों के बीच अविश्वास और नफ़रत बढ़ता है. (बीबीसी)